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HP LT TET Mock Test - 6 - HP TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test HP TET Mock Test Series 2024 - HP LT TET Mock Test - 6

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HP LT TET Mock Test - 6 - Question 1

निम्नलिखित कथनों को पढ़िए और उचित विकल्प चुनिए --.

कथन A:- कविता निःसंदेह रूप से सशक्त भावनाओं का सहज अतिरेक प्रभाव है।

कथन B:- काव्य से ना तो भाषा-ज्ञान का विकास होता है ओर ना भाषा की संरचना का अभ्यास होता है I

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 1

काव्य या कविता-काव्य, कविता या पद्य, साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी कहानी या मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। 

  • भारत में कविता का इतिहास और कविता का दर्शन बहुत पुराना है। इसका प्रारंभ भरतमुनि से समझा जा सकता है।
  • कविता का शाब्दिक अर्थ है काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है।
  • काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है।
  • कविता निःसंदेह रूप से सशक्त भावनाओं का सहज अतिरेक प्रभाव है।
  • काव्य या कविता से भाषा का विकास होता है और साथ ही भाषा की संरचना का अभ्यास भी होता है।
  • काव्य व्याकरणिक नियमों के बंधन से मुक्त है।

​​अतः यह निष्कर्ष निकलता है कि काव्य या कविता के बारे में कथन A कविता निःसंदेह रूप से सशक्त भावनाओं का सहज अतिरेक प्रभाव है,सत्य है परन्तु कथन B काव्य से ना तो भाषा-ज्ञान का विकास होता है ओर ना भाषा की संरचना का अभ्यास होता है, असत्य हैI

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 2

निर्धन के धन राम। निर्बल के बल राम।" - इस पंक्ति में कौन-सी लक्षणा है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 2

निर्धन के धन राम। निर्बल के बल राम।" - इस पंक्ति में शुद्धा सारोपा प्रयोजनवती लक्षणा है। Key Pointsप्रयोजनवती लक्षणा-

  • वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
  • जैसे- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
  • इससे प्रयोजनवश हमें तलवार का अर्थ तलवारबंद सिपाही लेना पड़ता है।
  • अतः जिस लक्षणा द्वारा यह अर्थ लिया वह प्रयोजनवती हुई।
  • प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं- गौणी, शुद्धा
  • गौणी लक्षणा-
    • गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
    • गौणी लक्ष्णा के दो मुख्य भेद होते हैं-
      • सारोपा गौणी
      • साध्यवसाना गौणी
  • शुद्धा लक्षणा-
    • शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है।
    • शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं-
      • उपादान लक्षणा, लक्षणलक्षणा, सारोपा लक्षणा और साध्यावसाना लक्षणा।

Important Pointsलक्षणा शब्द-शक्ति-

  • शब्द की वह शक्ति जिसमें श्रोता या पाठक को उस शब्द के मूल अर्थ को छोोड़कर लक्ष्य कर रही कई बात का बोध कराती है लक्षणा शब्द शक्ति कहलाती है।
    • उदाहरण- रमेश गधा है
  • साहित्य में लक्षणा शक्ति दो प्रकार की मानी गई है- रूढ़ि और प्रयोजनवती।
  • रूढ़ि लक्षणा-
    • जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं।
    • जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है। इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है।
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HP LT TET Mock Test - 6 - Question 3

पद्मावती' जयशंकर प्रसाद के किस नाटक की पात्र है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 3

'पद्मावती' जयशंकर प्रसाद के अजातशत्रु नाटक की पात्र है। Key Pointsअजातशत्रु- 

  • अजातशत्रु प्रसाद जी द्वारा वर्ष 1922 में रचित एक ऐतिहासिक नाटक है।
  • मगध, कोसल एवं कौशांबी के राजपरिवार और उनके उत्तराधिकार संबंधी घटनाओं पर यह नाटक आधारित है।
  • विषय वस्तु-
    • पिता -पुत्र संबंध, राज-लालसा, स्त्री-स्वभाव का महत्व, सत्ता के लिए षड्यंत्र एवं भगवान बुद्ध का संवाद इस नाटक का कथा-विस्तार निर्धारित करता है।
    • अजातशत्रु' में उच्छृंखल राजशक्ति का विरोध है।
    • नाटक अपने कार्य-व्यापार और गतिविधि की दृष्टि से विशाख की तुलना में महत्त्वपूर्ण है।
    • 3 अंकों और 27 दृश्यों में संरचित इस नाटक में संवादात्मकता, गीत और दृश्यनियोजन पहले के नाटकों से पारसी थिएटर के प्रभाव से मुक्त है। 
  • पुरुष पात्र -
    • अजातशत्रु, गौतम और विरुद्धक।
  • स्त्रीपात्रों में प्रमुख पात्र हैं -
    • पद्मावती, वासवी, छलना, मागन्धी और मल्लिका |

