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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UGC NET Mock Test Series 2024 - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 1

परिंदे' कहानी में किस पादरी का संदर्भ आया है ? 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 1

'परिंदे' कहानी में "फादर एल्मंड" पादरी का संदर्भ आया है। अन्य विकल्प असंगत हैं। Key Pointsपरिंदे-

  • रचनाकार- निर्मल वर्मा 
  • विधा- कहानी
  • प्रकाशन वर्ष-  1960 ई. 
  • कहानी संग्रह- परिंदे (इस संग्रह में 7 कहानियाँ है)
  • परिंदे कहानी 1957 में लिखी गई थी और  इसे 1957 ई० में अमृतराय ने हंस पत्रिका में प्रकाशित किया था।
  • निर्मल वर्मा जी को इसी कहानी से ख्याति मिली थी।
  • विषय वस्तु- 
    • कहानी की शुरुआत छात्रावास के छुट्टियों के अंतिम दिन से होती है।
    • यहाँ लड़कियां अंतिम दीन का आनंद ले रही थीं।
    • इस कहानी में लतिका अपने अन्दर व्याप्त अकेलेपन से जूझती रहती है।
    • उसे उस छोटे से हिल स्टेशन की स्नों फोल बहुत ही पसंद है इसीलिए वह घर नहीं  जाना चाहती है।
    • लतिका को डॉ० मुखर्जी और मी० ह्यूबर्ट अपने कमरे पर एक कॉन्सर्ट पर निमंत्रण देते हैं।
    • वह मना करती है फिर भी उसे जाना पड़ता है। लतिका वहाँ जाकर भी खुद में ही खोई रहती है।
  • प्रमुख पात्र- 
    • लतिका- कहानी की केंद्रीय पात्र और छात्रावास की वार्डेन है।
    • मेजर गिरीश नेगी- लतिका के पूर्व प्रेमी जो कुमाऊँ रेजिमेंट में कैप्टन था अब वह दुनिया में नहीं है।
    • सुधा और जूली- छात्रवास की छात्रा है।
    • करीमुद्दीन- हॉस्टल का नौकर जो बहुत आलसी इंसान है।
    • मी० ह्यूस्टन- लतिका को पसंद करता है स्कूल में संगीत शिक्षक है।
    • डॉ० मुखर्जी- ये लतिका को समय-समय पर मार्गदर्शन करते है आधे बर्मी है बार-बार बर्मा जाने की बातें किया करते थे।
    • मिस वुड- स्कूल की प्रिंसिपल। 
    • फादर एल्मंड- पादरी। 

Important Pointsनिर्मल वर्मा- 

  • जन्म- 1929 - 2005 ई.
  • आधुनिक कथाकारों में एक मूर्धन्य कथाकार और पत्रकार थे।
  • हिंदी कहानी में आधुनिक बोध लानेवाले कहानीकारों में निर्मल वर्मा का अग्रणी स्थान है।
  • कहानी संग्रह- 
    • परिंदे (1960 )
    • जलती झाड़ी (1965)
    • पिछली गर्मियों में (1968)
    • बीच बहस में (1973)
    • कव्वे और काला पानी (1983)
    • सुखा और अन्य कहानियाँ (1995)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 2

समाज में हरिजनों की समस्याओं का चित्रं प्रेमचन्दजी ने किस उपन्यास में किया है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 2
समाज में हरिजनों की समस्याओं का चित्रं प्रेमचन्दजी ने कर्मभूमि उपन्यास में किया है Additional Information
  • कर्मभूमि प्रेमचन्द का राजनीतिक उपन्यास है 
  • १९३२ में प्रकाशित हुआ
  •  उपन्यास में विभिन्न राजनीतिक समस्याओं को कुछ परिवारों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है।
  • प्रेमचंद की कथाओंपर आधारित फ़िल्में

        मजदूर, सेवासदन, गोदान, गबन, शतरंज के खिलाड़ी, सद्गति, ओका ऊरी कथा Key Points

  • रचनाएँ
  • अहंकार - इसका प्रकाशन कायाकल्प के साथ ही सन् 1926 ई. में हुआ था।
  • प्रतिज्ञा (1927)- यह विधवा जीवन तथा उसकी समस्याओं को रेखांकित करने वाला उपन्यास है।
  • गबन (1928)
  • गोदान (1936)
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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 3

संसार भर की नीति और शिक्षा का अर्थ मैंने यही समझा है कि आत्म सम्मान के लिए मर मिटना ही दिव्य जीत है।' ये कथन किसका है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 3

सही उत्तर है- "चंद्रगुप्त"। अन्य विकल्प असंगत है। 

  • 'संसार भर की नीति और शिक्षा का अर्थ मैंने यही समझा है कि आत्म सम्मान के लिए मर मिटना ही दिव्य जीत है।'
  • ये कथन चंद्रगुप्त का है। 

Key Pointsचंद्रगुप्त नाटक- 

  • रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
  • विधा- नाटक
  • प्रकाशन वर्ष- 1931 ईo
  • अंक- 4 
  • कुल दृश्य- 44
  • प्रथम अंक- 11
  • द्वितीय अंक- 10
  • तृतीय अंक- 
  • चतुर्थ अंक- 14
  • गीतों की संख्या- 13
  • श्रेणी- ऐतिहासिक नाटक
  • विषय- चन्द्रगुप्त तथा चाणक्य का अत्याचारी नन्द तथा विदेशी यूनानियों से संघर्ष का चित्रण।
  • मुख्य पात्र- 
  • नाटक के पुरुष पात्र- कुल उन्नीस (19) पुरुष पात्र है।
    • चाणक्य- (विष्णुगुप्त) मौर्य साम्राज्य का निर्माता। 
    • चंद्रगुप्त- मौर्य-सम्राट नाटक का नायक जो निर्भीक, दृढ़ और आत्मविश्वास से परिपूर्ण है।
    • नन्द- मगध का सम्राट।
    • राक्षस- मगध का अमात्य।
    • वररुचि (कात्यायन)- मगध का अमात्य।
    • शकटार- मगध का मंत्री।
    • आम्भिक- तक्षशिला का राजकुमार।
    • पर्वतेश्वर- पंजाब का राजा (पोरस)।
    • सिंहरण- मालव गण-मुख्य का कुमार, जो गौण पात्र है।
    • सिकंदर- ग्रीक विजेता।
    • फिलिप्स- सिकंदर का क्षत्रप।
    • मौर्य सेनापति- चन्द्रगुप्त का पिता।
    • एनिसाक्रिटीज- सिकंदर का सहचर।
    • देवबल, नागदत्त, गण-मुख्य, मालवा- गणतंत्र के पदाधिकारी।
    • साईबर्तियस, मेगास्थनीज- यवन दूत।
    • गांधार-नरेश- आम्भिक का पिता।
    • सिल्यूकस- सिकंदर का सेनापति।
    • दण्डयायन- एक तपस्वी।
  • स्त्रीपात्र-  
    • अलका- तक्षशिला की राजकुमारी
    • कल्याणी- मगध-राजकुमारी
    • नीला, लीला- कल्याणी की सहेलियाँ
    • मालविका- सिन्दू-देश की कुमारी मुख्य नारी पात्र। एक संधर्षशील, स्वाभिमानी स्त्री, जो अशिक्षित भी है।
    • कार्नेलिया- सिल्यूकस की पुत्री
    • एलिस- कार्नेलिया की सहेली

