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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - UGC NET MCQ


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30 Questions MCQ Test UGC NET Mock Test Series 2024 - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 1

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' में अपभ्रंश या प्राकृताभास हिन्दी के पद्यों का सबसे पुराना पता तांत्रिक और योगमार्गी बौद्धों की सांप्रदायिक रचनाओं के भीतर विक्रम की कौन-सी शताब्दी के अंतिम चरण में लगता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 1

आचार्य रामचन्द्र शुक्ल कृत 'हिन्दी साहित्य के इतिहास' में अपभ्रंश या प्राकृताभास हिन्दी के पद्यों का सबसे पुराना पता तांत्रिक और योगमार्गी बौद्धों की सांप्रदायिक रचनाओं के भीतर विक्रम की "सातवीं" शताब्दी के अंतिम चरण में लगता है। अन्य विकल्प असंगत है। Key Pointsआचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार- 

  • प्राकृत की अंतिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिंदी-साहित्य का आविर्भाव माना जा सकता है।
  • उस समय जैसे “गाथा” कहने से प्राकृत का बोध होता था वैसे ही "दोहा" या दूहा कहने से अपभ्रंश या प्रचलित काव्यभाषा का पद्य समझा जाता था।
  • अपभ्रंश या प्राकृताभास हिंदी के पद्यों का सब से पुराना पता तांत्रिक और योगमार्ग बौद्धों की सांप्रदायिक रचनाओं के भीतर विक्रम की सातवीं शताब्दी के अंतिम चरण में लगता है।
  • मुंज और भोज के समय ( संवत् 1050 के लगभग ) में तो ऐसी अपभ्रंश या पुरानी हिंदी का पूरा प्रचार शुद्ध साहित्य या काव्य-रचनाओं में भी पाया जाता है।
  • अतः हिंदी-साहित्य का आदिकाल संवत् १०५० से लेकर संवत् १३७५ तक अर्थात् महाराज भोज के समय से लेकर हम्मीरदेव के समय के कुछ पीछे तक माना जा सकता है ।

Important Pointsआचार्य रामचंद्र शुक्ल- 

  • जन्म-  1884 - 1941 ईo
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार थे।
  • उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है।
  • हिन्दी में पाठ आधारित वैज्ञानिक आलोचना का सूत्रपात भी उन्हीं के द्वारा हुआ। 
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • हिन्दी साहित्य का इतिहास
    • जायसी ग्रंथावली (1924)
    • गोस्वामी तुलसीदास (1923)
    • रसमीमांसा (1949)
    • भ्रमर गीत सार (1925 )
    • काव्य मे रहस्यवाद (1929)
  • निबंध- 
    • भाव या मनोविकार
    • उत्साह
    • श्रद्धा-भक्ति
    • करुणा
    • घृणा
    • ईर्ष्या
    • भय
    • क्रोध
    • कविता क्या है?
    • काव्य में लोकमंगल की साधनावस्था
    • साधारणीकरण और व्यक्ति-वैचित्र्यवाद
    • रसात्मक बोध के विविध रूप
    • काव्य में प्रकृतिक दृश्य
    • काव्य में रहस्यवाद
    • काव्य में अभिव्यंजनावाद
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 2

आषाढ़ का एक दिन' नाटक पर बनी फिल्म के निर्देशक कौन थे ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 2

सही उत्तर है- "मणि कौल"। अन्य विकल्प असंगत है।

  • 'आषाढ़ का एक दिन' नाटक पर बनी फिल्म के निर्देशक मणि कौल थे।  

Key Pointsआषाढ़ का एक दिन- 

  • रचनाकार- मोहन राकेश
  • प्रकाशन वर्ष- 1958 ईo
  • विधा- नाटक 
  • मुख्य पात्र-
    • अंबिका, मल्लिका, कालिदास विलोम ,मातुल आदि।
  • विषय-
    • कालिदास के सत्ता एवं सृजनात्मकता के मध्य अन्तः संघर्ष का चित्रण। 

Important Pointsमोहन राकेश- 

  • जन्म- 1925 - 1972 ईo
  • नाटक- 
    • लहरों के राजहंस (1963 ईo)
    • आषाढ़ का एक दिन (1958 ईo)
    • आधे-अधूरे (1969 ईo)
    • पैर तले  की जमीन (अधुरा कमलेश्वर जी ने पूरा किया 1975 ईo)
  • उपन्यास- 
    • अँधेरे बंद कमरे (1961)
    • अन्तराल (1972)
    • न आने वाला कल (1968)
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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 3

सुमेलित कीजिए।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 3

1 - ख, 2 - घ, 3 - क, 4 - ग 

  • इंदुमती --> किशोरीलाल गोस्वामी 1900
  • प्लेग की चुड़ैल  --> भगवानदास 1902
  • ग्यारह वर्ष का समय --> रामचन्द्र शुक्ल 1903
  • दुलाईवाली --> बंग महिला 1907

Additional Information

  • हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है।
  • हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्ला खाँ की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' , किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' , माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' , आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' और बंग महिला की 'दुलाई वाली' नामक कहानियाँ आती हैं।
  • परन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत 'इन्दुमती' को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है।

Confusion Points

  • निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
    • इंदुमती → 1900 → किशोरी लाल गोस्वामी
    • एक टोकरी भर मिट्टी → 1901 → माधवराव सप्रे
    • ग्यारह वर्ष का समय → 1903 → आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 4
‘मुर्दहिया’ आत्मकथा में मूलतः कौन-से समाज का चित्रण है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 4

