फ़ैली खेतों में दूर तलक
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें
चाँदी की सी उजली जाली।
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक,
श्यामल भू तल पर झुका हुआ
नभ का चिर निर्मल नील फलक।
रोमांचित - सी लगती वसुधा
आई जौ गेहूँ में बाली,
अरहर सनई की सोने की
किंकिणियाँ है शोभाशाली।
उडती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली - पीली,
लो, हरित धरा से झाँक रही
नीलम की कलि, तीसी नीली।
रंग - रंग के फूलो में रिलमिल
हंस रही सखियाँ मटर खडी
मखमली पेटियों सी लटकी
छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी
फिरती है रंग रंग की तितली
रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
फुले फिरते हो फूल स्वयं
उड़ - उड़ वृन्तो से वृन्तो पर।
Q. जब सूरज की किरणे चमकती है तो किस चीज का भ्रम होता है?
शिक्षा में मातृभाषा आधारित बहुभाषिकता का क्या अर्थ है?
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निम्नलिखित में से कौन-सा 'अन्त: क्रियात्मक परिकल्पना' का समर्थन नहीं करता है?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. दिए गए शब्द का विलोम शब्द बताइए।
प्रभाव
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. ‘सर्वेक्षण’ शब्द का संधि-विच्छेद कीजिए।
फ़ैली खेतों में दूर तलक
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें
चाँदी की सी उजली जाली।
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक,
श्यामल भू तल पर झुका हुआ
नभ का चिर निर्मल नील फलक।
रोमांचित - सी लगती वसुधा
आई जौ गेहूँ में बाली,
अरहर सनई की सोने की
किंकिणियाँ है शोभाशाली।
उडती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली - पीली,
लो, हरित धरा से झाँक रही
नीलम की कलि, तीसी नीली।
रंग - रंग के फूलो में रिलमिल
हंस रही सखियाँ मटर खडी
मखमली पेटियों सी लटकी
छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी
फिरती है रंग रंग की तितली
रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
फुले फिरते हो फूल स्वयं
उड़ - उड़ वृन्तो से वृन्तो पर।
Q. किसमें बालियाँ आ जाने से धरती खुशी से रोमांचित लग रही है?
निर्देश: दिए गए पद्यांश को ध्यानपर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
मुक्त करो नारी को, मानव !
चिर बंदिनी नारी को,
युग-युग की निर्मम कारा से
जननी, सखी, प्यारी को !
छिन्न करो सब स्वर्ण-पाश ।
उसके कोमल तन-मन के,
वे आभूषण नहीं, दाम
उसके बंदी जीवन के !
उसे मानवी का गौरव दे
पूर्ण सत्व दो नूतन,
उसका मुख जग का प्रकाश हो,
उठे अंध अवगुंठन।
मुक्त करो जीवन–संगिनी को,
जननी देवी को आदृत
जगजीवन में मानव के संग
हो मानवी प्रतिष्ठित !
प्रेम–स्वर्ग हो धरा, मधुर
नारी महिमा से मंडित,
नारी-मुख की नव किरणों से
युग–प्रभात हो ज्योतित !
Q. 'नारी-मुख की नव किरणों से युग-प्रभात हो ज्योतित!' पंक्ति का भाव क्या होगा?
मुहावरे और लोकोक्तियों के प्रयोग के संदर्भ में कौन सा कथन उचित है?
भाषा की कक्षा में बालको की मौखिक अभिव्यक्ति के दौरान किया जाने वाला आकलन है।
भाषा शिक्षाशास्त्री सुझाव देते है कि शिक्षार्थी तब अच्छी तरह से सीखते हैं, जब तक वे स्वयं न करने लग जाए तब तक अध्यापक उन्हें सहारा देते रहें। शब्दभंडार सिखानें के लिए कौन सी युक्ति सही नहीं है?
श्रव्य-दृश्य सामग्री नहीं है:
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. लेखक ने 'दूध का धुला न होना' किसे कहा है?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. गद्यांश से निष्कर्ष निकलता है कि :
जिस उद्देश्य के लिये परीक्षण तैयार किया गया है, यदि वह उसकी पूर्ति करता है, तो वह कहलायेगा?
