निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:
बदलू मनिहार था। चूडिय़ाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूडिय़ाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूडिय़ों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूडिय़ाँ पहनती ही थीं, आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूडिय़ों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद्द पकड़ जाता था। जीवनभर चाहे कोई उससे मुफ्त चूडिय़ाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था।
प्रश्न - बदलू का पैतृक पेशा क्या था?
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बदलू मनिहार था। चूडिय़ाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूडिय़ाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूडिय़ों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूडिय़ाँ पहनती ही थीं, आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूडिय़ों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद्द पकड़ जाता था। जीवनभर चाहे कोई उससे मुफ्त चूडिय़ाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था।
प्रश्न - आस-पास के गाँवों के लोगों द्वारा चूड़ियाँ ले जाने से क्या पता चलता है?
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बदलू मनिहार था। चूडिय़ाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूडिय़ाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूडिय़ों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूडिय़ाँ पहनती ही थीं, आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूडिय़ों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद्द पकड़ जाता था। जीवनभर चाहे कोई उससे मुफ्त चूडिय़ाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था।
प्रश्न - शादी-विवाह के अवसर पर बदलू किस बात के लिए शिद पकड़ता था?
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बदलू मनिहार था। चूडिय़ाँ बनाना उसका पैतृक पेशा था और वास्तव में वह बहुत ही सुंदर चूडिय़ाँ बनाता था। उसकी बनाई हुई चूडिय़ों की खपत भी बहुत थी। उस गाँव में तो सभी स्त्रियाँ उसकी बनाई हुई चूडिय़ाँ पहनती ही थीं, आस-पास के गाँवों के लोग भी उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। परंतु वह कभी भी चूडिय़ों को पैसों से बेचता न था। उसका अभी तक वस्तु-विनिमय का तरीका था और लोग अनाज के बदले उससे चूडिय़ाँ ले जाते थे। बदलू स्वभाव से बहुत सीधा था। मैंने कभी भी उसे किसी से झगड़ते नहीं देखा। हाँ, शादी-विवाह के अवसरों पर वह अवश्य जिद्द पकड़ जाता था। जीवनभर चाहे कोई उससे मुफ्त चूडिय़ाँ ले जाए परंतु विवाह के अवसर पर वह सारी कसर निकाल लेता था।
प्रश्न - ‘पैतृक’ शब्द में प्रयुक्त प्रत्यय कौन-सा है?
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