‘मुर्दहिया’ आत्मकथा में मूलतः "दलित" समाज का चित्रण है। Key Pointsमुर्दहिया-

  • रचनाकार- तुलसीराम।
  • विधा- दलित आत्मकथा। 
  • प्रकाशन वर्ष- 2010 ई.
  • विषय वस्तु- 
    • ‘मुर्दहिया’ दलित समाज की त्रासदी और भारतीय समाज की विडंबना का सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आख्यान है।
  • ‘मुर्दहिया’ आत्मकथा के सात उपशीर्षक-
    • भुतही पारिवारिक पृष्ठभूमि। 
    • मुर्दहिया तथा स्कूली जीवन। 
    • अकाल में अंधविश्वास। 
    • मुर्दहिया के गिद्ध तथा लोकजीवन। 
    • भूतनिया नागिन। 
    • चले बुद्ध की राह। 
    • आजमगढ़ में फाकाकशी। 
  • मुर्दहिया के पात्र-
    • धीरज- लेखक की माँ, साधारण ग्रामीण और गृहिणी। 
    • जूठन- लेखक के दादाजी जिन्हें अंधविश्वास के अनुसार भूतों ने पीट-पीटकर मार डाला। 
    • मुसरीया- शतायु अवस्था में जीवित लेखक की दादी। 
    • सोम्मर- लेखक के पिता के बड़े भाई जो 112 गांवों के चमारों के चौधरी थे। 
    • मुन्नेसर काका- लेखक के पिता के दूसरे नंबर के भाई ‘शिवनारायण पंथी’ धर्मगुरु। 
    • नग्गर काका- लेखक के पिता के तीसरे भाई स्वभावतः गुस्सैल और हिंसक स्वभाव के। ये भी ‘शिवनारायण पंथी’ धर्मगुरु है।
    • मुन्नार काका- लेखक के पिता के सबसे छोटे भाई। ये सहज और सामंजस्यवादी तथा पुरे  संयुक्त परिवार के मुखिया थे।
    • मुंशी रामसूरत- लेखक के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक कट्टर जातिवादी थे।
    • परशुराम सिंह- प्रधानाध्यापक (हेडमास्टर)
    • संकठा सिंह- प्राथमिक विद्यालय में लेखक का घनिष्ट मित्र।
    • करपात्री महाराज- हिन्दू कोड बिल के विरोधी और रामराज्य पार्टी के नेता। 
    • सुग्रीव सिंह- लेखक के शिक्षक जो स्वयं गोरखपुर विश्वविद्यालय से पढ़कर आए थे। हिंदी के शिक्षक जो लेखक को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते थे।
    • रामधन- आजमगढ़ के दलित नेता। 
    • तपसीराम- लेखक को उच्च शिक्षा के लिए BHU के लिए सलाह देते थे। 
    • अरुण सिंह- आजमगढ़ के कम्युनिष्ट नेता
    • जेदी काका- अंग्रेजों ने दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान इन्हें जबरन युद्ध के लिए उठा ले गए थे।
    • देवराज सिंह- बस्ती जनपद का युवक जो आजमगढ़ में लेखक के साथ पढ़ता और मित्र भी था। परंतु लेखक की छात्रवृति आने पर वह चाक़ू के बल पर आधा रुपये ले लेता था।   
    • किसुनी भौजी तथा सुभगीया- गाँव कि नवविवाहित स्त्रियाँ जो अपने घर तथा वैवाहिक जीवन के दुखों को चिट्ठी के द्वारा दूसरे प्रदेशों में अपने पतियों को भेजती थी।
      • चिठ्टी लेखन का काम लेखक अथार्त बालक तुलसीराम का था।

Important Pointsतुलसीराम- 

  • जन्म- 1949 - 2015 ई.
  • डॉ. तुलसीराम ने अपने लेखन में दलितों के तमाम कष्टों, यातनाओं, उपेक्षाओं, प्रताड़नाओं को खुलकर लिखा और सामाजिक बंधनों पर जमकर हमला बोला।
  • उनकी लेखनी की एक और विशेषता जो उन्हें तमाम दलित लेखकों से अलग करती है, वह उनके अचेतन पर बुद्ध का गहरा प्रभाव है।
  • रचना-
    • मुर्दहिया (2010 ई.)
    • मणिकर्णिका (2014 ई.)
    • तुलसी की आत्मकथा के दोनों भाग- मुर्दहिया और मणिकर्णिका मृत्यु और मुर्दों से ही जुड़ी हुई घटनाएँ है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 5

नाखून क्यों बढ़ते हैं?' निबंध हजारीप्रसाद द्विवेदी के किस निबंध-संग्रह में शामिल है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 5

'नाखून क्यों बढ़ते हैं?' निबंध हजारीप्रसाद द्विवेदी के कल्पलता निबंध-संग्रह में शामिल है । 

कल्पलता -

  • विधा - निबंध-संग्रह
  • प्रकाशन वर्ष - 1954
  • रचनाकार - हजारीप्रसाद द्विवेदी
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 6
गुणग्राही गोविंद गुण गावा, भजि भजि राम परम पद पावा'। कथन किसका है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 6

यह कथन हरिदास निरंजनी का हैl

Key Points हरिदास निरंजनी-

  • एक भारतीय संत कवि थे। माना जाता है कि उनका जीवनकाल १६वीं शताब्दी के मध्य से १७वीं शताब्दी के प्रारम्भ तक था।
  • ये निरंजनी सम्प्रदाय के संस्थापक माने जाते हैं।
  • हरिदास कापडोड के मूल निवासी थे जो वर्तमान समय में राजस्थान के डिडवाना के निकट स्थित है। 
  •  यह भी उल्लेख मिलता है कि योगी गोरखनाथ ने उन्हें डाकू से सन्त बना दिया। इन्हें राजस्थान का वाल्मीकि कहा जाता हैं।
  • निरंजनी सम्प्रदाय मुख्य रूप से मध्य राजस्थान में प्रचलित एक हिन्दू सम्प्रदाय है।
  • हरिदास की अधिकांश काव्य रचनाएँ भजन और साखी के रूप में हैं, लेकिन उन्होंने विभिन्न छन्दों कई लम्बी रचनाएँ भी की हैं।

Additional Information

मलूकदास-

  • समयकाल- सं. 1631   - सं. 1739 
  • इनका पूर्वनाम 'मल्लु' था 
  • मुख्य रचनाएँ-
    • अलखबानी'
    • , 'गुरुप्रताप',
    • 'ज्ञानबोध',
    • 'पुरुषविलास',
    • 'भगत बच्छावली'

