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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UGC NET Mock Test Series 2024 - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 1

मनुष्य हूँ' कविता में नागार्जुन ने कितने घोड़ों वाले रथ की बात कही है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 1

'मनुष्य हूँ' कविता में नागार्जुन ने "सात सात" घोड़ों वाले रथ की बात कही है। अन्य विकल्प असंगत हैं। Key Points'मनुष्य हूँ- 

  • रचनाकार- नागार्जुन
  • विधा- कविता 
  • प्रकाशन वर्ष- 1948 ई० 
  • काव्य संग्रह- युगधारा 
  • विषय वस्तु- 
    • मनुष्य हूँ कविता  की मूल विषय एक कवि द्वारा  समाज की स्थितियों का चित्रण है। 
    • इस कविता में कवि ने सर्वप्रथम अपने को मानव रूप में प्रस्तुत किया है। मानव होने के कारन उसकी कल्पना भी कुंठित होती है।
    • वह सर्जनात्मक से भी चुकता है। कवि होने के कारन शेष सृष्टि के साथ वह आत्मीय सम्बन्ध का भी अनुभव करता है।
    • वह जीवन के दुःख  प्रक्रिया के रूप में ग्रहण किया है। कवि भी मनुष्य होता है। इसलिए वो भी भौतिक इच्छाओ की चाह करता है।
    • जैसे अन्य मनुष्य मनुष्य। वह अपने भौतिक जरूरतों के लिए संघर्षरत है और संघर्ष से कविता को रूपाकार करता है।
    • वह लोकिकता के माध्यम से वह लोकोत्तर को पाने का प्रयास करता है।

काव्य पंक्तियाँ-

  • उरूरहित सारथि है जिसका
    एक मात्र पहिया है जिसमें
    सात सात घोड़ो का वह रथ नहीं चाहिए
    मुझको नियत दिशा का वह पथ नहीं चाहिए

Important Pointsनागार्जुन-

  • जन्म- 1911-1998 ई. 
  • पुरा नाम- वैद्यनाथ मिश्र 
  • कविता-संग्रह-
    • अपने खेत में
    • युगधारा
    • सतरंगे पंखों वाली (1959 ई.)
    • तालाब की मछलियां
    • खिचड़ी विप्लव देखा हमने (1980 ई.)
    • हज़ार-हज़ार बाहों वाली (1981 ई.)
    • पुरानी जूतियों का कोरस (1983 ई.)
    • तुमने कहा था
    • आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने
    • इस गुबार की छाया में
    • ओम मंत्र
    • भूल जाओ पुराने सपने
    • रत्नगर्भ
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 2

युद्ध तो यहाँ भी चल रहा है। देखती नहीं जगत की अनुपम सुन्दरी मुझसे नहीं करती और मैं हूँ इस देश का राजा।" कथन ध्रुवस्वामिनी नाटक में किस पात्र का है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 2

सही उत्तर है - रामगुप्त।

Key Points

  • रामगुप्त का यह कथन नाटक के प्रथम अंक में आता है। 
  • जब एक प्रतिहारी उन्हें युद्ध की सूचना देने आता है तब वह उससे यह कथन कहता है। 

Additional Informationध्रुवस्वामिनी:-

  • लेखक:- जयशंकर प्रसाद। 
  • विधा:- नाटक। 
  • मूल विषय:- नारी समस्या। 
  • प्रमुख पात्र:- ध्रुवस्वामिनी, चन्द्रगुप्त, रामगुप्त, शिखरस्वामी, शकराज, मिहिरदेव, कोमा, मन्दाकिनी। 
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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 3

'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में आए गीतों को पहले से बाद के क्रम में लगाएं-

A. अस्ताचल पर युवती सन्ध्या की खुली अलक घुँघराली है।
लो, मानिक मदिरा की धारा अब बहने लगी निराली है।

B. यौवन! तेरी चंचल छाया। 
इसमें बैठ घूँट भर पी लूँ जो रस तू है लाया। 

C. यह कसक अरे आँसू सह जा।
बनकर विनम्र अभिमान मुझे
मेरा अस्तित्व बता, रह जा। 

D. पैरों के नीचे जलधर हों, बिजली से उनका खेल चले।
संकीर्ण कगारों के नीचे, शत-शत झरने बेमेल चलें ॥

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 3

'ध्रुवस्वामिनी' नाटक में आए गीतों का पहले से बाद का सही क्रम है -

  • C. यह कसक अरे आँसू सह जा।
    बनकर विनम्र अभिमान मुझे
    मेरा अस्तित्व बता, रह जा। 
  • D. पैरों के नीचे जलधर हों, बिजली से उनका खेल चले।
    संकीर्ण कगारों के नीचे, शत-शत झरने बेमेल चलें ॥
  • B. यौवन! तेरी चंचल छाया। 
    इसमें बैठ घूँट भर पी लूँ जो रस तू है लाया।
  • A. अस्ताचल पर युवती सन्ध्या की खुली अलक घुँघराली है।
    लो, मानिक मदिरा की धारा अब बहने लगी निराली है।

Key Pointsध्रुवस्वामिनी-

  • रचनाकार-जयशंकर प्रसाद 
  • प्रकाशन वर्ष-1933 ई.
  • विषय-
    • यह नाटक 3 अंकों में विभक्त है।
    • इसमें स्त्री-पुनर्विवाह का चित्रण किया गया है।
    • साथ ही स्त्री-पात्रों की सशक्तिकरण का चित्रण भी किया गया है।
  • पुरुष पात्र-
    • चन्द्रगुप्त,रामगुप्त,शिखरस्वामी,शकराज आदि।
  • स्त्री पात्र-
    • ध्रुवस्वामिनी,मन्दाकिनी,कोमा आदि।

Important Pointsजयशंकर प्रसाद-

  • जन्म-1889-1937ई.
  • अन्य नाटक-
    • सज्जन(1910 ई.)
    • कल्याणी परिणय(1912 ई.)
    • करुणालय(1912 ई.)
    • विशाख(1921 ई.)
    • कामना(1927 ई.) आदि। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 4

