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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Karnataka TET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test Karnataka TET Mock Test Series 2024 - Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science)

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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 1

Arrange the following stages of cognitive development as recommended by Piaget:
(A) Sensorimotor stage
(B) Concrete operational stage
(C) Pre-operational stage 
(D) Formal operational stage
Choose the correct answer from the options given below :

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 1

Jean Piaget, a Swiss psychologist, proposed that children's cognitive development proceeds through four stages:

  • Sensorimotor stage (birth to 2 years): Children use their senses and motor abilities to understand the world around them. They learn through direct experiences with objects and people.
  • Preoperational stage (2 to 7 years): Children develop mental symbols to represent objects and ideas. They begin to use language and engage in pretend play.
  • Concrete operational stage (7 to 11 years): Children develop the ability to think logically and systematically about concrete objects and events. They become more skilled at solving problems.
  • Formal operational stage (11 years and beyond): Children develop abstract thinking skills and are able to reason logically about abstract concepts and hypothetical situations.

These stages are not fixed and children may move through them at different rates. The stages provide a general framework for understanding children's cognitive development and can help educators tailor their instruction to meet the needs and abilities of their students.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 2

What type of questions asked by a teacher are convergent questions?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 2

Questions are an aid in the learning process and hence questioning skill is one of the important teaching skills required to be developed to conduct a successful classroom session by the teacher. Effective teachers use productive questions to help students advance in their thinking and to construct their own understandings.

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Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 3

The ____________ of learning in children, in which the learner perceives and responds to the whole situation, comes under Kohler's theory of understanding.

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 3

The field theory of learning in children, in which the learner perceives and responds to the whole situation, comes under Kohler's theory of understanding.
The associative theory of learning in children is described on the basis of stimulus response. In this, a relationship is established between the stimulus response. It is also called stimulus response or S-R principle.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 4

A child falling in love with a parent of other sex is the characteristic behavior of:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 4

If a child expresses affection for a parent of the opposite sex, it will be characterized by the phalic stage.
Freud's Psychological Stages of Development: Freud proposed a five-stage model of personality development. According to him, the main aspects of a person's personality develop by the age of five and remain unchanged throughout time. Furthermore, he said that in order to move from one stage to another, a child needs to successfully resolve the conflicts of each stage.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 5

निर्देश: दिए गए पद्यांश को पढकर निम्नलिखित प्रश्नों के सही विकल्प छाँटिएI
पूछे सिकता-कण से हिमपति!
तेरा वह राजस्थान कहाँ?
वन-वन स्वतंत्रता-दीप लिये
फिरनेवाला बलवान कहाँ?
तू पूछ, अवध से, राम कहाँ?
वृंदा! बोलो, घनश्याम कहाँ?
ओ मगध! कहाँ मेरे अशोक?
वह चंद्रगुप्त बलधाम कहाँ ?
पैरों पर ही है पड़ी हुई
मिथिला भिखारिणी सुकुमारी,
तू पूछ, कहाँ इसने खोयीं
अपनी अनंत निधियाँ सारी?
री कपिलवस्तु! कह, बुद्धदेव
के वे मंगल-उपदेश कहाँ?
तिब्बत, इरान, जापान, चीन
तक गये हुए संदेश कहाँ?
वैशाली के भग्नावशेष से
पूछ लिच्छवी-शान कहाँ?
ओ री उदास गंडकी! बता
विद्यापति कवि के गान कहाँ?
तू तरुण देश से पूछ अरे,
गूँजा कैसा यह ध्वंस-राग?
अंबुधि-अंतस्तल-बीच छिपी
यह सुलग रही है कौन आग?
प्राची के प्रांगण-बीच देख,
जल रहा स्वर्ण-युग-अग्निज्वाल,

Q. पद्यांश की भाषा है:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 5

पद्यांश की भाषा ओज गुण युक्त है।
ओज गुण: ऐसी काव्य रचना जिसको पढ़ने से चित्त में जोश, वीरता, उल्लास आदि की भावना उत्पन्न हो जाती है, वह ओजगुणयुक्त काव्य रचना मानी जाती है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 6

