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शुद्ध पदार्थ के लिए P-V आरेख में, संतृप्त द्रव-वाष्प क्षेत्र में नियत ताप रेखाएँ कैसी होती हैं?
शुद्ध पदार्थ के लिए P-V आरेख में, संतृप्त द्रव - वाष्प क्षेत्र में स्थिर ताप की रेखाएँ समानांतर होती हैं, जबकि अति तापित क्षेत्र में यह रेखाएँ अपसारी होती हैं।
क्रांतिक ताप वह उच्च ताप होता है जिस पर वाष्प और द्रव अवस्थाएँ एक साथ साम्यावस्था में होती हैं। गैसों के लिए, क्रांतिक ताप वह ताप होता है जिस के ऊपर लागू दबाव के बावजूद गैस को तरल नहीं किया जा सकता है। यहाँ, यह भी ध्यान देने योग्य है कि क्रांतिक ताप पर शुष्कता कारक परिभाषित नहीं होता है।
यदि, ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी कम हो जाती है। तो यह किसी प्रक्रिया की प्रकृति के बारे में क्या बताता है?
ब्रह्माण्ड, निकाय और आस-पास के वातावरण से बनता है और रोधित निकाय माना जाता है।
i) ब्रह्माण्ड की ऊर्जा नियत है।
ii) ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी हमेशा वृद्धि की ओर अग्रसर है।
iii) रोधित निकाय की एंट्रोपी में वृद्धि निकाय के अंतर्गत प्रक्रिया की अनुत्क्रमणीयता
का मापन है।
वास्तविकता में उत्क्रमणीय समएंट्रोपिक प्रक्रिया कभी संभव ही नहीं है, यह केवल एक आदर्श प्रक्रिया है। वास्तविकता में जब भी प्रक्रिया की अवस्था में परिवर्तन होता है तो निकाय की एंट्रोपी बढती है। ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी हमेशा बढती है क्योंकि ऊर्जा कभी भी शीर्ष की ओर स्वतः नहीं बहती है।
किसी भी प्रक्रिया में, यदि ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी में कमी आती है तो वह प्रक्रिया असंभव प्रक्रिया है।
वाष्प की विशेषताएँ ज्ञात करने के लिए कौनसे गुण पर्याप्त नहीं है?
वाष्प की अवस्था ज्ञात करने के लिए हमें कम से कम दो स्वतंत्र गुण आवश्यक होते हैं। दाब और ताप दोनों आश्रित गुण हैं इसलिए, यदि हमें केवल दाब और ताप ज्ञात है, तो हम वाष्प की विशेषताएँ ज्ञात नहीं कर सकते हैं।
यदि, निम्न और उच्च वास्तविक तापमान का अनुपात 7/8 है, तो कार्नोट प्रशीतक का प्रदर्शन गुणांक (COP) क्या होगा?
ताप सीमा, ताप उच्च और ताप निम्न के मध्य कार्यकारी कार्नोट का प्रदर्शन गुणांक निम्न प्रकार दिया जा सकता है,
यहाँ यह ध्यान देने योग्य है कि कार्नोट ऊष्मा पंप या प्रशीतक का प्रदर्शन गुणांक केवल उच्च और निम्न ताप सीमा पर निर्भर करता है और प्रदर्शन गुणांक कार्यात्मक द्रव से स्वतंत्र होता है|
एक किग्रा वायु (R = 287 जूल/किग्रा-केल्विन) साम्यावस्था 1(30 डिग्री सेल्सियस, 1.2 घन मीटर) और 2 (30 डिग्री सेल्सियस, 0.8 घनमीटर) के मध्य एक व्युतक्रमणीय प्रक्रिया से होकर nikalti है| एंट्रोपी परिवर्तन क्या होगा (जूल.किग्रा-केल्विन में)?
उत्क्रमनीय प्रक्रिया में एंट्रोपी परिवर्तन:
बंद निकाय में एंट्रोपी परिवर्तन:
नियत आयतन के लिए:
दाब के लिए:
नियत ताप प्रक्रिया के लिए:
रुद्धोश्म प्रक्रिया के लिए (उत्क्रम्नीय प्रक्रिया):
dQ = 0 ⇒ dS = 0
गणना:
यहाँ T1 = T2
इसलिए प्रक्रिया समतापी है|
हमारे आसपास, एक निकाय से होकर निकलने वाली प्रक्रिया की उत्क्रमणीयता की मात्रा किसके द्वारा ज्ञात की जाती है?