"निधरक बैठि कहइ कटु बानी। सुनत कठिनता अति अकुलानी॥
जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ महिप मृदु लच्छ समाना॥"

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कांड से ली गई है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 4

उपर्युक्त पंक्तियाँ अयोध्याकांड से ली गई है। 

  • "निधरक बैठि कहइ कटु बानी। सुनत कठिनता अति अकुलानी॥ जीभ कमान बचन सर नाना। मनहुँ महिप मृदु लच्छ समाना॥"
    • उपर्युक्त पंक्ति रामचरित मानस के अयोध्याकांड से ली गई है।

Key Pointsरामचरित मानस- 

  • रचनाकार- तुलसीदास
  • विधा-  महाकाव्य
  • भाषा- अवधी
  • रस- शांत रस। 
  • कुल कांड- सात 
  • सात काण्ड का सही क्रम- 
    • बालकाण्ड
    • अयोध्याकाण्ड
    • अरण्यकाण्ड
    • किष्किन्धाकाण्ड
    • सुन्दरकाण्ड
    • लंकाकाण्ड
    • उत्तरकाण्ड
  • प्रकाशन वर्ष- 
    • रामचरितमानस की रचना विक्रमी संवत् 1631 (1574 ई०) चैत्र मास शुक्लपक्ष दिन मंगलबार को हुआ था।
    • इसका प्रमाण स्वयं तुलसीदास जी ने अपने इस दोहे में लिखा है-
      • “संवत् सोलह सौ इकतीसा। करौं कथा हरिपद धरि सीसा।।
      • नौमी भौम वार मधुमासा। अवधपुरी यह चरित प्रकासा।।”
    • मानस की रचना संवत 1631 ई० में चैत्र मास, शुक्ल पक्ष, नवमी तिथि, मंगलवार को (रामचरितमानस) पूर्ण हुई थी।
    • रामचरितमानस 2 वर्ष 7 माह 11 दिन में पूर्ण हुआ था।
  • कथानक- 
    • इस महाकाव्य में राम के संपूर्ण जीवन चरित का वर्णन है।
    • श्रीरामचरितमानस के नायक श्रीराम हैं जिनको एक मर्यादा पुरोषोत्तम के रूप में दर्शाया गया है जोकि मान्यताओं के अनुसार अखिल ब्रह्माण्ड के स्वामी हरि नारायण भगवान के अवतार है। 
  • महत्वपूर्ण तथ्य- 
    • नागरी प्रचारिणी सभा के द्वारा प्रकाशित मानस में कूल 27 श्लोक, 4647 चौपाइयाँ, 1193 दोहे, 87 सोरठे, 214 अन्य कूल मिलाकर 6168 छन्द हैं। 
    • इसमें सभी रसो का चित्रण है। शांत रस की प्रधानता है। इसमें कूल 18 तरह के छंदों का प्रयोग है।
    • रामचरितमानस की शैली की प्रेरणा जायसी के ‘पद्मावत’ से प्राप्त हुई थी।
    • बालकाण्ड सबसे बड़ा है। किष्किन्धा काण्ड सबसे छोटा है। अयोध्याकाण्ड हृदयस्थल है।
    • सुन्दरकाण्ड धार्मिक दृष्टि से सबसे महत्वपूर्ण है।
    • उत्तरकाण्ड में राम राज्य की कल्पना, तुलसी के दार्शनिक और कलयुग का वर्णन है।
  • रामचरितमानस में चार वक्ता और चार श्रोता है- 
    • सबसे पहले कागभुसुंडी ने गरुड़ जी को रामकथा सुनाया   
    • शिवजी ने पार्वती जी को रामकथा सुनाई  
    • याज्ञवल्क्य जी ने भारद्वाज जी को और
    • तुलसीदास ने संतों के समूह को रामकथा सुनाई।
  • रामचरितमानस के मार्मिक स्थल- 
    • राम का अयोध्या त्याग कर तपस्वी के भेष में वनगमन
    • चित्रकूट में राम-भरत मिलन
    • शबरी का आतिथ्य, लक्षमण को शक्तिवाण लगने पर राम का विलाप आदि।

Important Pointsतुलसीदास-

  • जन्म- 1511- 1623 ई.
  • भक्तिकाल के सगुण काव्य धारा के प्रमुख रामभक्त कवि है।
  • रचना-
    • गीतावली (1571 ई.)
    • कृष्ण-गीतावली (1571 ई.)
    • रामचरितमानस (1574 ई.)
    • पार्वती-मंगल (1582 ई.)
    • विनय-पत्रिका (1582 ई.)
    • जानकी-मंगल (1582 ई.)
    • रामललानहछू (1582 ई.)
    • दोहावली (1583 ई.)
    • वैराग्यसंदीपनी (1612 ई.)
    • रामाज्ञाप्रश्न (1612 ई.)
    • बरवै रामायण (1612 ई.)
    • कवितावली (1612 ई.)
    • हनुमान बाहुक
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 5
भिक्षुक को एक ही द्वार पर भरपेट मिल जाये, तो वह क्यों द्वार द्वार घूमे।" गोदान में यह कथन किसका है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 5
सही उत्तर है - गोबर का। 
  •  दिया गया कथन गोबर और झुनिया के बीच हुए संवाद का अंश है। 

Key Pointsगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ई. 
  • विधा- उपन्यास
  • विषय- भारतीय किसान जीवन की महागाथा का वर्णन है। 
  • प्रमुख पात्र:- होरी, धनिया, झुनिया, रायसाहब, रूपा,सोना, भोला, मालती, मिस्टर मेहता, इत्यादि। 

Additional Information प्रेमचंद:

  • मूल नाम:- धनपतराय श्रीवास्तव 
  • जन्म:- 31 जुलाई 1880 
  • मृत्यु:- 8 अक्टूबर 1936 
  • हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
  • प्रेमचंद ने अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में लिखा।
  • प्रेमचंद ने हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
  • प्रेमचंद निधनोपरांत मानसरोवर नाम से 8 खण्डों में प्रकाशित है।
  • प्रमुख रचनायें:-
    • ​प्रमुख कहानियां:- 
      • ​नमक का दरोगा,
      • पंच परमेश्वर,
      • ठाकुर का कुआँ,
      • ईदगाह,
      • पूस की रात,
      • कफ़न, इत्यादि। 
    • उपन्यास:- 
      • सेवासदन (1918) ,
      • प्रेमाश्रम (1922),
      • रंगभूमि (1925),
      • निर्मला (1925),
      • गबन (1928),
      • कर्मभूमि (1932),
      • गोदान (1936)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 6
राधिकारमण प्रसाद सिंह की कहानी 'कानों में कंगना' कब प्रकाशित हुई ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 6

राधिकारमण प्रसाद सिंह की कहानी 'कानों में कंगना' 1913 में प्रकाशित हुई। 

कानों में कंगना-

  • रचनाकार- राधिकारमण प्रसाद सिंह 
  • विधा- कहानी 
  • प्रकाशन वर्ष- 1913 ई. 
  • पात्र- नरेंद्र, किरण, योगीश्वर आदि। 
  • विषय- नरेंद्र का किरण से प्रेम, विवाह और प्रेम विमुख हो किन्नरी के प्रेम में पड़कर सब कुछ लुटाने की कहानी है। अंतः में नरेंद्र द्वारा प्रयश्चित दिखाया गया है परंतु तब तक किरण अपने प्राण त्याग चुकी थी। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 7

निम्नलिखित में किसे स्त्री विमर्श की आलोचिका नहीं माना जाता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 7

स्त्री विमर्श की आलोचिका नहीं माना जाता है- सुभद्रा कुमारी चौहान

  • इन्होंने राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाते हुए, उस आनन्द और जोश में सुभद्रा जी ने जो कविताएँ लिखीं, वे उस आन्दोलन में एक नयी प्रेरणा भर देती हैं। 

Key Pointsहिंदी में नारी-विमर्श की दृष्टि से कुछ महत्त्वपूर्ण पुस्तकें-

  • प्रभा खेतान- 
    • उपनिवेश में स्त्री (2003)
  • अनामिका-

    • स्वाधीनता का स्त्री-पक्ष

    • स्त्रीत्व का मानचित्र

    • स्त्री विमर्श का लोक पक्ष

  • कात्यायनी-

    • ​दुर्ग द्वार पर दस्तक

Mistake Points प्रभा खेता:-

  • जन्म- 1942-2009 ई.
  • हिन्दी भाषा की लब्ध प्रतिष्ठित उपन्यासकार, कवयित्री तथा नारीवादी चिंतक तथा समाज सेविका थीं।
  • कविता संग्रह-
    • अपरिचित उजले (1981 ई.)
    • सीढ़ीयां चढ़ती ही मैं (1982 ई.)
    • एक और आकाश की खोज में (1985 ई.)
    • अहिल्या (1988 ई.)

अनामिका-

  • जन्म - 1961
  • यह हिंदी की कवयित्री हैं।
  • कविता संग्रह-
    • गलत पते की चिट्ठी
    • बीजाक्षर
    • समय के शहर में
    • खुरदुरी हथेलियाँ
    • दूब धान .
  • आलोचना-
    • पोस्ट -एलियट पोएट्री,
    • तिरियाचरित्रम
    • उत्तरकाण्ड
    • मन मांजने की जरुरत
    • पानी जो पत्थर पीता है।

कात्यायनी-

  • जन्म - 1959 ई.
  • ​हिन्दी की प्रसिद्ध कवयित्री कात्यायनी जमीन से जुड़ी कवयित्री हैं।
  • वे अपनी स्मृतियों में जमीन की सच्चाई से जुड़ी तमाम चीजें सुरक्षित रखना चाहती हैं।
  • शायद इसीलिए उनकी नारीवादी धारणा भी अन्य विचारकों में भिन्न है।

कात्यायनी-

  • काव्य-संग्रह-
    • चेहरों पर आँच
    • सात भाइयों के बीच चंपा
    • इस पौरुषपूर्ण समय में
    • जादू नहीं कविता
    • राख अँधेरे की बारिश में

Important Pointsसुभद्रा कुमारी चौहान:-

  • जन्म-1904 -1948 ई.
  • हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। 
  • कहानी संग्रह-
    • बिखरे मोती (1932 ई.)
    • उन्मादिनी (1934 ई.)
    • सीधे-सादे चित्र (1947 ई.)
  • कविता संग्रह-
    • मुकुल (1930 ई.)
    • त्रिधारा
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 8

स्थापना (Assertion) (A) : निर्गुण ब्रह्म ज्ञान का विषय है।

तर्क (Reason) (R) : क्योंकि भक्ति साकार, मूर्त और विशिष्ट के प्रति ही उन्मुख होती है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 8

सही उत्तर है- (A) सही (R) सही। Key Points

  • स्थापना और तर्क दोनों सही है, 
  • क्योंकि-
    • निर्गुण ब्रह्म ज्ञान का विषय है।
    • क्योंकि भक्ति साकार, मूर्त और विशिष्ट के प्रति ही उन्मुख होती है।
  • निर्गुण ब्रह्म ये मानता है कि ईश्वर अनादि, अनन्त है वह न जन्म लेता है न मरता है,इस विचारधारा को मान्यता दी गई है।
  • निर्गुण ब्रम्ह अर्थात् जिसमे कोई गुण न हो परन्तु फिर भी सर्वगुण संपन्न हो 

