पारद्युतिक तापन में विद्युत धारा किसके माध्यम से प्रवाहित होती है?
एक प्रत्यावर्ती विद्युत क्षेत्र को लागु करने पर, ध्रुवीकरण के कारण उत्पन्न एक विस्थापन विद्युत धारा और मुक्त, विद्युतीय आवेशित कण द्वारा उत्पन्न चालक्त्व विद्युत धारा पारद्युतिक में उपस्थित होते हैं। कुल विद्युत धारा के प्रवाह के कारण ताप का विमुक्तिकरण होता है।
प्रेरण तापन में, वह गहराई जहां तक विद्युत धारा प्रवेश कर सकती है वह किसके समानुपाती होता है?
डिस्क में प्रेरित विद्युत धारा के प्रवेश की गहराई इस प्रकार दी गयी है:
जहाँ, ρ Ω-सेमी में विशिष्ट प्रतिरोध है
f हर्ट्ज़ में आवृत्ति है
μ आवेश की पारगम्यता है
वह गहराई, जहां तक विद्युत धारा का प्रवेश होगा, आवृत्ति के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है
एक निमग्न चाप भट्ठी में शक्ति को किसके द्वारा नियंत्रित किया जाता है?
एक निमग्न चाप भट्ठी में शक्ति को निम्न प्रकार से नियंत्रित किया जाता है
1. इलेक्ट्रोड को ऊपर या नीचे करके चाप की लंबाई को बदलकर जिससे चाप के प्रतिरोध में भिन्नता हो।
2. भट्ठी के ट्रांसफॉर्मर के प्राथमिक पक्ष पर दी गई टैपिंग के उपयोग से लागू वोल्टेज को बदलकर।
एक प्रत्यक्ष चाप भट्ठी में निम्नलिखित में से किसका मान उच्च होता है?
प्रत्यक्ष चाप भट्टी में, जब इलेक्ट्रोड को आपूर्ति दी जाती है, तो दो चाप स्थापित होते हैं और विद्युत धारा आवेश के माध्यम से प्रवाहित होती है। चाप आवेश के साथ सीधे संपर्क में होती है और ताप भी आवेश के माध्यम से प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न होता है। प्रत्यक्ष चाप भट्टी में विद्युत धारा का मान उच्च होता है।
प्रतिरोध वेल्डिंग के दौरान जोड़ पर उत्पन्न होने वाला ताप किसके समानुपाती होता है?
प्रतिरोध वेल्डिंग दो धातुओं के जंक्शनों पर विद्युत धारा के प्रवाह को प्रतिरोध प्रदान कर के उत्पादित गर्मी द्वारा दो धातुओं को एक साथ जोड़ने की प्रक्रिया है। विद्युत धारा के प्रवाह से प्रतिरोध द्वारा उत्पन्न ताप को निम्न प्रकार से दर्शाया जा सकता है
H = I2Rt
जोड़ पर उत्पन्न होने वाला ताप I2R के समानुपाती होता है।
प्रतिरोध वेल्डिंग के मुख्य दोष क्या हैं?
प्रतिरोध वेल्डिंग के मुख्य दोष इस प्रकार है:
स्पॉट वेल्डिंग में क्या होता है?
दो धातु की शीटों को जोड़ने के लिए इलेक्ट्रोड के माध्यम से पारित भारी विद्युत धारा के माध्यम से ताम्र इलेक्ट्रोड नोंक के बीच उपयुक्त दुरी के अंतराल पर उनको पिघला कर एकरूप करने की प्रक्रिया को स्पॉट वेल्डिंग कहा जाता है।
वेल्डिंग से पहले शीट को ठीक तरीके से साफ करना वांछनीय होता है।
वेल्डिंग विद्युत धारा प्लेटों की मोटाई और संरचना के आधार पर व्यापक रूप से परिवर्तनीय होती है। यह 1000 से 10000 एम्पियर तक परिवर्तनीय होती है और इलेक्ट्रोड के बीच वोल्टेज आमतौर पर 2 वोल्ट से कम होता है।
आवश्यक चाप की लम्बाई किस पर निर्भर करती है?