Important Pointsचंद्रगुप्त- 

  • रचनाकार-  जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1931 ईo
  • मुख्य पात्र- 
    • चंद्रगुप्त, चाणक्य, राक्षस, पर्वतेश्वर, सिंहरण, आम्भिक,वर रुचि आदि।
  • विषय-
    • चन्द्रगुप्त तथा चाणक्य का अत्याचारी नन्द तथा विदेशी यूनानियों से संघर्ष का चित्रण।

ध्रुवस्वामिनी- 

  • रचनाकार-  जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1933 ईo
  • मुख्य पात्र-
    • ध्रुवस्वामिनी, मंदाकिनी, कोमा, रामगुप्त आदि।
  • विषय-
    • स्त्री-चरित्र के सशक्तीकरण पर बल ।

स्कंदगुप्त-

  • रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1928 ई.
  • विधा- नाटक
  • विषय-
    • भारतीय व यूरोपीय नाटकों का समन्वय किया गया है। 
    • कुमारगुप्त के विलासी साम्राज्य की आंतरिक स्थिति का चित्रण किया है। 
  • पात्र-
    • स्कंदगुप्त, कुमारगुप्त, पर्णदत्त, चक्रपालित, देवकी, आनंतदेवी, देवसेना, विजया आदि।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 4

"काव्यगत पात्रों का अपना विशिष्ट संदर्भ(ऐतिहासिकता) त्याग कर सामान्य मानव-मात्र हो जाने से वे सहृदय का आलंबन बन जाते है।"

उपर्युक्त मान्यता किस विद्वान की है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 4

"काव्यगत पात्रों का अपना विशिष्ट संदर्भ(ऐतिहासिकता) त्याग कर सामान्य मानव-मात्र हो जाने से वे सहृदय का आलंबन बन जाते है।"- यह मान्यता धनंजय विद्वान की है।Key Pointsधनंजय और धनिक- 

  • धनंजय और धनिक दोनों भाई थे।
  • वे दसवीं शताब्दी के अंत में विद्यमान थे।
  • धनंजय ध्वनि विरोधी आचार्य थे तथा 'दशरूपक' नामक ग्रंथ की रचना की और धनिक ने उस पर 'अवलोक' नामक टीका लिखी है, जो विद्वतापूर्ण एवं सारगर्भित है।
  • दशरूपक नाट्यशास्त्र से संबंधित ग्रंथ है इसमें चार प्रकार और लगभग 300 कारिकाएँ हैं।
  • रसनिष्पत्ति के विषय में इन्होंने व्यंजनावाद को अस्वीकृत कर तात्पर्यवाद का समर्थन किया है।
  • साधारणीकरण के प्रसंग में इन्होंने सर्वप्रथम कवित्व का समर्थन शब्दों में निर्देश किया है।
  • शांत रस को ये काव्य में तो ग्राह्य मानते हैं पर नाटक में नहीं।

Important Pointsअभिनवगुप्त- 

  • अभिनवगुप्त कश्मीर के निवासी थे। यह दशम शती के अंत और एकादश शती के आरंभ में विद्यमान थे।
  • इनका काव्यशास्त्र के साथ साथ दर्शनशास्त्र पर भी समान अधिकार था।
  • यही कारण है कि काव्यशास्त्रीय विवेचन को आप अपना उच्च स्तर पर ले गए– ध्वन्यालोक पर 'लोचन' और नाट्यशास्त्र पर 'अभिनव-भारती' नामक टीकाएं इसके प्रमाण है।
  • इन टीकाओं के  गंभीर एवं स्वस्थ विवेचन तथा मार्मिक व्याख्यान के कारण इन्हें स्वतंत्र ग्रंथ का ही महत्व प्राप्त है।
  • अभिनवगुप्त ने व्याकरण शास्त्र, ध्वनि शास्त्र और नाट्य शास्त्र का अध्ययन क्रमशः नरसिंह गुप्त, भट्ट इन्दुराज और भट्टतौत को गुरु मानकर किया।
  • अभिनवगुप्त का 'अभिव्यक्तिवाद' रस सिद्धांत में एक प्रौढ़ एवं व्यवस्थित वाद है।
  • अभिनवगुप्त ने 'तन्त्रालोक' नामक श्रेष्ठ दार्शनिक कृति की रचना की। यह ग्रंथ रत्न तंत्र-शास्त्र का विश्वकोष माना जाता है।

विश्वनाथ-

  • विश्वनाथ उड़ीसा के निवासी थे।
  • इनका समय 14 वीं शती का पूर्वार्द्ध है।
  • आचार्य विश्वनाथ ने दस परिच्छेदों(अध्यायों) में 'साहित्यदर्पण' नामक प्रसिद्ध ग्रंथ की रचना की।
  • विश्वनाथ ने मम्मट, आनंदवर्धन, कुंतक, भोजराज आदि के काव्य लक्षणों का खंडन प्रस्तुत करने के उपरांत रस को काव्य की आत्मा घोषित करते हुए काव्य का लक्षण निर्धारित किया है।
  • इन्होंने सबसे घोर खण्डन मम्मट के काव्यलक्षण का किया गया है। किंतु फिर भी अपने ग्रंथ की अधिकांश सामग्री के लिए वे मम्मट के ही ऋणी हैं।
  • अलंकार के स्वरूप निर्देश के लिए इन्होंने मम्मट के अतिरिक्त रुय्यक भी सहायता ली है।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 5
अनिमा' किस नाटक की स्त्री पात्र है?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 5