Important Pointsनिर्गुण ब्रह्म- 

  • मानव समुदाय में आस्था स्थापित करने और उसे अपनाने के लिए कई संतों ने निर्गुण-सगुण साधना को अपनाया।
  • निर्गुण साधना का आलम्बन निराकार है, फलस्वरूप वह जन साधारण के लिए ग्राह्य नहीं हो सकती।
  • सामाजिक उपयोगिता की दृष्टि से सगुण साधना-निर्गुण साधना की अपेक्षा कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।
  • किन्तु इस आधार पर निर्गुण साधना की सत्ता या महत्व के विषय में संदेह नहीं किया जा सकता।
  • यह सत्य है कि सगुण साधना में आस्था रखने वाले साधकों ने निर्गुण साधना को लेकर तरह-तरह की शंकाएं उठायी हैं।
  • उनका मूल तर्क है कि निर्गुण ब्रह्मज्ञान का विषय तो हो सकता है किंतु भक्ति साधना का नहीं,
  • क्योंकि साधना तो किसी साकार मूर्त और विशिष्ट के प्रति ही उन्मुख हो सकती है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 9
भीष्म साहनी कृत आत्मकथा 'आज के अतीत' का प्रकाशन वर्ष क्या है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 9

भीष्म साहनी कृत आत्मकथा 'आज के अतीत' का प्रकाशन वर्ष है- 2003Key Pointsआज के अतीत- 

  • रचनाकार- भीष्म साहनी
  • प्रकाशन वर्ष-  2003 ई० 
  • विधा- आत्मकथा
    • भीष्म साहनी की आत्मकथा का शीर्षक है - आज के अतीत।
    • इस आत्मकथा के माध्यम से भीष्म साहनी के जीवन की अनकही बातें सामने आती है।

Important Pointsभीष्म साहनी- 

  • जन्म-  1915 - 2003 ईo
  • कहानी- 
    • भाग्यरेखा (1953 ई.)
    • पहला पाठ (1957 ई.)
    • पटरियाँ (1973 ई.)
    • निशाचर (1983 ई.)
    • वाङ्चू (1978 ई.)
    • पाली (1988 ई.)
    • भटकती राख (1966 ई.)
    • शोभा यात्रा (1981 ई.)
    • डायन (1998 ई.)
  • नाटक-
    • हानूश (1977)
    • कबिरा खड़ा बजार में (1981)
    • माधवी (1985)
    • मुआवजे (1993)
    • रंग दे बसंती चोला (1998)
    • आलमगीर (1999)
  • उपन्यास- 
    • झरोखे (1967)
    • बसंती (1979)
    • मय्यादास की माड़ी (1987)
    • कुंतो (1993)
    • नीलू नीलिमा निलोफर (2000)।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 10

सूफी काव्य की विशेषताएँ हैं

(a) मसनवी शैली

(b) सगुण उपासना

(c) योग साधना

(d) हिन्दू घरों की कहानियाँ 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 10

 a और d सही उत्तर हैl

Key Points

सूफी काव्य  

  • हिंदी साहित्य की निर्गुण भक्ति काव्य धारा की दूसरी शाखा उन सूफी कवियों की है जिन्होंने प्रेम गाथाओं के द्वारा एक ऐसे ‘प्रेम’ के तत्व का वर्णन किया जो ईश्वर से मिलाने वाला है। 
  • यह प्रेम लोक से अलौकिक प्रेम की ओर उन्मुख होता है। इसमें साधक, बाह्य संसार को भूल कर अपने प्रियतम के रूप में खो जाता है और उसे पाने के लिए नाना प्रकार के प्रयत्न करता है।
  • सूफी काव्य भावपक्ष एवं कलापक्ष, दोनों ही दृष्टियों से अत्यंत सबल है।
  • सूफी काव्य से जुड़े कवियों ने सूफी मत के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दू घरों में प्रचलित प्रेम-कहानियों को अपना काव्य-विषय बनाया।

Additional Information

सूफी काव्य की विशेषताएं-

  • प्रेम का महत्व
  • विरह-भावना का आधिक्य:
  • इतिहास एवं कल्पना का समन्वय
  • गुरु का महत्व
  • रहस्यवाद
  • शैतान की कल्पना
  • भारतीयता का समावेश
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 11
जयदेव पुरी की बहन का नाम है-
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 11

झूठा सच के मुख्य पात्र जयदेव पुरी की बहन का नाम तारा है l

Key Points

झूठा सच (1958-60 ई.)-

  • हिन्दी के सुप्रसिद्ध कथाकार यशपाल का सर्वोत्कृष्ट एवं वृहद्काय उपन्यास है।
  • 'वतन और देश' तथा 'देश का भविष्य' नाम से दो भागों में विभाजित इस महाकाय उपन्यास में विभाजन के समय देश में होने वाले भीषण रक्तपात एवं भीषण अव्यवस्था तथा स्वतन्त्रता के उपरान्त चारित्रिक स्खलन एवं विविध विडम्बनाओं का व्यापक फलक पर कलात्मक चित्र उकेरा गया है।
  • झूठा सच के प्रमुख पात्र हैं- जयदेव पुरी, उसकी बहन तारा और जयदेव पुरी की पत्नी कनक।
  • " 'झूठा सच' यशपाल जी के उपन्यासों में सर्वश्रेष्ठ है। उसकी गिनती हिन्दी के नये-पुराने श्रेष्ठ उपन्यासों में होगी-- यह भी निश्चित है।"-डॉ॰ रामविलास शर्मा 

Additional Informationयशपाल- 

  • समयकाल- 3 दिसम्बर 1903 - 26  दिसम्बर 1976 ई.
  • इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् 1970 ई. में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
  • साहित्य अकादमी पुरस्कार (1976) 'तेरी मेरी उसकी बात' उपन्यास के लिए प्रदान किया गया।
  • मुख्य रचनाएँ-
    • दादा कामरेड 1941 ई.
    • देशद्रोही 1943 ई.
    • दिव्या 1945 ई.
    • पार्टी कामरेड 1946 ई.
    • मनुष्य के रूप 1949 ई.
    • अमिता 1956 ई.
    • झूठा सच भाग–1,1958 भाग–2,1960 ई.
    • तेरी मेरी उसकी बात 1974 ई.
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 12