बाबालाल-

  • समयकाल- 1590-1655 ई.
  • इन्होने बाबालाली पंथ का प्रवर्तन किया
  • नदिरुन्निकात में इनके विचार संगृहित है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 7
आ. शुक्ल के अनुसार साधारणीकरण किससे होता है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 7

आ. शुक्ल के अनुसार साधारणीकरण आलम्बन धर्म होता है। 

Key Pointsआचार्य शुक्ल-

  • साधारणीकरण आलंबनत्व धर्म का होता है।
  • व्यक्ति तो विशेष हि रहता है पर उसमें प्रतिष्ठा ऐसे सामान्य धर्म की रहती है जिसके साक्षात्कार से सब श्रोताओं या पाठकों के मन में एक ही भाव का उदय थोड़ा या बहुत होता है।
  • साधारणीकरण में आलंबन द्वारा भाव की अनुभूति प्रथम कवि में होनी चाहिये फिर उसके वर्णित पात्र में और फिर श्रोता या पाठक में। विभव द्वारा जो साधारणीकरण किया गया है, वह तभी चरितार्थ होता है।  

Important Pointsडॉ. नगेंद्र-

  • साधारणीकरण का अर्थ है- काव्य के भावन द्वारा पाठक या श्रोता का भाव की 'सामान्य' भूमि पर पहुँच जाना। 

डॉ. श्यामसुंदर दास-

  • साधारणीकरण की अवस्था में प्राणी या वस्तु के साथ जो संबंध होता है वह मिट जाता है, साधारणीकरण की स्थिति 'योग की मधुमती भूमिका' के सदृश्य होती है। 

अभिनव गुप्त-

  • स्थायी भाव के साधारणीकरण से हि विभावादि का साधारणीकरण होता है। 

भट्टनायक-

  • भावकत्व द्वारा विभावादि का साधारणीकरण होता है। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 8
अनेक व्यंजनों की एक बार स्वरूप और क्रम से आवृत्ति को क्या कहते हैं ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 8

अनेक व्यंजनों की एक बार स्वरूप और क्रम से आवृत्ति को छेकानुप्रास कहते हैं। 

छेकानुप्रास-

  • जहाँ स्वरूप और क्रम से अनेक व्यंजनों की आवृत्ति एक बार हो, वहाँ छेकानुप्रास होता है।
  • उदाहरण-
    • रीझि रीझि रहसि रहसि हँसि हँसि उठै,
      साँसैं भरि आँसू भरि कहत दई दई।
    • यहाँ 'रीझि-रीझि', 'रहसि-रहसि', 'हँसि-हँसि', और 'दई-दई' में छेकानुप्रास है, क्योंकि व्यंजन वर्णों की आवृत्ति उसी क्रम और स्वरूप में हुई है। 

Key Pointsअनुप्रास-

  • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • मुदित महापति मंदिर आये।
    • यहाँ पर ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है।

Important Pointsलाटानुप्रास-

  • जब एक शब्द या वाक्यखण्ड की आवृत्ति उसी अर्थ में हो, पर तात्पर्य या अन्वय में भेद हो, तो वहाँ 'लाटानुप्रास अलंकार' होता है।
  • उदाहरण-
    • तेगबहादुर, हाँ, वे ही थे गुरु-पदवी के पात्र समर्थ,
      तेगबहादुर, हाँ, वे ही थे गुरु-पदवी थी जिनके अर्थ।
    • उपरोक्त दो पंक्तियों में शब्द प्रायः एक से हैं और अर्थ भी एक ही हैं। अतः यहाँ लाटानुप्रास अलंकार है।

वृत्त्यनुप्रास-

  • जहाँ वृत्तियों के अनुसार एक या अनेक वर्णों की आवृत्ति क्रमपूर्वक अनेक बार हो, वहाँ वृत्त्यनुप्रास अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • छकि छैल छबीली छटा छहराइ के कौतुक कोटि दिखाइ रही।

अन्त्यानुप्रास-

  • जब अन्त में तुक मिलता हो तो अन्त्यानुप्रास होता है।
  • उदाहरण-
    • मांगी नाव न केवटु आना।
      कहहि तुम्हार मरमु मैं जाना॥
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 9
मंगलेश डबराल को किस कृति पर साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त हुआ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 9

मंगलेश डबराल को सन 2000 में उनकी सर्वश्रेष्ट रचना 'हम जो देखते हैं' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Key Points

मंगलेश डबराल के काव्य संग्रह प्रकाशित हैं-

'पहाड़ पर लालटेन' (1981), 'घर का रास्ता' (1988), 'हम जो देखते हैं' (1995), 'आवाज़ भी एक जगह है (2000)

'नए युग में शत्रु' (2013), 'घर का रास्ता' (2017), 'स्मृति एक दूसरा समय है' (2020) उनके कविता-संग्रह हैं।

इसके अतिरिक्त, 'लेखक की रोटी' और 'कवि का अकेलापन' शीर्षक गद्य-संग्रह भी प्रकाशित हुए हैं।

Additional Information

मंगलेश डबराल (16 मई 1948 - 09 दिसम्बर 2020) समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं।

इनका जन्म 16 मई1948 को टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड के काफलपानी गाँव में हुआ था, इनकी शिक्षा-दीक्षा देहरादून में हुई।

विधाएँ - कविता, डायरी, गद्य, अनुवाद, संपादन, पत्रकारिता, पटकथा, लेखन

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 10
पठान मुसाफिरों के चेहरे का तनाव किस स्टेशन के आने पर ढीला पड़ गया ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 10