दिए गए गद्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
गोंड जनजाति, भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय हैं। भारत के कटि प्रदेश- विंध्यपर्वत, सिवान, सतपुड़ा पठार, छत्तीसगढ़ मैदान में दक्षिण तथा दक्षिण-पश्चिम - में गोदावरी नदी तक फैले हुए पहाड़ों और जंगलों में रहने वाली आस्ट्रोलायड नस्ल तथा द्रविड़ परिवार की एक जनजाति, जो संभवत: पाँचवीं-छठी शताब्दी में दक्षिण से गोदावरी के तट को पकड़कर मध्य भारत के पहाड़ों में फैल गई। यह एक स्वतंत्र जनजाति थी, जिसका अपना राज्य था और जिसके 52 गढ़ थे। मध्य भारत में 14वीं से 18वीं शताब्दी तक इसका राज्य रहा था। मुग़ल शासकों और मराठा शासकों ने इन पर आक्रमण कर इनके क्षेत्र पर अधिकार कर लिया और इन्हें घने जंगलों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में शरण लेने को बाध्य किया। गोंड जनजाति के लोग काले तथा गहरे भूरे रंग के होते हैं। गोंड अपने वातावरण द्वारा प्रस्तुत भोजन सामग्री एवं कृषि से प्राप्त वस्तुओं पर अधिक निर्भर रहते हैं। इनका मुख्य भोजन कोदों, ज्वार और कुटकी मोटे अनाज होते हैं, जिन्हें पानी में उबालकर 'झोल' या 'राबड़ी' अथवा 'दलिया' के रूप में दिन में तीन बार खाया जाता है। रात्रि में चावल अधिक पसन्द किये जाते हैं। कभी-कभी कोदों और कुटकी के साथ सब्जी एवं दाल का भी प्रयोग किया जाता है। गोंड खेतिहर हैं और परंपरा से दहिया खेती करते हैं जो जंगल को जलाकर उसकी राख में की जाती है और जब एक स्थान की उर्वरता तथा जंगल समाप्त हो जाता है तब वहाँ से हटकर दूसरे स्थान को चुन लेते हैं। किंतु सरकारी निषेध के कारण यह प्रथा बहुत कम हो गई है। अनेक गोंड लंबे समय से हिन्दू धर्म तथा संस्कृति के प्रभाव में हैं और कितनी ही जातियों तथा कबीलों ने बहुत से हिन्दू विश्वासों, देवी देवताओं, रीति रिवाजों तथा वेशभूषा को अपना लिया है। पुरानी प्रथा के अनुसार मृतकों को दफनाया जाता है, किंतु बड़े और धनी लोगों के शव को जलाया जाने लगा है। स्त्रियाँ तथा बच्चे दफनाए जाते हैं। 

Q. गोंड जनजाति भारत की एक प्रमुख ____ समुदाय हैं।

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 6

गोंड जनजाति भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय है।

  • जातीय का अर्थ - जाति से सम्बन्धित।
  • गद्यांश के अनुसार - गोंड जनजाति भारत की एक प्रमुख जातीय समुदाय है।
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 7

निर्देश: कविता को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्नों में सबसे उचित विकल्प चुनिए।
जब नहीं था इन्सान
धरती पर थे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्हीं सबके बीच उतरा इन्सान
और घटने लगे जंगल
जंगली जानवर, परिंदे
इन्सान बढ़ने लगा बेतहाशा
अब कहाँ जाते जंगल,
जंगली जानवर, परिंदे
प्रकृति किसी के साथ
नहीं करती नाइन्साफ़ी
सभी के लिए बनाती है जगह सो अब
इन्सानों के भीतर उतरने लगे हैं
जंगल, जंगली जानवर
और परिंदे

Q. उपरोक्त काव्यांश के अनुसार, 'इन्सान ख़ूब तरक़्की करने लगा' का अर्थ है:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 7

उपरोक्त काव्यांश के अनुसार, 'इन्सान ख़ूब तरक़्की करने लगा' का अर्थ 'इन्सान ख़ूब उन्नति करने लगा' है।
पद्यांश के माध्यम से कवि कहता है कि इंसानों ने अपने जीवनयापन के लिए जंगलों, जंगली जानवरों एवं परिन्दों को घटाना शुरू कर दिया। जिससे प्रकृति में पर्यावरण प्रभावित हुआ तथा इन्सान ख़ूब तरक़्की करने लगा।
अन्य तथ्य - 
इन्सान का पर्यायवाची - मनुष्य, आदमी, मानव, मानुष
तरक्की का पर्यायवाची - उन्नति, उत्कर्ष, प्रगति, विकास