निकाय और आसपास के वातावरण से ब्रह्माण्ड बनता है और यह रोधित निकाय की तरह व्यव्हार करता है| ब्रह्माण्ड की एंट्रोपी हमेशा वृद्धि की ओर अग्रसर होती है| रोधित निकाय की एंट्रोपी वृद्धि निकाय से होकर जाने वाली प्रक्रिया की उत्क्रमनीयता की माप है|
ऊष्मागतिकी के द्वितीय नियम के दो कथन हैं:
क्लौशियस कथन: कोई भी यंत्र उस चक्र पर कार्य नहीं कर सकता है और प्रभाव पैदा नहीं कर सकता है जो कि केवल ऊष्मा को कम तापमान के निकाय से अधिक तापमान के निकाय तक स्थानान्तरण करता है|
केल्विन प्लांक कथन: किसी भी यंत्र के लिए ऐसे चक्र में कार्य करना असंभव है जो केवल एक निकाय से ऊष्मा ग्रहण कर रहा हो और कुल कार्य का उत्पादन करता है|
दोनों कथनों की तुलना: यदि कोई यंत्र एक कथन का उल्लंघन करता है तो यह दुसरे कथन का भी उल्लंघन करता है|
एक कार्नोट इंजन 1000 केल्विन और 400 केल्विन के बीच संचालित होता है| एक कार्नोट इंजन के द्वारा निष्कासित की गयी ऊष्मा दूसरे कार्नोट इंजन के द्वारा प्राप्त कर ली जाती है जिसका निष्कासन ताप 200 केल्विन है| यदि प्रथम कार्नोट इंजन के द्वारा 200 मेगा जूल ऊष्मा अवशोषित की गयी है तो दुसरे कार्नोट इंजन के द्वारा कितनी ऊष्मा निष्कासित की गयी है?
⇒ Q2 = 80 मेगा जूल
अब,
एक सामान्य संपीडन प्रक्रिया में, 4 किलो जूल द्रव को 2 किलो जूल यांत्रिक कार्य आपूर्तित किया जाता है और शीतलन जैकेट में 800 जूल ऊष्मा निष्कासित होती है| विशिष्ट आंतरिक ऊष्मा में कितना अंतर आएगा?
ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम से
dQ = dU + dW
dQ = -800 जूल ( निकाय से जैसे-जैसे ऊष्मा निष्कासित होती है)
dW = -2000 जूल ( जैसे-जैसे कार्य निकाय को स्थानातरित किया जाता है)
आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन = dQ – dW = -800 – (-2000) = 1200 J
विशिष्ट आंतरिक ऊर्जा में परिवर्तन = 1200/4 = 300 जूल/प्रति किग्रा (द्रव्यमान 4 किग्रा है)
निम्नलिखित में से कौन सी विशेषता सतत गति यंत्र - 2 की है?
1. जब अवशोषित ऊष्मा, उत्पादित कार्य के बराबर होती है to कार्य क्षमता 100% होती है|
2. ऊष्मा केवल एक निकाय से स्थानांतरित होती है|
3. यह केल्विन-प्लांक कथन का उल्लंघन करता है|
4. यह एक परिकल्पित यंत्र है|
केल्विन-प्लांक कथन यह कहता है कि "ऐसा इंजन बनाना असंभव है जो कि एक ही निकाय से ऊष्मा ले और उसे पूर्ण रूप से कार्य में परिवर्तित कर दे|
सतत गति यंत्र - II एक ऐसा ही यंत्र है जो आपूर्तित की जाने वाली ऊष्मा के बराबर कार्य उत्पादित करता है| इस प्रकार यह ऊष्मागतिकी के दुसरे नियम का उल्लंघन करता है और यह एक परिकल्पित यंत्र है|
दूसरी तरफ सतत गति यंत्र - I ऊष्मागतिकी के प्रथम नियम का उल्लंघन करता है|
जब थ्रौटल ___ हो जाता है तो गैस का जूल-थामसन गुणांक ऋणात्मक होता है|
गैस के प्रकार पर ठंडा या गर्म होना निर्भर करता है
किस नियम के अनुसार, नियत दाब पर सभी आदर्श गैसें 0 डिग्री सेल्सियस पर प्रत्येक 1 डिग्री सेल्सियस ताप परिवर्तन पर अपने मूल आयतन के (1/273) भाग के बराबर आयतन परिवर्तन करती हैं?