पठान मुसाफिरों के चेहरे का तनाव वज़ीराबाद स्टेशन के आने पर ढीला पड़ गया।

यह कहानी 'अमृतसर आ गया' है, इसके लेखक भीष्म साहनी हैं

Key Pointsभीष्म साहनी -

  • समयकाल- 8 अगस्त1915-11 जुलाई 2003 ई.
  • जन्म स्थान- रावलपिंडी
  • शिक्षा- पंजाब विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि
  • पुरस्कार और सम्मान- उन्हें 1975 ई. में तमस के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार,1998 ई. में भारत सरकार के पद्मभूषण अलंकरण से विभूषित किया गया।
  • रचनाएँ-
  • उपन्यास -
    • झरोखे,
    • तमस,
    • बसंती,
    • मय्यादास की माडी़,
    • कुन्तो,
    • नीलू निलिमा नीलोफर
  • कहानी संग्रह-
    • मेरी प्रिय कहानियां,
    • भाग्यरेखा,
    • वांगचू,
    • निशाचर
  • नाटक-
    • हानूश (1977 ई.),
    • माधवी (1984 ई.),
    • कबिरा खड़ा बजार में (1985 ई.),
    • मुआवज़े (1993 ई.)
  • आत्मकथा-
    • बलराज माय ब्रदर

Important Points

  • ‘अमृतसर आ गया’ कहानी भीष्म साहनी जी के कहानी संग्रह ‘पटरियाँ’ में संग्रहित है। इस कहानी संग्रह का प्रकाशन 1973 में हुई थी। इस कहानी संग्रह में कुल चौदह कहानियाँ है। उसी कहानी संग्रह में से एक कहानी है ‘अमृतसर आ गया’।
  • यह कहानी देश विभाजन के त्रासदी पर आधारित है। ट्रेन में शर्णार्थियों का एक समूह अमृतसर की यात्रा कर रहा है। लेखक ने ‘ट्रेन’ के दृश्य को उभारते हुए साप्रदायिक तनाव और अमानवीयता को कहानी का मुख्य विषय बनाया है।
  • इस कहानी में 1947 के भारत-पाक बंटवारे के बाद की सामाजिक स्थितियों की झलक है।
  • साहनी ने विभाजन के विषय पर अपना महाकाव्य उपन्यास तमस (1973) भी लिखा था, जिस पर गोविंद निहलानी ने एक टीवी फिल्म बनाया था।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 11
कवि कोई ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल-पुथल मच जाये' - यह पंक्तियाँ किसकी हैं ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 11

'कवि कोई ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल-पुथल मच जाये' यह पंक्तियाँ बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' की है।

Key Points

बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'-(1897-1960)

  • बालकृष्ण शर्मा नवीन हिन्दी के परम्परा और समकालीनता के कवि हैं।
  • उनकी कविता में स्वच्छन्दतावादी धारा के प्रतिनिधि स्वर के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन की चेतना, गांधी दर्शन और संवेदनाओं की झंकृतियां समान ऊर्जा और उठान के साथ सुनी जा सकती हैं।
  • आधुनिक हिन्दी कविता के विकास में उनका स्थान अविस्मरणीय है।

प्रमुख रचनाएँ-

  • ‘रश्मि रेखा' 1951 ई.
  • 'अपलक', 1952 ई.
  • 'विनोबा स्तवन' सन् 1955 ई.
  • कुंकुम-क्वासि काल (1930-1949) आदि।

Additional Information

दुष्यंतकुमार-(1933-1975)

  • हिन्दी के प्रसिद्ध कवि , कथाकार और ग़ज़लकार थे।

प्रमुख रचनाएँ-

  • साये में धुप 2008
  • सूर्य का स्वागत 2000
  • आवाजों के घेरे 2008
  • छोटे छोटे सवाल 2007
  • आँगन में एक वृक्ष 2005 आदि।

रामधारी सिंह दिनकर-

  • जन्म-(1908-1974ई.)
  • हिन्दी के प्रमुख लेखक, कविनिबन्धकार थे, वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
  • राष्ट्रवाद तथा राष्ट्रीयता का इनके काव्य में प्रमुख स्थान रहा है इसलिए इन्हे 'युग-चारण' व 'काल के चारण' की संज्ञा दी गई है।

प्रमुख रचनाएँ-

  • बारदोली-विजय संदेश (1928)
  • प्रणभंग (1929)
  • रेणुका (1935)
  • वट पीपल (1961ई०)
  • साहित्य मुखी (1968ई०)
  • आधुनिकता बोध (1973ई०) आदि।

अज्ञेय-

  • जन्म-(1911-1987)
  • अज्ञेय ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाने जाते है।
  • प्रयोगवाद और नई कविता को हिंदी साहित्य में इन्होने प्रतिष्ठित किया।

प्रमुख रचनाएँ-

  • कहानियाँ:-विपथगा 1937, परम्परा 1944, कोठरी की बात 1945, शरणार्थी 1948, जयदोल 1951
  • उपन्यास:-शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग(उत्थान)1941, द्वितीय भाग(संघर्ष)1944, नदी के द्वीप 1951, अपने अपने अजनबी 1961
  • यात्रा वृतान्त:- अरे यायावर रहेगा याद? 1953,एक बूँद सहसा उछली 1960 आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 12
आषाढ़ का एक दिन' नाटक में कालिदास की रचना कुमारसंभव की तपस्विनी कौन है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 12

'आषाढ़ का एक दिन' नाटक में कालिदास की रचना कुमारसंभव की तपस्विनी मल्लिका है। Key Pointsआषाढ़ का एक दिन-