Important Pointsजयशंकर प्रसाद- 

  • जन्म- 1889 - 1937 ईo 
  • नाटक-  
    • सज्जन (1910 ईo)
    • कल्याणी परिणय (1912 ईo)
    • करुणालय (1912 ईo)
    • प्रायश्चित (1913 ईo)
    • राज्यश्री (1915 ईo)
    • अजातशत्रु (1922 ईo)
    • जनमेजय का नागयज्ञ (1926 ईo)
    • कामना (1927 ईo)
    • स्कंदगुप्त (1928 ईo)
    • चंद्रगुप्त (1931 ईo)
    • ध्रुवस्वामिनी (1933 ईo)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 4
नाथपंथियों की अन्त:साधना में 'प्रेमतत्त्व' का अभाव था- यह मान्यता इनमें से किसकी है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 4

नाथपंथियों की अन्त:साधना में 'प्रेमतत्त्व' का अभाव था- यह मान्यता आचार्य रामचंद्र शुक्ल की है। 

आचार्य रामचंद्र शुक्ल-

  • जन्म-(1884-1941)
  • आचार्य शुक्ल आलोचना, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे। उनकी सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक हिन्दी साहित्य का इतिहास है

रचनाएँ:- निबन्ध संग्रह

'चिन्तामणि' भाग 1 और 2 तथा 'विचार वीथी। आलोचना:– 'सूरदास', 'रसमीमांसा', 'त्रिवेणी' आदि।

संपादन

  • जायसी ग्रन्थावली(1925 ई. )
  • भ्रमरगीत सार(1926 ई. )
  • गोस्वामी तुलसीदास आदि।

Additional Information जॉर्ज ग्रियर्सन-

  • जन्म-(1851-1941)
  • जॉर्ज ग्रियर्सन बहुभाषाविद् और आधुनिक भारत में भाषाओं का सर्वेक्षण करने वाले पहले भाषावैज्ञानिक थे।

प्रमुख रचनाएँ-

  • राजा गोपीचंद की कथा; वही, 1878
  • मैथिली ग्रामर (1880)
  • सेवेन ग्रामर्स आव दि डायलेक्ट्स ऑव दि बिहारी लैंग्वेज (1883-1887)
  • इंट्रोडक्शन टु दि मैथिली लैंग्वेज
  • ए हैंड बुक टु दि कैथी कैरेक्टर
  • बिहार पेजेंट लाइफ आदि।

पीतांबरदत्त बड़थ्वाल-

  • जन्म-(1901-1944)
  • इन्होंने अनुसंधान और खोज परंपरा का प्रवर्तन किया तथा आचार्य रामचंद्र शुक्ल और बाबू श्यामसुंदर दास की परंपरा को आगे बढा़ते हुए हिन्दी आलोचना को मजबूती प्रदान की।

प्रमुख रचनाएँ:-

रामानन्द की हिन्दी रचनायें', 'गोरखवाणी', 'मकरंद', 'प्राणायाम विज्ञान और कला', 'ध्यान से आत्मचिकित्सा' तथा 'सूरदास जीवन सामग्री' आदि।

हज़ारी प्रसाद द्विवेदी (1907-1979) हिन्दी निबन्धकारआलोचक और उपन्यासकार थे।
प्रमुख रचनाएँ:-

आलोचना

  • सूर साहित्‍य (1936)
  • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940)
  • कबीर (1942)
  • नाथ संप्रदाय (1950)
  • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 5
निर्धन के धन राम। निर्बल के बल राम।" - इस पंक्ति में कौन-सी लक्षणा है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 5

निर्धन के धन राम। निर्बल के बल राम।" - इस पंक्ति में शुद्धा सारोपा प्रयोजनवती लक्षणा है। Key Pointsप्रयोजनवती लक्षणा-

  • वह लक्षणा जो प्रयोजन द्वारा वाच्यार्थ से भिन्न अर्थ प्रकट करे। प्रयोजनवती लक्षणा में किसी विशेष प्रयोजन की सिद्धि के लिए लक्षणा की जाती है।
  • जैसे- 'बहुत सी तलवारें मैदान में आ गईं' इस वाक्य में यदि हम तलवार का अर्थ तलवार ही करके रह जाते हैं तो अर्थ में बाधा पड़ती है।
  • इससे प्रयोजनवश हमें तलवार का अर्थ तलवारबंद सिपाही लेना पड़ता है।
  • अतः जिस लक्षणा द्वारा यह अर्थ लिया वह प्रयोजनवती हुई।
  • प्रयोजनवती लक्षणा के दो मुख्य भेद हैं- गौणी, शुद्धा
  • गौणी लक्षणा-
    • गौणी में सादृश्य सम्बन्ध से अर्थात समान गुण या धर्म के कारण लक्ष्यार्थ का ग्रहण किया जाए।
    • गौणी लक्ष्णा के दो मुख्य भेद होते हैं-
      • सारोपा गौणी
      • साध्यवसाना गौणी
  • शुद्धा लक्षणा-
    • शुद्धा लक्षणा में सादृश्य सम्बन्ध के अतिरिक्त अन्य सम्बन्ध से लक्ष्यार्थ का बोध होता है।
    • शुद्धा लक्षणा के चार भेद हैं-
      • उपादान लक्षणा, लक्षणलक्षणा, सारोपा लक्षणा और साध्यावसाना लक्षणा।

Important Pointsलक्षणा शब्द-शक्ति-

  • शब्द की वह शक्ति जिसमें श्रोता या पाठक को उस शब्द के मूल अर्थ को छोोड़कर लक्ष्य कर रही कई बात का बोध कराती है लक्षणा शब्द शक्ति कहलाती है।
    • उदाहरण- रमेश गधा है
  • साहित्य में लक्षणा शक्ति दो प्रकार की मानी गई है- रूढ़ि और प्रयोजनवती।
  • रूढ़ि लक्षणा-
    • जहाँ पर कुछ लक्ष्यार्थ रुढ़ हो गए हैं।
    • जैसे 'कार्य में कुशल'। कुशल का शब्दार्थ 'कुश इकट्ठा करनेवाला' होता है, पर यह शब्द दक्ष या निपुण के अर्थ में रुढ़ हो गया है। इस प्रकार का अर्थ रुढिलक्षणा द्वारा प्रकट होता है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 6
कौन - सा पात्र 'माटी की मूरतें' का नहीं है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 6

सोम्मार माटी की मूरतें रेखाचित्र संग्रह का पात्र नहीं है, यह रेखाचित्र संग्रह रामवृक्ष बेनीपुरी द्वारा रचित हैl