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 8

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश का ध्यानपूर्वक अध्ययन कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
काल को हम बांध नहीं सकते। वह स्वत: नियंत्रित है, अबाध है। देवों का आह्वान करते हुए हम सकल कामना सिद्धि का संकल्प व्यक्त करते हुए और फिर विदा करते हुए कहते हैं- 'गच्छ-गच्छ सुरश्रेष्ठ पुनरागमनाय च'। जिसका अर्थ 'हे देव, आप स्वस्थान को तो जाएं, परंतु फिर आने के लिए' है। कितनी सकारात्मक हमारी संस्कृति है, जिसका मूल है- जो मानव मात्र के लिए हितकारी हो, कल्याणकारी हो, वह पुन:-पुन: हमारे जीवन में आए। गत वर्ष के लिए भी क्या ऐसी विदाई देना हमारे लिए संभव नहीं ? यह प्रश्न अनुत्तरित है। यह आना-जाना, आगमन-प्रस्थान सब क्या है ? एक उत्तर है कि ये काल द्वारा नियंत्रित क्रिया- प्रतिक्रियाएं हैं। जो आया है, वह जाएगा। फिर जो गया है, वह भी आएगा। यह हमारी संस्कृति की मान्यता है। हाल ही में एक विद्वान से उनके परिवार में हुई मृत्यु पर शोक संवेदना में कहा- 'गत आत्मा को शांति प्राप्त हो'। उन्होंने तुरंत ही टोकते हुए कहा- शांति प्राप्ति की बात तो पश्चिमी संस्कृति-सभ्यता की बात है। भारतीय परंपरा में तो उचित है- 'गत आत्मा को सद्गति प्राप्त हो'। इसके पीछे का गूढ़ भाव नए वर्ष के आगमन और पुराने वर्ष की विदाई की वेला को पूरी सार्थकता प्रदान करता है। शब्द और अर्थ मिलकर ही काल का, काल की गति का अर्थात् परिवर्तन का बोध कराते हैं। काल (समय) निराकार है, अबूझ है। मानव ने समय को बांधने का बहुत प्रयास किया- पल, घड़ी, घंटा, दिन, सप्ताह, महीना, साल, मन्वन्तर... फिर भी समय कभी बंधा नहीं, कहीं ठहरता नहीं। 'कालोस्मि भरतर्षभ' कहकर कृष्ण ने काल की सार्वकालिक सत्ता को प्रतिपादित किया। इस सत्ता के आगे नत भाव से, साहचर्य के भाव से हम नया वर्ष मनाते हैं। काल ने जो दिया था, उसे स्वीकार करें और नए वर्ष में जो मिलेगा, उसको अंगीकार-स्वीकार करने के लिए हम पूरी तैयारी, पूरे जोश से तैयार रहें। इसी में पुरातन और नववर्ष के सन्धिकाल की सार्थकता है। यह सत्य है कि परिणाम पर मनुष्य का कोई नियंत्रण या दखल नहीं, पर नया साल भी पुराना होगा। इसलिए मनुष्य एक साल की अवधि के लिए अपने जीवन के कुछ नियामक लक्ष्य तो तय कर सकता है। नए साल का सूरज यही प्रेरणा लेकर आया है। जीवन के चरम लक्ष्य पीछे छूटते जा रहे हैं, खोते जा रहे हैं। ऐसे में नए वर्ष की शुरुआत अपने लक्ष्य निर्धारित करने का अच्छा अवसर है, आत्म निरीक्षण का अचूक मौका है यह। काल शाश्वत है। नए साल का आगमन और पुराने की विदाई यह हमारा कालबोध ही तो है। आगत का स्वागत भारतीय परम्परा के मूल में है। जो आया है, अतिथि है उसे अपना लो। काल के साथ, समय के साथ चलना मनुष्य की नियति है, परंतु काल के कपाल पर कुछ अंकित करने का संकल्प मनुष्य की जिजीविषा का मूल है।

Q. जो स्वतः नियंत्रित है, अबाध है, वह क्या है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 8

गद्यांश के अनुसार, "काल को हम बांध नहीं सकते। वह स्वत: नियंत्रित है, अबाध है।"