  • रचनाकार- मोहन राकेश
  • प्रकाशन वर्ष- 1958 ईo
  • विधा- नाटक
  • अंक- 3
  • शैली-
    • यह एक बिंबधर्मी, प्रगीतात्मक नाटक है। इसमें मुख्य बिंब मेघ का ही है।
  • विषयवस्तु-
    • यह नाटक कालिदास जी की कीर्ति और उन्ही के जीवन पर आधारित है।
    • कालिदास के सत्ता एवं सृजनात्मकता के मध्य अन्तः संघर्ष का चित्रण।
  • नाटक की ऐतिहासिकता-
    • “लहरों के राजहंस” की भूमिका में मोहन राकेश ने आषाढ़ का एक दिन के बारे में लिखा है-
    • “मेघदूत पढ़ते समय मुझे लगा करता था कि वह कहानी निर्वासित यक्ष की उतनी नहीं है, जितनी स्वयं अपनी आत्मा से निर्वासित उस कवि की जिसने अपनी ही एक अपराध-अनुभूति को इस परिकल्पना में ढाल दिया हैं।
  • मुख्य पात्र-
    • कालिदास- कवि और नायक
    • अंबिका- गाँव की एक वृद्धा, मल्लिका की माँ
    • मल्लिका- अंबिका की पुत्री, कालिदास की प्रेमिका।
    • दंतुल- राजगुरु
    • मातुल- कवि-मातुल
    • निक्षेप- गाँव का पुरुष
    • विलोम- गाँव का पुरुष
    • रंगीनी, संगिनी- दोनों नागरी
    • अनुस्वार, अनुनासिक- दोनों अधिकारी
    • प्रियंगुमंजरी- राजकन्या, कालिदास की पत्नी
  • आषाढ़ के एक दिन नाटक के महत्वपूर्ण तथ्य-
    • 1959 में इस नाटक को सर्वश्रेष्ठ नाटक होने का संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिला था।
    • 1971 में ‘मणिकौल’ के निर्देशन में इसपर ‘अषाढ़ का एक दिन’ फिल्म भी बनी जिसे सर्वश्रेष्ठ फिल्म फेयर पुरस्कार मिला था।
    • इस नाटक में मोहन राकेश जी ने भौतिक दर्शन और प्रवृति मार्ग और निवृति मार्ग के घनीभूत द्वंद्व का ही चित्रण किया है।
    • मोहन राकेश जी ने नाटक में यह दिखाया है कि जीवन में भोग कुछ समय के लिए आकृष्ट तो करता है किन्तु अंत में वह अपना महत्व खो देता है।
    • इस नाटक में इतिहास और कल्पना का सुन्दर समन्वय है।
  • कथानक-
    • आषाढ़ का एक दिन नाटक की कथावस्तु संस्कृत के प्रसिद्ध कवि नाटककार कालिदास जो कश्मीर के शासक के रूप में मातृगुप्त के रूप में प्रसिद्ध हुए की कहानी है।
    • मल्लिका और कालिदास के प्रेम को आधार बनाकर नाटककार मोहन राकेश जी ने यथार्थ और भावना के द्वंद्व को दिखाया है।
    • उन्होंने यह सिद्ध कर दिया कि जीवन में भावना का स्थान बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, लेकिन जीवन तो यथार्थ में ही जीना होता है।

Important Pointsमोहन राकेश-

  • जन्म- 1925 - 1972 ईo
  • नाटक-
    • लहरों के राजहंस (1963 ईo)
    • आषाढ़ का एक दिन (1958 ईo)
    • आधे-अधूरे (1969 ईo)
    • पैर तले की जमीन (अधुरा कमलेश्वर जी ने पूरा किया 1975 ईo)
  • उपन्यास-
    • अँधेरे बंद कमरे (1961)
    • अन्तराल (1972)
    • न आने वाला कल (1968)
  • यात्रा वृतांत-
    • आखिरी चट्टान (1957)
    • ऊँची झील (1960)
  • निबंध संग्रह-
    • परिवेश (1967)
    • रंगमंच और शब्द (1974)
    • बकलम खुद (1974)
    • साहित्यिक और सांस्कृतिक दृष्टि (1975)
  • कहानियाँ-
    • इंसान के खँडहर (1950)
    • नए बादल (1957)
    • जानवर और जानवर (1958)
    • एक और जिंदगी (1961)
    • फौलाद का आकाश (1966)
    • मिस पाल (1967)
    • मलवे का मालिक (1967)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 13

सुमित्रानंदन पंत' पुस्तक की प्रशंसा किसने की?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 13
  • 'सुमित्रानंदन पन्त' पुस्तक की प्रशंसा 'रामचन्द्र शुक्ल' जी ने की थी
  • अतः 'रामचन्द्र शुक्ल' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।

Important Point
छायावाद के विशेष तथ्य:

  • प्रेमचन्द द्वारा संपादित 'जागरण' पत्र को छायावाद का घोर समर्थक माना जाता है
  • रामचन्द्र शुक्ल जी ने छायावाद को 'अभिव्यंजनावाद का विलायती संस्करण' कहा है।
  • जयशंकर प्रसाद की 'झरना' (1919) कविता को छायावाद की प्रयोगशाला का प्रथम आविष्कार माना गया है।
  • 'मानवतावाद' छायावाद का सर्वाधिक उज्जवल पक्ष माना गया है।
  • छायावादी युग को खडी बोली हिन्दी का स्वर्णयुग भी कहा जाता है।

Additional Information
छायावाद के विविध अर्थ


Key Points

  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने छायावाद का सम्बन्ध ईसाई संतो के 'फेंटेस्माटा' (छायाभास) शब्द से जोड़ा है
  • उन्होंने इसे 'चित्र भाषा शैली' कहा है। वे इसे रविन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं के प्रभाव से आया हुआ मानते है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 14

रात को बड़े जोर का झक्कड़ चला।"- 'जामुन का पेड़' कहानी के आधार पर रेखांकित शब्द का अर्थ बताएं।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 14

"रात को बड़े जोर का झक्कड़ चला।"-'जामुन का पेड़' कहानी के आधार पर रेखांकित शब्द का अर्थ है - आँधी

आँधी-

  • धूलभरी ज़ोर की हवा, तूफ़ान, अंधड़, तूफान, चक्रवात, बवंडर।

Key Points
जामुन का पेड़-

  • रचनाकार- कृश्नचंदर
  • विधा- कहानी
  • मुख्य पात्र- जामुन का पेड़, कवि आदि।
  • विषय-
    • जामुन का पेड़ कहानी में सरकारी विभागों की कार्य पद्धति पर तीखा प्रहार किया गया है।