'अनिमा' अंजो दीदी नाटक की स्त्री पात्र है। Key Pointsअंजो दीदी- 

  • रचनाकार- उपेन्द्रनाथ अश्क
  • विधा- नाटक
  • प्रकाशन वर्ष- 1955
  • अंक- दो
  • दृश्य-
    • प्रथम अंक- 3 
    • द्वितीय अंक- 3 
  • पहला अंक का स्थान-  
    • दिल्ली में अंजली दीदी के बंगले की बैठक व खाने का कमरा समय 1933, गर्मियों का एक दिन है।
  • दूसरे अंक का स्थान-
    • दिल्ली में अंजली दीदी का वही बैठक का स्थान व खाने का कमरा 20 वर्ष बाद 1953 सर्दियों का एक दिन है।
  • उद्देश्य- 
    • 'अंजो दीदी’ यह नायिका प्रधान नाटक है।
    • अश्क जी की सर्वाधिक लोकप्रिय और प्रौढ़ नाट्यकृति है।
    • यह नाटक पारिवारिक और मनोवैज्ञानिक हैं।
    • इसमें यांत्रिक ढाँचे में ढालने की प्रवृति है।
    • नारी की कठोर पारिवारिक नियंत्रण से परिवार विघटन की समस्या।
  • मुख्य पात्र- 
    • अंजली / अंजो दीदी- (प्रमुख पात्र, लगभग 30 वर्ष)
    • श्रीपात-  अंजो दीदी का भाई, 27, 28 वर्ष
    • इन्द्रनारायण- अंजो दीदी का पति, वकील, 38, 40 वर्ष
    • अनिमा- अंजो की सहेली
    • नीरज- अंजो का पुत्र, 11 वर्ष
    • मुन्नी- नौकरानी, 25 वर्ष
    • राधू- नौकर
  • दूसरा अंक का पात्र- बीस वर्ष बाद
    • ओमी- नीरज की पत्नी (अंजली की बहू)
    • अन्नो- नीरज की मौसी 
    • नजीर- नीरज का दोस्त
    • श्रीपत- नीरज का मामा
    • नीलम- नीरज क बेटा 11 वर्ष 
  • अंजो दीदी नाटक का मुख्य बिन्दु- 
    • इस नाटक का मंचन 30 जनवरी, 1954 को बम्बई हिंदी विद्यार्थी मंडल के द्वारा ‘सेंट जेवियर कॉलेज’ में हुआ था।
    • अंजो दीदी नाटक के कथानक का अभिजात्य वर्ग के परिवार से संबंध है। नाटक की नायिका अंजो (अंजली) है जिनको नाना जी ने गोद लिया था।
    • उन्हें उनके नाना जी से ही जीवन को नियंत्रित और अनुशासित रखने के संस्कार मिले थे।
    • ये संस्कार उनपर हमेशा हावी रहते थे। उनके चेहरे पर हमेशा अखण्ड अहम् झलकता रहता था।
    • उसने अपने जीवन के साथ परिवार के सभी सदस्यों यहाँ तक नौकरों के जीवन को भी अनुशासित कर रखा था।
    • समय की पावंदी की सनक अंजली पर इस कदर सवार थी कि मनुष्य की सहज जिंदगी को घड़ी की तरह नियंत्रण बना देती थी।

Important Pointsआषाढ़ का एक दिन- 

  • रचनाकार- मोहन राकेश
  • प्रकाशन वर्ष- 1958 ईo
  • विधा- नाटक 
  • मुख्य पात्र-
    • अंबिका, मल्लिका, कालिदास विलोम ,मातुल आदि।
  • विषय-
    • कालिदास के सत्ता एवं सृजनात्मकता के मध्य अन्तः संघर्ष का चित्रण। 

ध्रुवस्वामिनी- 

  • रचनाकार-  जयशंकर प्रसाद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1933 ईo
  • मुख्य पात्र-
    • ध्रुवस्वामिनी, मंदाकिनी, कोमा, रामगुप्त आदि।
  • विषय-
    • स्त्री-चरित्र के सशक्तीकरण पर बल ।

महाभोज-

  • रचनाकार- मन्नू भण्डारी
  • प्रकाशन वर्ष- 1982 ईo 
  • विधा- नाटक
  • मुख्य पात्र-
    • दासाहब, विसू, लखन ,जमुना बहन ,शुकुल बाबू, सक्सेना, जोरावर, रुकमा ,बिंदेश्वरी, आदि।
  • विषय-
    • चुनावी राजनीति में व्याप्त भ्रष्टाचार का यथार्थवादी शैली में चित्रण हुआ है।
    • यह एक राजनीतिक नाटक है। 
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 6
धर्मवीर भारती द्वारा रचित यात्रावृत्त नहीं है?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 6