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 9

निर्देश: निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढकर उनके नीचे दिये गये बहुविकल्पी प्रश्नों में सही विकल्प का चयन करें।
उभरी नसोंवाले हाथ
घिसे नाखूनों वाले हाथ
पीपल के पत्ते से नये-नये हाथ
जूही की डाल से खुशबूदार हाथ
गंदे कटे पिटे हाथ
जख्म से फटे हुये हाथ
खुशबु रचते हैं हाथ
खुशबु रचते हैं हाथ।
यहीं इस गली में बनती हैं
मुल्क की मशहूर अगरबत्तियाँ
इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग
बनाते है केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
अगरबत्तियाँ
दुनिया की सारी गंदगी के बीच
दुनिया की सारी खुशबू
रचते रहते हैं हाथ
खुशबू रचते हैं हाथ।

Q. विभिन्न प्रकार की खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनती हैं:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 9

गंदे मुहल्लों में विभिन्न प्रकार की खुशबूदार अगरबत्तियाँ बनती हैं।
सन्दर्भ पंक्ति - 
इन्हीं गंदे मुहल्लों के गंदे लोग
बनाते है केवड़ा गुलाब खस और रातरानी
अगरबत्तियाँ

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 10

दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए तथा पूछे गए प्रश्न के उत्तर के लिए सबसे उपयुक्त विकल्प का चयन कीजिए।
राजभाषा का अर्थ राजा या राज्य की भाषा है। वह भाषा जिसमें शासक या शासन का काम होता है। राष्ट्रभाषा वह है जिसका व्यवहार राष्ट्र के सामान्य जन करते है। राजभाषा का क्षेत्र सीमित होता है। राष्ट्र भाषा सारे देश की संपर्क भाषा है। राष्ट्रभाषा के साथ जनता का भावात्मक लगाव रहता है क्योंकि उसके साथ जनसाधारण की सांस्कृतिक परम्पराएँ जुड़ी रहती हैं। राजभाषा के प्रति वैसा सम्मान हो तो सकता है, लेकिन नहीं भी हो सकता है, क्योंकि वह अपने देश की भी हो सकती है। किसी गैर देश से आये शासक की भी हो सकती है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आज हिन्दी राजभाषा के रूप में ही विराजित है। 14 सितंबर, 1949 ई. को भारत के संविधान में हिन्दी को मान्यता प्रदान की गई है। संविधान की अनुच्छेद 120 के अनुसार संसद का कार्य हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जाता है। अनुच्छेद 210 के अंतर्गत राज्यों के विधानमंडलों का कार्य अपने-अपने राज्य की राजभाषा या हिन्दी में या अंग्रेजी में किया जा सकता है। 343 के अनुसार संघ की राजभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी। इस भाषा का प्रसार तथा प्रचार के लिए महात्मा गाँधी का योगदान रहा है। अनुच्छेद 344 में राष्ट्रपति को शासकीय कार्य में हिन्दी भाषा का प्रयोग अधिक करने के लिए कहा गया है।

Q. निम्न में से समूह से भिन्न कौन-सा है ?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 10

रहा शब्द समूह से भिन्न है।

  • रहा शब्द क्रिया है 
  • जबकि अन्य शब्द संज्ञा है।
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 11

निर्देश : निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले  विकल्प को चुनकर लिखिए।
जीवन के इस मोड़ पर
कुछ भी कहा जाता नहीं।
अधरो की ड्योढ़ी पर
शब्दों के पहरे हैं।
हँसने को हँसते हैं
जीने को जीते हैं
साधन-सुभीतों में
ज्यादा ही रीते हैं।
बाहर से हरे-भरे
भीतर घाव मगर गहरे
सबके लिए गूँगे हैं ---
अपने लिए बहरे हैं।

Q. 'भीतर के घाव' से तात्पर्य है

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 11

प्रस्तुत पद्यांश के अनुसार भीतर की पीड़ा से तात्पर्य 'हृदय की पीड़ा' से होता है। 

  • ह्रदय की पीड़ा से तात्पर्य- मानसिक पीड़ा से है।
  • वाक्य प्रयोग:- दशरथ जी मृत्यु की बात सुनकर श्री राम के भीतर के घाव और अधिक दर्द देने लग गए। 
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 12

