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हस्तनिर्मित फूटपाथ निर्माण के लिय इस्तेमाल किए गए कंक्रीट का अवपात भारतीय मानक द्वारा ________ अनुशंसित किया गया हैI
आईएस 456:2000 अनुच्छेद क्रमांक. 7.1 के अनुसार हस्तनिर्मित फूटपाथ निर्माण के लिए इस्तेमाल कंक्रीट का अवपात 25-75 मिमी है और इस अवपातमान के लिए कार्यशीलता का स्तर (डिग्री) कम हैI
कोर परीक्षण द्वारा प्रस्तुत किए गए अवयव में कंक्रीट स्वीकार्य माना जाएगा यदि कोर की औसत समकक्ष घन शक्ति कंक्रीट के ग्रेड की घन शक्ति के कम से कम q प्रतिशत के बराबर होती है, तो यहाँ पर q (%) का मान ________ हैI
आई एस 456 : 2000 के कथनानुसार कोर परीक्षण द्वारा प्रस्तुत किए गए अवयव में कंक्रीट स्वीकार्य माना जाएगा यदि कोर की औसत समकक्ष घन शक्ति निर्दिष्ट कंक्रीट के ग्रेड की घन शक्ति के कम से कम 85% प्रतिशत के बराबर होगी, लेकिन किसी भी विशिष्ट कोर की ताकत 75% से कम नहीं होती हैI
निम्नलिखित में ________ को छोड़कर बाकि सभी गुणों को बेहतर बनाने के लिए फ्लाई एश (महीन राख) को कंक्रीट (बजरी) में मिलाया जाता है:-
पोर्टलैंड सीमेंट कंक्रीट (PCC) में फ्लाई एश (महीन राख) बहुत उपयोगी है तथा यह ताजा और कठोर दोनों अवस्थाओं में कंक्रीट के निष्पादन में सुधार करता है I सामान्यत:, फ्लाई एश (महीन राख) पानी मिश्रित करने की आवश्यकता को कम करके तथा पेस्ट प्रवाह गतिविधि में सुधार करके ताजा कंक्रीट को उपयोगी बनाता हैI
ताजा कंक्रीट के लिए फ्लाई एश (महीन राख) के निम्नलिखित लाभ हैं:-
1. बेहतर कार्यशीलता: फ्लाई एश (महीन राख) में गोलाकार कण मौजूद होते हैं जो कंक्रीट मिश्रण में छोटे-छोटे बॉल बियरिंग्स का काम करते हैं इस प्रकार यह चिकनाई प्रदान करता हैI इसी वजह से पम्पिंग प्रक्रिया और समतल कार्य परिष्करण करने के दौरान घर्षण से होने वाले नुकसान को कम करके कंक्रीट की पम्प करने क्षमता को बेहतर करता हैI
2. पानी की खपत को कम करना: फ्लाई एश (महीन राख) के द्वारा सीमेंट के प्रतिस्थापन के कारण दिए गए अवपात के लिए पानी की खपत कम हो जाती हैI जब कुल सीमेंटीशियस (सीमेंट की प्रकृति वाले पदार्थ) के 20 प्रतिशत फ्लाई एश (महीन राख) उपयोग किया जाता है, तो यह कार्यशीलता को बेहतर बनाता है: फ्लाई एश (महीन राख) में गोलाकार कण मौजूद होते हैं जो कंक्रीट में छोटे-छोटे बॉल बियरिंग्स का काम करते हैं इस प्रकार यह चिकनाई प्रदान करता हैI पम्पिंग प्रक्रिया और समतल कार्य परिष्करण करने के दौरान घर्षण से होने वाले नुकसान को कम करके कंक्रीट की पम्प करने क्षमता को बेहतर करता हैI पानी की खपत लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाती हैI फ्लाई एश (महीन राख) सामग्री का जितना अधिक उपयोग होगा उतनी पानी की खपत कम होगीI सुखने पर होते संकोचन/दरारों पर पानी की कम हुई खपत का बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं पड़ताI कुछ परिस्थितियों में फ्लाई एश (महीन राख) सुखने पर हुए संकोचन को कम करने के काम आती हैI
3.जलयोजन के ताप में कमी: फ्लाई एश (महीन राख) की मात्रा को सामान मात्रा की सीमेंट से विस्थापित करने पर जलयोजन के ताप में कमी लाई जा सकती हैI जलयोजन के ताप में यह कमी लम्बी अवधि की मजबूती या स्थायित्व को कोई हानि नहीं पहुँचाती हैI जलयोजन के कम तापमान से व्यापक कंक्रीट लगाते समय तापमान में वृद्धि की समस्या को कम किया जाता हैI