धर्मवीर भारती द्वारा रचित यात्रावृत्त नहीं है- रूसी सफरनामा।Key Points

  • धर्मवीर भारती द्वारा रचित यात्रावृत्त नहीं है- रूसी सफरनामा
  • रूसी सफरनामा(1971) के रचनाकार बलराज साहनी है। 
  • धर्मवीर भारती का यात्रावृत्त है-  
    • ठेले पर हिमालय (1958ई०)
    • यादें यूरोप की (1955 ई.)
    • यात्रा चक्र (1955 ई०) 

Important Pointsधर्मवीर भारती-

  • जन्म- 1926 - 1997 ईo
  • उपन्यास-
    • गुनाहों का देवता (1949)
    • सूरज का सातवाँ घोडा (1952)
    • ग्यारह सपनों का देश (1960)
  • निबंध- 
    • ठेले पर हिमालय (1958)
    • कहनी अनकहनी (1970)
    • पश्यंती (1969)
    • साहित्य विचार और स्मृति (2003)
  • कविता-
    • ठंडा लोहा (1952)
    • सात गीत वर्ष (1959)
    • कनुप्रिया (1959)
    • सपना अभी भी (1993)
    • आद्यन्त (1999)
  • कहानी संग्रह-
    • मुर्दों का गाँव (1946)
    • स्वर्ग और पृथ्वी (1949)
    • चाँद और टूटे हुए लोग (1955)
    • बंद गली का आख़िरी मकान (1969)
    • साँस की क़लम से (2000)
  • आलोचना-
    • प्रगतिवाद: एक समीक्षा (1949)
    • मानव मूल्य और साहित्य (1960)
  • पद्यनाटक-
    • अंधायुग (1954)
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 7
निम्नलिखित महाकाव्य के संबंध में दिए गए कथनों में से असत्य कथन को पहचानिए I
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 7

विकल्प 2 असत्य है।

Key Pointsमहाकाव्य-(आचार्य विश्वनाथ के अनुसार)

  • महाकाव्य में सर्गों का निबंधन होना चाहिए।
  • महाकाव्य में देवता या सदृश क्षत्रिय, जिसमें धीरोदात्तत्वादि गुण हों, नायक होता है।
  • शृंगार, वीर और शान्त में से कोई एक रस अंगी होता है तथा अन्य सभी रस अंग रूप होते हैं।
  • चतुर्वर्ग (धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष) में से एक महाकाव्य का फल होता है।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 8
हिंदी की त्रैमासिक गृह पत्रिका राजभाषा भारती कौन सा विभाग प्रकाशित करता है?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 8

हिंदी की त्रैमासिक गृह पत्रिका राजभाषा भारती का प्रकाशन राजभाषा विभाग करता है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 3 होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

स्पष्टीकरण:

हिंदी की त्रैमासिक गृह पत्रिका राजभाषा भारती का पहला अंक अप्रैल 1978 में राजभाषा विभाग (गृह मंत्रालय) के प्रथम सचिव श्री रमाप्रसन्न नायक के कार्यकाल तथा श्री राजमणि तिवारी के संपादन में प्रकाशित हुआ था।

अन्य विकल्प:

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 9
कालक्रम की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाकारों का सही क्रम है :
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 9

कालक्रम की दृष्टि से निम्नलिखित रचनाकारों का सही क्रम है : "ख्वाजा बंदेनवाज गेसूदराज, शाहजानम, मुल्लावजही, मुन्शी सदासुखलाल"

Important Pointsख्वाजा बंदेनवाज गेसूदराज की प्रमुख रचनाएँ -

  • तफ़ासीर-ए-क़ुरान-ए-मजीद
  • मुल्तक़ीत
  • हवशी कश्फ़
  • शरह-ए-मशारेक़
  • शरह फिकह-ए-अकबर
  • शरह अदब-उल-मुरदीन

शाहजानम की प्रमुख रचना - 

  • 'इरशाद नामा'

मुल्लावजही की रचना - 

  • वजही की “क़ुतुब मुशतरी” उर्दू साहित्य में एक अहम मसनवी है जो सन्1609 में लिखी गई।

मुंशी सदासुखलाल 'नियाज' -

  • इन्होने श्रीमद्भागवद् का अनुवाद 'सुखसागर' नाम से किया।
  • इन्होने रचना 'मुतख़बुत्तवारीख' में अपना जीवनवृतान्त लिखा है।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 10
गार्सा द तासी के इतिहास ग्रंथ 'द ला लितरेत्‍यूर ऐन्‍दुई ए ऐन्‍दुस्‍तानी' का दूसरा संस्‍करण कब प्रकाशित हुआ था ?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 10
  • गार्सा द तासी के इतिहास ग्रन्थ का दूसरा संस्करण 1871 ई. में प्रकाशित हुआ।
  • यह इतिहास ग्रन्थ दो भागों(पहला संस्करण :- 1839 ई. और 1847 ई.   में प्रकाशित हुए।