Key Points

राम वृक्ष बेनीपुरी-

  • समयकाल-  23 दिसंबर, 1899 - 7  सितंबर, 1968 ई.
  • जन्म स्थान- मुजफ्फरपुर जिला, बिहार
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सक्रिय सेनानी के रूप में आपको 1930 ई. से 1942 ई. तक का समय जेल में ही व्यतीत करना पड़ा
  • मुख्य रचनाएँ-
  • 'चिता के फूल', 'शब्द-चित्र-संग्रह', 'लाल तारा', 'माटी की मूरतें', 'गेहूँ और गुलाब', पतितों के देश में', 'कैदी की पत्नी', 'दीदी और सात दिन''जंजीरें और दीवारें', 'मील के पत्थर',।

Important Points

इसमें 'ये माटी की मूरतें' नामक भूमिका के अतिरिक्त १२ रेखाचित्र हैं-

  1. रजिया
  2. बलदेव सिंह
  3. सरजू भैया
  4. मंगर
  5. रूपा की आजी
  6. देव
  7. बालगोबिन भगत
  8. भौजी
  9. परमेसर
  10. बैजू मामा
  11. सुभान खाँ
  12. बुधिया
  13. सचिन खेडेकर
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 7
मन्नू भंडारी की किस कहानी पर 'रजनीगंधा' फिल्म बनी ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 7

'यही सच है' कहानी पर रजनीगंधा फिल्म बनी हैl

Key Points

मन्नू भंडारी-

  • समयकाल- 3 अप्रैल 1931- 15 नवंबर 2021 ई.
  • जन्मस्थान- मध्य प्रदेश में मंदसौर
  • मूल नाम- महेंद्र कुमारी 
  • इन्होने राजेन्द्र यादव से विवाह किया था
  • मुख्य रचनाएँ-
    • एक प्लेट सैलाब 
    • मैं हार गई 
    • तीन निगाहों की एक तस्वीर
    • यही सच है 
    • त्रिशंकु
    • आपका बंटी 
    • एक इंच मुस्कान - लेखक और पति राजेंद्र यादव के साथ लिखा गया उनका उपन्यास एक इंच मुस्कान पढ़े लिखे आधुनिक लोगों की एक दुखांत प्रेमकथा है जिसका एक-एक अंक लेखक-द्वय ने क्रमानुसार लिखा।
    • महाभोज 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 8

कौन-से समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 8

हिन्दी समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं।

  • गद्यांश के अनुसार:-
    •  आज हिंदी के समाचार पत्र सबसे अधिक प्रकाशित होते हैं। समाचार पत्रों के अनेक रूप हैं-दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक इनके प्रकाशन की प्रक्रिया जटिल होती है।

Key Points

  • हिन्दी या हिंदी जिसके मानकीकृत रूप को मानक हिंदी कहा जाता है,
  • विश्व की एक प्रमुख भाषा है एवं भारत की एक राजभाषा है। केन्द्रीय स्तर पर भारत में सह-आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है।
  • यह हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप है जिसमें संस्कृत के तत्सम तथा तद्भव शब्दों का प्रयोग अधिक है और अरबी-फ़ारसी शब्द कम हैं।
  • हिन्दी संवैधानिक रूप से भारत की राजभाषा और भारत की सबसे अधिक बोली और समझी जाने वाली भाषा है।

Additional Informationअंग्रेजी:- 

  • अंग्रेज़ी भाषा (अंग्रेज़ी: English) हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार में आती है और इस दृष्टि से हिन्दी, उर्दू, फ़ारसी आदि के साथ इसका दूर का संबंध बनता है।
  • ये इस परिवार की जर्मनिक शाखा में रखी जाती है। इसे दुनिया की सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय भाषा माना जाता है।
  • यह दुनिया के कई देशों की मुख्य राजभाषा है और आज के दौर में कई देशों में (मुख्यतः भूतपूर्व ब्रिटिश उपनिवेशों में) विज्ञान, कंप्यूटर, साहित्य, राजनीति और उच्च शिक्षा की भी मुख्य भाषा है। अंग्रेज़ी भाषा रोमन लिपि में लिखी जाती है।

बंगाली:-

  •  बांग्लादेश और भारत के पश्चिम बंगाल और उत्तर-पूर्वी भारत के त्रिपुरा तथा असम राज्यों के कुछ प्रान्तों में बोली जानेवाली एक प्रमुख भाषा है। 
  • भाषाई परिवार की दृष्टि से यह हिन्द यूरोपीय भाषा परिवार का सदस्य है।
  • इस परिवार की अन्य प्रमुख भाषाओं में हिन्दी, नेपाली, पंजाबी, गुजराती, असमिया, ओड़िया, मैथिली इत्यादी भाषाएँ हैं।
  • बंगाली बोलने वालों की सँख्या लगभग 23 करोड़ है और यह विश्व की छठी सबसे बड़ी भाषा है।
  • इसके बोलने वाले बांग्लादेश और भारत के अलावा विश्व के बहुत से अन्य देशों में भी फैले हैं।

उर्दू:-

  • भाषा विज्ञान के आधार पर हिंदी और उर्दू एक ही भाषा है। नस्तालीक़ लिपि में लिखी गई हिंदी भाषा को उर्दू कहा जाता है।
  • उर्दू का स्वतन्त्र व्याकरण नहीं है। उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है।
  • उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं।
  • ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है। यह भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है तथा पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा है।
  • इस के अतिरिक्त भारत के राज्य जम्मू और कश्मीर की मुख्य प्रशासनिक भाषा है। साथ ही तेलंगाना, दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 9
आपका बंटी' में निम्नलिखित में से कौन-सी समस्या प्रमुख है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 9

'आपका बंटी' में अहं की समस्या प्रमुख है।

Key Points

'आपका बंटी'-

  • इस उपन्यास की रचना 1971 ई. में हुई थी।
  • इसकी लेखिका मन्नू भंडारी हैं।
  • यह उपन्यास बाल मनोविज्ञान पर आधारित है।

Additional Information मन्नू भंडारी-(1931-2021)

  • मन्नू भंडारी हिन्दी की सुप्रसिद्ध कहानीकार थीं।
  • वह दिल्ली के मिरांडा हाउस कॉलेज में हिंदी की अध्यापिका रहीं।

प्रमुख रचनाएँ-

  • एक प्लेट सैलाब (1962)
  • मैं हार गई (1947)
  • तीन निगाहों की एक तस्वीर
  • यही सच है (1966) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 10

निम्नलिखित भाषा परिवारों के साथ भाषाओं को सुमेलित कीजिए :

इनमें से सही विकल्प है :

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 10

भाषा परिवारों के साथ भाषाओं का सही सुमेलन हैं-

Key Points
काकेशियन परिवार-

  • यह यूरेशिया खंड का भाषा परिवार है।
  • काकेशी भाषाएँ, जिन्हें पुरा-काकेशी (Paleo-Caucasian) या इबेरो-काकेशी (Ibero-Caucasian) भी कहा जाता है, काले और कैस्पियन सागर के बीच, ट्रांसकेशिया और काकेशस क्षेत्र के आस-पास के क्षेत्रों की भाषाओं का समूह है।