सख्त कंक्रीट के लिए फ्लाई एश (महीन राख) के निम्नलिखित लाभ हैं:-
1. बुनियादी मजबूती को बढाना: उपलब्ध चुने के साथ फ्लाई एश (महीन राख) की प्रतिक्रिया से निर्मित अतिरिक्त बाइंडर समय के साथ मजबूती को सतत बनाए रखने के लिए फ्लाई एश (महीन राख) कंक्रीट को सक्षम करता हैI प्रारंभिक समय में (90 दिनों से कम) उतनी ही मजबूती प्राप्त करने के लिए रूपांकित किया गया मिश्रण अंततः सीमेंट कंक्रीट मिश्रण को मजबूत बनाता हैI
2. पारगम्यता में कमी: अतिरिक्त सीमेंटीशियस (सीमेंट की प्रकृति वाले पदार्थ) यौगिकों की प्राप्ति का पानी की कम अवयवो के साथ मिलने से कंक्रीट के छिद्र की अंत:किर्याशीलता कम हो जाती है, इस प्रकार पारगम्यता में कमी आ जाती हैI इस प्रकार कम पारगम्यता लम्बी अवधि का स्थायित्व तथा विभिन्न प्रकार के अध:पतन को रोकने में सहायक हैI
3. बेहतर स्थायित्व (टिकाऊपन): विमुक्त चुने में कमी और जिसकी वजह से सीमेंटीशियस (सीमेंट की प्रकृति वाले पदार्थ) यौगिकों में वृद्धि तथा साथ ही पारगम्यता में कमी के कारण कंक्रीट स्थायित्व में वृद्धि होती हैI
पानी के निचे कंक्रीटिंग _______ के तहत किया जा सकता है:-
पानी के नीचे कंक्रीटिंग करने विधियाँ निम्नलिखित हैं:-
1. ट्रेमी विधि
2. पंपिंग तकनीक
3. हाइड्रौ वाल्व विधि
4. वायवीय वाल्व विधि
5. स्किप (उछाल) विधि
6. टिल्टिंग पैलेट बार्ज विधि
7. पूर्व-स्थापित समुच्चय कंक्रीट
8. बैग टोगल विधि
9. बैग कंक्रीट विधि
10. कैसेन्स
नोट: पानी के नीचे कंक्रीटिंग करने के लिए बहुत ज्यादा मात्रा में तेज प्रवाह के साथ कंक्रीट डालने के लिए ट्रेमी विधि अधिक सुविधाजनक हैI
वायु-प्रक्षेपित घटकों का उपयोग _______ बनाने के लिए किया जाता है:-
वाष्पित कंक्रीट या सेलुलर कंक्रीट बनाने के लिए पोर्टलैंड सीमेंट या चूना और बारीक़ पिसे हुए सिलिका युक्त भरण से बने हुए इक पतले घोल में से हवा या गैस को गुजारा जाता है ताकि जब मिश्रण सेट और सख्त हो जाए, तो एक समान सेलुलर सरंचना बन जाएI यद्यपि, इसे वाष्पित कंक्रीट कहा जाता है, यह वास्तव में शब्द के सही तात्पर्य में एक कंक्रीट नहीं हैI जैसा की ऊपर वर्णन किया गया है, यह पानी, सीमेंट और बारीक़ पीसी हुई रेत का मिश्रण हैI वाष्पित कंक्रीट को गैस कंक्रीट, फोम कंक्रीट, सेलुलर कंक्रीट के रूप में भी जाना जाता हैI भारत में वर्तमान में कुछ कारखाने हैं जो वाष्पित कंक्रीट का निर्माण करते हैंI
कंक्रीट मिश्रण की पहली खेप के शुरुआत में मिक्सर में कुछ मोर्टार मिश्रण करने की प्रक्रिया को _______ कहा जाता है:-
ड्रम की तली में कंक्रीट का जमा हो जाना मिक्सर का एकमात्र अलाभ हैI इस पर काबू पाने के लिए मिक्सर की बटरिंग नामक एक विधि लागू होती है, जिसमें कंक्रीट की पहली खेप को मिलाने से पहले मिक्सर में कुछ मात्रा में मोर्टार मिलाया जाता हैI
कंक्रीट के नमूने के परीक्षण के दौरान लोडिंग के बढ़े हुए दर के साथ, कंक्रीट की संपीड़न शक्ति में _______ होता/होती हैI
भार के इस्तेमाल का दर मजबूती परीक्षण के परिणामों को काफ़ी प्रभावित करता हैI यदि लोड के विनयोग का दर धीमा है या इसमें कुछ समय का अन्तराल है, तो इसके परिणामस्वरूप मजबूती का मूल्यनिरूपण कम होगाI इसका कारण है लोड का धीरे धीरे सरकनाI लोड के धीमे इस्तेमाल के कारण नमूना धीरे धीरे सरक जाता है जो तनाव को बढ़ा देता है और यह बढ़ा हुआ तनाव नमूने के परीक्षण की विफलता के लिए ज़िम्मेदार हैI जिसके परिणामस्वरूप कम मजबूती के मूल्यनिरूपण होते हैंI यही कारण है की कंक्रीट के नमूने के परीक्षण के दौरान लोड के बढ़े हुए दर के साथ, कंक्रीट की संपीड़न शक्ति बढ़ जाती हैI