Key Points

  •  इसमें उर्दू और हिंदी के 738 कवियों का विवरण उनके अंग्रेज़ी वर्ण के क्रम से दिया गया था , केवल 72 कवि हिंदी से सम्बंधित थे।
  • यह फ्रेंच भाषा में लिखा गया था।

Important Points

  •  डॉ लक्ष्मीसागर वार्ष्णेय ने इस ग्रन्थ में वर्णित हिंदी रचनाकारों सम्बन्धी सामग्री का हिंदी अनुवाद 'हिन्दुई साहित्य का इतिहास' शीर्षक से 1952 ई. में प्रकाशित कराया।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 11

राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय।
मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय।। 

इस पंक्ति में अघाय का अर्थ है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 11

राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय। मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय। इस पंक्ति में अघाय का अर्थ है- "तृप्त"। अन्य विकल्प असंगत हैं। 

  • उपर्युक्त पंक्ति कबीरदास की है। 

Key Pointsपंक्ति- 

  • राता-माता नाम का, पीया प्रेम अघाय।
    मतवाला दीदार का, माँगै मुक्ति बलाय।। 
  • कबीर की उपयुक्त पंक्ति की व्याख्या- 
  • कबीर कह रहे हैं -
    • राता अर्थात रात और माता अर्थात मत्त, परमात्मा के नाम में सतत रत्त और मत्त रहने वाला ही प्रेम रस पी सकता है, दूसरा कोई नहीं ।
    • केवल एक मात्र वही प्रेम रस पीकर अघा सकता है और जब वह प्रेम रस से सरोबार हो जाता है तब दूसरों को भी प्रेम रस उपलब्ध कराता है। 
    • आज कहाँ है, इस प्रकार प्रेम रस पीकर अघाये हुए, जो इस रस को दूसरों में बांट सके? जिधर भी देखो, सब एक दूसरे से प्रेम की भीख मांग रहे हैं।
    • प्रेम रस बांटने वाले ऐसे कथित व्यक्ति भी प्रेम रस से रीते हैं और दिखावा कर रहे हैं, बांटने का। परमात्मा के नाम में रत और मत्त हुए ही प्रेमरस को जान,पहचान और बाँट सकते हैं।
    • प्रेम रस पीकर मदमस्त हुआ भक्त मोक्ष मांग ही नहीं सकता क्योंकि मोक्ष स्वार्थ आधारित होता है ।
    • भक्त की मांग केवल उसके दर्शन की रहती है, मुक्त होने की नहीं। ज्ञानी मोक्ष चाहता है और भक्त दर्शन।यही भक्त और ज्ञानी में अंतर है।
    • भक्त कहता है, भगवान मुझे दर्शन दो,मुझे मुक्ति नहीं चाहिए ।'
    • मतवाला दीदार का, मांगे मुक्ति बलाय'- मैं तो दीदार का मतवाला हूँ, मुझे मोक्ष से क्या मतलब।

Important Pointsकबीर दास-  

  • जन्म- 1398 - 1518 ईo 
  • भक्तिकाल के निर्गुण शाखा के संत कवि हैं। 
  • काव्य कृतियाँ-
    • बीजक
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
  • बीजक के तीन भाग किए गए हैं-
    • ​साखी
    • सबद
    • रमैनी
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 12

दिए गए शब्द के पर्यायवाची शब्द का चयन करें I

पुलिन

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 12

दिए गए विकल्पों में से ‘पुलीन’ शब्द का पर्यायवाची कगार है। 

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 13

'गायक' में कौन-सी सन्धि है।

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 13

अयादि सन्धि यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

गायक = गै + अक क्योंकि यदि ए/ऐ, ओ/औ के बाद कोई भी स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय ओ का अव, औ का आव बन जाता है। अयादि संधि कहलाती है।

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 14

'तिरंगा' शब्द में समास है:

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 14

तिरंगा शब्द में द्विगु समास है।

जिस समास का पहला पद संख्यावाची विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 15

हिन्दी साहित्य का प्रथम  महाकाव्य है:

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 15

हिन्दी का प्रथम महाकाव्य चन्दबरदाई द्वारा रचित "पृथ्वीराज रासो" है।

पद्मावत - हिन्दी का प्रथम बड़ा महाकाव्य है।

प्रिय प्रवास - हिन्दी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य है।

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 16

'जनार्दन' किसका पर्यायवाची है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 16

'जनार्दन' के पर्यायवाची हैं - 

विष्णु, माधव, नारायण, चक्रपाणि, गोविन्द, पीताम्बर, चतुर्भज, केशव, दामोदर, उपेन्द्र, विश्वम्भर, लक्ष्मीपति, मधुरिपु। 

