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Test: अपठित गद्यांश - Class 7 MCQ


Test Description

10 Questions MCQ Test Hindi Grammar Class 7 - Test: अपठित गद्यांश

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Test: अपठित गद्यांश - Question 1

एक जंगल में परिजात का एक पेड़ था। परिजात का कोई मुकाबला नहीं था। उसकी सुंदरता बेजोड़ थी। उसका रंग-रूप निराला था। परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानों किसी ने आकाश से सारे तारे तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टाँक दिए हो। नन्हें फूलों से झिलमिलाता परिजात जब सुगंध भरी पराग जंगल में बिखेरता तो जंगल नंदन बन जाता। चुंबक की तरह परिजात सबको अपनी तरफ़ खींचता, जिसे देखो, वही परिजात की तरफ़ भागता । सतरंगी शालें ओढ़े चटकीली तितलियाँ सहेलियों के साथ झुंड का झुंड बनाकर परिजात का श्रृंगार देखने आतीं तथा जाते-जाते फूलों को खींचकर ढेरों पराग अपने साथ ले जाती।

प्रश्न. परिजात अपने आप को स्वयं क्या समझता था?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 1

नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो ।

Test: अपठित गद्यांश - Question 2

एक जंगल में परिजात का एक पेड़ था। परिजात का कोई मुकाबला नहीं था। उसकी सुंदरता बेजोड़ थी। उसका रंग-रूप निराला था। परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानों किसी ने आकाश से सारे तारे तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टाँक दिए हो। नन्हें फूलों से झिलमिलाता परिजात जब सुगंध भरी पराग जंगल में बिखेरता तो जंगल नंदन बन जाता। चुंबक की तरह परिजात सबको अपनी तरफ़ खींचता, जिसे देखो, वही परिजात की तरफ़ भागता । सतरंगी शालें ओढ़े चटकीली तितलियाँ सहेलियों के साथ झुंड का झुंड बनाकर परिजात का श्रृंगार देखने आतीं तथा जाते-जाते फूलों को खींचकर ढेरों पराग अपने साथ ले जाती।

प्रश्न. इस गद्यांश का शीर्षक है

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 2

परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। केवल वही विकल्प सही हैं जो अपठित गद्यांश में लिखे गए हैं ।

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Test: अपठित गद्यांश - Question 3

एक जंगल में परिजात का एक पेड़ था। परिजात का कोई मुकाबला नहीं था। उसकी सुंदरता बेजोड़ थी। उसका रंग-रूप निराला था। परिजात को भी अपने गुणों का पूरा-पूरा पता था। नीले आसमान में सिर उठाए इस शान से खड़ा रहता, मानों पेड़ों का सरताज हो। जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता, लगता मानों किसी ने आकाश से सारे तारे तोड़कर परिजात की शाखाओं पर टाँक दिए हो। नन्हें फूलों से झिलमिलाता परिजात जब सुगंध भरी पराग जंगल में बिखेरता तो जंगल नंदन बन जाता। चुंबक की तरह परिजात सबको अपनी तरफ़ खींचता, जिसे देखो, वही परिजात की तरफ़ भागता । सतरंगी शालें ओढ़े चटकीली तितलियाँ सहेलियों के साथ झुंड का झुंड बनाकर परिजात का श्रृंगार देखने आतीं तथा जाते-जाते फूलों को खींचकर ढेरों पराग अपने साथ ले जाती।

प्रश्न. वह अनगिनत फूलों से कब लद जाता था?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 3

जब बहार के दिन आते तो परिजात अनगिनत नन्हें-नन्हें फूलों से लद जाता ।

Test: अपठित गद्यांश - Question 4

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितना अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं जनसंख्या उनके अनुपात में कहीं अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृधि पर नियंत्रण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

प्रश्न. बढ़ती जनसंख्या ने किसे जन्म दिया है?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 4

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है | केवल वे ही विकल्प सही हैं जो अदृश्य गद्यांश में लिखे गए हैं |

Test: अपठित गद्यांश - Question 5

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितना अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं जनसंख्या उनके अनुपात में कहीं अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृधि पर नियंत्रण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

प्रश्न. “नगण्य” शब्द का सही अर्थ है

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 5

“नगण्य” शब्द का सही अर्थ अपर्याप्त है |

Test: अपठित गद्यांश - Question 6

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितना अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं जनसंख्या उनके अनुपात में कहीं अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृधि पर नियंत्रण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

