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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - CTET & State TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test CTET Mock Test Series (Hindi) 2024 - CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 for CTET & State TET 2024 is part of CTET Mock Test Series (Hindi) 2024 preparation. The CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 questions and answers have been prepared according to the CTET & State TET exam syllabus.The CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 MCQs are made for CTET & State TET 2024 Exam. Find important definitions, questions, notes, meanings, examples, exercises, MCQs and online tests for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 below.
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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 1

निम्‍न में से कौन सा परीक्षण की वैधता को मापने हेतु मानदंड है?
(A) संरचना
(B) स्‍थिरता
(C) मापदंड
(D) विषय वस्‍तु

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 1

यह विश्‍वास करने के लिए कि एक परीक्षण वैध है, और इस प्रकार परीक्षण स्कोर के आधार पर किए गए निष्‍कर्ष मान्य हैं, तीन प्रकार के वैधता प्रमाण हैं:
संरचना- यह वह परिमाण है जिस पर परीक्षण की सामग्री निर्देशपरक उद्देश्यों से मेल खाती है।
मापदंड - यह वह क्षेत्र है जिसमें परीक्षण के स्कोर साथ अनुबंधित होते हैं या बाह्य मापदंड का पूर्वानुमान व्‍यक्‍त करते हैं।
विषय-वस्‍तु - यह वह क्षेत्र है जिस पर अन्‍य चरों के अनुरूप मूल्‍यांकन उपपत्‍ति या सिद्धांत द्वारा पूर्वानुमानित किया जाता है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 2

किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।

Q. भारत में उपभोक्ता आंदोलन किस दशक में शुरू हुए थे?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 2
  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार भारत में उपभोक्ता आंदोलन 1960 के दशक में शुरू हुए थे।
  • 1970 के दशक तक उपभोक्ता आंदोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित थे।
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CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 3

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. कविता में प्रयुक्त 'वैशाली' शब्द का अर्थ है:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 3

कविता में प्रयुक्त 'वैशाली' शब्द का अर्थ 'एक प्राचीन राजव्यवस्था का नाम' है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 4

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. कवि हिमपति से किसके बारे में पूछने के लिए कह रहा है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 4

पद्यांश के अनुसार,
"पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?....
विद्यापति - कवि के गान कहाँ?"
इसलिए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि कवि हिमपति से राजस्थान, महाराणा प्रताप, कवि विद्यापति के बारे में पूछने के लिए कह रहा है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 5

किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।

Q. हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से क्या आया है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 5
  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार हाल के वर्षों में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
  • विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगों में इतनी अधिक संतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचा था।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 6

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. पद्यांश की भाषा है:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 6

पद्यांश की भाषा ओज गुण युक्त है।
ओज गुण: ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ने से चित्त में जोश, वीरता, उल्लास आदि की भावना उत्पन्न हो जाती है, वह ओजगुणयुक्त काव्य रचना मानी जाती है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 7

अंग्रेजी भाषा में उपचारात्मक शिक्षण का उद्देश्य है/हैं:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 7

उपचारात्मक शिक्षण शिक्षण-शिक्षण कार्यक्रम का एक अभिन्न अंग है, जिसे प्रतिपूरक या सुधारात्मक शिक्षण के रूप में भी जाना जाता है।
अंग्रेजी भाषा में उपचारात्मक शिक्षण के उद्देश्य:

  • अप्रभावी आदतों को खत्म करने के लिए।
  • अतिरिक्त सहायता देकर शिक्षार्थियों को बेहतर सीखने के लिए।
  • विद्यार्थियों को उनकी क्षमताओं और आवश्यकताओं के अनुसार सीखने की गतिविधियाँ और व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना।
  • ठीक से नहीं सीखी गई भाषा वस्तुओं को फिर से पढ़ाने के लिए।
  • प्रेरक उपागमों के साथ सीखने में शिक्षार्थियों की रुचि जगाना।
  • विद्यार्थियों को उनकी सामान्य या विशिष्ट कमजोरियों से छुटकारा पाने में मदद करें।
  • शिक्षार्थियों को उनकी विविध आवश्यकताओं के अनुसार व्यावहारिक अनुभव प्रेषित करना।
  • गहन उपचारात्मक सहायता के साथ व्यक्तिगत शिक्षण प्रदान करना।