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 17

शृंगार रस का स्थायी भाव क्या है?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 17

शृंगार रस का स्थायी भाव रति है।

नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस की अवस्था को पहुँचकर आस्वादन के योग्य हो जाता है तो वह 'श्रृंगार रस' कहलाता है।

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 18

'गुड़िया' का बहुवचन होगा:

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 18

'गुड़िया' का बहुवचन 'गुड़ियाँ' होगा।

नियम: 'इया' प्रत्यय से बने हुए एकवचन स्त्रीलिंग शब्दों का बहुवचन बनाने के लिए उनके अन्त में चन्द्रबिन्दु लगा देते हैं।

अन्य उदाहरण : बुढ़िया - बुढ़ियाँ, डिबिया - डिबियाँ, चिड़िया - चिड़ियाँ, चुहिया - चुहियाँ।

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 19

निम्नलिखित कृतियों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए:

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 19

जपुजी- गुरुनानक (गुरु ग्रन्थ साहिब, बारह माह) 

रसमंजरी- नंददास (अनेकार्थमंजरी, भागवत्-दशम स्कंध, श्याम सगाई, गोवर्द्धन लीला, सुदामा चरित, विरहमंजरी, रूप मंजरी) 

बरवै नायिका भेद- रहीम (रहीम दोहावली, बरवै, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, नगर शोभा) 

वैराग्य संदीपनी- तुलसीदास (रामचरितमानस, कवितावली गीतावली)

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 20

निम्नलिखित में से मैथिलीशरण गुप्त की कौन सी रचना नायिका प्रधान नहीं है ?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 20

'पंचवटी' मैथिलीशरण गुप्त की नायिका प्रधान रचना नहीं है. इसमें सुरम्य प्राकृतिक वर्णन और उसके आलंकारिक प्रयोगों पर भी ध्यान दिया गया है. यह चरित्र प्रधान खण्डकाव्य है; जिसमें भ्रातृत्व, देवर-भाभी सम्बन्ध और आदर्श दाम्पत्य की कोमल भावना की अभिव्यक्ति हुई है. इस खण्डकाव्य में रामकथा के ऐसे प्रसंग को उठाया गया है, जिसमें लक्ष्मण को प्रमुखता मिली है. 'यशोधरा', 'साकेत' और 'विष्णुप्रिया' नायिका प्रधान काव्य हैं |

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 21

हिंदी का पहला समाचार-पत्र कौन-सा था?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 21

हिंदी का पहला समाचार-पत्र 'उदंत मार्तंड' था।

  •  गद्यांश के अनुसार:-
    • ​“उदंत मार्तंड” कोलकाता से प्रकाशित होने वाला पहला हिंदी समाचार-पत्र था। इसके पश्चात् प्रजामित्र, भारतमित्र और बंगवासी आदि समाचार पत्रों का प्रकाश हुआ। 

Key Pointsउदंत मार्तंड:-

  • उदन्त मार्तण्ड (शाब्दिक अर्थ : 'समाचार सूर्य' या '(बिना दाँत का) बाल सूर्य' ) हिंदी का प्रथम समाचार पत्र था।
  • इसका प्रकाशन 30 मई, 1826 ई. में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था।
  • कलकता के कोलू टोला नामक मोहल्ले की 37 नंबर आमड़तल्ला गली से जुगलकिशोर सुकुल ने सन् 1826 ई. में उदंतमार्तंड नामक एक हिंदी साप्ताहिक पत्र निकालने का आयोजन किया।
  • उस समय अंग्रेजी, फारसी और बांग्ला में तो अनेक पत्र निकल रहे थे किन्तु हिंदी में एक भी पत्र नहीं निकलता था।
  • इसलिए "उदंत मार्तड" का प्रकाशन शुरू किया गया। इसके संपादक भी श्री जुगुलकिशोर सुकुल ही थे। वे मूल रूप से कानपुर के निवासी थे।

Additional Informationभारतमित्र:- 

  • भारतमित्र सन 1878 में कलकता से प्रकाशित एक हिन्दी समाचार पत्र था।
  • भारतमित्र के पहले वैतनिक सम्पादक पण्डित हरमुकुन्द शास्त्री थे,
  • जिन्हें लाहौर से बुलाया गया था। यह पत्र लम्बे समय (37 वर्षों) तक निरन्तर चलता रहा। 
  • राजा, प्रजा, राज्य-व्यवस्था, वाणिज्य, भाषा और सबके ऊपर देशहित की चिंता-चेतना जगानेवाला 'भारतमित्र' एक तेजस्वी राजनीतिक पत्र के रूप में चर्चित और विख्यात हुआ।

प्रजामित्र:-

  • प्रजामित्र (1834) में कलकत्ता से एक साप्ताहिक पत्र के रूप में शुरू हुआ था। यह भी एक हिन्दी समाचार पत्र था।