कंक्रीट स्टील की तरह समरूप पदार्थ नहीं है जो तनाव और संपीडन दोनों में मजबूत हैI यह एक सम्मिश्रित पदार्थ है, जिसे सिमेंटिंग पदार्थ, पानी तथा समुच्चय पदार्थ (रेत या बजरी) और कभी-कभी आवश्यक अनुपात में अधिमिश्रण सामग्री से बनाया जाता हैI कम तनाव शक्ति और भंगुर प्रकृति के कारण कंक्रीट (प्रत्यक्ष संपीड़न का प्रतिरोध करने की इसकी क्षमता की तुलना में) सीधे तनाव का प्रतिरोध करने में सक्षम नहीं हैI
समुच्चय की तुल्यता का कंक्रीट की मजबूती पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ता है जिसमे इसका प्रयोग किया जाता है:-
जब समुच्चय की लम्बाई और चौड़ाई की तुलना में कुल मोटाई कम होती है तो इसे तुल्य समुच्चय कहा जाता हैI या दुसरे शब्दों में, समुच्चय की न्यूनतम विमायें इसकी औसत विमा से 60% से कम है तो इसे तुल्य समुच्चय कहा जाता हैI कंक्रीट में तुल्य समुच्चय में कमजोर इंटरलॉकिंग (अन्तर्ग्रथन) घटना की वजह से मजबूती में कमी आती हैI
सीमेंट में पानी डालने से जलयोजन नामक एक रासायनिक प्रतिक्रिया आरन्भ हो जाती हैI समय के साथ जैसे जैसे जलयोजन बढ़ता जाता है, सीमेंट और पानी का मिश्रण कैल्शियम सिलिकेट हाईड्रेट यौगिक में बदल जाता है, जो की उपयोगी होता हैI यह यौगिक एक गोंद का काम करते हैं जो समुच्चय को साथ में पकडे रखता है और एक सख्त और मजबूत व ठोस पदार्थ बनता है जिसे हम कंक्रीट के नाम से जानते हैंI जलयोजन प्रक्रिया के दौरान कुछ अन्य यौगिक भी बनते है लेकिन वे मजबूती प्रदान नहीं करतेI इसके अलावा, समुच्चय एक निष्क्रिय पदार्थ है और किसी रासायनिक प्रतिक्रिया में भाग नहीं लेता हैI
कंक्रीट में कैल्शियम क्लोराइड डालने से क्या प्रभाव पड़ता है?
(i) सिकुडन बढ जाती है
(ii) सिकुडन घट जाती है
(iii) कंक्रीट के जमाव (सेट होने) का समय बढ़ जाता है
(iv) कंक्रीट के जमाव (सेट होने) का समय घट जाता है
सही उत्तर है:-
कैल्शियम क्लोराइड एक सामान्य त्वरक है, जो कंक्रीट के जमाव के समय और मजबूती में वृद्धि के दर में तेजी लाने के लिए उपयोग किया जाता है, इस प्रकार कंक्रीट के जमने का समय कम हो जाता हैI कैल्शियम क्लोराइड सामन्यत: ठण्ड के मौसम में जमाव(सेटिंग) समय को तेज करने के लिए उपयोग किया जाता है जिस वजह से कंक्रीट जल्दी तैयार हो जाता हैI कैल्शियम क्लोराइड कंक्रीट के विशिष्ट गुणों को प्रभावित कर सकता है जिससे तापमान बढ़ता है, अन्त: तनाव में वृद्धि होती है, असुरक्षित प्रबलित कंक्रीट पर जंग लगाना, जमाव और विगलन के प्रतिरोध में कमी आना, सल्फेट के आक्षेप में वृद्धि, और 10% और 50% के बिच शुष्क सिकुडन की मात्रा में वृद्धि होती हैI
M 25 ग्रेड कंक्रीट के लिए इसकी, संपीड़न सामर्थ्य के प्रतिशत के संबंध में विभाजित तन्यता शक्ति ________है।
M-25
कंक्रीट की विभाजित तन्यता शक्ति कंक्रीट की फ्लेक्सेलर तन्यता शक्ति से (10 - 15)% कम है
फ्लेक्सेलर तन्यता शक्ति
विभाजित तन्यता शक्ति = 3.5 × (0.85)
= 11.88%
इसलिए, सबसे नजदीकी उत्तर (7 से 11)% है।
अवपात शंकु की ऊंचाई 300 मिमी होती है, तल का व्यास 200 मिमी और शीर्ष व्यास 100 मिमी होता है।
निम्नलिखित में से प्लास्टिक कंक्रीट के कौन-से गुण घुमावदार वायु घटकों द्वारा संशोधित किये जाते हैं?