दो माह के आस-पास बच्चे स्वर (वॉवल) समान ध्वनियाँ निकालते हैं, इसे क्या कहा जाएगा ?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. उपरोक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक बताइए।
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
आधुनिकतावाद, अपनी व्यापक परिभाषा में, आधुनिक सोच, चरित्र, या प्रथा है अधिक विशेष रूप से, यह शब्द उन्नीसवीं सदी के अंत और बीसवीं सदी के आरम्भ में मूल रूप से पश्चिमी समाज में व्यापकतम पैमाने पर और सुदूर परिवर्तनों से उत्पन्न होने वाली सांस्कृतिक प्रवृत्तियों के एक समूह एवं सम्बद्ध सांस्कृतिक आन्दोलनों की एक सारणी दोनों का वर्णन करता है। यह शब्द अपने भीतर उन लोगों की गतिविधियों और उत्पादन को समाहित करता है जो एक उभरते सम्पूर्ण औद्योगीकृत विश्व की नवीन आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक स्थितियों में पुराने होते जा रहे कला, वास्तुकला, साहित्य, धार्मिक विश्वास, सामाजिक संगठन और दैनिक जीवन के "पारंपरिक" रूपों को महसूस करते थे। आधुनिकतावाद ने ज्ञानोदय की सोच की विलंबकारी निश्चितता को और एक करुणामय, सर्वशक्तिशाली निर्माता के अस्तित्व को भी मानने से अस्वीकार कर दिया। इसका मतलब यह नहीं है कि सभी आधुनिकतावादी लोगों या आधुनिकतावादी आन्दोलनों ने या तो धर्म को या ज्ञानोदय की सोच के पहलुओं को मानने से इंकार कर दिया है, इसके बजाय कि आधुनिकतावाद को अतीत काल की ''सूक्तियों'' के पूछताछ के रूप में देखा जा सकता है। आधुनिकतावाद की एक मुख्य विशेषता आत्म-चेतना है। इसकी वजह से अक्सर रूप और कार्य पर प्रयोग किया जाता है जो प्रक्रियाओं और प्रयुक्त सामग्रियों की तरफ (और मतिहीनता की अगली प्रवृत्ति की तरफ) ध्यान आकर्षित करता है। "मेक इट न्यू!" के लिए कवि एज़्रा पाउंड पर रूप निदर्शनात्मक निषेधाज्ञा लग गई थी। आधुनिकतावादियों के "नव निर्माण" में एक नया ऐतिहासिक युग शामिल था या नहीं, यह अब बहस का मुद्दा बना हुआ है।