इसलिए, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि उपरोक्त सभी अंग्रेजी भाषा में उपचारात्मक शिक्षण के उद्देश्य हैं।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 8

मौखिक ड्रिल का उपयोग करने का मुख्य उद्देश्य है:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 8

मौखिक ड्रिल का उपयोग करने का मुख्य उद्देश्य उच्चारण और सटीकता में सुधार करना है।
मौखिक ड्रिल का उपयोग करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि वे छात्रों को आत्मविश्वास हासिल करने में मदद करते हैं, और वे शिक्षक को लक्ष्य भाषा की ध्वन्यात्मक विशेषताओं (अर्थात सटीकता और उच्चारण) पर शिक्षार्थियों का ध्यान आकर्षित करने में मदद करते हैं।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 9

किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।

Q. दुकानदार से उसकी शिकायत करने पर आपको उसका क्या झेलना पडा होगा?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 9
  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार दुकानदार से उसकी शिकायत करने पर हमें उसका दुर्व्यवहार झेलना पड़ता है।
  • अर्थात दुकानदार की शिकायत करने पर उपभोक्ताओं को उनका दुर्व्यवहार झेलना पड़ता है।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 10

फ़ैली खेतों में दूर तलक 
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें 
चाँदी की सी उजली जाली।
तिनकों के हरे हरे तन पर 
हिल हरित रुधिर है रहा झलक,
श्यामल भू तल पर झुका हुआ 
नभ का चिर निर्मल नील फलक।
रोमांचित - सी लगती वसुधा 
आई जौ गेहूँ में बाली,
अरहर सनई की सोने की 
किंकिणियाँ है शोभाशाली।
उडती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली - पीली,
लो, हरित धरा से झाँक रही 
नीलम की कलि, तीसी नीली।
रंग - रंग के फूलो में रिलमिल 
हंस रही सखियाँ मटर खडी 
मखमली पेटियों सी लटकी 
छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी 
फिरती है रंग रंग की तितली 
रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
फुले फिरते हो फूल स्वयं 
उड़ - उड़ वृन्तो से वृन्तो पर।

Q. वसन्त ऋतु की मादकता में कौन मतवाली हो गई है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 10
  • उपर्युक्त पद्यांश के अनुसार वसंत ऋतु की मादकता में तितली मतवाली हो गई है।
  • फिरती है रंग रंग की तितली 
    रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
  • अर्थात तितली बसंत ऋतु से प्रभावित होकर खुशी से इधर-उधर रंग - रंग के फूलो पर झूम रही है।
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 11

नाटक शिक्षण खेल-खेल में भाषा कौशल को सीखने का माध्यम है। नाटक शिक्षण:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 11

नाटक शिक्षण खेल-खेल में भाषा कौशल को सीखने का माध्यम है। नाटक शिक्षण उपरोक्त सभी से संबंधित है।
नाटक- जो रचना श्रवण के द्वारा ही नही अपितु दृष्टि के द्वारा भी दर्शकों के हृदय में रसानुभूती कराती है, उसे नाटक कहते हैं। नाटक में संवाद अदायगी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है। 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 12

एक विदेशी भाषा को पढ़ाने में अनुक्रमण के सिद्धांतों में शामिल नहीं है:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 12

चयन और उन्नयन का सिद्धांत:
भाषा सामग्री के चयन को अच्छे शिक्षण की पहली आवश्यकता माना जाता है। यह व्याकरणिक मदों और शब्दावली और संरचनाओं के संबंध में किया जाना चाहिए।
भाषा सामग्री के उन्नयन का अर्थ है भाषा की वस्तुओं को क्रम में रखना। इसमें समूहन और अनुक्रम शामिल है।

  • भाषा प्रणाली को समूहबद्ध करने का अर्थ है कि क्या ध्वनियाँ, शब्द, वाक्यांश और अर्थ सिखाए जाने हैं। इस प्रकार हमारे पास फोनेटिक ग्रुपिंग, लेक्सिकल ग्रुपिंग, ग्रामेटिकल ग्रुपिंग, सिमेंटिक ग्रुपिंग और स्ट्रक्चर ग्रुपिंग है।
  • अनुक्रम का अर्थ है कि किसके बाद क्या आता है। एक विदेशी भाषा को पढ़ाने में, अनुक्रम वाक्यांशों (व्याकरणिक अनुक्रम) शब्दों (शाब्दिक अनुक्रम), और अर्थ (शब्दार्थ अनुक्रम) की व्यवस्था में होना चाहिए।