बंगवासी:-

  • हिंदी बंगवासी पण्डित अमृतलाल चक्रवर्ती के सम्पादन में सन 1890 में निकाला गया हिन्दी समाचार पत्र था।
  • तत्कालीन भारत में यह बिल्कुल नये प्रकार का अखबार था।
  • इसका अपना ऐतिहासिक महत्व है, क्योंकि सभी श्रेष्ठ पत्रकारों ने इसका सम्पादन में योगदान किया था।
  • यह समाचार पत्र दीर्घजीवी रहा और सफलतापूर्वक प्रकाशित होता रहा।
  • हिन्दी के वरिष्ठ पत्रकारों के लिए यह पत्र प्राथमिक विद्यालय सिद्ध हुआ था।
  • इसके सम्पादन में बालमुकुन्द गुप्त, बाबूराव विष्णु पराड़कर, अम्बिका प्रसाद वाजपेयी और लक्ष्मण नारायण गर्दे आदि का नाम प्रमुख रूप से उल्लेखनीय है।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 22

कौन-से समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 22

हिन्दी समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं।

  • गद्यांश के अनुसार:-
    •  आज हिंदी के समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं। समाचार पत्रों के अनेक रूप हैं-दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक इनके प्रकाशन की प्रक्रिया जटिल होती है।

Key Points

  • हिन्दी या हिंदी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है,
  • विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।
  • यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं।
  • हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।

Additional Informationअंग्रेजी:- 

  • अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है।
  • ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय भाषा माना जाता है।
  • यह दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कंप्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है।

बंगाली:-

  •  बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। 
  • भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है।
  • इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं।
  • बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग 23 करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है।
  • इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फैले हैं।

उर्दू:-

  • भाषा विज्ञान के आधार पर हिंदी और उर्दू एक ही भाषा है। नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिंदी भाषा को उर्दू कहा जाता है।
  • उर्दू का स्वतन्त्र व्याकरण नहीं है। उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है।
  • उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं।
  • ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है।
  • इस के अतिरिक्त भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है। साथ ही तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 23

‘स्त्रीत्व का मानचित्र' किसकी रचना है ?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 23

स्त्रीत्व का मानचित्र नारी विमर्श विषयक अनामिका की प्रसिद्ध रचना है.

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 24

जयशंकर प्रसाद के काव्य ग्रंथों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है-

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 24

जयशंकर प्रसाद की काव्यकृतियों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही अनुक्रम है-‘प्रेमपथिक' (1914 ई.), ‘झरना' (1918 ई.), ‘आँसू' (1925 ई.), ‘लहर' (1933 ई.).

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 25
कब फूटा गिरि के अंतर से ? किस अंचल से उतरा नीचे ? उपर्युक्त पंक्ति का संबंध किस कवि से है ?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 25

कब फूटा गिरि के अंतर से ,किस अंचल से उतरा नीचे उपर्युक्त पंक्ति जीवन का झरना आरसी प्रसाद सिंह के द्वारा रचित है।

Key Points

  • आरसी प्रसाद सिंह भारत के प्रसिद्ध कवि, कथाकार और एकांकीकार थे।
  • छायावाद के तृतीय उत्थान के कवियों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखने वाले और 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित आरसी प्रसाद सिंह को जीवन और यौवन का कवि कहा जाता है।
  • आरसी प्रसाद सिंह द्वारा रचित कवितायेँ सूर्यमुखी (मैथिली काव्य संग्रह) लहरें उठती हैं, गिरती हैं; नाविक तट पर पछताता है। तब यौवन बढ़ता है आगे, निर्झर बढ़ता ही जाता है।

Additional Information

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 26
रस सूत्र में संयोग का अर्थ भोज्य भोजक संबंध किस आचार्य ने माना है?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 26

रस सूत्र में संयोग का अर्थ भोज्य भोजक संबंध आचार्य भट्ट नायक ने माना है।

Key Points

  • भट्ट नायक ने निष्पत्ति से भुक्ति का अर्थ ग्रहण किया है तथा संयोग का भाव के लिए भोज्य-भोजक संबंध माना है। 
  • भट्ट लोल्लट, आचार्य शंकुक, भट्टनायक तथा अभिनवगुप्त तो भरतमुनि के रससूत्र के प्रमुख व्याख्याकार हैं।
  • भरत मुनि के रस-सूत्र के तृतीय व्याख्याता के रूप में भट्टनायक का नाम काव्यप्रकाश में आता है।
  • आधुनिक काव्य-शास्त्रियों के अनुसार रसों की संख्या ग्यारह है। रस का शाब्दिक अर्थ है - आनन्द।  