प्रकाशन वर्ष के अनुसार नरेन्द्र मोहन के नाटकों का सही कालक्रम है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 12

कहै कबीर सुनो भाई साधो, सींगधारी, कलन्दर, नो मेन्स लैण्ड नरेंद्र मोहन के नाटकों का सही कालक्रम हैl

Key Points
नरेंद्र मोहन 

  • जन्म -30 जुलाई,1935 को लाहौर में
  • मुख्य नाटक-
    • कहे कबीर सुनो भाई साधो
    • सींगधारी
    • अभंग गाथा
    • क़लंदर
    • नो मेंस लैंड
    • मंच अंधेरे में
    • मि. जिन्ना.
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 13
प्रकाशन वर्ष के अनुसार प्रेमचन्द की कहानियों का सही अनुक्रम क्या है ? 
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 13

सवा सेर गेहूँ, पूस की रात, कफन, क्रिकेट मैच प्रेमचंद की कहानियों का सही अनुक्रम हैl

Key Points

Important Pointsप्रेमचंद-  

  • समयकाल-31जुलाई 1880  – 8 अक्टूबर 1936ई.
  • जन्म स्थान- वाराणसी जिले (उत्तर प्रदेश) के लमही गाँव  में
  • माता- पिता- आनन्दी देवी तथा पिता का नाम मुंशी अजायबराय 
  • वास्तविक नाम- धनपत राय श्रीवास्तव 
  • मुख्य कहानी संग्रह-
    • सप्तसरोज
    • नवनिधि
    • प्रेमपूर्णिमा
    • प्रेम-पचीसी
    • प्रेम-प्रतिमा
    • प्रेम-द्वादशी
    • समरयात्रा
    • मानसरोवर
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 14
निम्नलिखित में से कौन सा काव्य संग्रह मंगलेश डबराल का नहीं है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 14

नेपथ्य में हँसो काव्य संग्रह मंगलेश डबराल का नहीं है। Key Pointsमंगलेश डबराल-

  • जन्म- 1948 - 2020 ई०
  • समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं।
  • काव्य संग्रह-
    • पहाड़ पर लालटेन
    • घर का रास्ता
    • हम जो देखते हैं
    • आवाज भी एक जगह है
    • नये युग में शत्रु
  • गद्य संग्रह-
    • लेखक की रोटी
    • कवि का अकेलापन
  • यात्रावृत्त-
    • एक बार आयोवा

Important Pointsराजेश जोशी-

  • जन्म- 1946 ई०
  • आठवें दशक के प्रमुख कवि-लेखक और संपादक।
  • कविता-संग्रह-
    • एक दिन बोलेंगे पेड़
    • मिट्टी का चेहरा
    • नेपथ्य में हंसी
    • दो पंक्तियों के बीच
  • कहानी संग्रह-
    • सोमवार और अन्य कहानियां
    • कपिल का पेड़
  • नाटक -
    • जादू जंगल
    • अच्छे आदमी
    • टंकारा का गाना।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 15
निम्न में से कौन 'नागरी प्रचारिणी सभा, काशी' के संस्थापकों में शामिल नहीं थे ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 15

'नागरी प्रचारिणी सभा, काशी' के संस्थापकों में शामिल नहीं थे - महावीरप्रसाद द्विवेदी

Key Points 'नागरी प्रचारिणी सभा, काशी' -

  • स्थापना - 16 जुलाई 1893
  • स्थापनकर्ता - बाबू श्यामसुंदर दास, रामनारायण मिश्र और शिवकुमार सिंह (सहपाठी) ने की।
  • स्थान - काशी ,वाराणसी (उ० प्र०)
  • उल्लेखनीय कार्य - हिंदी शब्दसागर, हिंदी व्याकरण, वैज्ञानिक शब्दावली, हिंदी साहित्य का इतिहास, सरस्वती पत्रिका का संपादन आदि।
  • प्रथम अध्यक्ष - बाबू राधाकृष्ण दास
  • सदस्य - पं० सुधाकर द्विवेदी,जार्ज ग्रियर्सन, अम्बिकादत्त व्यास, चौधरी प्रेमघन (प्रथमवर्ष सदस्य )

Additional Informationमहावीरप्रसाद द्विवेदी -

  • द्विवेदी युग के जनक। (1900-1920)
  • सरस्वती पत्रिका का संपादन किया। ( 1903-1920)
  • प्रमुख रचनाएं-
    • नाट्यशास्त्र
    • वैज्ञानिक कोश
    • हिंदी भाषा की उत्पत्ति
    • संपत्तिशास्त्र
    • कौटिल्य ठाकुर
    • रसज्ञ रंजन
    • अतीत स्मृति
    • साहित्य सन्दर्भ
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 16
अपनी-अपनी जगह एक ही क़िस्म से

अपना-अपना फ़र्ज़ अदा करते हैं।"

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता की अंतिम पंक्तियाँ है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 16

उपर्युक्त पंक्तियाँ मोचीराम कविता की अंतिम पंक्तियाँ है

Key Pointsमोचीराम-

  • रचनाकार-सुदामा पाण्डेय 'धूमिल'
  • प्रकाशन वर्ष-1972ई.
  • विधा-कविता

Important Pointsसुदामा पाण्डेय 'धूमिल'-

  • जन्म-1936-1975ई.
  • सुदामा पाण्डेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर कवियों में एक है।
  • उनकी कविताओं में आजादी के सपनों के मोहभंग की पीड़ा और आक्रोश की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति मिलती है।
  • व्यवस्था जिसने जनता को छला है, उसको आइना दिखाना मानों धूमिल की कविताओं का परम लक्ष्य है।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • संसद से सड़क तक-(1972ई.)
    • कल सुनना मुझे-(1976ई.)
    • सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- (1984ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 17

'स्त्री अपनी शोभा अपने से बढ़कर पुरूष को पाने में ही समझ लेती है।"