वेल्डिंग के लिए आवश्यक चाप की लम्बाई निम्न कारकों पर निर्भर करती है:
1. सतह के कोटिंग और प्रयोग किये गए इलेक्ट्रोड के प्रकार पर
2. वेल्डिंग की स्थिति
3. प्रयोग किए गए विद्युत धारा की मात्रा पर
एक पदार्थ जो प्रकाश द्वारा दीप्त होने पर अपने विद्युत प्रतिरोध को बदलता है उसे क्या कहा जाता है?
प्रकाशचालकता एक प्रकाशीय और विद्युतीय घटना है जिसमें विद्युत चुम्बकीय विकिरण जैसे दृश्य प्रकाश, पराबैंगनी प्रकाश, अवरक्त प्रकाश, या गामा विकिरण के अवशोषण के कारण एक पदार्थ अधिक विद्युत चालक हो जाता है।
फोटोवोल्टिक विद्युत शक्ति उत्पन्न करने की एक प्रक्रिया है जहाँ, फोटोवोल्टिक प्रभाव द्वारा सूर्य की ऊर्जा को परिवर्तित करने के लिए सौर सेल का उपयोग किया जाता है।
प्रकाशविद्युत प्रभाव में एक पदार्थ पर प्रकाश चमकते समय इलेक्ट्रॉनों या अन्य मुक्त वाहकों का उत्सर्जन होता है।
समान स्रोत द्वारा उद्दीप्त क्षैतिज सतह पर विभिन्न बिंदुओं की दीप्ती कितनी भिन्न होती है?
सतह की दीप्ती इस प्रकार है,
जहाँ, h सतह से m में स्रोत की ऊंचाई है
I कैंडिला में दीप्त तीव्रता है
उपरोक्त समीकरण को कोसाइन घन नियम के रूप में भी जाना जाता है। यह नियम निर्दिष्ट करता है कि, सतह के किसी भी बिंदु पर प्रकाश, फ्लक्स रेखाओं के बीच के कोण के कोसाइन के घन व उस बिंदु के लम्ब पर निर्भर करता है।
एक विद्युत निर्वहन लैंप में प्रकाश किसके द्वारा उत्पादित किया जाता है?
वह लैंप जो वाष्प ट्यूब में मौजूद नीयन गैस, सोडियम वाष्प, पारा वाष्प, आदि जैसे गैस या वाष्प के आयनीकरण के माध्यम से होने वाले निर्वहन द्वारा उत्पादित रंग की रोशनी को उत्सर्जित करते हैं उन्हें इलेक्ट्रिक निर्वहन लैंप कहा जाता है।
सोडियम वाष्प लैंप के साथ उपयोग किए जाने वाले एक स्वचालित ट्रांसफार्मर में क्या होना चाहिए।
सोडियम वाष्प लैंप को शुरू करने के लिए, 40 - 100 वाट के लैंप के लिए 380 - 450 वोल्ट के स्ट्राइकिंग वोल्टेज की आवश्यकता होती है। यह वोल्टेज उच्च प्रतिघात ट्रांसफॉर्मर या स्वचालित ट्रांसफॉर्मर से प्राप्त किए जा सकते हैं।
कौन सा नियम बताता है कि विद्युत अपघट्य से मुक्त पदार्थ का द्रव्यमान इसके माध्यम से प्रवाहित विद्युत की मात्रा के समान होता है?
फैराडे का पहला नियम:
यह नियम निर्दिष्ट करता है कि विद्युत अपघटन से जमा हुए पदार्थ की मात्रा दिए गए समय में विद्युत अपघट्य से प्रवाहित धारा की मात्रा के समानुपाती होती है।
m∝It
फैराडे का दूसरा नियम:
यह नियम बताता है कि जब विद्युत धारा की समान मात्रा विभिन्न विद्युत अपघट्यों के माध्यम से प्रवाहित होती है, तो जमा पदार्थों के द्रव्यमान उनके संबंधित रासायनिक समकक्ष या समकक्ष वजन के समानुपाती होते हैं।
एक धातु के ऊपर किसी अन्य धातु को जमाने की प्रक्रिया को किस नाम से जाना जाता है?