Q. प्रस्तुत गद्यांश का उचित शीर्षक क्या होगा?
फ़ैली खेतों में दूर तलक
मखमल की कोमल हरियाली,
लिपटी जिससे रवि की किरणें
चाँदी की सी उजली जाली।
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक,
श्यामल भू तल पर झुका हुआ
नभ का चिर निर्मल नील फलक।
रोमांचित - सी लगती वसुधा
आई जौ गेहूँ में बाली,
अरहर सनई की सोने की
किंकिणियाँ है शोभाशाली।
उडती भीनी तैलाक्त गंध,
फूली सरसों पीली - पीली,
लो, हरित धरा से झाँक रही
नीलम की कलि, तीसी नीली।
रंग - रंग के फूलो में रिलमिल
हंस रही सखियाँ मटर खडी
मखमली पेटियों सी लटकी
छीमियाँ, छिपाए बीज लड़ी
फिरती है रंग रंग की तितली
रंग - रंग के फूलो पर सुंदर,
फुले फिरते हो फूल स्वयं
उड़ - उड़ वृन्तो से वृन्तो पर।
Q. इनमें से कौन-सा ‘वसुधा’ का समानार्थी है?
निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्न का उत्तर दीजिए।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षण एवं एक्जिट पोल का लोकतन्त्र में क्या महत्त्व है? यह प्रश्न विचारणीय है। लोकतन्त्र रूपी वृक्ष जनता द्वारा रोपा और सींचा जाता है, इसके पल्लवन एवं पुष्पन में मीडिया की विशेष भूमिका होती है। भारत एक लोकतान्त्रिक राष्ट्र है।लोकतान्त्रिक राष्ट्र में नागरिकों को विशिष्ट अधिकार और स्वतन्त्रताएँ प्राप्त होती हैं। भारतीय संविधान ने भी अनुच्छेद 19 (i) के अन्तर्गत नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता प्रदान की है, लेकिन जनता के व्यापक हित पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली स्वतन्त्रता बाधित भी की जानी चाहिए।
भारत जैसे अल्पशिक्षित देश में इस प्रकार के सर्वेक्षण अनुचित हैं। देश की आम जनता पर मीडिया द्वारा किए जाने वाले चुनाव पूर्व सर्वेक्षण और चुनाव के तुरन्त पश्चात् किए जाने वाले एक्जिट पोल का भ्रामक प्रभाव पड़ता है। वह विजयी होती पार्टी की ओर झुक जाती है। आज भी सामान्य लोगों के बीच ये आम धारणा है कि हम अपना वोट खराब नहीं करेंगे, जीतने वाले प्रत्याशी को ही वोट देंगे।
वर्तमान में बाजारवाद अपने उत्कर्ष पर है और मीडिया इसके दुष्प्रभाव से अनछुआ नहीं है। यह कहना अतिशयोक्ति न होगी कि आज मीडिया भी अधिकाधिक संख्या में प्रसार और धन पाने को बुभुक्षित है। मीडिया सत्ताधारी और मजबूत राजनीतिक दलों के प्रभाव में भी रहता है। ये दल धन के बल पर लोक रुझान को अपने पक्ष में दिखाने में सफल हो जाते हैं और सम्पूर्ण चुनाव प्रक्रिया को ही धता बता देते हैं। इस प्रकार सत्ता एवं धन इन सर्वेक्षणों को प्रभावित करते हैं। इन्हें दूध का धुला नहीं कहा जा सकता। भारत जैसे लोकतान्त्रिक राष्ट्र में जहाँ जनता निर्वाचन प्रक्रिया के माध्यम से अपना मत अभिव्यक्त करती है, वहाँ इन सर्वेक्षणों के औचित्य-अनौचित्य पर विचार किया जाना चाहिए।
न्यायालय को यदि संविधान के अनुसार चलने की बाध्यता है, तो संसद को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्राप्त है। वह अपने अधिकारों का प्रयोग करके कोई सार्थक प्रयास कर सकती है।
Q. 'बुभुक्षित' शब्द के लिए कौन सा वाक्यांश उपयुक्त है?
Directions: Read the passage given below and answer the question that follows.
Once upon a time, there lived a sparrow in a tree. He was very happy to have a beautiful and comfortable nest of his own in the tree. The sparrow used to fly to far off places to pick at grains from so many fields, full of crops. At the Sun set, he would return to his perch. One day, the sparrow ate his fill, but could not return to his nest because of the heavy rains which continued for the whole night. The sparrow had to spend the whole night in a big banyan tree a little distance away from home.
The next morning, when the rain stopped and the sky became clear, the sparrow returned to his tree. He was astonished to find a rabbit occupying his beautiful and comfortable nest. The sparrow lost his temper and spoke to the rabbit, "It's my home you're sitting in. Please quit this place at once".
"Do not talk like a fool", replied the rabbit. "Trees, rivers and lakes do not belong to anyone. Places like these are yours only so long as you are living in. If someone else occupies it in your absence, it belongs to the new occupant. So, go away and do not disturb me anymore".
But, the sparrow was not satisfied with this illogical reply. He said, "Let's ask a person of wisdom and only then our case will be settled".
At a distance from the tree, there lived a wild cat. The cat, somehow, overheard the discussion that took place between the sparrow and the rabbit.
The cat immediately thought of a plan, took a holy dip in the river, and then sat like a priest and began chanting God's name in a loud tone. When the rabbit and the sparrow heard the cat chanting God's name, they approached him with a hope to get impartial justice and requested him to pass a judgement in the matter.