मलय - पॉलिनेशियन परिवार-

  • यह प्रशांत महासगरीय खंड का भाषा परिवार है।
  • मलय का अर्थ होता है सफेद चन्दन का वृक्ष। मलय एक भाषा का भी नाम है।
  • इसके प्रमुख भाषाओं में शामिल है-
    • मलय, इन्डोनेशियाई, जावानीस, सुंडानी, तागालोग, मालागासी, सेबुआनो, मदुरीस, इलोकानो, हिलिगेनन, और मिनांगकाबाउ।

आस्ट्रो - एशियाटिक परिवार-

  • ऑस्ट्रो-एशियाई भाषा परिवार को दो मुख्य शाखाओं में विभाजित किया जाता है-
    • मोन-खमेर
    • मुंडा
  • पूरे दक्षिण पूर्व एशिया और पूर्वी भारत में फैले हुए 115 मिलियन से अधिक लोगों द्वारा बोली जाने वाली लगभग 150 भाषाओं का भंडार है।

बुशमैन परिवार-

  • यह अफ्रीका खंड का भाषा परिवार है।
  • होतेन्तोत-बुशमैनी भाषा खोइसन (khoisan) के नाम से भी जाना जाता है।
  • यह भाषाएं मुख्य रूप से दक्षिणी अफ्रीका में बोली जाने वाली अफ्रीकी भाषाओं का एक अनूठा समूह है, जिसमें पूर्वी अफ्रीका में दो बाहरी भाषाएं पाई जाती हैं।

Additional Information
चेचेन-

  • यह पूर्वोत्तर काकेशी भाषा है।
  • यह नख भाषा का हिस्सा है।

संथाली-

  • यह मुंडा परिवार की भाषा है।
  • मुंडा भाषाएं पूर्वी भारत और बांग्लादेश के पहाड़ी और वन क्षेत्रों में लगभग 9 मिलियन लोगों द्वारा बोली जाती हैं।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 11

'दो न्याय अगर तो आधा दो,
पर, इसमें भी यदि बाधा हो,
तो दे दो केवल पाँच ग्राम,
रक्खो अपनी धरती तमाम।
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असि न उठायेंगे!'

उपर्युक्त पंक्तियों में 'असि' का अर्थ क्या है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 11

उपर्युक्त पंक्तियों में 'असि' का अर्थ है- तलवार

Key Pointsरश्मिरथी-

  • रचनाकार- रामधारी सिंह 'दिनकर'
  • विधा- खण्डकाव्य
  • प्रकाशन वर्ष- 1952 ई.
  • विषय-
    • रश्मिरथी, जिसका अर्थ "सूर्यकिरण रथ का सवार" है।
    • इसमें कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है।
    • इसमें 7 सर्ग हैं।

Important Pointsरामधारी सिंह 'दिनकर' -

  • जन्म – 1908 ई.
  • जन्म स्थान - बेगूसराय, बिहार
  • उपनाम - अनल का कवि, अधेर्य का कवि, आग राग का कवि, जनजागरण का वैतालिक
  • काव्य संग्रह
    • प्राणभंग (1929 ई.)
    • रेणुका (1935 ई.)
    • हूंकार (1939 ई.)
    • द्वंद्वगीत (1940 ई.)
    • यशोधरा (1946 ई.)
    • इतिहास के आंसू (1951 ई.)
    • धूप और धूआ (1951 ई.)
    • परशुराम की प्रतीक्षा (1963 ई.)
    • हारे को हरी नाम (1970 ई.)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 12

स्थापना : उत्तर-आधुनिकता स्थितियों का बहुवचनवाद है।

तर्क : वह बहुस्तरीयता एवं बहुलार्थता को स्वीकारती है।

इनमें से कौन-सा विकल्प सही है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 12

सही उत्तर है- (विकल्प- 3)- स्थापना और तर्क दोनों सही हैं।Key Points

  • उत्तर-आधुनिकता स्थितियों का बहुवचनवाद स्थापना सही है।
  • वह बहुस्तरीयता एवं बहुलार्थता को स्वीकारती तर्क सही है।
  • क्योंकि-
    • बहुलतावाद उत्तर आधुनिकता का मुख्य केन्द्र है।
    • पूर्णता का विघटन इसके लिए आवश्यक शर्त है।
    • उत्तर-आधुनिकता बहुस्तरीयता एवं बहुलार्थता को स्वीकारती है।
    • प्रौद्योगिकी, नई तकनीकें लगातार हमारे ज्ञान को प्रभावित करती है।
    • अत: हमें प्रासंगिक व वास्तविक ज्ञान की आंतरिक विशेषताओं के प्रति सजग होना होगा।
    • उत्तर आधुनिकतावाद आधुनिकवाद का भविष्योन्मुखी परिवर्तनीय रूप है।
    • इसमें अंतर-व्यक्तिपरकता को जीवंत रखा जाता है।

Additional Informationउत्तर-आधुनिकता-

  • उत्तर आधुनिकता की परिकल्पना आर्नल्ड टॉयनबी ने की थी।
  • उत्तर आधुनिकता की मूल चेतना आधुनिक ही है।
  • क्योंकि इसका विकास एवम् इसकी अस्मिता का आधार वही उद्योग हैं जो आधुनिकता की देन है।
  • टॉयनबी के अनुसार-
    • आधुनिकता के बाद उत्तर आधुनिकता तब शुरू होती है।
    • जब लोग कई अर्थों में अपने जीवन, विचार एवम् भावनाओं में तार्किकता एवम् संगति को त्याग कर अतार्किकता एवम् असंगतियों को अपना लेते हैं।
    • उत्तर आधुनिकतावाद आधुनिकीकरण की प्रक्रिया की समाप्ति के बाद की स्थिति है।
  • ल्योतार, रोर्टी, फूको एवम् देरिदा आदि के दर्शन मुख्य रूप से उत्तर आधुनिकता से संबंधित हैं।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 13
आकाशदीप' कहानी की बंदी स्त्री (नायिका) का घर कहाँ था?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 13