घुमावदार वायु घटक लागु करने पर, कंक्रीट की कार्यशीलता में वृद्धि की जा सकती है। वायु परत मोटे समुच्चयों के बीच स्नेहन के रूप में कार्य करती है, इस प्रकार कंक्रीट की कार्यशीलता में सुधार होता है। साथ ही पृथक्करण और स्त्रवण में भी सुधार किया जा सकता है।
निम्नलिखित में से कौन सा कंक्रीट का पूर्ण रूप से विनाशकारी परीक्षण नहीं है?
हालाँकि रिबाउंड हैमर, सीएपीओ/पुलआउट, विंडसर प्रोब और अल्ट्रासोनिक पल्स वेग परीक्षण कंक्रीट गुणवत्ता के अप्रत्यक्ष प्रमाण देते हैं, कोर नमूनाकरण और परीक्षण द्वारा ताकत का अधिक प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया जा सकता है, जो पूर्ण रूप से विनाशकारी परीक्षण नहीं है। कोर को आमतौर पर हीरे के टुकड़ों वाले एक घूर्णित कर्तन उपकरण के माध्यम से काटा जाता है।
यदि कंक्रीट के लिए विसर्पण गुणांक 7 दिनों में k1 और 28 दिनों में k2 है, तो...
आई.एस. 456:2000 के खंड 6.2.5.1 देखने पर, निरंतर स्थिर लोडिंग के कारण विकसित होने वाले तनाव को विसर्पण विकृति कहा जाता है लेकिन कंक्रीट की प्रारंभिक अवस्था में, कंक्रीट की विसर्पण विकृति, उसकी बाद की अवस्था से अधिक होती है। हालांकि, प्रत्यास्थ विकृति सतत स्थिर रहती है। इसलिए विसर्पण गुणांक = विसर्पण विकृति/प्रत्यास्थ विकृति समय के साथ कम होता है।
कंक्रीट पर बंकन परीक्षण करके प्राप्त भंग गुणांक कंक्रीट नमूने पर बंकन के तहत सैद्धांतिक अधिकतम तनन प्रतिबल दर्शाता है।
सीमेंट की दृढ़ता के परीक्षण के लिए ली चेटेलियर विधि के अनुसार, उच्च एलुमिना सीमेंट में विस्तार कितने से अधिक नहीं होना चाहिए?
सीमेंट की दृढ़ता को आयतन परिवर्तन का विरोध करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है। सीमेंट की दृढ़ता के परीक्षण के लिए ली चेटेलियर विधि के अनुसार, उच्च एल्यूमिना सीमेंट में 5 मिमी से अधिक का विस्तार नहीं होना चाहिए। अन्य सीमेंट के लिए निम्न तालिका देखें।
मानक विनिर्देश
किसी दिए गए पानी की मात्रा के लिए गोलाकार समुच्चय की कार्यशीलता अच्छी होती है क्योंकि:
किसी अन्य आकार के समुच्चय की तुलना में गोलाकार समुच्चय में कम सतह क्षेत्र होता है और स्नेहन के लिए कम सीमेंट पेस्ट की आवश्यकता होती है।
निम्नलिखित कथनों का अध्ययन कीजिये:
कंक्रीट का संकोचन निम्न पर निर्भर करता है:
1. वातावरण की सापेक्ष आर्द्रता
2. समय का पारण
इनमें से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?
कंक्रीट का संकोचन सापेक्ष आर्द्रता और समय पर निर्भर करता है। कंक्रीट का संकोचन सापेक्ष आर्द्रता के व्युत्क्रमानुपाती है और समय के लिए सीधे समानुपाती है।
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