इसलिए, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि किसी विदेशी भाषा को पढ़ाने में अनुक्रमण के सिद्धांतों में ध्वन्यात्मक अनुक्रम शामिल नहीं है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 13

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. प्राची शब्द का अर्थ है: 

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 13

प्राची शब्द का अर्थ 'पूर्व दिशा' है।

  • प्रतीची शब्द का अर्थ: 'पश्चिम दिशा'
  • वायव्य शब्द का अर्थ: उत्तर -पश्चिम दिशा 
  • आग्नेय शब्द का अर्थ: 'दक्षिण - पूर्व दिशा'
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 14

मौखिक अभिव्यक्ति कौशल का विकास करने का सशक्त माध्यम है।

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 14

मौखिक अभिव्यक्ति वाद-विवाद कौशल का विकास करने का सशक्त माध्यम है।
मौखिक अभिव्यक्ति कौशल को विकसित करने का सशक्त माध्यम वाद-विवाद है क्योंकि यह एक ऐसी प्रतियोगिता है जिसमें बच्चे वक्ता के रूप में अपने विचारों को प्रकट करते हैं।
इसमें बच्चे समय सीमा का ध्यान रखते हुए अपने विचारों का तर्कपूर्ण प्रतिपादन करते हैं जो उनमें मौखिक अभिव्यक्ति कौशल को विस्तार देती है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 15

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. 'तरुण देश' से क्या अभिप्राय है?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 15

पद्यांश के अनुसार,
"तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?"
इसलिए यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि 'तरुण देश' से अभिप्राय 'नवयुगीन भारत' है।

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 16

किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नही होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नही होगा। जहाँ तक उपभोक्ता के अधिकार का सवाल है तो उपभोक्ता की स्थिति दयनीय ही कही जायेगी। इसको समझने के लिए आप वैसे दुकानदार का उदाहरण ले सकते है जो कम वजन तौलता है या वह कम्पनी जो अपने पैक पर झूठे वादे करती है। ज्यादातर मिठाई बेचने वाले कच्चे माल में मिलावट करके लड्डू या बर्फी बनाते है। कुछ वर्षो पहले मिलावटी सरसों तेल से फैलने वाली ड्रॉप्सी नाम की बीमारी आपको याद होगी। यदि आपने कभी ट्रेन से सफर किया होगा तो आपको पता होगा कि ट्रेन में बिकने वाले खाने पीने की ज्यादातर चीजे घटिया होती है। यहाँ तक की पैंट्री में मिलने वाला खाना भी घटिया क्वालिटी का होता है। भारत में मिलावट, कालाबाजारी, जमाखोरी, कम वजन आदि की पुरानी परम्परा रही है। 1960 के दशक से भारत में उपभोक्ता आन्दोलन शुरू हुए थे। 1970 के दशक तक उपभोक्ता आन्दोलन केवल आर्टिकल लिखने और प्रदर्शनी लगाने तक ही सीमित था। लेकिन हाल के वर्षो में उपभोक्ता संगठनों की संख्या में तेजी से उछाल आया है।
विक्रेताओं और सेवा प्रदाताओं से लोगो में इतनी अधिक असंतुष्टि थी कि उपभोक्ताओं के पास अपनी आवाज उठाने के सिवा और कोई रास्ता नही बचा था। कई वर्षो के लम्बे संघर्ष के बाद सरकार को इसकी खैर लेने के लिए बाधित होना पड़ा और इसकी परिणति के रूप में 1986 में कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट (कोपरा) को लागू किया गया। एक उपभोक्ता को किसी उत्पाद के बारे में सही जानकारी पाने का अधिकार होता है। अब ऐसे कानून है जो किसी उत्पाद के पैक पर अवयवों और सुरक्षा के बारे में जानकारी देना अनिवार्य बनाते है। सही सूचना से उपभोक्ता को किसी भी उत्पाद को खरीदने के लिए उचित निर्णय लेने में मदद मिलती है। किसी भी उत्पाद के पैक पर खुदरा मूल्य लिखना भी अनिवार्य होता है। यदि कूई दुकानदार एमआरपी से अधिक चार्ज करता है तो उपभोक्ता उसकी शिकायत कर सकता है। एक उपभोक्ता को विभिन्न विकल्पों में से चुनने का अधिकार होता है। कोई भी विक्रेता केवल एक ही ब्रांड पेश नही कर सकता है। उसे अपने ग्राहक को कई विकल्प देने होगे। इस अधिकार को मोनोपोली ट्रेंड के खिलाफ बने कानूनों के जरिये लागू किया जाता है।