'आकाशदीप' कहानी की बंदी स्त्री (नायिका) का घर चंपा नगरी था। Key Pointsआकाशदीप-

  • रचनाकार- जयशंकर प्रसाद
  • प्रकाशन वर्ष- 1929 iईo
  • विधा- कहानी संग्रह
  • इस कहानी संग्रह में कुल 19 कहानियाँ हैं-
    • आकाशदीप, ममता, स्वर्ग के खंडहर में, सुनहला साँप, हिमालय का पथिक,
    • भिखारिन, प्रतिध्वनी, कला, देवदासी, समुन्द्र-संतरण, वैरागी, बंजारा,
    • चूड़ीवाला अपराधी, प्रणय-चिन्ह, रूप की छाया, ज्योतिष्मती, रमला और बिसाती।
  • उद्देश्य-
    • ‘आकाशदीप’ एक रोमांटिक-प्रणय-प्रधान कहानी है।
    • जयशंकर प्रसाद जी आकाशदीप कहानी के माध्यम से कर्तव्य पथ पर हमेशा आगे बढ़ते रहने का सन्देश देते हैं।
    • अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए प्रेम का बलिदान देना कहानी के उद्देश्य को दर्शाता है।
    • आदर्श प्रेम की स्थापना तथा प्रेम और कर्तव्य के द्वंद्व में कर्तव्य विजय को दिखाना इस कहानी का लक्ष्य है।
    • कहानी की नायिका ‘चंपा’ अकेले आकाशदीप जलाकर बुद्ध गुप्त की तरह भटके लोगों को मार्ग दर्शन कराती है।
    • इस कहानी के माध्यम से जयशंकर प्रसाद जी ने प्रेम, सत्य, कर्तव्यनिष्ठ, इमानदारी, सेवा और नैतिकता जैसे शाश्वत मूल्यों को स्थापित किया है।
  • कहानी के पात्र-
    • बुद्धगुप्त- ताम्रलिप्ति का एक क्षत्रिय/ महानाविक, कहानी का नायक। बहादुर और वीर पुरुष है। जो चंपा और खुद को मणिभद्र के चंगुल से आजाद करवाता है।
    • चंपा- एक क्षत्रिय बालिका, कहानी की नायिका। जलदस्यु की कैदी। बुद्धगुप्त की प्रेमिका।
    • मणिभद्र- पोताध्यक्ष्य, कहानी का खलनायक जिसने चंपा और बुद्धगुप्त को बंदी बनाकर रखा है।
    • जया- सेविका, जंगल में निवास करने वाली युवती।
  • ताम्रलिप्ति-
    • बंगाल की खाड़ी में स्थित एक प्राचीन नगर था।
    • विद्वानों का मत है कि वर्तमान तामलुक ही प्राचीन ताम्रलिप्ति था।
    • भारतवर्ष में कलिंग, ताम्रलिप्ति आदि प्राचीन बंदरगाहों से भारतवासियों के जहाज बराबर सिंहल, सुमात्रा, जावा आदिद्वीपों की ओर जाते थे।
  • पहला भाग-
    • समुंद में पोत पर और दूसरा भाग पाँच वर्ष बाद चंपा द्वीप पर घटित होती है।
  • दूसरा भाग-
    • कहानी में लेखक यह बताना चाहते हैं, कि मानव के आचरण और व्यवहार को प्रेम और त्याग से बहुत कुछ बदला जा सकता है।
    • यह कहानी प्रेम और कर्म के द्वंद्व पर आधारित है।
    • अंत में कर्तव्य भावना का समर्थन करती है।
    • नायिका चंपा कर्तव्य के आगे अपने प्रेम का बलिदान कर देती है।
    • नारी के त्याग और कल्याण की भावना इस कहानी में मुखरित होती है।
    • आकाशदीप कहानी की शुरुआत दो बंदी ‘चंपा’ और ‘बुद्धगुप्त’ को बंधन से आजाद करवाने से शुरू होती है।

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म- 1889 - 1937 ईo
  • नाटक-
    • सज्जन (1910 ईo)
    • कल्याणी परिणय (1912 ईo)
    • करुणालय (1912 ईo)
    • प्रायश्चित (1913 ईo)
    • राज्यश्री (1915 ईo)
    • अजातशत्रु (1922 ईo)
    • जनमेजय का नागयज्ञ (1926 ईo)
    • कामना (1927 ईo)
    • स्कंदगुप्त (1928 ईo)
    • चंद्रगुप्त (1931 ईo)
    • ध्रुवस्वामिनी (1933 ईo)
  • काव्य कृतियाँ-
    • उर्वशी (1909 ई०)
    • वन मिलन (1909 ई०)
    • प्रेमराज्य (1909 ई०)
    • अयोध्या का उद्धार (1910 ई०)
    • शोकोच्छ्वास (1910 ई०)
    • बभ्रुवाहन (1911 ई०)
    • कानन कुसुम (1913 ई०)
    • प्रेम पथिक (1914 ई०)
    • महाराणा का महत्व (1914 ई०)
    • चित्राधार (1918 ई०)
    • झरना (1918 ई०)
    • आँसू (1925 ई०)
    • लहर (1933 ई०)
    • कामायनी (1935 ई०)
  • कहानी संग्रह-
    • छाया(1912)
    • प्रतिध्वनि (1926)
    • आकाशदीप (1929)
    • आँधी(1931)
    • इंद्रजाल(1936)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 14
मेरे लेखन की पृष्ठभूमि ग्राम - जीवन है', यह कथन किस निबंधकार का है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 14

'मेरे लेखन की पृष्ठभूमि ग्राम - जीवन है', यह कथन विद्यानिवास मिश्र निबंधकार का है। Key Pointsविद्यानिवास मिश्र-

  • जन्म- 1905 - 2005 ईo
    • ये शुक्लोत्तर युग के ललित निबंधकार थे।
  • निबंध-
    • छितवन की छाँह (1953)
    • कदम की फूली डाल (1956)
    • आँगन का पंछी और बनजारा मन (1963)
    • मैंने सिल पहुँचाई (1966)
    • बसंत आ गया पर कोई उत्कंठा नहीं (1972)
    • मेरे राम का मुकुट भीग रहा है (1974)
    • कँटीले तारों के आर-पार (1976 ई०)
    • परंपरा कोई बन्धन नहीं (1976)
    • तमाल के झरोखे से (1981)
    • लागो रंग हरी (1985 ई०)
    • शेफाली झर रही है (1989)​
    • शिरीष की याद आई (1995 ई०)
    • कितने मोरचे ( 2007 ई०)

Important Pointsआचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी-

  • जन्म- 1907 - 1979 ईo
    • हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • सूर साहित्‍य (1936)
    • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940)
    • प्राचीन भारत के कलात्मक विनोद (1952)
    • कबीर (1942)
    • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952)
    • लालित्‍य तत्त्व (1962)
    • साहित्‍य सहचर (1965)
    • कालिदास की लालित्‍य योजना (1965)
    • मध्‍यकालीन बोध का स्‍वरूप (1970)
    • सहज साधना (1963)
  • निबंध-
    • अशोक के फूल (1948)
    • कल्पलता (1951)
    • नाखून क्यों बढ़ते है (1951)
    • मध्यकालीन धर्म साधना (1952)
    • विचार और वितर्क (1957)
    • विचार प्रवाह (1959)
    • कुटज (1964)
    • साहित्य सहचर (1965)
    • आलोक पर्व (1972)

विवेकी राय-

  • जन्म- 1924- 2016 ईo
    • यह ललित निबंधकार है।
  • निबंध संग्रह-
    • किसानों का देश (1956)
    • गाँवों की दुनियाँ (1957)
    • फिर बैतलवा डाल पर (1962)
    • गंवई गंध गुलाब (1980)
    • नया गाँवनाम (1984)
    • यह आम रास्ता नहीं है (1988)
    • जगत् तपोवन सो कियो (1995)
    • वन तुलसी की गंध (2002)
    • जीवन अज्ञात का गणित है (2004)
    • उठ जाग मुसाफ़िर (2012)