The cat became very happy to have both of them in front of him. He pretended to listen to their arguments. But, as soon as the right opportunity came, the cat pounced upon both of them and killed and ate them together with great relish.
(from Panchtantra)
Q. This story should
Directions: Read the passage given below and answer the question that follows.
Once upon a time, there lived a sparrow in a tree. He was very happy to have a beautiful and comfortable nest of his own in the tree. The sparrow used to fly to far off places to pick at grains from so many fields, full of crops. At the Sun set, he would return to his perch. One day, the sparrow ate his fill, but could not return to his nest because of the heavy rains which continued for the whole night. The sparrow had to spend the whole night in a big banyan tree a little distance away from home.
The next morning, when the rain stopped and the sky became clear, the sparrow returned to his tree. He was astonished to find a rabbit occupying his beautiful and comfortable nest. The sparrow lost his temper and spoke to the rabbit, "It's my home you're sitting in. Please quit this place at once".
"Do not talk like a fool", replied the rabbit. "Trees, rivers and lakes do not belong to anyone. Places like these are yours only so long as you are living in. If someone else occupies it in your absence, it belongs to the new occupant. So, go away and do not disturb me anymore".
But, the sparrow was not satisfied with this illogical reply. He said, "Let's ask a person of wisdom and only then our case will be settled".
At a distance from the tree, there lived a wild cat. The cat, somehow, overheard the discussion that took place between the sparrow and the rabbit.
The cat immediately thought of a plan, took a holy dip in the river, and then sat like a priest and began chanting God's name in a loud tone. When the rabbit and the sparrow heard the cat chanting God's name, they approached him with a hope to get impartial justice and requested him to pass a judgement in the matter.
The cat became very happy to have both of them in front of him. He pretended to listen to their arguments. But, as soon as the right opportunity came, the cat pounced upon both of them and killed and ate them together with great relish.
(from Panchtantra)
Q. The story can be divided into
Directions: Choose the appropriate word group for the underlined words in the given sentence.
My grandfather is 90 but he is as fit as a fiddle.
"If a child is given task that is little difficult from his level, then he connects better and learns." Which area of development of children is indicated by Lev Vygotsky in above statement ?
Direction: Read the following passage and answer the questions that follow.
She was one of those pretty and charming girls born, as if by an error of fate, into a family of clerks. She had no dowry, no expectations, no means of becoming known, understood, loved, or wedded by a man of wealth and distinction. So she let herself be married to a minor official at the Ministry of Education.
She dressed plainly because she had never been able to afford anything better, but she was as unhappy as if she had once been wealthy. Women don't belong to a caste or class; their beauty, grace, and natural charm take the place of birth and family. Natural delicacy, instinctive elegance, and a quick wit determine their place in society and make the daughters of commoners the equals of the very finest ladies.
She suffered endlessly, feeling she was entitled to all the delicacies and luxuries of life. She suffered because of the poorness of her house as she looked at the dirty walls, the worn-out chairs, and the ugly curtains. All these things that another woman of her class would not even have noticed tormented her and made her resentful. The sight of the little Brenton girl who did her housework filled her with terrible regrets and hopeless fantasies. She dreamed of silent antechambers hung with Oriental tapestries, lit from above by torches in bronze holders, while two tall footmen in knee-length breeches napped in huge armchairs, sleepy from the stove's oppressive warmth. She dreamed of vast living rooms furnished in rare old silks, elegant furniture loaded with priceless ornaments, and inviting smaller rooms, perfumed, made for afternoon chats with close friends - famous, sought after men, who all women envy and desire.
When she sat down to dinner at a round table covered with a three-day-old cloth opposite her husband who, lifting the lid off the soup, shouted excitedly, "Ah! Beef stew! What could be better," she dreamed of fine dinners, of shining silverware, of tapestries which peopled the walls with figures from another time and strange birds in fairy forests; she dreamed of delicious dishes served on wonderful plates, of whispered gallantries listened to with an inscrutable smile as one ate the pink flesh of a trout or the wings of a quail.
