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लेसी के सिद्धांत के अनुसार 144 क्यूमेक के निर्वहन के लिए रेजिम चैनल की गीली परिधि क्या होगी
गीली परिधि की गणना निम्नानुसार की जाती है = 4.75√Q
जहाँ Q = क्यूमेक में निर्वहन
गीली परिधि = 4.75√144 = 57 m
यदि 25o C पर पानी की विद्युत चालकता 750 से 2250 micro mhos/cm के बीच है, तो इसे किस प्रकार से वर्गीकृत किया जायेगा?
यह विद्युत प्रतिरोधकता का प्रतिलोम होती है। मात्रात्मक रूप से विद्युत प्रतिरोधकता एक सुचालक, धातु या विद्युत अपघट्य की ओम में प्रतिरोधकता है जो 1 cm लम्बा है एवं 25oC पर जिस का अनुप्रस्थ-काट क्षेत्र 1 cm2 है।
इकाई:
EC = ohms/cm का प्रतिलोम or mhos/cm.
जल विभाजक नहर: किसी भी प्राकृतिक जल विभाजक के साथ बनने वाली नहर को जल विभाजक नहर कहते हैं।
सम्मोच नहर: एक समोच्च नहर एक कृत्रिम रूप से बनाई गई चलायमान नहर है जो भूमि की सम्मोच रेखा के निकट अनुगामी होती है, इसका उपयोग महंगे इंजीनियरिंग कार्यों जैसे उच्च भूमि के माध्यम से एक सुरंग बनाने, निचले भूमि स्तर पर तटबंध बनाने, नहरों के स्तर को बदलने के लिए नहरों के जलपाश (पाश की श्रेणी) बनाने आदि से बचने के लिए किया जा सकता है। इस कारण से, इन नहरों को इनके घुमावदार जलमार्ग द्वारा चिह्नित किया जा सकता है।
पक्ष ढलान नहर: एक पक्ष ढलान नहर वह है जो समोच्चों के साथ लंबवत बनती है, अर्थात पक्ष ढलानों के साथ।
शाखा नहर: मुख्य नहर से निकलने वाली नहर शाखा नहर के रूप में जानी जाती है।
एक ओजी स्पिलवे से गुजरने वाला निर्वहन ________ होगा। जहां, L स्पिलवे के शीर्ष की लम्बाई है एवं H स्पिलवे शीर्ष का कुल हेड है जिस में वेग का हेड भी शामिल है।
ओजी स्पिलवे से गुजरने वाला निर्वहन:
He = शीर्ष की धारा के प्रतिकूल कुल हेड
L = शीर्ष की चौड़ाई
Cd = निर्वहन स्थिरांक
C = स्थिरांक, जिसका मान
नहर में सोडियम कार्बोनेट अस्तर में __________ आवश्यक रूप से होता है।
सोडियम कार्बोनेट अस्तर में 10% मिट्टी और 6% सोडियम कार्बोनेट होता है। यह अस्तर टिकाऊ नहीं होता है। एस्फाल्ट अस्तर को 3 मिमी से 6 मिमी तक की मोटाई के लिए एक बहुत अधिक तापमान (लगभग 1500C) पर उपश्रेणि पर एस्फाल्ट (यानी बिटुमेन) छिड़ककर तैयार किया जाता है।
उपतट: भू स्तर पर भूमि की एक संकीर्ण पट्टी जो तट के भीतरी अग्रभाग और काट के ऊपरी सिरे के बीच बनती है, वह उपतट कहलाती है। उपतट तटों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करता है एवं इसे दरारों से बचाता है और जब उपतट पूर्ण रूप से बन जाते हैं तो ये निम्नलिखित कार्य करते हैं:
i) एक बड़ा जल मार्ग प्रदान करते हैं
ii) लहरों के कारण होने वाले क्षरण से तट को बचाते हैं
iii) अवशोषण द्वारा होने वाले नुकसान को कम करते हैं और रिसाव को रोकते हैं
iv) भविष्य में चैनल को चौड़ा करने के लिए आधार प्रदान करते हैं
v) तटबंध के भीतर संतृप्ति रेखा बनाते हैं
केनेडी द्वारा प्रतिपादित प्रवाह का क्रांतिक वेग (Vo) क्या होगा?