डॉ. नामवर सिंह-

  • जन्म- 1926 - 2019 ईo
    • नामवर सिंह प्रगतिवादी समीक्षक हैं।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग (1952)
    • आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ (1954)
    • छायावाद (1955)
    • इतिहास और आलोचना (1957)
    • कहानी : नयी कहानी (1964)
    • कविता के नये प्रतिमान (1968)
    • दूसरी परम्परा की खोज (1982)
    • वाद विवाद संवाद (1989)
    • आलोचक के मुख से (2005)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 15
नरेंद्र शर्मा ने हिन्दी के आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति किस रचना को माना है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 15
नरेंद्र शर्मा ने हिन्दी के आत्मकथा साहित्य की चरम परिणति क्या भूलूँ क्या याद करूँ रचना को माना है। Key Pointsक्या भूलूँ क्या याद करूँ -
  • रचनाकार- हरिवंश राय बच्चन
  • प्रकाशन वर्ष - 1969 ई.
  • विधा - आत्मकथा
  • गांव का उल्लेख - अमोढा,बाबू पट्टी
  • मुख्य - यह हरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा का प्रथम खंड है
    • तत्कालीन समय में संयुक्त परिवार तथा गरीबी में भी लोगों को एक साथ रहने का सुंदर उदाहरण उक्त रचना में मिलता है
    • 'क्या भूलूं क्या याद करूं' में हरिवंश राय बच्चन अपने परदादा के समय से बात आरंभ करते हैंऔर पीढ़ी दर पीढ़ी का जीवन चित्र प्रस्तुत करते हुए अपनी कथा तक आते हैं
    • इसमें वें कर्कल और उसकी पत्नी चंपा से अपने अनुराग का चित्रण करते हैं
    • इनमें उनकी प्रथम पत्नी श्यामा के प्रति प्रेम का अंकुरण भी दिखाई देता है
    • इस आत्मकथा में उसे समय की क्रांतिकारी गतिविधियों की सरगर्मी का भी आभास होता है
Important Pointsहरिवंश राय बच्चन की आत्मकथा के अन्य खंड -
  • नीड का निर्माण फिर खंड -ii(1970 ई.)
  • बसेरे से दूर खंड -iii(1978 ई.)
  • दशद्वार से सोपान तक खंड -iv(1985 ई.)
Additional Informationमुर्दहिया -
  • रचनाकार- तुलसीराम
  • प्रकाशन वर्ष- प्रथम खंड मुर्दहिया (2010 ई.) और द्वितीय खंड का नाम मणिकर्णिका (2014 ई.)
  • विधा - आत्मकथा
  • मुख्य - मुर्दहिया में डॉ. तुलसीराम ने अपने जीवन की कथा को पाठक के सामने वैसे ही रखा है जैसा कि उन्होंने जिया और महसूस किया
    • मुर्दहिया आजमगढ़ में स्थित लेखक के गांव के श्मशान घाट का नाम है
    • यह दलित जीवन की कर्मस्थली है
आपहुदरी -
  • रचनाकार - रमणिका गुप्ता
  • प्रकाशन वर्ष - 2015 ई.
  • विधा - आत्मकथा
  • मुख्य - आपहुदरी एक जिद्दी लड़की की आत्मकथा है
    • सामंती परिवार में जन्मी रमणिका अपने जीवन के हर पन्ने को इसमें प्रस्तुत करने का प्रयास करती है
    • बचपन से लेकर धनबाद तक की यात्रा में उनके साहित्य, समाज सेवा और राजनीतिक संघर्षों को इस आत्मकथा में सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया गया है
एक कहानी यह भी -
  • रचनाकार - मनुभंडारी
  • प्रकाशन वर्ष - 2007 ई.
  • विधा - आत्मकथा
  • मुख्य- इसमें मन्नू भंडारी के भावात्मक तथा सांसारिक जीवन की कथा यात्रा है
    • उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं उनके संघर्षों के साथ-साथ उनके राजेंद्र यादव के आपसी संबंधों और उनकी रचनाओं का सर्जनात्मक सूत्र भी दृष्टिगोचर होते हैं
    • यह दो भागों में प्रकाशित हुई है
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 16
पृथ्वीराज रासो' के रेवातट में किस रानी के विवाह का प्रसंग आया है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 16

पृथ्वीराज रासो के रेवा तट में पदमावती से विवाह का वर्णन है।

Key Pointsपृथ्वीराज रासो-

  • रचनाकार- चन्दबरदाई
  • विधा- महाकाव्य
  • प्रकार- प्रबंध
  • शैली- पिंगल
  • रचनाकाल- 12वीं शती
  • विषय-
    • पृथ्वीराज के जीवन का वर्णन
  • मुख्य रस- वीर रस
  • सर्ग- 69 समय
  • छंद- 68 प्रकार के
  • मुख्य छंद-
    • छप्पय, कवित्त, दूहा,तोमर, त्रोटक,गाहा और आर्या।

Important Pointsपृथ्वीराज रासो-

  • इसमें कुल 69 समय हैं। जिनमें रेवा तट (27वाँ), कयमास वध,कनवज्ज युद्ध आदि महत्वपूर्ण हैं।
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इसकी रचना शुक-शुकी संवाद में मानी है।
  • डॉ बूलर, रामचन्द्र शुक्ल आदि विद्वानों ने इसे अप्रामाणिक माना है।
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी ने इसे अर्धप्रामाणिक माना है।
  • मिश्रबन्धु तथा श्यामसुंदर दास ने इसे प्रामाणिक माना है।
  • पृथ्वीराज रासो के उत्तरार्ध को चंदबरदाई के पुत्र जल्हण ने रचा था।

Additional Information

  • मित्र बंधुओं ने लिखा है-
    • "हिंदी का वास्तविक प्रथम महाकवि चंदबरदाई को ही कहा जा सकता है।"
  • आचार्य शुक्ल ने लिखा है-
    • "ये (चन्दबरदाई) हिंदी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं और इनका पृथ्वीराज रासो हिंदी का प्रथम महाकाव्य है।"
  • बच्चन सिंह के अनुसार-
    • " यह एक राजनीतिक महाकाव्य है। दूसरे शब्दों में राजनीति की महाकाव्यात्मक त्रासदी है।"
  • पंक्तियाँ-
    • "पुस्तक जल्हण हत्थ दै, चलि गज्जन नृप काज।"
    • "राजनीति पाइयै। ग्यान पाइयै सु जानिए।"
    • "उक्ति धर्म विशालस्य। राजनीति नवरसं।"
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 17
नेही महा, ब्रजभाषा प्रवीन औ सुंदरता के भेद कौ जानै' - इस पंक्ति का प्रयोग रामचंद्र शुक्ल ने किस कवि के संदर्भ में किया है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 17

'नेही महा, ब्रजभाषा प्रवीन औ सुंदरता के भेद कौ जानै' - इस पंक्ति का प्रयोग रामचंद्र शुक्ल ने घनानन्द कवि के संदर्भ में किया है

Key Pointsघनानंद(1689- 1739 ई.)-

  • रीतिमुक्त काव्य धारा के प्रमुख कवि है।ये मोहम्मद शाह रंगीला के यहां मीर मुंशी थे।
  • यह 'सुजान' नामक नर्तकी से प्रेम करते थे।
  • रचनाएँ -सुजान सागर, कृपा कांड, रसकेलीवल्ली, वीरह लीला, लोकसार, इश्क लता, सूजान हित प्रबंध, वियोग वेली, प्रीति पावस प्रेम पत्रिका, कृष्णा कौमुदी आदि।