Q. Which word is opposite in meaning to the word, ‘Natural'?
Directions: Read the passage given below and answer the question that follows.
Once upon a time, there lived a sparrow in a tree. He was very happy to have a beautiful and comfortable nest of his own in the tree. The sparrow used to fly to far off places to pick at grains from so many fields, full of crops. At the Sun set, he would return to his perch. One day, the sparrow ate his fill, but could not return to his nest because of the heavy rains which continued for the whole night. The sparrow had to spend the whole night in a big banyan tree a little distance away from home.
The next morning, when the rain stopped and the sky became clear, the sparrow returned to his tree. He was astonished to find a rabbit occupying his beautiful and comfortable nest. The sparrow lost his temper and spoke to the rabbit, "It's my home you're sitting in. Please quit this place at once".
"Do not talk like a fool", replied the rabbit. "Trees, rivers and lakes do not belong to anyone. Places like these are yours only so long as you are living in. If someone else occupies it in your absence, it belongs to the new occupant. So, go away and do not disturb me anymore".
But, the sparrow was not satisfied with this illogical reply. He said, "Let's ask a person of wisdom and only then our case will be settled".
At a distance from the tree, there lived a wild cat. The cat, somehow, overheard the discussion that took place between the sparrow and the rabbit.
The cat immediately thought of a plan, took a holy dip in the river, and then sat like a priest and began chanting God's name in a loud tone. When the rabbit and the sparrow heard the cat chanting God's name, they approached him with a hope to get impartial justice and requested him to pass a judgement in the matter.
The cat became very happy to have both of them in front of him. He pretended to listen to their arguments. But, as soon as the right opportunity came, the cat pounced upon both of them and killed and ate them together with great relish.
(from Panchtantra)
Q. This story can be used for teaching
To which of the following categories does TV belong as a teaching aid?
What is the primary difference between Piaget's and Vygotsky's theories of language development?
Arrange the following stages of cognitive development as recommended by Piaget:
(A) Sensorimotor stage
(B) Concrete operational stage
(C) Pre-operational stage
(D) Formal operational stage
Choose the correct answer from the options given below :
Direction: Read the following passage and answer the questions that follow.
She was one of those pretty and charming girls born, as if by an error of fate, into a family of clerks. She had no dowry, no expectations, no means of becoming known, understood, loved, or wedded by a man of wealth and distinction. So she let herself be married to a minor official at the Ministry of Education.
She dressed plainly because she had never been able to afford anything better, but she was as unhappy as if she had once been wealthy. Women don't belong to a caste or class; their beauty, grace, and natural charm take the place of birth and family. Natural delicacy, instinctive elegance, and a quick wit determine their place in society and make the daughters of commoners the equals of the very finest ladies.
She suffered endlessly, feeling she was entitled to all the delicacies and luxuries of life. She suffered because of the poorness of her house as she looked at the dirty walls, the worn-out chairs, and the ugly curtains. All these things that another woman of her class would not even have noticed tormented her and made her resentful. The sight of the little Brenton girl who did her housework filled her with terrible regrets and hopeless fantasies. She dreamed of silent antechambers hung with Oriental tapestries, lit from above by torches in bronze holders, while two tall footmen in knee-length breeches napped in huge armchairs, sleepy from the stove's oppressive warmth. She dreamed of vast living rooms furnished in rare old silks, elegant furniture loaded with priceless ornaments, and inviting smaller rooms, perfumed, made for afternoon chats with close friends - famous, sought after men, who all women envy and desire.
When she sat down to dinner at a round table covered with a three-day-old cloth opposite her husband who, lifting the lid off the soup, shouted excitedly, "Ah! Beef stew! What could be better," she dreamed of fine dinners, of shining silverware, of tapestries which peopled the walls with figures from another time and strange birds in fairy forests; she dreamed of delicious dishes served on wonderful plates, of whispered gallantries listened to with an inscrutable smile as one ate the pink flesh of a trout or the wings of a quail.
Q. She dreamed of:
Choose the word which is most opposite in meaning of the word given.
Polite