प्रश्न. बढ़ती जनसंख्या ने इनमें से किस समस्या को जन्म नहीं दिया है?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 6

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी | इसमें दहेज  की समस्या शामिल नहीं है |

Test: अपठित गद्यांश - Question 7

गरमी के इस प्रकोप से अपने आपको बचाने के लिए मनुष्य ने उपाय खोज निकाले हैं। साधारण आय वाले घरों में बिजली के पंखे चल रहे हैं, जो नर-नारियों की पसीने से रक्षा करते हैं। अमीरों के यहाँ वातानुकूलन यंत्र लगे हैं। समर्थ जन गरमी से बचने के लिए पहाड़ी स्थलों पर चले जाते हैं और ज्येष्ठ की तपती दोपहरी पहाड़ की ठंडी हवाओं में बिताते हैं। प्यास बुझाने के लिए शीतल पेय है बर्फ और बर्फ से बने पदार्थ ग्रीष्म के शत्रु और लोगों के लिए वरदान हैं।

प्रश्न. गरमी के प्रकोप से बचने के लिए किसने उपाय खोज निकाले हैं?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 7

गरमी के इस प्रकोप से अपने आपको बचाने के लिए मनुष्य ने उपाय खोज निकाले हैं।

Test: अपठित गद्यांश - Question 8

गरमी के इस प्रकोप से अपने आपको बचाने के लिए मनुष्य ने उपाय खोज निकाले हैं। साधारण आय वाले घरों में बिजली के पंखे चल रहे हैं, जो नर-नारियों की पसीने से रक्षा करते हैं। अमीरों के यहाँ वातानुकूलन यंत्र लगे हैं। समर्थ जन गरमी से बचने के लिए पहाड़ी स्थलों पर चले जाते हैं और ज्येष्ठ की तपती दोपहरी पहाड़ की ठंडी हवाओं में बिताते हैं। प्यास बुझाने के लिए शीतल पेय है बर्फ और बर्फ से बने पदार्थ ग्रीष्म के शत्रु और लोगों के लिए वरदान हैं।

प्रश्न. गरमी में साधारण आय के  लोगों के  लिए क्या है?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 8

साधारण आय वाले घरों में बिजली के पंखे चल रहे हैं, जो नर-नारियों की पसीने से रक्षा करते हैं।

Test: अपठित गद्यांश - Question 9

गरमी के इस प्रकोप से अपने आपको बचाने के लिए मनुष्य ने उपाय खोज निकाले हैं। साधारण आय वाले घरों में बिजली के पंखे चल रहे हैं, जो नर-नारियों की पसीने से रक्षा करते हैं। अमीरों के यहाँ वातानुकूलन यंत्र लगे हैं। समर्थ जन गरमी से बचने के लिए पहाड़ी स्थलों पर चले जाते हैं और ज्येष्ठ की तपती दोपहरी पहाड़ की ठंडी हवाओं में बिताते हैं। प्यास बुझाने के लिए शीतल पेय है बर्फ और बर्फ से बने पदार्थ ग्रीष्म के शत्रु और लोगों के लिए वरदान हैं।

प्रश्न. समर्थ जन गरमी से बचने के लिए कहाँ चले जाते हैं?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 9

समर्थ जन गरमी से बचने के लिए पहाड़ी स्थलों पर चले जाते हैं |

Test: अपठित गद्यांश - Question 10

बढ़ती जनसंख्या ने अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म दिया है- रोटी, कपड़ा, मकान की कमी, बेरोजगारी, निरक्षता, कृषि एवं उद्योगों के उत्पादनों में कमी आदि। हम जितना अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं जनसंख्या उनके अनुपात में कहीं अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं। कृषि उत्पादन और औद्योगिक विकास बढ़ती जनसंख्या के सामने नगण्य सिद्ध हो रहे हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए जनसंख्या वृधि पर नियंत्रण की अति आवश्यकता है। इसके बिना विकास के लिए किए गए सभी प्रकार के प्रयत्न अधूरे रह जाएँगे।

प्रश्न. विकास कार्य क्यों नहीं दिखाई देते ?

Detailed Solution for Test: अपठित गद्यांश - Question 10

हम जितना अधिक उन्नति करते हैं या विकास करते हैं जनसंख्या उनके अनुपात में कहीं अधिक बढ़ जाती है। बढ़ती जनसंख्या के समक्ष सभी सरकारी प्रयास असफल दिखाई देते हैं।

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