Mistake Points

  • हवा-
    • ​पवन, अनिल, समीर, वायु, बयार, पवमान, प्रभंजन, मातरिश्वा।
  • वर्षा-
    • पावस, बरसात, वर्षाकाल, चौमासा, वर्षाऋतु।

Important Points
कृश्नचंदर-

  • जन्म-1914-1977 ई.
  • यह भारत के प्रसिद्ध कथाकार है।
  • अन्य कहानियाँ:-
    • नज्जारे
    • ज़िंदगी के मोड़ पर
    • टूटे हुए तारे
    • अन्नदाता
    • तीन गुंडे
    • समुन्दर दूर है आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 15
रोज' शीर्षक कहानी में मालती मिट्टी का बर्तन गरम पानी से क्यों धो रही है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 15

'रोज' शीर्षक कहानी में मालती मिट्टी का बर्तन गरम पानी से दही जमाने के लिए धो रही है।

Key Pointsरोज-

  • रचनाकार- अज्ञेय
  • प्रकाशन वर्ष- 1934 ईo
  • विधा- कहानी
  • मुख्य पात्र-
    • मालती ,लेखक ,महेश्वर ,टिटी आदि।
  • विषय-
    • मैं शैली में लिखी मनोवैज्ञानिक कहानी।

Important Pointsअज्ञेय-

  • जन्म- 1911 -1987 ईo
  • अन्य कहानी संग्रह-
    • विपथगा (1937 ई.)
    • परंपरा (1940 ई.)
    • कोठरी की बात (1945 ई.)
    • अमर वल्लरी (1945 ई.)
    • शरणार्थी (1948 ई.)
    • जयदोल (1951 ई.)
    • ये तेरे प्रतिरूप (1961 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 16

स्थापना: "केवल प्रयोगशीलता ही किसी रचना को काव्य नहीं बना देती।"

तर्क : प्रयोगशीलता से रहित रचना उबाऊ होती है।

इनमें से कौन-सा विकल्प सही है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 16

सही उत्तर है- (विकल्प- 1)- स्थापना सही और तर्क गलत है।

Key Points

  • केवल प्रयोगशीलता ही किसी रचना को काव्य नहीं बना देती है, स्थापना सही है।
  • प्रयोगशीलता से रहित रचना उबाऊ होती है, तर्क गलत है।
  • क्योंकि-
    • कवियों या रचनाकारों के संदर्भ में जब प्रयोग या प्रयोगशीलता की बात की जाती है
    • तब इसका मतलब होता है कि उन्होंने साहित्य के परम्परा से स्थापित मानदण्डों में, भाषा, काव्य-रूपों में कुछ ऐसा नया जोड़ा है जो पहले नहीं था।
    • कवि रचनाकार के ऐसे प्रयोगों के पीछे उनके युग के वैचारिक, सांस्कृतिक दबाव होते हैं
    • प्रयोगशीलता में नये और पुराने का सामंजस्य होता है।
    • रचनाकार जितना अधिक संवेदनशील होता है, जितना अधिक प्रतिभाशाली और व्यापक जीवनदृष्टि वाला होता है,
    • अपनी रचनाओं में प्रयोग करने की उसकी सामर्थ्य उतनी ही अधिक होती है।
    • काव्य में प्रयोगशीलता का अर्थ है-
    • नये-नये कथ्य, नये बिंब, नये प्रतीक, नये छंद, नयी लय और कविता के दायरे में समाने वाले नये भाषिक प्रयोग।

Additional Information

  • आधुनिक हिंदी कविता में प्रयोग करने की ऐसी सामर्थ्य हमें निराला में दिखाई पड़ती है।
  • जिन्होंने अपने युग के “मुक्ति के स्वप्न” को काव्य में बंधी-बंधायी रूढ़ियों से मुक्ति के रूप में भी देखा।
  • छंद, काव्यरूप, गीतिकाव्य, लंबी कविता आदि में नये प्रयोग कर भारतीय हिंदी काव्य की दिशा भी प्रशस्त की।
  • निराला के काव्य में विषय और काव्यरूपों की जैसी विविधता, गहनता और नवीनता है वैसी हिंदी के किसी दूसरे आधुनिक कवि में नहीं है।
  • निराला काव्य में शुरू से ही प्रयोगों की जो विविधता है।
  • उसमें जितना निराला की प्रतिभा का योगदान है, उतना ही योगदान उस दौर की वैचारिक बौद्धिक सामाजिक चेतना का भी है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 17

निम्नलिखित पात्रों को उनके उपन्यासों के साथ सुमेलित कीजिये :

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 17

विकल्प 2 (a) - (iii) (b) - (iv) (c) - (ii) (d) - (i) सही है।

Key Points

Important Points

अमृतलाल नागर के उपन्यास-

  • महाकाल (1947) (1970 से ‘भूख’ शीर्षक प्रकाशित), सेठ बांकेलाल (1955), बूँद और समुद्र (1956), शतरंज के मोहरे (1959), सुहाग के नुपूर (1960)
  • अमृत और विष (1966), सात घूँघट वाला मुखड़ा (1968), एकदा नैमिषारण्ये (1972), मानस का हंस (1973), नाच्यौ बहुत गोपाल (1978), खंजन नयन (1981)
  • बिखरे तिनके (1982), अग्निगर्भा (1983), करवट (1985), पीढ़ियाँ (1990)।

धर्मवीर भारती के उपन्यास-

  • गुनाहों का देवता (1949), सूरज का सातवां घोड़ा (1952), ग्यारह सपनों का देश, प्रारंभ व समापन

अज्ञेय के उपन्यास-

  • शेखर एक जीवनी- प्रथम भाग(उत्थान), 1941
  • द्वितीय भाग(संघर्ष), 1944
  • नदी के द्वीप, 1951
  • अपने अपने अजनबी, 1961