जहाँ, m = क्रांतिक वेग अनुपात, D = चैनल के तल से जल की गहराई (मीटर में)
केनेडी द्वारा दिए गए प्रवाह (Vo) का क्रांतिक वेग
जहाँ, m = क्रांतिक वेग अनुपात
D = चैनल के तल से जल की गहराई (मीटर में)
एक भूमि पर जलक्रांति तब होगी यदि पौधे के जड़ वाले क्षेत्र में जल स्तर बढ़ने के कारण वायु परिसंचरण बंद हो जाए।
जलक्रांति के मुख्य कारण इस प्रकार हैं:
i) अपर्याप्त जल अपवाह तंत्र
ii) बहुतायत और गहन सिंचाई
iii) अभेद्य परतों की उपस्थिति
iv) मिट्टी की प्रकृति
v) नहरों का रिसाव
vi) भूमि की स्थलाकृति
100 दिनों के आधार अवधि वाली किसी विशेष फसल के लिए 500 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जाना है। फसल के लिए जरूरी पानी की गहराई 100 cm है। पानी की ड्यूटी की गणना कीजिये (हेक्टेयर प्रति घन मीटर में )।
सम्बन्ध का उपयोग करते हुए
Δ → आवश्यक पानी की गहराई (cm)
D → ड्यूटी (प्रति क्यूमेक हेक्टेयर)
B → आधार अवधि (दिनों में )
Δ = 100 cm, B = 100 दिन
D = 864 प्रति क्यूमेक हेक्टेयर
जल के निर्बाध आगमन के लिए नियामक एवं जल के बीच 'x' कोण होता है। 'x' का मान क्या होगा?
सिंचाई के पानी की आपूर्ति को विनियमित करने के लिए निर्मित सिंचाई कार्यों को नियामक कहा जाता है।
निर्बाध आगमन के लिए इन नियामकों को पानी के साथ 110° के कोण पर स्थापित किया जाता है।
सरदा झरने के आयताकार शीर्ष पर निर्वहन के लिए संबंध क्या होगा?
जहाँ, L =.शीर्ष की लम्बाई (मीटर में)
B = शीर्ष की ऊपरी चौड़ाई (मीटर में)
H = पानी की गहराई (मीटर में)
सरदा झरने के आयताकार शीर्ष का निर्वहन इस प्रकार होगा:
जहाँ, L =.शीर्ष की लम्बाई (मीटर में)
B = शीर्ष की ऊपरी चौड़ाई (मीटर में)
H = पानी की गहराई (मीटर में)
लाईसिमीटर निम्न में से किसे मापने के लिए उपयोग किया जाता है?
लाईसिमीटर वाष्पन-उत्सर्जन को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। किसी क्षेत्र में होने वाली वर्षण की मात्रा और मिट्टी के माध्यम से खोई हुई मात्रा को रिकॉर्ड करके, वाष्पन-उत्सर्जन के कारण खोई हुई पानी की मात्रा को मापा जा सकता है।
बेस अवधि B के लिए बहने वाले इकाई निर्वहन से हेक्टेयर में सिंचित क्षेत्र को ड्यूटी कहा जाता है। यह हेक्टेयर प्रति क्यूमेक में मापा जाता है।
लेसी का रेजिम सिद्धांत निम्न में से किस पर लागू नहीं होता है?
