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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - UGC NET MCQ


Test Description

30 Questions MCQ Test UGC NET Mock Test Series 2024 - UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5

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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 1

इसमें से भूषण का लक्षणा-ग्रंथ कौन सा है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 1

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प शिवराज भूषण सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • शिवराज भूषण, भूषण का लक्षण ग्रंथ है।
  • इसमें कुल 385 पद्य हैं।
  • दोहों में अलंकारों की परिभाषा दी गयी है तथा कवित्त एवं सवैया छन्दों में उदाहरण दिये गये हैं।
Additional Information
  • पद्माभरण, पद्माकर की एक काव्य-रचना है। इसमें 350 छंद हैं, जिनमें से अधिकांश दोहे और कुछ चौपाइयाँ हैं।
  • पद्माकर की प्रमुख रचनाएँ हैं :- 'हिम्मत बहादुर विरुदावलि', 'जगत विनोद', 'पद्माभरण', 'राम रसायन' 'गंगा लहरी' आदि।
  • रसिकप्रिया, आचार्य केशवदास की प्रसिद्ध रचना है। काव्यशास्त्र में रसविवेचन का प्रमुख स्थान है, इस दृष्टि से केशव ने इस इस ग्रंथ में रस का विशद वर्णन किया है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 2

भक्ति की लहर को उत्तर में किसने लोकप्रिय बनाया? 

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 2

भक्ति की लहर को उत्तर में रामानंद ने लोकप्रिय बनाया।

  • गद्यांश के अनुसार:-
    • पंद्रहवीं - सौलहवीं शताब्दी का उत्तर भारत का भक्ति आन्दोलन इसी माँग की उपज था।
    • भक्ति की यहाँ लहर दक्षिण से उत्तर भारत की ओर आई और इसे रामानंद ने जन जन में लोकप्रिय बनाया।  

Key Points

  • स्वामी रामानन्द मध्यकालीन भक्ति आन्दोलन के महान सन्त थे।
  • उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के प्रत्येक वर्ग तक पहुंचाया।
  • वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया।
  • उनके बारे में प्रचलित कहावत है कि - द्रविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद। 
  • यानि उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार करने का श्रेय स्वामी रामानंद को जाता है। 

Additional Informationजायसी:-

  • मलिक मुहम्मद जायसी (1492-1548) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि थे।
  • वे अत्यंत उच्चकोटि के सरल और उदार सूफ़ी महात्मा थे।
  • जायसी मलिक वंश के थे। मिस्र में सेनापति या प्रधानमंत्री को मलिक कहते थे।

रामानुज:-

  • श्रीनिवास रामानुज इयंगर (22 दिसम्बर 1887 – 26 अप्रैल 1920) एक महान भारतीय गणितज्ञ थे।
  • इन्हें आधुनिक काल के महानतम् गणित विचारकों में गिना जाता है।
  • इन्हें गणित में कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं मिला, फिर भी इन्होंने विश्लेषण एवं संख्या सिद्धांत के क्षेत्रों में गहन योगदान दिए।
  • इन्होंने अपने प्रतिभा और लगन से न केवल गणित के क्षेत्र में अद्भुत अविष्कार किए वरन भारत को अतुलनीय गौरव भी प्रदान किया।

तुलसीदास:-

  • गोस्वामी तुलसीदास (1511 - 1623) हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे। 
  • रामचरितमानस इनका गौरव ग्रन्थ है।
  • इन्हें आदि काव्य रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।
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UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 3

'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं?

A. निपुणिमा   

B. महामाया   

C. विग्रहवर्मा  

D. कमली  

E. महारानी  

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 3

'बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के पात्र हैं-

  • A. निपुणिमा   
  • B. महामाया   
  • C. विग्रहवर्मा  

Key Pointsकमली-

  • यह मैला आँचल उपन्यास की पात्र है।  
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 4
जो नर दुख में दुख नहिं माने किस की कृति है
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 4
जो नर दुख में दुख नहिं माने गुरुनानक की कृति है। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 5

'चीफ की दावत' कहानी के संदर्भ में सही कथन है-

A. शामनाथ अवसरवादिता और स्वार्थपूर्ति की साक्षातमूर्ति है। 

B. यह कहानी युवा पीढ़ी के यथार्थ और बुजुर्गों के प्रति घटती जिम्मेदारियों का अंकन करती है।

C. शामनाथ की माँ ने बचपन का एक गीत सुनाया। 

D. मध्यवर्गीय वर्ग के खोंखलेपन, दिखावटीपन तथा स्वार्थपरता को दर्शाया गया है।  

E. चीफ शामनाथ की वृद्ध माँ को गले लगाते है। 

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 5

'चीफ की दावत' कहानी के संदर्भ में सही कथन है-

  • A. शामनाथ अवसरवादिता और स्वार्थपूर्ति की साक्षातमूर्ति है। 
  • B. यह कहानी युवा पीढ़ी के यथार्थ और बुजुर्गों के प्रति घटती जिम्मेदारियों का अंकन करती है।
  • D. मध्यवर्गीय वर्ग के खोंखलेपन, दिखावटीपन तथा स्वार्थपरता को दर्शाया गया है।  