Q. किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके बाजार में क्या बन जाता है?

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उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार उपभोक्ता किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके बाजार में भागीदार बना जाता है।
गद्यांश से

  • "किसी उत्पाद का इस्तेमाल करके उपभोक्ता भी बाजार में भागीदार बन जाता है। यदि उपभोक्ता नहीं होंगे तो किसी भी कंपनी का अस्तित्व नहीं होगा।"
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 17

Read the sentence:
I can recall those happy events.
The words underlined show a/an

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The underlined words represent the ability of a person to recall something.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 18

A reading activity, where students focus on phonemic sounds, pronunciation and intonation, can be used to assess

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 18

This is the correct option because you will be expected to recognise strategies for promoting fluency with respect to reading rate, reading accuracy and prosodic reading. You may be asked about appropriate strategies for monitoring students' reading fluency development.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 19

Which of the following tense forms is used in the following sentence?
By the end of next year, I will have been 50 years old.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 19

"By the end of next year, I will have been 50 years old."
This sentence introduces the following tense form: Perfect
It is a future perfect tense.
The future perfect tense indicates that an action will have been completed (finished or "perfected") at some point in the future. This tense is formed with "will" plus "have" plus the "past participle of the verb" (which can be either regular or irregular in form).

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 20

Communicative approach adopts a ____.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 20

A traditional language syllabus usually specified the vocabulary students needed to learn and the grammatical items they should master, normally graded across levels from beginner to advanced. The choice of a syllabus is a major decision in language teaching, and it should be made as consciously and with as much information as possible. 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 21

Direction: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate options:
(1) We embarked along the sapphire route along National Highway 17 for a sun-soaked holiday. This route along Karnataka’s Karavali coast is India’s best beach and temple country. Flanked by the soaring Western Ghats on the east and the Arabian Sea on the west, the Karavali stretch is a scenic treat all the way.
(2) The first halt in our coastal circuit in Uttara Kannada district was Bhatkal. Bhatkal is where Konkani begins to share space with Tulu. A 4-km drive out of town took us to the beach and the small fishing wharf. At the bazaar, we tried out the two local specialities – date halwa and a salted roti. One also shouldn’t miss the Bhatkal biriyani.
(3) Gokarna is a charming little town with temples, a wide expanse of beach, two principal streets and clusters of traditional tile-roofed brick houses. You’ll also find quaint Udupi food joints, souvenir shops, and cyber cafes here.
(4) Once the ‘temple fatigue’ set in, we indulged in some sedate sea-watching. Om beach, one of Gokarna’s famed five, takes the shape of an ‘Om’, a spiritual symbol. The road twists through alleys, past people’s houses, temple chariots and ‘Way to Beach’ signs. The other pristine beaches, wedged between gigantic cliffs that protrude like delicate fingers into the sea, are Gokarna, Kudle, Half Moon and Paradise.
(5) The last halt in our coastal itinerary was Karwar. Karwar was the erstwhile trading outpost of foreigners. It is said that even the great explorer Vasco da Gama walked on the golden sands of Karwar. Apart from the excellent harbour, four beaches that offer sun, sand, surf and sport and five islands, Karwar has much more to offer.
(6) A short boat ride away you’ll find the excellent Devbagh Beach and five idyllic islands. With its pristine beach, and an eco-friendly resort with ethnic log huts, it is a romantic hideaway offering complete privacy and solitude sans the five-star trappings.
(7) We followed Tagore’s footsteps and took a boat cruise up the Kali from the mouth. We spotted dolphins as they gracefully dived into azure waters. From the island one can have a gorgeous view of the sea, sand and the neighbouring islands. As we returned from our coastal odyssey, we realised Karnataka is not short of fabulous beaches but lacks salesmen of its ravishing beauty.