नरेश मेहता के उपन्यास-

  • यह पथ बंधु था(1962), धूमकेतु एक श्रुति (1962), नदी यशस्वी है (1964)
  • दो एकांत (1965), प्रथम फाल्गुन (1966)
  • उत्तर कथा ( 2 भाग )
  • 1979(पहला भाग)
  • 1982 (दूसरा भाग)
  • डूबते मस्तूल (1983)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 18

निम्नलिखित उपन्यासों को प्रकाशन वर्ष के अनुसार क्रम से लगाएं-

A. गढ़कुंडार

B. चारुचंद्रलेख

C. मृगनयनी

D. रमैनी

E. पांचाली

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 18
सही उत्तर है- A, C, B, D, EKey Points Important Pointsवृंदावन लाल वर्मा (1889 -1969 ई.) के अन्य उपन्यास-
  • प्रत्यागत (1927 ई. )
  • संगम (1929 ई.)
  • प्रेम की भेंट (1931 ई.)
  • विराटा की पद्मिनी(1936 ई.)
  • झांसी की रानी (1946 ई.)
  • कचनार (1948 ई.)
  • अमरबेल (1952 ई.)
  • अहिल्याबाई (1955 ई.)
  • माधव जी सिंधिया (1957 ई.)
  • रामगढ़ की रानी (1961ई.)
  • महारानी दुर्गावती (1964 ई.)
  • कीचड़ और कमल (1964 ई.)
  • देवगढ़ की मुस्कान (1973 ई.)
हजारी प्रसाद द्विवेदी (1907 - 1979 ई.) के अन्य उपन्यास-
  • बाणभट्ट की आत्मकथा (1946 ई.)
  • पुनर्नवा (1973 ई.)
  • अनामदास का पोथा (1976 ई.)
बच्चन सिंह (1919 - 2008 ई.) का अन्य उपन्यास-
  • सुतो वा सूतो पुत्रो वा (1998 ई.)
राजीव सक्सेना (1923 - 2004 ई.) का अन्य उपन्यास-
  • पणी पुत्री सोमा (1972 ई.)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 19

'दुहूँ ओर बंदूक जहँ चलत बेचूक

रण होत धुक-धुक किलकत कहूँ कूक"

- इन काव्य पंक्तियों के कवि हैं :

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 19

यह पंक्ति सूदन की है।

Key Pointsसूदन-

  • ये मथुरा के रहने वाले माथुर चौबे थे।
  • पिता- बसंत
  • आश्रयदाता - भरतपुर के महाराज बदन सिंह के पुत्र सुजान सिंह
  • ये रीतिकाल के रीतिइतर काव्यधारा के कवि हैं।
  • रचना- 'सुजान चरित'
  • विषय- सुजान सिंह का प्रशस्ति काव्य

Important Pointsकेशवदास-

  • जीवनकाल- 1555-1617 ई.
  • आश्रयदाता- इंद्रजीत सिंह
  • विश्वनाथ प्रसाद मिश्र, नगेंद्र, गणपति चंद्रगुप्त ने इन्हें रीतिकाल का प्रवर्तक माना है।
  • केशव निंबार्क संप्रदाय में दीक्षित थे।
  • रचनाएँ-
    • रसिकप्रिया (1591 ई.)
    • कविप्रिया (1601 ई.)
    • रामचन्द्रिका (1601 ई.)
    • जहाँगीरजसचंद्रिका (1612 ई.)
    • विज्ञानगीता (1610 ई.)

भूषण-

  • जीवनकाल- 1613-1715 ई.
  • मूलनाम-
    • विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ने घनश्याम
    • गणपतिचंद्र गुप्त ने पातीराम या मनीराम
  • आश्रयदाता- शिवाजी,शाहूजी तथा छत्रसाल।
  • रचनाएँ-
    • शिवराज भूषण
    • शिवा बावनी
    • छत्रसाल दशक

पद्माकर-

  • जीवनकाल- 1753-1833 ई.
  • आश्रयदाता- महाराज रघुनाथ राव, दौलतराव सिंधिया,अनूपगिरी, हिंदूसिंह आदि
  • उपाधि- कविराज शिरोमणि (जयपुर नरेश प्रताप सिंह)
  • रचनाएँ- हिम्मत बहादुर विरुदावली
    • पद्माभरण (1810 ई.)
    • जगतविनोद (1810 ई.)
    • गंगालहरी
  • अपने काव्य में होली तथा अन्य त्योहारों का वर्णन किया है।

Additional Information

  • केशवदास-
    • मातु कहाँ नृपतात गए, सुरलोकहिं, क्यों, सुत शोक लये।"
  • भूषण-
    • "इंद्र जिमि जम्भ पर,बाड़व सु अंभ पर,

रावन सदंभ पर रघुकुल राज है।"

  • पद्माकर-
    • " मीनागढ़ बंबई,सुमंद मन्दराज बंग।

बंदर को बंद करि बंदर बसावैगो।"

  • सूदन-
    • "दब्बत लुत्थिनु अब्बत इक्क सुखब्बत से।

चब्बत लोह, अचब्बत सोनित गब्बत से।"

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 20
करीमुद्दीन ने माउथ ऑर्गन पर एक नयी फ़िल्मी धुन छेड़ दी।' यह पंक्ति किस कहानी से ली गई है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 20

'करीमुद्दीन ने माउथ ऑर्गन पर एक नयी फ़िल्मी धुन छेड़ दी।' यह पंक्ति 'परिंदे' कहानी से ली गई है।

Key Points

  • परिंदे (1958) कहानी के लेखक निर्मल वर्मा हैं।
  • परिंदे कहानी परिंदे कहानी संग्रह (1960) में संकलित हैं।
  • निर्मल वर्मा की अन्य प्रमुख कहानीः-
  • दहलीज , जलती झाडी, लंगन की एक रात, आदमी और औरत आदि।

परिंदे कहानी का विषय और पात्रः-

Important Pointsपरिंदे कहानी का प्रमुख कथनः-

Additional Information

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 21

निम्नलिखित कवियों को उनसे जुड़े आंदोलनों के साथ सुमेलित कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 21

लक्ष्मीकांत वर्मा- अकविता, लक्ष्मीकांत वर्मा की रचनाएँ-सफ़ेद चेहरे, तीसरा प्रसंग, मुंशी रायजादा| 

नरेश- नकेनवाद, नरेश मेहता की रचनाएँ-चैत्या, अरण्या, उत्तर कथा| 

शंभुनाथ सिंह- नवगीत, शंभुनाथ सिंह की रचनाएँ-रूप रश्मि,छायालोक, उदयाचल| 

केदारनाथ अग्रवाल- प्रगतिवाद, केदारनाथ अग्रवाल की रचनाएँ- लोक और आलोक, आग का आइना|

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 22

निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दो कथन दिए गए हैं. इनमें से एक स्थापना (A) और दूसरा तर्क (R) | है. कूट में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए.

