निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों वेफ सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:
‘‘उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। गवरइया बोली, ‘‘मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’ ‘‘टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, ‘‘टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। ज्जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती पनी टोपी सलामत रहे, इसी .िफकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ........ मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।’
प्रश्न. गवरइए ने गवरे से कौन-सी इच्छा व्यक्त की?
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों वेफ सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:‘
‘उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। गवरइया बोली, ‘‘मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’ ‘‘टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, ‘‘टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। ज्जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती पनी टोपी सलामत रहे, इसी .िफकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ........ मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।
’प्रश्न: लोग दूसरों को मूर्ख बनाते हैं, खुशामद करते हैं, क्यों?
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों वेफ सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:‘‘
उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। गवरइया बोली, ‘‘मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’ ‘‘टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, ‘‘टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। ज्जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती पनी टोपी सलामत रहे, इसी .िफकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ........ मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।’.
प्रश्न: गवरा, गवरइया को क्या सलाह देता है?
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों वेफ सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:
‘‘उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। गवरइया बोली, ‘‘मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’ ‘‘टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, ‘‘टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। ज्जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती पनी टोपी सलामत रहे, इसी .िफकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ........ मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।
’प्रश्न: ‘टोपी उछलते देर न लगने’ का तात्पर्य है-
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों वेफ सही उत्तर विकल्पों में से चुनिए:‘-
‘उनके सिर पर टोपी कितनी अच्छी लगती है। गवरइया बोली, ‘‘मेरा भी मन टोपी पहनने का करता है।’’ ‘‘टोपी तू पाएगी कहाँ से?’’ गवरा बोला, ‘‘टोपी तो आदमियों का राजा पहनता है जानती है, एक टोपी के लिए कितनों का टाट उलट जाता है। ज्जरा-सी चूक हुई नहीं कि टोपी उछलते देर नहीं लगती पनी टोपी सलामत रहे, इसी .िफकर में कितनों को टोपी पहनानी पड़ती है। ........ मेरी मान तो तू इस चक्कर में पड़ ही मत।’
प्रश्न: यहाँ ‘टोपी’ किसका प्रतीक है?
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