Q. Which of the following words is an antonym to the word – 
‘quaint’

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 21

Quaint means old-fashioned and unusual. So, modern is the word which is opposite in meaning to the given word. Unfamous is the opposite of famous. Small and real are not opposites of quaint. 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 22

Teachers who want to introduce meaningful language to children:

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 22

Teachers who want to introduce meaningful language to children, they place the language of daily use in the textbook.
The concept or theory of meaningful learning is that learned information is completely understood and can now be used to make connections with other previously known knowledge, aiding in further understanding.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 23

Teacher pointing to a picture of a girl:
Teacher: This is Rita. She has black hair. She is wearing a blue dress.
Teacher: Who is she? (Pointing to the picture)
Class: She is Rita.
Teacher: What is the colour of her hair?
Class: It is black.
Teacher: What is the colour of her dress?
Class: It is blue

Q. Which one of the following is the best suitable method to conduct the above-mentioned activity in the language classroom?

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 23

English is a second language, irrespective of its standard of teaching and availability of English in the ambiance and exposure and access to the language.

  • Methods of language teaching have been influenced by a variety of extant social, political, and psychological factors. There are several methods of English language teaching and the direct method is one of them.
CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 24

Direction: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate options:
(1) We embarked along the sapphire route along National Highway 17 for a sun-soaked holiday. This route along Karnataka’s Karavali coast is India’s best beach and temple country. Flanked by the soaring Western Ghats on the east and the Arabian Sea on the west, the Karavali stretch is a scenic treat all the way.
(2) The first halt in our coastal circuit in Uttara Kannada district was Bhatkal. Bhatkal is where Konkani begins to share space with Tulu. A 4-km drive out of town took us to the beach and the small fishing wharf. At the bazaar, we tried out the two local specialities – date halwa and a salted roti. One also shouldn’t miss the Bhatkal biriyani.
(3) Gokarna is a charming little town with temples, a wide expanse of beach, two principal streets and clusters of traditional tile-roofed brick houses. You’ll also find quaint Udupi food joints, souvenir shops, and cyber cafes here.
(4) Once the ‘temple fatigue’ set in, we indulged in some sedate sea-watching. Om beach, one of Gokarna’s famed five, takes the shape of an ‘Om’, a spiritual symbol. The road twists through alleys, past people’s houses, temple chariots and ‘Way to Beach’ signs. The other pristine beaches, wedged between gigantic cliffs that protrude like delicate fingers into the sea, are Gokarna, Kudle, Half Moon and Paradise.
(5) The last halt in our coastal itinerary was Karwar. Karwar was the erstwhile trading outpost of foreigners. It is said that even the great explorer Vasco da Gama walked on the golden sands of Karwar. Apart from the excellent harbour, four beaches that offer sun, sand, surf and sport and five islands, Karwar has much more to offer.
(6) A short boat ride away you’ll find the excellent Devbagh Beach and five idyllic islands. With its pristine beach, and an eco-friendly resort with ethnic log huts, it is a romantic hideaway offering complete privacy and solitude sans the five-star trappings.
(7) We followed Tagore’s footsteps and took a boat cruise up the Kali from the mouth. We spotted dolphins as they gracefully dived into azure waters. From the island one can have a gorgeous view of the sea, sand and the neighbouring islands. As we returned from our coastal odyssey, we realised Karnataka is not short of fabulous beaches but lacks salesmen of its ravishing beauty.

Q. Which of the following words is the most similar in meaning to the word -
‘erstwhile’

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 24

Erstwhile means old or of the past. So, former is a synonym of erstwhile. Renowned means famous. Large means big or huge. Present is opposite in meaning to erstwhile. 

