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Test: संसार पुस्तक है - Class 6 MCQ


Test Description

10 Questions MCQ Test Hindi (Vasant) Class 6 - Test: संसार पुस्तक है

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Test: संसार पुस्तक है - Question 1

नेहरू जी ने यह पत्र किसको लिखा था?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 1

यह पत्र पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुत्री इंदिरा गांधी को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने बच्चों को बहुत ही सजीव और प्यार भरे शब्दों में जीवन के महत्व, नैतिक मूल्यों, और शिक्षा के बारे में बताया। नेहरू जी का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह था, और उनका मानना था कि बच्चों को अच्छे विचारों और संस्कारों के साथ पाला जाना चाहिए।

यह पत्र एक तरह से बच्चों के लिए उनके विचारों और दृष्टिकोणों का संग्रह था, जिसमें उन्होंने समाज, दुनिया, और जीवन के बारे में अपनी समझ को इंदिरा के माध्यम से बच्चों तक पहुँचाया।

Test: संसार पुस्तक है - Question 2

लेखक ने प्रकृति के अक्षर किसे कहा है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 2

लेखक ने प्रकृति के अक्षर से यह प्रतीकात्मक रूप से सभी प्राकृतिक तत्वों को संदर्भित किया है, जैसे कि पहाड़ों, नदियों, मैदानों, पक्षियों और पेड़ों को। इन सभी प्राकृतिक तत्वों को प्रकृति के अक्षर के रूप में देखा गया है क्योंकि इनका अपने-अपने स्थान पर बहुत महत्वपूर्ण और स्थायी योगदान है। यह प्राकृतिक तत्व जीवन और प्रकृति की मौलिकता को व्यक्त करते हैं, जैसे अक्षरों का भाषा में होता है।

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Test: संसार पुस्तक है - Question 3

“संसार पुस्तक है’ पाठ के लेखक कौन हैं?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 3

"संसार पुस्तक है" पाठ के लेखक पं. जवाहरलाल नेहरू हैं। यह पाठ उनके बच्चों के लिए लिखे गए पत्रों का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने दुनिया, समाज और जीवन के बारे में अपने विचार साझा किए हैं। इस पत्र में नेहरू जी ने अपनी दृष्टि से संसार को एक पुस्तक के रूप में समझाया, जिसमें प्रत्येक अनुभव और घटना एक नया पाठ है।

Test: संसार पुस्तक है - Question 4

लाखों-करोड़ों वर्ष पूर्व हमारी धरती कैसी थी?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 4

लाखों-करोड़ों वर्ष पहले, पृथ्वी बहुत गर्म थी। पृथ्वी का निर्माण एक गर्म और द्रवित स्थिति से हुआ था, जब विभिन्न ग्रहिकीय घटनाओं के कारण पृथ्वी पर अत्यधिक तापमान था। इस समय पृथ्वी की सतह पर कोई ठोस रूप नहीं था, बल्कि यह तरल और गैसीय रूप में थी। धीरे-धीरे यह ठंडी हुई और फिर ठोस रूप में पृथ्वी का निर्माण हुआ, जिसके बाद जीवन का विकास हुआ।

Test: संसार पुस्तक है - Question 5

पुराने समय के बारे में हम कैसे जानते हैं?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 5

हम पुराने समय के बारे में पुरानी हड्डियों (फॉसिल्स) और अन्य पुरातात्त्विक अवशेषों से जानते हैं। पुरातत्वविद् इन हड्डियों और अवशेषों का अध्ययन करते हैं, ताकि वे प्राचीन जीवन, संस्कृति और इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। इन अवशेषों से हमें प्राचीन जीवों, उनके जीवन-शैली, आहार, और विकास की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।