स्थापना (Assertion) (A) :काव्य के सन्दर्भ में ‘काव्यानुभूति', 'रसानुभूति' और 'सौंदर्यानुभूति' का उल्लेख प्रायः समान अर्थ में किया जाता है |

तर्क (Reason) (R) : क्योंकि सच्ची काव्यानुभूति भावानुभूति से ही सम्पृक्त होती है, जीवन की यथार्थ अनुभूति से नहीं |

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 22

(A) सही, (R) गलत

व्याख्या-साहित्य में काव्य के सन्दर्भ में 'काव्यानुभूति' 'रसानुभूति' और सौन्दर्यानुभूति का उल्लेख प्रायः समान अर्थ में किया जाता है। साहित्य में ' काव्यानुभूति' का अर्थ है काव्य में अनुभूति यह भावानुभृति से सम्यक्त (अलग) नहीं होती है, जीवन का यथार्थ अनुभृति से होती है। साहित्य में काव्यानुर्यूति, रसानुभूति तथा सौन्दर्यानुभूति महत्वपूर्ण तत्व है जो एक दूसरे के पूरक है जिसके बिना साहित्य सर्जना सम्भव नहीं है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 23

'नया साहित्य : नए प्रश्न' ग्रंथ के लेखक हैं-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 23

नया साहित्य : नए प्रश्न' (1955 ई.) आचार्य नन्ददुलारे बाजपेयी का आलोचना ग्रंथ है. इनकी अन्य आलोचनात्मक कृतियाँ हैं-हिन्दी साहित्य : बीसवीं शताब्दी, जयशंकर प्रसाद, महाकवि सूरदास, प्रेमचंद,कवि निराला, प्रकीर्णिका, नई कविता, रससिद्धान्त, रीति और शैली इत्यादि.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 24

अभिव्यंजनावादी सिद्धान्त के प्रवर्तक हैं-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 24

अभिव्यंजनावादी सिद्धान्त के प्रवर्तक बेनेदेत्तो क्रोंचे हैं. उन्होंने आत्मवादी दर्शन के आधार पर सौन्दर्य सिद्धान्त की व्याख्या की जो ‘अभिव्यंजनावाद' नाम से प्रसिद्ध है. 'अभिव्यंजनावाद' का मूल स्रोत वस्तुतः ‘स्वच्छंदतावाद' की उस प्रवृत्ति से है, जो परम्परा, रूढि, नियम आदि का विरोध करती है. क्रोंचे का अभिव्यंजना सिद्धान्त साहित्य या कला समीक्षा की कसौटी प्रस्तुत नहीं करता वरन् यह काव्य या कला की उत्पत्ति या सृजन प्रक्रिया का विश्लेषण प्रस्तुत करता है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 25

अयोध्या सिंह उपाध्याय की निम्न रचनाओं को उनके सही अनुक्रम में लिखिए

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 25

प्रद्युम्न विजय - 1893

रूक्मिणी परिणय - 1894

ठेठ हिन्दी का ठाठ - 1899

अधखिला फूल - 1907

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 26

किस रस में ओज गुण नहीं पाया जाता है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 26

ऋगार रस में ओज गुण नहीं पाया जाता।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 27

इतिहास दुबारा लिखो गीतिकाव्य किसका है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 27

इतिहास दुबारा लिखो  दलित मानवता का औजिर दुबारा लिखी आदमी क्यों टूटा-, वयों पड़ता रहा फुल की मय पर डाका, इतिहास ... कटी पतंग रही मसालों वहि, मानवता ने लाठी खाई है कर्ता-कहवा, ( इतिहास दुबारा लिक 'इतिहास दुबारा लिखो' गीत-रचना में गीतकार  रमेश रंजक है

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 28

अनुसंधान से क्या तात्पर्य है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 28

अनुसंधान एक व्यवस्थित जांच की प्रक्रिया है जो डेटा के संग्रह को मजबूर करती है; महत्वपूर्ण जानकारी के प्रलेखन; और विशिष्ट व्यावसायिक क्षेत्रों और शैक्षणिक विषयों द्वारा निर्धारित उपयुक्त पद्धतियों के अनुसार, उस डेटा / सूचना का विश्लेषण और व्याख्या।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 29

कथाकारों का जन्म काल के आधार पर सही अनुक्रम है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 29

प्रश्नांकित कथाकारों का जन्मकाल के अनुसार सही क्रम है-विष्णु प्रभाकर (1912 ई.), धर्मवीर भारती (1926 ई.), मन्नू भंडारी (1931 ई.), नरेन्द्र कोहली (1940 ई.)

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 30

विपात्र किस विधा की कृति है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 9 - Question 30

विपात्र भारत के प्रसिद्धि प्रगतिशील कवि और हिन्दी साहित्य की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व गजानन माधव 'मुक्तिबोध' द्वारा लिखी गई पुस्तक है। यह पुस्तक 'भारतीय ज्ञानपीठ' द्वारा 1 जनवरी, सन 2001 में प्रकाशित की गई थी। हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले मुक्तिबोध एक कहानीकार होने के साथ ही समीक्षक भी थे |

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