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 25

Poverty of the stimulus with respect to language acquisition among young children implies that they would

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 25

This is the correct option because children learning language are not open-minded or naïve theory generators — they are not 'little scientists'. Instead, the human language-learning mechanism (the 'language acquisition device' or 'LAD') embodies built-in knowledge about human languages, knowledge that prevents learners from entertaining most possible grammatical theories.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 26

A student has difficulty in applying the learned knowledge. For example, in word problems, the student also fails to translate sentences into equations or identify the variables. A possible solution to this problem could be

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 26

A student has difficulty in applying the learned knowledge. For example, in word problems, the student also fails to translate sentences into equations or identify the variables. A possible solution to this problem could be giving carefully designed assignment-simpler-simple-complex.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 27

Acquisition “initiates” our utterances in a second language and is responsible for our fluency. This view is based on the perspective of _________ .

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 27

Learning the rules of a language is not a replacement for the process of language acquisition which helps children become fluent speakers of that language, however, it can help children in monitoring their progress to see whether they have written or spoken correctly or not.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 28

Direction: Read the passage given below and answer the questions that follow by selecting the most appropriate options:
(1) We embarked along the sapphire route along National Highway 17 for a sun-soaked holiday. This route along Karnataka’s Karavali coast is India’s best beach and temple country. Flanked by the soaring Western Ghats on the east and the Arabian Sea on the west, the Karavali stretch is a scenic treat all the way.
(2) The first halt in our coastal circuit in Uttara Kannada district was Bhatkal. Bhatkal is where Konkani begins to share space with Tulu. A 4-km drive out of town took us to the beach and the small fishing wharf. At the bazaar, we tried out the two local specialities – date halwa and a salted roti. One also shouldn’t miss the Bhatkal biriyani.
(3) Gokarna is a charming little town with temples, a wide expanse of beach, two principal streets and clusters of traditional tile-roofed brick houses. You’ll also find quaint Udupi food joints, souvenir shops, and cyber cafes here.
(4) Once the ‘temple fatigue’ set in, we indulged in some sedate sea-watching. Om beach, one of Gokarna’s famed five, takes the shape of an ‘Om’, a spiritual symbol. The road twists through alleys, past people’s houses, temple chariots and ‘Way to Beach’ signs. The other pristine beaches, wedged between gigantic cliffs that protrude like delicate fingers into the sea, are Gokarna, Kudle, Half Moon and Paradise.
(5) The last halt in our coastal itinerary was Karwar. Karwar was the erstwhile trading outpost of foreigners. It is said that even the great explorer Vasco da Gama walked on the golden sands of Karwar. Apart from the excellent harbour, four beaches that offer sun, sand, surf and sport and five islands, Karwar has much more to offer.
(6) A short boat ride away you’ll find the excellent Devbagh Beach and five idyllic islands. With its pristine beach, and an eco-friendly resort with ethnic log huts, it is a romantic hideaway offering complete privacy and solitude sans the five-star trappings.
(7) We followed Tagore’s footsteps and took a boat cruise up the Kali from the mouth. We spotted dolphins as they gracefully dived into azure waters. From the island one can have a gorgeous view of the sea, sand and the neighbouring islands. As we returned from our coastal odyssey, we realised Karnataka is not short of fabulous beaches but lacks salesmen of its ravishing beauty.

Q. What does the author mean by saying ‘…Karnataka is not short of fabulous beaches but lacks salesmen of its ravishing beauty’

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 28

The author is trying to say that though Karnataka has many beautiful beaches, the beauty of the beaches is not known far and wide. ‘..lacks salesmen’ means that not many have tried to talk about Karnataka’s beaches and the beauty it beholds. The author also says there is no lack of beaches in Karnataka.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 29

If you combine the following sentences correctly, you will get which of the following?
(a) He went to the post office.
(b) He bought some postal stationery.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 29

If we combine the given sentences, we will get -
He went to the post office to buy some postal stationery.
"To buy some postal stationery" describes the purpose of going to the stationery.
'To' is followed by the base form of verb.

CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 30

Directions: In the following sentence, an idiomatic expression or a proverb is underlined. Select the alternative which best describes its use in the sentence.
The police will leave no stone unturned to discover the murderer.

Detailed Solution for CTET Paper-II (Social Studies/Social Science) Mock Test - 9 - Question 30

"To leave no stone unturned" is an idiom that means "to do everything possible to find something or to solve a problem".
Thus, 'investigate thoroughly' is the correct option.

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