इलेक्ट्रोडस्थापन: यह ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा विद्युत अपघटन द्वारा एक धातु या गैर धातु को किसी अन्य धातु पर जमाया जाता है।
इलेक्ट्रो धातुकरण: यह ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा सजावट के लिए और सुरक्षात्मक उद्देश्यों के लिए धातु को चालक आधार पर जमाया जाता है। किसी गैर-चालक आधार पर ग्रेफाइट परत चढ़ा कर चालक के रूप में बनाया जाता है।
ऐनोडीकरण: धातु की सतह पर ऑक्साइड परत के जमाव की प्रक्रिया को ऐनोडीकरण और ऑक्सीकरण के रूप में जाना जाता है।
विदुतफेसिंग: विद्युत-गठन द्वारा एक ठोस धातु के साथ धातु की सतह के कोटिंग की प्रक्रिया है।
एक शहरी सेवा के लिए गति-समय वक्र में क्या नहीं होता है?
शहरी सेवा में, फ्री-रनिंग की कोई अवधि नहीं होती है। दो स्टॉप के बीच की दूरी लगभग 1 कि.मी. से कम होती है। इसलिए अपेक्षाकृत कम कोस्टिंग और लंबी ब्रेकिंग अवधि की आवश्यकता होती है।
स्टॉपों के बीच वास्तविक रनिंग के समय के अतिरिक्त स्टेशन पर रुकने के समय को ध्यान में रखते हुए एक ट्रेन की गति को क्या कहा जाता है?
औसत गति: यह ट्रेन द्वारा प्रारम्भ से अंत तक प्राप्त की गयी गति का औसत मान है, अर्थात् इसे ट्रेन द्वारा दो स्टॉपों के बीच तय की गयी दूरी और रन के कुल समय के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसे Va द्वारा दर्शाया जाता है
औसत गति = स्टॉपों के बीच की दूरी/रनिंग का वास्तविक समय
Va = D/T
जहाँ Va किलोमीटर प्रति घंटा में ट्रेन की औसत गति है
D किलोमीटर में स्टॉपों के बीच दूरी है
T घंटों में वास्तविक समय है
निर्धारित गति: दो स्टॉपों के बीच तय की गयी दूरी से रुकने के समय सहित चलने के कुल समय के अनुपात को निर्धारित गति के रूप में जाना जाता है। इसे Vs द्वारा दर्शाया जाता है।
निर्धारित गति = स्टॉपों के बीच दूरी/रनिंग का कुल समय + रुकने का समय
जहाँ Ts घंटे में निर्धारित समय है।
आसंजन का गुणांक पहियों के फिसलने में ट्रैक्टिव प्रयास और किसका का अनुपात है?
आसंजन का गुणांक (μ): इसे एक लोकोमोटिव के पहिये को गतिशील बनाने के लिए लगाया गया ट्रैक्टिव प्रयास (Ft) से इसके आसंजक भार (W) के अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है।
भार समकरण किस मामले में वांछनीय होता है?
रोलिंग मिल्स, इलेक्ट्रिक हथौड़ों, प्रेस, और पारस्परिक पंप जैसे कई औद्योगिक ड्राइवों में भार अस्थिरता रहती है, जहाँ मोटर पर भार कुछ सेकेंड के भीतर व्यापक रूप से परिवर्तनीय होता है। आकस्मिक और अधिकतम भार को प्रणाली में अत्यधिक धारा की आवश्यकता होती है जिसके परिणाम स्वरुप प्रणाली में उच्च वोल्टेज अवपात होता है या वैकल्पिक रूप से केबल के बहुत बड़े आकार की आवश्यकता होती है। अस्थिर भार को सुचारू बनाना अत्यंत आवश्यक होता है जिसे भार समकरण के रूप में जाना जाता है।
तापदीप्त लैंप में संवाहक तार (फिलामेंट) के लिए निम्नलिखित में से कौन से पदार्थ का सबसे अधिक उपयोग किया जाता है?
तापदीप्त लैंप में संवाहक तार (फिलामेंट) के लिए सामान्यतौर पर टंगस्टन का उपयोग किया जाता है।
अपकेंद्री पंप सामान्यतौर पर कैसे संचालित होते हैं?
अपकेंद्री पंपों का उपयोग द्रव प्रवाह की घूर्णनशील गतिज ऊर्जा को द्रवगतिकी ऊर्जा में रूपांतरण द्वारा तरल पदार्थ के परिवहन के लिए किया जाता है। घूर्णन ऊर्जा सामान्यतौर पर एक इंजन या विद्युतीय मोटर से प्राप्त की जाती है। इस उद्देश्य के लिए स्क्विरल केज प्रेरण मोटर का उपयोग किया जाता है।
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