दिशानिर्देश: नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक अध्ययन करे और इस पर आधारित प्रश्नो के उत्तर दे:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं कक्षा के अच्छे परिणाम से जहां खुशी का संचार हुआ है, वहीं इससे अन्य छात्रों को बेहतर पढ़ाई की प्रेरणा भी मिली है। कुल 91.46 प्रतिशत छात्र परीक्षा में सफल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 0.36 प्रतिशत बेहतर नतीजे रहे हैं। अब यह आश्चर्य की बात नहीं कि लड़कियों ने 93.31 के पास प्रतिशत के साथ लड़कों को पछाड़ दिया है। लड़कों के पास होने का प्रतिशत 90.14 रहा है। खास बात यह रही कि इस वर्ष 2.23 प्रतिशत या 41,804 छात्रों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। यह बहुत सकारात्मक बात है कि 18 लाख विद्यार्थियों के बीच 1.84 लाख से अधिक ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल किए हैं। मोटे तौर पर यह कहा जा सकता है कि 10 में से एक विद्यार्थी को 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल होने लगे हैं, यह कहीं न कहीं बेहतर होती शिक्षा की ओर एक इशारा है।
एक अच्छी बात यह रही है कि सीबीएसई ने कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न परिस्थितियों को देखते हुए इस वर्ष 12वीं और 10वीं, दोनों कक्षाओं के टॉपरों का एलान नहीं किया है। शिक्षाविद भी मानते हैं कि टॉपरों के एलान से लाभ कम और नुकसान ज्यादा होते हैं। आज छात्रों के बीच चिंता का माहौल है, वे घरों में रहने को विवश हैं, उनमें अकेलापन, अवसाद और अन्य तरह की समस्याएं बढ़ी हैं। अत: आज शिक्षा बोर्ड को ऐसी कोई पहल नहीं करनी चाहिए कि छात्रों की बड़ी जमात में किसी तरह का असंतोष, दुख या अपमान पैदा हो। कोरोना के इस दौर में हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि 10वीं की परीक्षा ढंग से नहीं हो पाई है। अनेक विषयों की परीक्षा कोरोना के कारण स्थगित करनी पड़ी है। परीक्षा फिर से लेने के प्रयास भी सफल नहीं रहे हैं। ऐसे में, विद्यार्थी जिन विषयों की परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनमें उन्हें आनुपातिक रूप से ही अंक दिए गए हैं। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि परिणाम संपूर्ण नहीं है। यदि कोई छात्र परीक्षा रद्द होने से पहले तीन से अधिक विषयों की परीक्षा दे चुका था, तो उसे तीन उच्चतम प्राप्त अंकों के हिसाब से बाकी विषयों में अंक दिए गए हैं। इस व्यवस्था में उन छात्रों के साथ अच्छा नहीं हुआ है, जो तीन से कम विषयों की परीक्षा दे पाए थे। ऐसे विद्यार्थियों के परिणाम की गणना में आंतरिक, व्यावहारिक और परियोजना मूल्यांकन के अंकों पर भी गौर किया गया है।
बेशक, परीक्षा परिणाम सामने हैं, लेकिन कामचलाऊ ही हैं। उम्मीद करनी चाहिए कि कोरोना काबू में आएगा और दोबारा इस तरीके से मूल्यांकन की जरूरत नहीं रह जाएगी। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए भी सामान्य शिक्षा, परीक्षा और परिणाम की बहाली बहुत जरूरी है। फिर भी एनसीईआरटी और सीबीएसई जैसी संस्थाओं को ऑनलाइन परीक्षा के पुख्ता तरीकों पर भी काम करना होगा। आने वाले दिनों में जो परीक्षाएं होंगी, उनका ढांचा कैसा हो? कैसे विद्यार्थियों का सही मूल्यांकन हो सके? इसके पैमाने चाक-चौबंद करने होंगे। आगे शिक्षा की चुनौतियां बहुत बढ़ रही हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास करने ही होंगे। दसवीं और बारहवीं की अगली परीक्षाओं में अब छह-सात महीने ही बचे हैं। सुनिश्चित करना होगा कि आगामी परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों की संख्या में कोई कमी न आने पाए।

Q. इस वर्ष के परिणाम को कामचलाऊ क्यों कहा गया है?

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उपरोक्त गद्यांश के अध्ययन से हमे यह ज्ञात होता है कि इस वर्ष कोरोना के कारण केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं पूर्ण से संपन्न नहीं हो पायी जिसके परिणामस्वरूप केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने मूल्यांकन के मापदंडो में बदलाव किये। अतः हम यह निष्कर्ष निकाल सकते है कि नए मापदंडो के कारण जहा एक तरफ कुछ विद्यार्थीओ को लाभ हुआ होगा वही दूसरी तरफ ऐसे बहुत से विद्यार्थी होंगे जिन्हे नुकसान हुआ होगा। अतः यह परिणाम पूर्णतः सटीक न होते हुए एक कामचलाऊ है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 13

इनमे से कौन प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा-विकास में सर्वाधिक योगदान दे सकता है?