'झूठा-सच' उपन्यास में यह कथन किसका है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 17
स्त्री अपनी शोभा अपने से बढ़कर पुरूष को पाने में ही समझ लेती है।"
'झूठा-सच' उपन्यास में यह कथन लेखक का है
Key Pointsझूठा सच उपन्यास -
  • लेखक - यशपाल
  • प्रकाशन वर्ष - दो खंडो में विभक्त है वतन और देश (1958 ई.), देश का भविष्य (1960 ई.)
  • मुख्य - झूठा सच उपन्यास विभाजन की त्रासदी का चित्रण करता है मानवीय जीवन की त्रासदी का प्रत्यक्ष दर्शन है
    • यह उपन्यास सामाजिक- राजनीतिक पृष्ठभूमि पर लिखा गया है
    • इसमें यशपाल ने सन (1942 ई.) से (1957 ई.) तक अर्थात देश के विभाजन से पहले और उसके बाद के उतार चढ़ाव को दिखाया है
Important Points
  • झूठा सच यशपाल का महत्वपूर्ण उपन्यास है
  • अपनी प्रकृति में यह एक महाकाव्यात्मक उपन्यास है
  • यह भारत के विभाजन की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है
  • पहले खंड 'वतन और देश' में विभाजन के वास्तविक कारणों विभाजन के समय की दर्दनाक स्थितियां तथा विस्थापितों एवं शरणार्थियों की समस्याओं को प्रस्तुत किया गया
  • तारा के चरित्र के माध्यम से बताया गया है कि विभाजन के समय महिलाओं की दुर्दशा का क्या आलम था
  • दूसरे खंड 'देश का भविष्य' में आजादी के बाद की स्थितियां है
  • जिसमें एक और कुछ बुद्धिजीवियों में नेताओं की प्रगतिशील भूमिका का चित्रण है
  • तो दूसरी और सूद और सोमराज जैसे उन तत्वों की भी चर्चा जो राजनीति और पत्रकारिता को शुद्ध व्यवसाय बनाकर भ्रष्टाचार में बेईमानी के माध्यम से समाज को लूटने में लगे हैं
  • झूठा सच में यशपाल ने देश विभाजन के लिए मूल रूप से अंग्रेजों को उत्तरदाई ठहराया है
  • उनके अनुसार अंग्रेजों ने अपनी सत्ता के लिए हिंदू मुसलमान में फूट डाली
Additional Informationझूठा सच उपन्यास के पात्र-
  • मुख्य पात्र - तारा, जयदेव पुरी, कनक
  • गौण पात्र - असद, शीला, डॉ. प्राणनाथ, सोमराज, पंडित गिरधारी लाल, महेंद्र नैयर, करमचंद कशिश, दोलू मामा, रतन, गौस मोहम्मद, कृष्ण नारायण अवस्थी, नब्बू, विश्वनाथ सूद, उर्मिला, बंती, अग्रवाल साहब, पुरुषोत्तम, नरोत्तम, माथुर, जया, सीता, डॉक्टर श्याम
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 18

प्रेमचंद की कहानियाँ हैं -

A. आत्माराम

B. मेरी चंपा

C. तानसेन

D. परीक्षा

E. कफन

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 18
सही उत्तर है- केवल D, E और AKey Pointsप्रेमचंद -
  • जन्म - 31 जुलाई 1880 ई.
  • जन्म स्थान - वाराणसी के लमही गांव
  • मूलनाम - धनपत राय और नवाब राय
  • पत्नी - शिवरानी देवी
  • मुख्य - इन्होंने अपने मित्र मुंशी दयनारायण निगम के सुझाव पर अपना छदम नाम प्रेमचंद रखा
    • प्रेमचंद ने 300 से अधिक कहानियाँ लिखी जो मानसरोवर के आठ खंडो में प्रकाशित हुई
Important Pointsप्रेमचंद (1880 ई.) की प्रमुख कहानियाँ -
  • बड़े घर की बेटी (1910 ई.)
  • नमक का दरोगा (1913 ई.)
  • पंच परमेश्वर (1916 ई.)
  • आत्माराम (1920 ई.)
  • बुढ़ी काकी (1921 ई.)
  • परीक्षा (1923 ई.)
  • सवा सेर गेहूं (1924 ई.)
  • शतरंज के खिलाड़ी (1925 ई.)
  • दो बैलों की कथा (1931 ई.)
  • ठाकुर का कुआं (1932 ई.)
  • ईदगाह है (1933 ई.)
  • नशा (1934 ई.)
  • बड़े भाई साहब (1934 ई.)
Additional Information
  • प्रेमचंद नाम से उनकी पहली कहानी 'बड़े घर की बेटी' उर्दू मासिक पत्रिका 'जमाना' के (दिसंबर 1910 ई.)के अंक में प्रकाशित हुई
  • उनकी पहली हिंदी कहानी 'सोत' हिंदी की प्रसिद्ध पत्रिका सरस्वती के (दिसंबर 1915 ई.)के अंक में
  • इनका पहला हिंदी कहानी संग्रह 'सप्त सरोज' (जून 1917 ई.) में प्रकाशित हुआ
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 19

"मैं हूँ जरा नामक व्याध
और रूपान्तर यह हुआ मेरे माध्यम से
मैंने सुने हैं ये अन्तिम वचन
मरणासन्न ईश्वर के
जिसको मैं दोनों बाँहें उठाकर दोहराता हूँ"