Test: संसार पुस्तक है - Question 6

जब तुम मेरे साथ रहती हो तो अकसर मुझसे बहुत-सी बातें पूछा करती हो और मैं उनका जवाब देने की कोशिश करता हूँ, लेकिन अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में, हम दोनों उस तरह बातचीत नहीं कर सकते। इसलिए मैंने इरादा किया है कि कभी-कभी तुम्हें इस दुनिया की और उन छोटे-बड़े देशों की जो इस दुनिया में हैं, छोटी-छोटी कथाएँ लिखा करूँ।
ऊपर लिखे गद्यांशों में ‘तुम’ का प्रयोग किसके लिए किया गया है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 6

यह गद्यांश पं. जवाहरलाल नेहरू द्वारा अपनी पुत्री इंदिरा गांधी को लिखे गए पत्र से लिया गया है। इसमें 'तुम' का प्रयोग इंदिरा गांधी के लिए किया गया है, जब नेहरू जी उन्हें छोटी-छोटी कथाएँ लिखने का इरादा जताते हैं, ताकि वे दोनों दूर होने के बावजूद संवाद बनाए रख सकें। यह पत्र पं. नेहरू के बच्चों के प्रति स्नेह और उनकी शिक्षा के प्रति गहरी रुचि को दर्शाता है।

Test: संसार पुस्तक है - Question 7

मसूरी में कौन है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 7

पं. जवाहरलाल नेहरू अपनी पुत्री इंदिरा गांधी को पत्र लिख रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि "अब, जब तुम मसूरी में हो और मैं इलाहाबाद में," जिससे यह स्पष्ट होता है कि इंदिरा गांधी मसूरी में हैं। यह पत्र पं. नेहरू ने अपनी बेटी को लिखा था, जब वे दूर-दूर रहते थे, और वे उसे छोटी-छोटी कथाएँ लिखकर संवाद बनाए रखना चाहते थे।

Test: संसार पुस्तक है - Question 8

बिना किसी को देखे गढ़ी गई कहानी कैसी होती है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 8

बिना किसी को देखे गढ़ी गई कहानी काल्पनिक होती है। इस तरह की कहानी लेखक की कल्पना और रचनात्मकता का परिणाम होती है, जो वास्तविकता से जुड़ी नहीं होती। काल्पनिक कहानियाँ अक्सर अवास्तविक घटनाओं, पात्रों और स्थितियों को प्रस्तुत करती हैं, जो केवल लेखक के मन में उत्पन्न होती हैं।

Test: संसार पुस्तक है - Question 9

यह तो तुम जानती ही हो कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है और बहुत दिनों तक इसमें कोई आदमी न था। आदमियों से पहले सिर्फ जानवर थे और जानवरों से पहले एक ऐसा समय था जब इस धरती पर कोई जानदार चीज़ न थी। आज जब यह दुनिया हर तरह के जानवरों और आदमियों से भरी हुई है, उस ज़माने का ख्याल करना भी मुश्किल है, जब यहाँ कुछ न था।
यह धरती कितनी पुरानी है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 9

गद्यांश में लेखक ने उल्लेख किया है कि यह धरती लाखों-करोड़ों वर्ष पुरानी है। यह समय उस दौर को दर्शाता है जब पृथ्वी पर कोई जीवित प्राणी नहीं था, और बाद में धीरे-धीरे जानवरों और मनुष्यों का अस्तित्व हुआ। यह बताता है कि पृथ्वी की आयु बहुत प्राचीन है, जो लाखों और करोड़ों वर्षों की अवधियों में मापी जाती है।

Test: संसार पुस्तक है - Question 10

लेखक ने इस संसार को कैसा बताया है?

Detailed Solution for Test: संसार पुस्तक है - Question 10

लेखक ने इस संसार को पुस्तक जैसा बताया है। गद्यांश में पं. नेहरू ने पृथ्वी और संसार को एक पुस्तक के रूप में देखा है, जिसमें हर घटना, अनुभव और कहानी एक नए अध्याय के समान होती है। उन्होंने यह उदाहरण दिया कि यह संसार, जैसे एक पुस्तक, हमें बहुत कुछ सिखाता है और समय-समय पर हमें नई जानकारी और अनुभव प्रदान करता है।

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