बिहारी दास(1595-1663 ई.)-

  • रीतिसिद्ध काव्य धारा के प्रमुख कवि।
  • रचना - बिहारी सतसई ( 713 दोहों का संकलन )।

केशवदास (1555-1617 ई.)-

  • रचनाएँ - रसिकप्रिया (1591 ई.), कवि प्रिया (1601 ई.), रामचंद्रिका (1601 ई.), रतन बाबनी (1607 ई.) वीरसिंह देव चरित्र (1607 ई.), विज्ञान गीता (1610 ई.)।

पद्माकर (1753 -1833 ई.)-

  • ​​रचनाएँ - हिम्मत बहादुर विरुदावली, पदम भरण (1810 ई.), जगत विनोद (1810 ई.), गंगा लहरी, प्रबोध पच्चासा, प्रताप सिंह विरुदावली।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 18
राम की शक्ति पूजा' के अनुसार 'साधु, साधु, साधक धीर, धर्म-धन धन्य राम' पंक्ति किसका कथन है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 18

'राम की शक्ति पूजा' के अनुसार 'साधु, साधु, साधक धीर, धर्म-धन धन्य राम' पंक्ति भगवती का कथन है। Key Pointsराम की शक्तिपूजा-

  • रचनाकार- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला।
  • विधा- लम्बी कविता।
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई.
  • विषय वस्तु-
    • राम-रावण युद्ध की पौराणिक घटना पर आधारित है।
    • इस कविता में आधुनिक युग का प्रतिबिम्ब है।
    • वाल्मीकि से लेकर तुलसीदास आदि कवियों ने राम-रावण के युद्ध को लेकर काव्य की रचना की है।
    • किन्तु राम की शक्तिपूजा काव्य के तीन आधारभूत ग्रंथ हैं-
    • संस्कृत में विरचित ‘देवू भागवत’
    • शिव महिम्न स्त्रोत
    • बांग्ला में कृत्तिवास ओझा कृत ‘कृत्तिवास रामायण’।

Important Pointsसूर्यकांत त्रिपाठी निराला-

  • जन्म- 1899 - 1961 ईo
  • छायावाद के प्रमुख कवि हैं।
  • निबंध-
    • प्रबन्ध प्रतिमा (1940)
    • प्रबन्ध प्रतीक्षा
    • प्रबन्ध पूर्णिमा
    • चाबुक (1949)
    • चयन
    • प्रबन्ध पद्म (1934) आदि।
  • काव्य कृतियाँ-
    • अनामिका (1923 ई०)
    • परिमल (1930 ई०)
    • गीतिका (1936 ई०)
    • तुलसीदास (1938 ई०)
    • कुकुरमुत्ता (1942 ई०)
    • अणिमा (1943 ई०)
    • बेला (1946 ई०)
    • नये पत्ते (1946 ई०)
    • अर्चना (1950 ई०)
    • आराधना (1953 ई०)
    • गीतगुंज (1954 ई०)
    • सांध्यकाकली (1969 ई०)
  • कहानी संग्रह-
    • चतुरी चमार
    • शुकुल की बीवी
    • सखी
    • लिली
    • देवी।
  • उपन्यास-
    • अप्सरा
    • अल्का
    • प्रभावती
    • निरूपमा
    • चमेली
    • उच्च्श्रंखलता
    • काले कारनामे।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 19

"हम मध्यमवर्ग के लोग हैं, पुराने संस्कारों का हम पर गहरा प्रभाव है। मजदूर वर्ग के होते तो हिन्दू-मुसलमान का सवाल तुम्हें परेशान नहीं करता।"

उपर्युक्त कथन तमस उपन्यास के किस पात्र का है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 19

उपर्युक्त कथन तमस उपन्यास के देवदत्त पात्र का है।

देवदत्त का कथन-

  • "हम मध्यमवर्ग के लोग हैं, पुराने संस्कारों का हम पर गहरा प्रभाव है। मजदूर वर्ग के होते तो हिन्दू-मुसलमान का सवाल तुम्हें परेशान नहीं करता।"

Key Pointsतमस-

  • उपन्यासकार- भीष्म साहनी
  • विधा- उपन्यास
  • प्रकाशन वर्ष- 1973 ई०
  • भाग- कथावस्तु दो खण्डों में विभाजित है।
    • पहले खण्ड में 13 प्रकरण है।
    • दूसरा खण्ड में 8 प्रकरण है।
  • पुरस्कार-
    • 1975 ई० में साहित्य अकादमी।
  • विषय वस्तु-
    • इसकी कथा 1947 ई० के पंजाब परिवेश और विभाजन पर आधारित कहानी है।
    • इसमें कुल पाँच दिनों की कहानी का वर्णन है।
    • तमस’ भीष्म साहनी का सबसे प्रसिद्ध उपन्यास है।
  • मुख्य पात्र-
    • नत्थू, बख्शीजी, अज़ीज़, मुराद अली, मास्टर रामदास, मेहता, अजीतसिंह, देसराज,
    • कश्मीरीलाल, जरनैल, देवदत्त, लीज़ा, रिचर्ड, हकीमजी, सरदारजी, मौला दाद
    • अकराँ, राजो, रमज़ान, हयातबख्श, लक्ष्मीनारायण आदि।
  • डॉ गोपाल राय के शब्दों में-
    • “तमस उस अंधकार का द्योतक (प्रतीक) है जो आदमी की इंसानियत और संवेदना को ढक लेटा है और उसे हैवान बना देता है।”

Important Pointsभीष्म साहनी-

  • जन्म- 1915 - 2003 ईo
  • कहानी-
    • भाग्यरेखा (1953 ई.)
    • पहला पाठ (1957 ई.)
    • पटरियाँ (1973 ई.)
    • निशाचर (1983 ई.)
    • वाङ्चू (1978 ई.)
    • पाली (1988 ई.)
    • भटकती राख (1966 ई.)
    • शोभा यात्रा (1981 ई.)
    • डायन (1998 ई.)
  • नाटक-
    • हानूश (1977)
    • कबिरा खड़ा बजार में (1981)
    • माधवी (1985)
    • मुआवजे (1993)
    • रंग दे बसंती चोला (1998)
    • आलमगीर (1999)
  • उपन्यास-
    • झरोखे (1967)
    • तमस (1973)
    • बसंती (1979)
    • मय्यादास की माड़ी (1987)
    • कुंतो (1993)
    • नीलू नीलिमा निलोफर (2000)।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 20

निम्नलिखित कृतियों को उनके रचनाकारों के साथ सुमेलित कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 20

जपुजी- गुरुनानक (गुरु ग्रन्थ साहिब, बारह माह) 

रसमंजरी- नंददास (अनेकार्थमंजरी, भागवत्-दशम स्कंध, श्याम सगाई, गोवर्द्धन लीला, सुदामा चरित, विरहमंजरी, रूप मंजरी) 

बरवै नायिका भेद- रहीम (रहीम दोहावली, बरवै, मदनाष्टक, रास पंचाध्यायी, नगर शोभा) 

वैराग्य संदीपनी- तुलसीदास (रामचरितमानस, कवितावली गीतावली)