जब दाब नियत रहता है तो गणितीय रूप से ताप,
या नियत दाब पर सभी आदर्श गैसें 0 डिग्री सेल्सियस पर प्रत्येक 1 डिग्री सेल्सियस ताप परिवर्तन पर अपने मूल आयतन के (1/273) भाग के बराबर आयतन परिवर्तन करती हैं|
बॉयल का नियम: नियत ताप पर, आदर्श गैस के दिए गए द्रव्यमान का वास्तविक दाब, आयतन के व्युत्क्रमानुपाती होता है|
गणितीय रूप से,
एकल तत्व त्रि अवस्था मिश्रण के लिए स्वतंत्र परिवर्तनीय विशेषताएँ कितनी होती हैं?
गिब्स अवस्था नियमानुसार,
F = C – P + 2
जहाँ F = स्वातान्त्र्य कोटि
C = रासायनिक तत्वों की संख्या
P = अवस्थाओं की संख्या
F = 1 – 3 + 2 = 0
अणुओं के सन्दर्भ में पदार्थ की तीन अवस्थाओं को किसके द्वारा विभाजित किया जाता है?
हमारे आस-पास पदार्थ तीन अवस्थाओं ठोस, द्रव, गैस में पाया जाता है| ये अवस्थाएँ अपने अंतरा-अणुक बल, आणविक व्यवस्था और निकाय की गतिशीलता के आधार पर विभाजित होती हैं|
a में कण:
वह दाब और ताप जिसमें पदार्थ की तीनों अवस्थाएँ एक साथ उपस्थित होती हैं, त्रिबिंदु कहलाता है| त्रिबिंदु, ऊर्ध्वापातन और वाष्पन के वक्र का प्रतिच्छेदन बिंदु होता है| दाब-ताप आरेख में त्रिबिंदु एक बिंदु के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है और दाब-आयतन आरेख में यह एक रेखा के द्वारा प्रदर्शित किया जाता है और आंतरिक ऊर्जा-आयतन आरेख में इसे एक त्रिकोण के द्वारा दर्शाया जाता है| सामान्य जल की स्थिति में त्रिबिंदु 4.58 मिमी पारे की ऊँचाई और 0.01 डिग्री सेल्सियस ताप पर बनता है|
ग्रीष्म के दिनों में जब गाड़ियाँ बाहर खड़ी होती हैं तो उनका गर्म होना किस प्रक्रिया के अंतर्गत आता है?
ग्रीष्म के दिनों मे गाड़ियों का गर्म होना समदाबी प्रक्रिया के अंतर्गत आता है| क्योंकि कार के अन्दर दाब एकसमान होता है| इसलिए दिए गए विकल्पों में b सत्य है|
150 से 300 केल्विन तापमान men ऊष्मा योग के दौरान कार्नोट इंजन के द्वारा एंट्रोपी परिवर्तन अनुभव किया जाता है| इंजन के द्वारा उत्पादित कार्य कितना होगा?
W = Q1 – Q2 = T1ΔS – T2ΔS = (T1 – T2) ΔS = (300 – 150) × 1 = 150 kJ
मुक्त प्रसार के लिए dW = 0
कोई भी ऊष्मा स्थानान्तरण नही होता है
इसलिए dQ = 0
पहले नियम के अनुसार
dQ = du + dW
du = 0
किस प्रकार के निकाय में द्रव्यमान और ऊर्जा का मान नियत होता है?
बंद निकाय: निकाय की सीमाओं के आर-पार कोई भी द्रव्यमान स्थानान्तरण नहीं होता है लेकिन ऊर्जा का स्थानान्तरण हो सकता है|
खुला निकाय: इस प्रकार के निकाय में द्रव्यमान और ऊर्जा दोनों का निकाय की सीमाओं के आर-पार स्थानान्तरण नहीं होता है|
रोधित निकाय: इस प्रकार के निकाय में ना तो द्रव्यमान और ना ही ऊर्जा स्थानांतरित होती है| इसलिए यह निकाय निश्चित द्रव्यमान और निश्चित ऊर्जा का निकाय होता है|