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'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में आए गीतों को पहले से बाद के क्रम में लगाएं-
A. अस्ताचल पर युवती सन्ध्या की खुली अलक घुँघराली है।
लो, मानिक मदिरा की धारा अब बहने लगी निराली है।
B. यौवन! तेरी चंचल छाया।
इसमें बैठ घूँट भर पी लूँ जो रस तू है लाया।
C. यह कसक अरे आँसू सह जा।
बनकर विनम्र अभिमान मुझे
मेरा अस्तित्व बता, रह जा।
D. पैरों के नीचे जलधर हों, बिजली से उनका खेल चले।
संकीर्ण कगारों के नीचे, शत-शत झरने बेमेल चलें ॥
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
"निधरक बैठि कहइ कटु बानी। सुनत कठिनता अति अकुलानी॥
जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ महिप मृदु लच्छ समाना॥"
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कांड से ली गई है?
निम्नलिखित में किसे स्त्री विमर्श की आलोचिका नहीं माना जाता है?
स्थापना (Assertion) (A) : निर्गुण ब्रह्म ज्ञान का विषय है।
तर्क (Reason) (R) : क्योंकि भक्ति साकार, मूर्त और विशिष्ट के प्रति ही उन्मुख होती है।
सूफी काव्य की विशेषताएँ हैं
(a) मसनवी शैली
(b) सगुण उपासना
(c) योग साधना
(d) हिन्दू घरों की कहानियाँ
प्रकाशन वर्ष के अनुसार नरेन्द्र मोहन के नाटकों का सही कालक्रम है
अपना-अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं।"
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ है?
'स्त्री अपनी शोभा अपने से बढ़कर पुरूष को पाने में ही समझ लेती है।"
'झूठा-सच' उपन्यास में यह कथन किसका है?
प्रेमचंद की कहानियाँ हैं -
A. आत्माराम
B. मेरी चंपा
C. तानसेन
D. परीक्षा
E. कफन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
"मैं हूँ जरा नामक व्याध
और रूपान्तर यह हुआ मेरे माध्यम से
मैंने सुने हैं ये अन्तिम वचन
मरणासन्न ईश्वर के
जिसको मैं दोनों बाँहें उठाकर दोहराता हूँ"
उपर्युक्त पंक्तियाँ 'अंधा युग' नाटक के किस पात्र की है?
सिद्ध-साहित्य के अंतर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएँ आती हैं जो:
निर्देशः प्रश्नों में दो कथन दिए गए हैं। इनमें से एक स्थापना (A) है और दूसरा तर्क (R) है। कोड में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
स्थापना (Asseration) (A) : साहित्य जनता की अभिजात्य चित्तवृत्तियों का प्रतिबिंब है
तर्क (Reason) (R) : क्योंकि साहित्य में अभिव्यक्त भाव और विचार जन सामान्य की धरोहर नहीं होते है।
निम्नलिखित में से किस नाटक का प्रच्छन्न नामक गौतम बुद्ध है ?
मानव जीवन की सार्थक और व्यापक अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है-
“चिरजीवो जोरी जुरै क्यों न सनेह गम्भीर ।
को घटि वे वृषभानुजा वे हलधर के बीर ।”
‘वृषभानुजा' और 'हलधर' में कौनसा अलंकार है ?
निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दो कथन दिए गए हैं. इनमें से एक स्थापना (A) और दूसरा तर्क (R) | है. कूट में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए.
स्थापना (Assertion) (A) :विरुद्धों का सामंजस्य कर्मक्षेत्र का सौंदर्य है जिसकी ओर आकर्षित हुए बिना मनुष्य का हृदय नहीं रह सकता|
तर्क (Reason) (R) : क्योंकि विरुद्धों का सामंजस्य चमत्कृत करता है और यही लोकधर्म का सौंदर्य है|
“सुधि मेरे आगम की जग में
सुख की सिहरन हो अंत खिली !”
उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?
कमलदल नैननि की उनमानि ।।
बिसरत नाहिं, सखी ! मो मन ते मंद-मंद मुसकानि ।।
उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं -
किस साहित्यकार को पुराने पंथ के पथिक कहा जाता है?
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