यदि कोई चैनल को कम चौड़ाई और समतल तल ढलान के साथ खोदा जाता है, तो प्रवाह उत्पन्न होता है और तल ढलान गाद के निक्षेपण होने के कारण बढ़ जाती है। तल ढलान के बढ़ने के साथ, चैनल की गहराई बदल सकती है लेकिन चैनल की चौड़ाई वही रहती है क्योंकि चैनल आमतौर पर संसंजिक होता है और अपरदन का प्रतिरोध करता है।
अंतिम रेजिम: यह चैनल द्वारा प्राप्त की गई रेजिम की अन्तिम स्थिति है जब ढलान, चौड़ाई और गहराई आवश्यकता के अनुसार समायोजित हो गए होते हैं। किनारों के प्रतिरोध पर पानी की निरंतर प्रक्रिया के कारण काबू पाया जा चूका होता है।
यथार्थ रेजिम: व्यावहारिक रूप से, यथार्थ रेजिम कभी प्राप्त नहीं होता।
लेसी का सिद्धांत प्रारंभिक रेजिम पर लागू नहीं होता है। सही रेजिम प्राप्त नहीं होता है, अत:यह सिद्धांत अंतिम रेजिम चैनलों पर लागू होता है।
जलमार्ग के शीर्ष पर एक संरचना का निर्माण किया जाता है ताकि इसे किसी लघु या वितरक चैनल से जोड़ा जा सके, निम्न में से उस लघु या वितरक चैनल को क्या कहा जाता है?
किसी भी सिंचाई उद्यम की सफलता, भूसेचक को पानी की पर्याप्त आपूर्ति वितरित करने की दक्षता पर निर्भर करती है। प्रत्येक भूसेचकको एक अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए उचित समय पर नहर प्रणाली में अपनी सीमा के अनुपात में ख़ास मात्रा में पानी प्राप्त करना होता है। पानी का यह वितरण निर्गम के माध्यम से किया जाता है जिन्हें मॉड्यूल भी कहा जाता है। इसलिए, निर्गम का उचित डिजाइन न केवल नहर इंजिनियर के लिए बल्कि भुसेचक के लिए भी सबसे महत्वपूर्ण है।
यदि मूल तल के नीचे स्कौर की गहराई D है, तो आम तौर पर लॉन्चिंग एप्रन की चौड़ाई निम्न में से कितनी ली जाती है?
वक्र शीर्ष पर नदी के तल का भारी स्कौर और मार्गदर्शक किनारों के झुकाव पत्थर पिचिंग को क्षीण कर सकते हैं जिसके परिणाम स्वरूप मार्गदर्शक किनारे टूट सकते हैं। गाइड बैंकों के सिरे के पार लॉन्चिंग एप्रन प्रदान करके ऐसी विफलता को रोका जा सकता है। लॉन्चिंग एप्रन की चौड़ाई आम तौर पर 1.5 D ली जाती है।
मानसून खत्म हो जाने के बाद, रबी की फ़सलों को मध्य नवंबर में बोया जाता है और कटाई अप्रैल/मई में शुरू होती है। फसलों को या तो जमीन में रिसे बारिश के पानी से, या सिंचाई के साथ उगाया जाता है।
भारत में गेहूं के बाद जौ, सरसों, तिल और मटर प्रमुख रबी फसलें हैं।
निम्न में से बैराज में अनुप्रवाह शीट पाईल प्रदान करने का उद्देश्य क्या है?
मिट्टी के बांध से जो पानी का रिसाव होता है और उनकी नीवें विमुक्त मिट्टी के कणों को वाहित कर सकती हैं। रिसाव बल अपदरक मिट्टी को बांध के अनुप्रवाह फेस की ओर बढ़ता है और बांध के टूटने का कारण बन सकता है जिसे पाइपिंग विफलता के रूप में जाना जाता है। अनुप्रवाह शीट पाईल पाइपिंग के कारण हुई विफलता को नियंत्रित करने के लिए उपयोग होता है।
निम्न में से कौनसे स्पिलवे गेट नीचे किये जाने पर दूरी से दिखाई नहीं देते?
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