दही, घी, शहद, जल और दूध का योग, जो देवता और अतिथि के सामने रखा जाता है, उसे इस कविता में कहा है?
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विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
तुम्हारी यह दंतुरित मुसकान
मृतक में भी डाल देगी जान
धूलि-धूसर तुम्हारे ये गात…..
छोड़कर तालाब मेरी झोंपड़ी में खिल रहे जलजात
परस पाकर तुम्हारा ही प्राण,
पिघलकर जल बन गया होगा कठिन पाषाण
छू गया तुमसे कि झरने लग पड़े शेफालिका के फूल
बाँस था कि बबूल ?
तुम मुझे पाए नहीं पहचान ?
देखते ही रहोगे अनिमेष!
शिशु की मुसकान कवि को कैसी लग रही है
नागार्जुन ने कविता में किस छंद का प्रयोग किया है?
दंतुरित मुसकान देखकर पाषाण के क्या बनने की बात कवि ने कही है?
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