उपर्युक्त पंक्तियाँ 'अंधा युग' नाटक के किस पात्र की है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 19
उपर्युक्त पंक्तियाँ 'अंधा युग' नाटक के वृद्ध पात्र की है। Key Pointsअंधायुग -
  • रचनाकार- धर्मवीर भारती
  • प्रकाशन वर्ष - 1955 ई.
  • विधा- गीति नाटक
  • पात्र - अश्वत्थामा, कृष्ण, गांधारी धृतराष्ट्र, कृतवर्मा, संजय, वृद्ध याचक, युयुत्सु, विदुर
  • गौण पात्र - प्रहरी 1, प्रहरी 2, व्यास, कृपाचार्य, युधिष्ठिर, भीम, गूंगा भिखारी, बलराम
  • वृद्ध याचक - एक कल्पित पात्र है जो कौरव की विजय की भविष्यवाणी करता है लेकिन भविष्यवाणी झूठी हो जाती है बाद में अश्वत्थामा द्वारा उसकी हत्या की जाती है
  • मुख्य - यह पांच अंको का नाटक है
    • यह महाभारत कालीन युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखा गया है तथा इसमें आधुनिक समय में भी युद्ध की त्रासदी का चित्रण किया गया है
    • आधुनिक संदर्भ में यह कर्म तथा भाग्य एवं आस्था तथा अनास्था के द्वंद्व का चित्रण करता है
Important Pointsअंधा युग नाटक के पांच अंको का अनुक्रम-
  • पहला अंक (कौरव नगरी)
  • दूसरा अंक (पशु का उदय)
  • तीसरा अंक (अश्वत्थामा का अर्द्धसत्य)
  • अंतराल - पंख पहिये और पट्टीयाँ
  • चौथा अंक (गांधारी का शाप)
  • पांचवा अंक (विजय एक कार्मिक आत्महत्या)
  • समापन - प्रभु की मृत्यु
Additional Informationयुयुत्सु -
  • धृतराष्ट्र का दासी से उत्पन्न पुत्र है जो युद्ध में पांडवों की तरफ से लड़ता है और युद्ध के अंत तक बचा रहता है
अश्वत्थामा -
  • गुरु द्रोण का पुत्र/ दुर्योधन का मित्र और कृष्ण तथा पांडवों की शत्रुता का संबंध
संजय -
  • व्यास द्वारा दिव्य - दृष्टि प्राप्त करके महाभारत के युद्ध का आंखों देखा वृतांत धृष्टराष्ट्र को सुनाने वाला
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 20
“इस आदमी का प्लास्टिक ऑपरेशन तो हो सकता है, और ऑपरेशन कामयाब भी हो जायेगा, मगर आदमी मर जायेगा।”=- यह किस रचना का अंश है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 20
“इस आदमी का प्लास्टिक ऑपरेशन तो हो सकता है, और ऑपरेशन कामयाब भी हो जायेगा, मगर आदमी मर जायेगा।”- यह जामुन का पेड़ रचना का अंश है। Key Pointsजामुन का पेड़-
  • लेखक - कृष्ण चंदर
  • विधा - हास्य व्यंग्य कहानी
  • मुख्य - कृष्ण चंदर हिंदी और उर्दू भाषा के रचनाकार है
    • आरंभिक लेखन उर्दू में और आजादी के बाद हिंदी में लिखना शुरू करते हैं
    • 'जामुन का पेड़' कहानी में सरकारी जीवनशैली में लालफीताशाही की मिश्रित भ्रष्टाचारी व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया है
    • जहां इंसानियत की जगह व्यवस्था महत्वपूर्ण हो जाती है
Important Pointsकृष्ण चंदर (1914 -1997 ई.) के अन्य कहानी संग्रह -
  • सफेद फूल
  • अन्नदाता
  • मिट्टी के सनम
  • कश्मीर की कहानियाँ
  • आधे घंटे का खुदा
  • गूंगे देवता
  • पूरे चांद की रात
  • मछली जाल
  • सपनों का कैदी
  • हम तो मोहब्बत करेगा
  • दादुर पुल के बच्चे
  • गरजन की एक शाम
  • तीन गुंडे
Additional Informationआपहुदरी -
  • लेखिका- रमणिका गुप्ता
  • विधा- आत्मकथा
  • प्रकाशन वर्ष - 2015 ई.
  • मुख्य - आपहुदरी का अर्थ होता है वह स्त्री जो अपनी शर्तों पर अपनी मर्जी से अपना जीवन जीती है
    • सामंती परिवार में जन्मी रमणिका ने अपने जीवन के हर पन्ने को इसमें प्रस्तुत किया है
    • बचपन से लेकर धनबाद तक की यात्रा उसमें साहित्य, समाज सेवा और राजनीतिक संघर्षों को सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया
जिंदगीनामा -
  • लेखिका- कृष्णा सोबती
  • प्रकाशन वर्ष - 1979 ई.
  • विधा- उपन्यास
  • मुख्य - इस उपन्यास में डेरा जट्टा नामक गांव में 20वीं शताब्दी के आरंभिक बीस वर्षों के घटनाक्रम को व्यक्त किया है
    • यह उपन्यास किसी एक समस्या को लेकर नहीं बल्कि उपन्यास में एक गांव के समग्र जीवन को चित्रित करने का प्रयास किया
उठ जाग मुसाफिर-
  • लेखक - विवेकी राय
  • विधा - निबंध
  • प्रकाशन वर्ष - 2012 ई.
  • मुख्य - 'उठ जाग मुसाफिर' निबंध संग्रह में संकलित है इसमें कुल 10 निबंध है
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 21

सिद्ध-साहित्य के अंतर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएँ आती हैं जो:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 21

सिद्ध मूलतः बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा से संबंधित हैं| सिद्धों की संख्या 84 मानी जाती है| जिनमें मुख्य सिद्ध सरहप्पा,शवरप्पा,लुइप्पा, कुक्कुरिप्पा हैं| सरहप्पा सिद्ध समुदाय के प्रथम कवि थे| सिद्धों का मुख्य उद्देश्य जातिवाद, ब्राम्हणवाद आदि पर अपने साहित्य के माध्यम से प्रहार करना एवं समाज सुधारक गतिविधियों को बढ़ावा देना| इसी कारण से उन्होंने अपना सम्पूर्ण साहित्य लोक भाषा अथवा आम जन की भाषा (जनभाषा) हिंदी में लिखा ताकि यह अधिक से अधिक लोगों एवं जनसाधारण को प्रभावित कर सकें| आम लोग उस साहित्य को समझ सकें और समाज में वदलाव लाया जा सके|