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 13

बच्चे घर-परिवार एवं परिवेश से सर्वप्रथम भाषा बोलना सीखते हैं। पहली बार विद्यालय में आने वाला बच्चा शब्दों के अर्थ और उनके प्रभाव से परिचित होता है।
सर्वप्रथम भाषा बच्चे अर्जन से सीखते हैं। प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा में परिवार में होने वाली परस्पर बातचीत का माहौल बच्चे के भाषा विकास में प्रभावकारी भुमिका निभाता है। परिवार में होने वाली बातचीत जितनी अधिक गुणवत्तापूर्ण होगी भाषा  विकास में उतनी ही अधिक सहायक होगी। 
अतः हम कह सकते है कि परिवार में होने वाली परस्पर गुणवत्तापूर्ण बातचीत प्राथमिक स्तर पर बच्चों के शुरुआती भाषा-विकास में सर्वाधिक योगदान दे सकती है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 14

निर्देश: निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़िए और विकल्पों में से उपयुक्त उत्तर चुनिए।
जाति-प्रथा को यदि श्रम-विभाजन मान लिया जाए तो यह स्वाभाविक विभाजन नहीं है क्योंकि यह मनुष्य की रुचि पर आधारित है। कुशल व्यक्ति या सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यक है कि हम व्यक्ति की क्षमता इस सीमा तक विकसित करें, जिससे वह अपने पेशे या कार्य का चुनाव स्वयं कर सके। इस सिद्धांत के विपरीत जाति-प्रथा का दूषित सिद्धांत यह है कि इससे मनुष्य के प्रशिक्षण अथवा उसकी निजी क्षमता का विचार किए बिना, दूसरे ही दृष्टिकोण जैसे माता-पिता के सामाजिक स्तर के अनुसार पहले से ही अर्थात गर्भधारण के समय से ही मनुष्य का पेशा निर्धारित कर दिया जाता है।
जाति-प्रथा पेशे का दोषपूर्ण पूर्वनिर्धारण ही नहीं करती, बल्कि मनुष्य को जीवन-भर के लिए एक पेशे में बाँध भी देती है, भले ही पेशा अनुपयुक्त या अपर्याप्त होने के कारण वह भूखों मर जाए। आधुनिक युग में यह स्थिति प्रायः आती है क्योंकि उद्योग धंधे की प्रक्रिया व तकनीक में निरंतर विकास और कभी-कभी अकस्मात परिवर्तन हो जाता है, जिसके कारण मनुष्य को अपना पेशा बदलने की आवश्यकता पड़ सकती है और यदि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी मनुष्य को अपना पेशा बदलने की स्वतंत्रता न हो तो इसके लिए भूखे मरने के अलावा क्या चारा रह जाता है? हिंदू धर्म की जाति प्रथा किसी भी व्यक्ति को ऐसा पेशा चुनने की अनुमति नहीं देती है, जो उसका पैतृक पेशा न हो, भले ही वह उसमें पारंगत है। इस प्रकार पेशा-परिवर्तन की अनुमति न देकर जाति-प्रथा भारत में बेरोजगारी का एक प्रमुख व प्रत्यक्ष कारण बनी हुई है।

Q. जाति-प्रथा का दोषपूर्ण पक्ष कौन - कौन से हैं?

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प्रस्तुत गद्यांश में जाति – प्रथा का दोषपूर्ण पक्ष बेरोजगारी है। इसलिए, विकल्प बेरोजगारी सटीक विकल्प है।
जाति प्रथा की कुछ विशेषताएँ भी हैं। श्रम विभाजन पर आधारित होने के कारण इससे श्रमिक वर्ग अपने कार्य मे निपुण होता गया क्योकि श्रम विभाजन का यह काम पीढ़ियों तक चलता रहा था। इससे भविष्य - चुनाव की समस्या और बेरोजगारी की समस्या भी दूर हो गए। तथापि जाति प्रथा मुख्यत: एक बुराई ही है। इसके कारण सामाजिक, राष्ट्रीय एकता में बाधा आती है जो कि राष्ट्रीय और आर्थिक प्रगति के लिए आवश्यक है।

