दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।
Q. वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है, कहलाती है :
दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।
Q. राष्ट्रभाषा के साथ कैसी परम्पराएँ जुड़ी रहती है?
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दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।
Q. निम्न में से समूह से भिन्न कौन-सा है ?
निदानात्मक परीक्षण में किसे महत्व दिया जाता है?
दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।
Q. इस वर्ष के परिणाम को कामचलाऊ क्यों कहा गया है?
दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।
Q. उपरोक्त गद्यांश का उचित शीर्षक निचे दिए गए विकल्पों में से कौन सा है?
दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।
Q. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के इस वर्ष के परिणाम में कितने प्रतिशत बच्चों ने 95 % से ज्यादा अंक अर्जित किये?
बोधगम्य निवेश (i+I) का अर्थ है ___
किस पद्धति में शिक्षक को सभी पद्धतियों के बारे में जागरुक होना चाहिए?
संदर्भ में व्याकरण किस पर बल देता है?
निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।
Q. 'समय' में 'इक' प्रत्यय जोड़ने पर शब्द बनेगा -
निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।
Q. 'कल्पनातीत' से तात्पर्य है -
निर्देश : नीचे दिए गए पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर सबसे सटीक विकल्प का चयन कीजिए-
पालने के सिरहाने गायी जाने वाली लोरियों से लेकर
रेडियो से आने वाले समाचारों तक
हर जगह छिपे हुए असत्य पर विजय पाना
चाहे वह असत्य हृदय में हो या किताबों में
या शोर-गुल भरी सड़कों पर
कितना कल्पनातीत आनंद है ज्ञान में
यह जान लेने में
कि समय के कदम अनिवार्य रूप से किधर बढ़ते रहेंगे
और अब भविष्य में क्या आनेवाला है।
Q. कविता के अनुसार सत्य और ज्ञान से -
Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.
Q. 'The parties' in this context means
Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.
Q. The queen bee has a position which gives her ______ from her subordinates.
Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.
Q. 'To exert themselves' means the bees are
Directions: Read the given passage and answer the question that follows by selecting the most appropriate option.
The scene presented by a community of bees is the more astonishing, the more we become acquainted with its details. Each hive is a commonwealth, of which the queen is nominally the head, receiving the greatest honour and care from her industrious subjects. With a greater wisdom than can be claimed by men, these creatures allow no disputes about the succession to the throne to induce them to injure each other; but they require the parties themselves individually to settle the quarrel between each other, without prolonged interference with the duties of the hive. Indeed, they may be said with truth to have adopted the advice: Let those who make the quarrels, be the only ones to fight. Only one queen is permitted to hold office in the community at a time; but while her claims are undisputed, she is treated with singular respect and affection. Indeed, her presence, and the prospect of a future generation, appear the chief motives of the insects to exert themselves.
Q. 'Each hive is a commonwealth' means the hive
Directions: Select the most appropriate option.
Standardised assessment means ____ assessment.
Directions: Identify the meaning of the phrase underlined in the following sentence.
He is reluctant to ask for permission to leave early.
Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.
Q. What strategies are recommended for effective discursive writing in the passage?
Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.
Q. What is the conclusion of the passage regarding discursive writing?
Read the following passage carefully.
Discursive writing refers to a style of writing that presents a balanced argument by considering various points of view. This type of writing allows the writer to explore different perspectives and draw conclusions based on evidence and reasoning. Discursive writing provides an opportunity for the writer to critically analyze a topic and consider different perspectives. This style of writing can also be used to present a convincing argument and persuade the reader to accept a particular viewpoint. Additionally, discursive writing helps the writer to develop analytical skills and improves critical thinking abilities.
However, discursive writing can also have some disadvantages. One of the main challenges is finding credible sources of information to support one's arguments. In addition, it can be difficult to keep the writing objective and neutral, especially when dealing with controversial or sensitive topics. Moreover, discursive writing can become repetitive and monotonous if the writer focuses too much on presenting different perspectives without offering a conclusion. To effectively write a discursive essay, it is important to research the topic thoroughly and gather relevant information from credible sources. The writer should also aim to present a balanced argument by considering both sides of the issue. Additionally, the writer should focus on developing clear and well-structured paragraphs and use transitional words to guide the reader through the argument.
In conclusion, discursive writing is a valuable tool for exploring different perspectives and drawing well-reasoned conclusions. However, it is important to approach the task with care and consideration to ensure that the writing is objective and presents a balanced argument. With the right preparation and strategy, discursive writing can be an enjoyable and effective way to express one's opinions and thoughts on a particular topic.
Q. What is the part of speech of the word "perspectives" as used in the second paragraph of the passage?
'Teachers should consider a child's prospective learning power before trying to expand the child's grasp of language. 'These are the views of
Direction: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate options:
A duty is an obligation. It is something we owe to others as social beings when we live together. We must let others live with us. My right of living implies my duty to my fellow beings to allow them the same conditions of life. In fact, rights and duties are correlated. What is a right in regard to one may be a duty in regard to others Rights and duties are two sides of the same coin. We should always observe from the standpoint of others. Moral duty is more effective than legal rights. A moral duty is that which is binding upon the people on moral grounds. It is my moral duty to help the poor because of being a member of the society.
I must try to create conditions that contribute to the welfare of humanity. Similarly, I owe a duty to my parents—to be obedient and respectful to them. This duty originates from the sense of responsibility which is directly related to our conscience. So, this is concerned with a moral duty which any person owes without a legal bondage.
A sense of duty is paramount for the proper development of civilization. Hypocrisy is quite reverse to the sense of duty. It involves wickedness, while duty involves sincerity and faithfulness.
Q. Which of the following statements is NOT correct according to the passage?
What is most important in developing the reading skills of children?
What type of compositions should be included in the language textbooks at the primary stage?
Which method is most helpful in understanding the depth of meaning?
Teachers who want to introduce meaningful language to children:
Which of the following is most important in maintaining naturalness in oral expression?
By which method is the writing of words taught by point matching?