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 22

निर्देशः प्रश्नों में दो कथन दिए गए हैं। इनमें से एक स्थापना (A) है और दूसरा तर्क (R) है। कोड में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।

स्थापना (Asseration) (A) : साहित्य जनता की अभिजात्य चित्तवृत्तियों का प्रतिबिंब है

तर्क (Reason) (R) : क्योंकि साहित्य में अभिव्यक्त भाव और विचार जन सामान्य की धरोहर नहीं होते है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 22

(A) और (R) दोनों गलत

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 23

निम्नलिखित में से किस नाटक का प्रच्छन्न नामक गौतम बुद्ध है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 23

मोहन राकेश कृत ‘लहरों के राजहंस' नाटक के प्रच्छन्न नायक गौतम बुद्ध हैं. यह आधुनिक यथार्थवादी नाट्य रचना पद्धति पर लिखा गया नाटक है. इसके कथानक का आधार अश्वघोष का ‘सौन्दरनन्द' महाकाव्य है. इसमें सांसारिक सुखों और आध्यात्मिक शान्ति के पारस्परिक विरोध तथा उनके बीच खड़े हुए व्यक्ति द्वारा निर्णय लेने का अनिवार्य द्वन्द्व निहित है. इस द्वन्द्व का दूसरा पक्ष स्त्री और पुरुष के पारस्परिक सम्बन्धों का अन्तर्विरोध है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 24

मानव जीवन की सार्थक और व्यापक अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 24

मानव-जीवन की सार्थक और व्यापक अभिव्यक्ति के लिए आकर्षण विधान' आवश्यक है |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 25

“चिरजीवो जोरी जुरै क्यों न सनेह गम्भीर ।

को घटि वे वृषभानुजा वे हलधर के बीर ।”

‘वृषभानुजा' और 'हलधर' में कौनसा अलंकार है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 25

प्रश्नांकित दोहे में ‘वृषभानुजा' और 'हलधर' में श्लेष के कारण उक्ति चमत्कार आ गया है. वृषाभानुजा का एक अर्थ वृषभानु की पुत्री अर्थात् 'राधा', दूसरा अर्थ वृष लग्न के सूर्य की पुत्री अर्थात् ‘अतिशय दीप्तियुक्त', तीसरा अर्थ-वृषभ + अनुजा अर्थात् बैल की बहन (गाय) है. हलधर' में भी श्लेष है. इसका एक अर्थ हलधर बलराम के भाई अर्थात् श्रीकृष्ण, दूसरा अर्थ शेषनाग और तीसरा अर्थ 'बैल' है. अतः यहाँ श्लेष अलंकार है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 26

निर्देश- प्रत्येक प्रश्न में दो कथन दिए गए हैं. इनमें से एक स्थापना (A) और दूसरा तर्क (R) | है. कूट में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए.

स्थापना (Assertion) (A) :विरुद्धों का सामंजस्य कर्मक्षेत्र का सौंदर्य है जिसकी ओर आकर्षित हुए बिना मनुष्य का हृदय नहीं रह सकता|

तर्क (Reason) (R) : क्योंकि विरुद्धों का सामंजस्य चमत्कृत करता है और यही लोकधर्म का सौंदर्य है|

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 26

(A) सही, (R) सही :

विरुद्धों का सामंजस्य कर्मक्षेत्र का सौंदर्य है जिसकी ओर आकर्षित हुए बिना मनुष्य का हृदय नहीं रह सकता. क्योंकि विरुद्धों का सामंजस्य चमत्कृत करता है और यही लोकधर्म का सौंदर्य है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 27

“सुधि मेरे आगम की जग में

सुख की सिहरन हो अंत खिली !”

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कवि की हैं ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 27

महादेवी वर्मा की काव्य-पंक्तियाँ हैं. नीहार, रश्मि, नीरजा, संघिनी, दीपशिखा, यामा, गीतपर्व, परिक्रमा उनके काव्य संग्रह हैं.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 28

कमलदल नैननि की उनमानि ।।

बिसरत नाहिं, सखी ! मो मन ते मंद-मंद मुसकानि ।।

उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं -

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 28

रहीम' संस्कृत अरबी और फारसी के विद्वान् और हिन्दी काव्य के पूर्ण मर्मज्ञ कवि थे. ये ब्रज और अवधी- पश्चिमी और पूर्वी दोनों काव्य भाषाओं में समान कुशल थे. ‘बरवै नायिका भेद' बड़ी सुंदर अवधी भाषा में है. आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास' ग्रंथ में रहीम के इस पद को उद्धत किया है- कमलदल नैननि की उनमानि। बिसरति नाहिं सखी! मो मन ते मंद-मंद मुसकानि। बसुधा की बस करी मधुरता सुधापगी बतरानि। मढ़ी रहै चित उर बिसाल की मुकुतामनि थहरानि। नृत्य समय पीतांबर हू की फहर-फहर फहरानि। अनुदिन श्रीवृंदावन ब्रज ते आवत आवत जानि। अब ‘रहीम' चित ते न टरति है सकल स्याम की बानि।।”

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 29

किस साहित्यकार को पुराने पंथ के पथिक कहा जाता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 29

मतिराम साहित्यकार को पुराने पंथ के पथिक कहा जाता है  |मतिराम, हिंदी के प्रसिद्ध ब्रजभाषा कवि थे। इनके द्वारा रचित "रसराज" और "ललित ललाम" नामक दो ग्रंथ हैं; परंतु इधर कुछ अधिक खोजबीन के उपरांत मतिराम के नाम से मिलने वाले आठ ग्रंथ प्राप्त हुए हैं

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 30

अनुसंधान सदैव किस संदर्भ में किया जाता है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 2 - Question 30

एक शोध का संदर्भ दर्शकों को "कहाँ", "कौन", "क्या" और संभवतः "जब" शोध का चित्र देता है। इसके बाद पाठक के लिए शोध की पृष्ठभूमि की बेहतर समझ होना आसान हो जाता है।

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