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 15

A student has difficulty in applying the learned knowledge. For example, in word problems, the student also fails to translate sentences into equations or identify the variables. A possible solution to this problem could be

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 15

A student has difficulty in applying the learned knowledge. For example, in word problems, the student also fails to translate sentences into equations or identify the variables. A possible solution to this problem could be giving carefully designed assignment-simpler-simple-complex.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 16

A class teacher Ankita uses various tasks such as creating charts, graphs, drawing, gathering information, and presenting them through pair or group work. This type of instruction

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 16

Differentiated instruction is a teaching approach that tailors instruction to students' different learning needs. It refers to teaching through various tasks such as creating charts, graphs, drawing, gathering information, and presenting them through pair or group work. 

  • It is an approach to teaching that is intended to meet the learning needs of children with multiple intelligences & diverse abilities. 
  • It helps teachers to plan and deliver instructions based on the different strengths and weaknesses of the children in their classroom. 
  • It uses flexible grouping patterns; sometimes whole-class instruction occurs, and sometimes children work in small groups. 
Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 17

As per Noam Chomsky’s theory, the role of the Language Acquisition Device (LAD) helps children to:

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 17

Noam Chomsky, known as the father of modern linguistics, has made a crucial contribution to the field of linguistics. According to Noam Chomsky, Humans are pre-programmed with an inborn/innate ability to develop language as they have LAD ( Language Acquisition Device) and it contains the knowledge of grammatical rules which is common to all languages and allows children to understand rules of whatever language they are listening to.
Chomsky's View about language in brief:

  • Innate ability: He strongly believes that children born with an innate knowledge of grammar serve as the basis for all language acquisition.
  • Generative grammar: According to Chomsky it refers to a finite set of rules to generate sentences and can be used to produce more sentences in that language.
  • Universal Grammar Theory: It states that all children are born with an innate ability to acquire, develop, and understand language. Chomsky believed grammar must be a universal constant in humans because of something he dubbed the poverty of the stimulus.
  • Language Acquisition Device: Chomsky proposed that humans are equipped with a language acquisition device that enables a child to acquire and produce language.
    • A human child is born with the ability to learn the language and they have LAD which generates grammar rules and helps to develop language.

Therefore, from the above-mentioned points, it becomes clear that as per Noam Chomsky’s theory, the role of the Language Acquisition Device (LAD) helps children to generate grammar rules.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 18

Choose content words from the following.

Detailed Solution for Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 18

Word is the basic unit of language. It refers to a speech sound or a mixture of two or more speech sounds in both written and verbal forms of language.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 19

How many meaningful English words can be formed with the letters O, T, E using each letter once?

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'Toe' is the only meaningful word that can be formed by using the letters O, T, E.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 20

In social science class, if the local health worker is invited to address the children, then the teacher is using which type of resource in teaching?

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Community Resources are assets in a community that helps meet certain needs of those around them. These assets can be people, places or structures, and community services. Community resources help build stronger, more resilient individuals and communities. Community resources are also very helpful in teaching-learning process. 

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 21

E-learning in social science helps students for:

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E-learning is a formalized teaching-based learning system that makes use of electronic resources. E-learning is primarily centered on using computers and the Internet, while education can also take place in or outside of formal classroom settings.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 22

The symbol of variable resistance is

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Resistance symbol along with an arrow represents a variable resistor.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 23

Consider the following statements:
Statement - I: Shankara was an advocate of Advaita or the doctrine of the oneness of the individual soul and the Supreme God which is the Ultimate Reality.
Statement - II: He taught that Brahman, the only or Ultimate Reality, was formless and without any attributes.

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  • Shankara, one of the most influential philosophers of India, was born in Kerala in the eighth century.
  • He was an advocate of Advaita or the doctrine of the oneness of the individual soul and the Supreme God which is the Ultimate Reality. Hence, statement I is true.
  • According to Shankara, the individual soul (jiva) and the Supreme God (Brahman) are not separate entities, but rather they are one and the same.
  • He believed that the true nature of the individual soul is identical to the nature of Brahman and that the illusion of duality arises only because of ignorance.
  • He taught that Brahman, the only or Ultimate Reality, was formless and without any attributes. Thus, statement II is true.
  • He considered the world around us to be an illusion or Maya and preached renunciation of the world and adoption of the path of knowledge to understand the true nature of Brahman and attain salvation.