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 21

चौपाई' छंद का पूर्व रूप है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 21

‘‘अरिल्ल चौपाई का ही पूर्वरूप है. कथाकाव्य में इसका खूब प्रयोग भी हुआ है, परन्तु शुरू-शुरू में चौपाई की अपेक्षा अपभ्रंश में पद्धड़िया का ज्यादा प्रचार था. जिस प्रकार आजकल हम लोग चौपाई लिखने में तुलसीदास की श्रेष्ठता बतलाया करते हैं; उसी प्रकार स्वयंभू ने चउम्मुह या चतुर्मुख को पद्धड़िया का राजा बताया था. हरिवंश पुराण में उन्होंने कहा है कि पिंगल ने छंद प्रस्तार, भामाह और दण्डी ने अलंकार; बाण ने शब्दाडम्बर, श्रीहर्ष ने निपुणत्व और चतुर्मुख ने छर्दनिका, द्विपदी और ध्रुवकों से जटित पद्धड़िया दिया. छद्दणिय धुवएहिं जडिय । चउमुहेण समप्पिअ पद्धड़िया.'' 

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 22

प्रकाशन वर्ष के आधार पर जयशंकर प्रसाद के कहानी संग्रहों का सही अनुक्रम है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 22

प्रकाशन वर्ष के आधार पर जयशंकर प्रसाद के कहानी संग्रहों का सही अनुक्रम है-छाया (1914 ई.), प्रतिध्वनि (1926 ई.), आकाशदीप (1929 ई.), इन्द्रजाल (1939 ई.).

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 23

“मौन भी अभिव्यंजना है। जितना तुम्हारा सच है। उतना ही कहो ।”

'मौन' के इस रचनात्मक सन्दर्भ की अभिव्यक्ति अज्ञेय ने अपनी किस काव्य कृति में की है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 23

अज्ञेय ने एक जगह लिखा है- मैं उन व्यक्तियों में से हूँ और ऐसे व्यक्तियों की संख्या शायद दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है। जो भाषा का सम्मान करते हैं और अच्छी भाषा को अपने आप में एक सिद्धि मानते हैं." यहाँ अच्छी भाषा का अर्थ अलंकृत या चमकदार भाषा नहीं है, वरन् अच्छी भाषा की अच्छाई इसी में है कि वह भाषा और अनुभूति के अद्वैत को स्थापित करे. अज्ञेय की काव्यभाषा उनकी इस मान्यता का समर्थन करती है. भाषा की अनेक भंगिमाओं को निखारते-निखारते उन्होंने भाषा का सब प्रकार से प्रभावी रूप 'मौन' के स्तर पर अनुभव किया है. पर इस 'मौन' से शैथिल्य नहीं, तनाव व्यंजित होता है, ऐसा तनाव, जो कलाकृति का आधार है-

मौन भी अभिव्यंजना है। जितना तुम्हारा सच है। उतना ही कहो ।”

उपर्युक्त पंक्तियाँ ‘जितना तुम्हारा सच है' कविता से उद्धत है. यह कविता एडिनबरा-लंदन (रेल में) 28 अगस्त, 1955 को अज्ञेयजी ने लिखा था. जितना तुम्हारा सच है' कविता सदानीरा-भाग एक तथा ‘इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये' में संकलित है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 24

जायसी का पद्मावत किस भाषा में रचित है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 24

जायसी का पदमावत अवधी भाषा में हैं।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 25

हिन्दी के निम्न प्रथम उपन्यासो को उनके रचनाकार के साथ सुमेलित कीजिए -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 25

परीक्षा गुरू लाला श्री निवासदास

देवरानी जेठानी की कहानी पं. गौरीदत्त

निस्सहाय हिन्दू राधाकृष्णदास

भाग्यवती श्रद्धाराम फुल्लौरी

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 26

निम्नलिखित में से ‘ज्ञानदीप' का रचनाकार कौन है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 26

ज्ञानदीप (1619 ई.) के रचनाकार शेखनबी हैं. ये जहाँगीर के समकालीन थे. इस प्रेमाख्यान में राजा ज्ञानदीप और रानी देवजानी की प्रेमकथा वर्णित है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार-“शेखनबी से प्रेमगाथा परम्परा समाप्त समझनी चाहिए”.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 27

‘हिन्दी साहित्य का इतिहास' में रामचन्द्र शुक्ल ने कृष्णभक्ति शाखा के कवियों को किस क्रम में प्रस्तुत किया है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 27

‘हिन्दी साहित्य का इतिहास' ग्रंथ में रामचन्द्र शुक्ल ने कृष्ण भक्ति शाखा के प्रश्नांकित कवियों को इस क्रम में प्रस्तुत किया है-परमानंददास, चतुर्भुजदास, छीतस्वामी, गोविन्दस्वामी.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 28

निर्मल वर्मा का यात्रा-संस्मरण ‘चीड़ों पर चाँदी आधारित है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 28

निर्मल वर्मा का यात्रा संस्मरण ‘चीड़ों पर चाँदनी' यूरोप प्रवास पर आधारित है. इसमें वस्तुओं और स्थितियों के अतिरिक्त यूरोपीय देशों की कलात्मक उपलब्धियों का सुन्दर आकलन किया गया है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 29

निम्नलिखित में से किस स्थिति में सूक्ष्म शिक्षण सबसे अधिक प्रभावी होता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 29

माइक्रो-टीचर एक शिक्षक प्रशिक्षण और संकाय विकास तकनीक है, जिसके तहत शिक्षक शिक्षण सत्र की रिकॉर्डिंग की समीक्षा करता है, ताकि साथियों और / या छात्रों से रचनात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त की जा सके कि उन्होंने क्या काम किया है और उनकी शिक्षण तकनीक में क्या सुधार हो सकते हैं। माइक्रो-शिक्षण का आविष्कार स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में 1963 में ड्वाइट डब्ल्यू। एलन द्वारा किया गया था, और बाद में इसका उपयोग शिक्षा के सभी रूपों में शिक्षकों को विकसित करने के लिए किया गया है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 30

“हिन्दू हृदय और मुसलमान हृदय आमने-सामने करके अजनबीपन मिटाने वालों में इन्हीं का नाम लेना पड़ेगा”–रामचंद्र शुक्ल का उक्त कथन किस कवि के सम्बन्ध में है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 10 - Question 30

“हिन्दू हृदय और मुसलमान हृदय आमने-सामने करके अजनबीपन मिटाने वालों में इन्हीं का नाम लेना पड़ेगा. इन्होंने मुसलमान होकर हिन्दुओं की कहानियाँ हिन्दुओं की बोली में पूरी सहृदयता से कहकर उनके जीवन की मर्मस्पर्शी अवस्थाओं के साथ अपने उदार हृदय का पूर्ण सामंजस्य दिखा दिया. कबीर ने केवल भिन्न प्रतीत होती हुई परोक्ष सत्ता की एकता का आभास दिया था. प्रत्यक्ष जीवन की एकता का दृश्य सामने रखने की आवश्यकता बनी थी. यह जायसी द्वारा पूरी हुई.” (हिन्दी साहित्य का इतिहास रामचंद्र शुक्ल ).

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