Additional Information

  • आचार्य शंकुक-
    • राजतरंगिणी के उल्लेख के अनुसार शंकुक कश्मीरी विद्वान् थे और अजितापीड़ के शासनकाल में विद्यमान थे।
    • इन्होंने "भुवनाभ्युदय" नामक महाकाव्य में मम्म और उत्पल के भयंकर युद्ध का वर्णन किया है जिसें मारे गए वीरों के शव से वितस्ता नदी का प्रवाह रुक गया था।
    • राजतरंगिणीकार ने इन्हें "कवि बुधमन: सिंधुशशांक:" कहा है। 
  • अभिनवगुप्त -
    • अभिनवगुप्त जहाँ एक ओर रस को इन्द्रिजन्य अर्थात् लौकिकता से जोड़ते हैं वहीं दूसरी ओर वे उसकी अलौकिकता का भी समर्थन करते हैं।
    • वे मानते हैं कि रस केवल स्थाई भाव का फलितार्थ नहीं अपितु भाव, विभाव, एवं अनुभाव - तीनों के संयोग से ही उत्पन्न होता है ।
    • इनके आरंभिक ग्रंथों में क्रमस्तोत्र की रचना 66 लौकिक संवत् (991 ई.) में और भैरवस्तोत्र की 68 संवत (993 ई.) में हुई ।
  • विश्वनाथ त्रिपाठी -
    • डॉ॰ विश्वनाथ त्रिपाठी हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक, कवि और गद्यकार हैं।
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 27
इसमें फूल भी है शूल भी, गुलाब भी, कीचड़ भी है, चन्दन भी, सुन्दरता भी है, कुरूपता भी - मैं किसी से भी अपना दामन बचाकर नहीं निकल पाया।" ये पंक्तियाँ उपन्यास से उद्धृत है ?
Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 27

सही उत्तर है- "मैला आँचल"। अन्य विकल्प असंगत है। 

  • "इसमें फूल भी है शूल भी, गुलाब भी, कीचड़ भी है, चन्दन भी, सुन्दरता भी है, कुरूपता भी - मैं किसी से भी अपना दामन बचाकर नहीं निकल पाया।"
  • ये पंक्तियाँ मैला आँचल उपन्यास से उद्धृत है। 

Key Pointsमैला आँचल-

  • रचनाकार- फणीश्वरनाथ रेणु
  • प्रकाशन वर्ष- 1954 ईo
  • विधा- उपन्यास
  • पात्र-
    • मैला अंचल उपन्यास में कुल 256 पात्र हैं।
  • मुख्य पात्र-
    • डॉ. प्रशान्त,कमली,बावनदास,बालदेव,दोहराव,लछमी और तहसीलदार विश्वनाथ आदि।
  • विषय-
    • ‘मैला आँचल’ हिन्दी का श्रेष्ठ और सशक्त आंचलिक उपन्यास है।
    • नेपाल की सीमा से सटे उत्तर-पूर्वी बिहार के एक पिछड़े ग्रामीण अंचल को पृष्ठभूमि बनाकर रेणु ने इसमें वहाँ के जीवन का, जिससे वह स्वयं ही घनिष्ट रुप से जुड़े हुए थे, अत्यन्त जीवन्त और मुखर चित्रण किया है। 

Important Pointsफणीश्वरनाथ रेणु- 

  • जन्म- 1921 - 1977 ईo
  • उपन्यास- 
    • मैला आंचल (1954)
    • परती परिकथा (1957)
    • जूलूस (1965)
    • दीर्घतपा (1964) 
    • कितने चौराहे (1966)
    • पल्टू बाबू रोड (1979)
  • कहानी - संग्रह-
    • ठुमरी (1959)
    • एक आदिम रात्रि की महक (1967)
    • अग्निखोर(1973)
    • एक श्रावणी दोपहर की धूप (1984)
    • अच्छे आदमी (1986)
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 28

Consider the given statements regarding the special burial at Inamgaon and choose the correct option.
A) Adults were generally buried in the ground, laid out straight, with the head towards the north.
B) Vessels that probably contained food and water were placed with the dead.

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 28

The stone boulders are known as megaliths (literally big stones). 

  • These were carefully arranged by people and were used to mark burial sites. 
  • The practice of erecting megaliths began about 3000 years ago and were prevalent throughout the Deccan, south India, in the northeast and Kashmir.
HP LT TET Mock Test - 6 - Question 29

Which organization has initiated legal action against OpenAI and Microsoft, alleging the unauthorized use of copyrighted content for training AI models, including ChatGPT?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 29

The New York Times (NYT) has taken legal action against OpenAI and Microsoft, accusing them of unauthorized usage of its copyrighted content for AI model training, notably ChatGPT. This legal dispute highlights the broader debate on intellectual property rights in the generative AI era.

HP LT TET Mock Test - 6 - Question 30

What is the name of the recently launched brand of National Cooperative Organics Ltd (NCOL)?

Detailed Solution for HP LT TET Mock Test - 6 - Question 30

Cooperation Minister Amit Shah launched the ‘Bharat Organics’ brand of the newly launched National Cooperative Organics Ltd (NCOL).
It will have as many as 20 products in the market by December 2023. NCOL will pass on 50 per cent of its profit earned over the Minimum Support Price (MSP) of any crop directly into the bank account of the farmers, while the rest will be used for the growth of the organization.

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