Hence we conclude that the correct option is Both (I) and (II) are true. 

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 24

Which of the following factors does not form the basis for teaching Social Science?

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The factor that forms the basis of teaching Social Science is not to transmit information on texts.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 25

Fourteenth-century text of Sanskrit which deals with grammar and poetry was called

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Sanskrit is a classical language of South Asia belonging to the Indo-Aryan branch of the Indo-European languages. It arose in South Asia after its predecessor languages had diffused there from the northwest in the late Bronze Age.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 26

In the Indian pluralistic society, textbooks of Social Science should

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Social Science as a discipline has the unique capability of being able to look at both developmental and normative issues of society. It includes disciplines of History, Geography, Political Science, Economics, and Sociology.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 27

Which of the following social science questions provides greater scope for developing critical thinking skills?
A. What do you mean by a volcano?
B. Why is there a need to study matters pertaining to economics in social sciences? Give reasons for your answer.
C. How does the subject-based approach consider knowledge?
D. What is the constitution?
Choose the correct option. 

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Critical thinking is the intellectually disciplined process of actively and skillfully conceptualizing, applying, analyzing, synthesizing, and/or evaluating information gathered from, or generated by, observation, experience, reflection, reasoning, or communication, as a guide to belief and action. Critical thinking comes from asking the right questions to come to the best conclusion possible. Strong critical thinkers analyze information from a variety of viewpoints in order to identify the best course of action. 

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 28

Himalaya and Alps are

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The Himalayas and the Alps are examples of 'fold' types of mountains.
Fold Mountain:

  • Fold mountains are created where two or more of Earth’s tectonic plates are pushed together.
  • At these colliding, compressing boundaries, rocks and debris are warped and folded into rocky outcrops, hills, mountains, and entire mountain ranges.
  • Fold mountains are created through a process called orogeny.
  • An orogenic event takes millions of years to create a fold mountain
  • Fold mountains are the most common type of mountain in the world.
  • The rugged, soaring heights of the Himalayas, Andes, and Alps are all active fold mountains. 

Hence, the correct answer is folded mountain.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 29

Which one of the following are the general aims of learning social sciences at the upper primary/ elementary school level?
1) To acquaint students with their geographical, social, and cultural environments.
2) To develop in students a sense of social competence and social commitment.
3) To develop democratic citizenship qualities among students.
4) To develop the spirit of patriotism, national feeling, and international understanding among students. 

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The objectives of teaching the social sciences at the upper primary stage are: •

  • To develop an understanding of the earth as the habitat of humankind and other forms of life.
  • To initiate the learner into a study of her/ his own region, state, and country in the global context.
  • To initiate the learner into a study of India’s past, with references to contemporary developments in other parts of the world.
  • To introduce the learner to the functioning and dynamics of social and political institutions and processes of the country.
  • To develop in the child a holistic understanding of the environment with emphasis on the interrelationship of the natural and the social environments.
  • To sensitize the child to social issues and develop in him/her respect for difference and diversity.

At this stage, the subject areas of the social drawing their content from history, geography, political science, and economics—has been introduced.
Conclusion: Emphasis needs to be given to issues like poverty, illiteracy, child and bonded labor, class, caste, gender, and environment. At the basic school level, social sciences are taught under a single unified area of study designating itself as ‘social studies curriculum’ or ‘social sciences curriculum’. Here, emphasis is given on teaching about nature and natural phenomenon, about democracy, patriotism, society and social norms, the role of a good citizen, etc. Hence, all the given options are correct. So, option (4) is correct.

Karnataka TET Paper 2 Mock Test - 9 (Social Science) - Question 30

When a teacher enters the activity-based classroom, which of the following aspects convinces the teacher that the activity is going on properly?
I. Children are totally involved in doing work without being distracted by the teacher’s presence
II. If students are asked about what they are doing they could clearly state the objectives and cause of doing that activity

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Activity is an objective-oriented task in which learner gets spontaneously involved and derives pleasure in achieving the learning objectives.
Elements of Activity: When you enter into activity-based classroom, the aspects that convince you that activity is going on properly are:

  • Children are totally involved in doing work without being disturbed by your presence.
  • They are talking among themselves, manipulating materials, trying different arrangements and ways of solving the problem.
  • If you asked about what they are doing, they could clearly state the objectives and cause of doing that activity.

Hence, all of the above aspects convinces the teacher that the activity is going on properly.

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