Key Pointsसही है-

  • C. शामनाथ की माँ ने  विवाह का एक गीत सुनाया- हरिया नी माये।  
  • E. चीफ शामनाथ की वृद्ध माँ से हाथ मिलते है।

Important Pointsचीफ़ की दावत-

  • रचनाकार- भीष्म साहनी 
  • विधा- कहानी
  • प्रकाशन वर्ष- 1956 ई.
  • मुख्य पात्र- 
    • मिस्टर शामनाथ, उनकी पत्नी एवं विधवा बूढ़ी मां आदि। 
  • विषय-
    • मां के त्याग और बेटे की उपेक्षा का ताना-बाना बुनती है।
    • जो 'पहला पाठ' कहानी संग्रह में संकलित है।

Additional Informationभीष्म साहनी- 

  • जन्म- 1915- 2003 ई.
  • एक हिंदी लेखक, अभिनेता, शिक्षक, अनुवादक और बहुभाषी थे। 
  • अन्य कहानी संग्रह-
    • भाग्य रेखा
    • पहला पाठ
    • भटकती राख
    • पटरियाँ
    • 'वांङ चू' शोभायात्रा
    • मेरी प्रिय कहानियाँ आदि। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 6
जमीन किसकी ?.. जोतने वालों की! जो जोतेगा, वह बोयेगा, जो बोयेगा वह काटेगा! कमाने वाला खाएगा, इसके चलते जो कुछ हो। " किसकी उक्ति है ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 6

"जमीन किसकी ?.. जोतने वालों की! जो जोतेगा, वह बोयेगा, जो बोयेगा वह काटेगा! कमाने वाला खाएगा, इसके चलते जो कुछ हो। "उक्ति गोबर की है। Key Pointsगोदान-

  • रचनाकार- प्रेमचंद्र 
  • प्रकाशन वर्ष- 1936 ईo
  • विधा- उपन्यास
  • अध्याय- 36 
  • ग्राम- सेमरी, बेलारी 
  • विषय वस्तु-
    • किसानों की दूर्व्यवस्था पर आधारित है।
    • ये बड़े-बड़े जमीदारों द्वारा किसानों के शोषण पर केंद्रित उपन्यास है।
    • इस उपन्यास में कृषक जीवन के समस्याओं का चित्रण प्रमुख हैं।
    • सामंती जीवन की बुराइयों, प्रेम विवाह, दहेज प्रथा, भ्रष्टाचार आदि का चित्रण है।
  • मुख्य पात्र-
    • होरी- नायक।
    • धनिया- नायिका ।
    • गोबर- होरी का पुत्र
    • झूनिया- गोबर की पत्नी।
    • रायासाहब- जमींदार।
    • मेहता- दर्शन शास्त्र के प्रफेसर।
    • मालती- आधुनिक नारी व डॉक्टर।
    • सरोज- मालती की बहन।
    • भोला- झुनिया के पिता।
    • सोना और रूपा- होरी के पुत्री।
    • खन्ना- मिल मालिक ।
    • गोविंदी- खन्ना के पत्नी ।
    • सिलिया- दलित चमार स्त्री।
    • मातादीन और दतादीन- ब्राह्मण।
    • ओंकारनाथ- संपादक।
    • अन्य पात्र- झिंगुरी सिंह, पटेश्वरीलाल, नोहरी, पुनिया, मिर्जा खुसेद।
  • महत्वपूर्ण तथ्य- 
    • होरी की जो     जीवन भर मेहनत करता है, अनेक कष्ट सहता है, केवल इसलिए कि उसकी मर्यादा की रक्षा हो सके। 
    • इसीलिए वह दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास भी करता है,
    • किंतु उसे इसका फल नहीं मिलता और अंत में मजबूर होना पड़ता है, फिर भी अपनी मर्यादा नहीं बचा पाता।
    • डॉ नगेन्द्र के अनुसार- “गोदान को कृषक के करुण क्रंदन का महाकाव्य कहा है।”
    • डॉ नामवर सिंह के अनुसार- “गोदान को भारतीय किसान करुण गाथा के साथ-साथ पूँजीवाद व सामन्ती व्यवस्था पर एक प्रहार है।”
    • शिवकुमार शर्मा केअनुसार - “गोदान सही अर्थों में प्रगतिवाद का प्रथम आविष्कार है।”
    • डॉ बच्चन के अनुसार - “गोदान एक उपन्यास ही नहीं उत्तरी भारत की संस्कृति का जीवन्त गाथा है।”

    Important Pointsप्रेमचंद्र-

  • जन्म- 1880 -  1936 ईo
  • कहानी-
    • बड़े घर की बेटी (1910 ई.)
    • नमक का दारोगा (1913 ई.)
    • सौत (1915 ई.)
    • पंच परमेश्वर (1916 ई.)
    • सज्जनता का दंड (1916 ई.)
    • बलिदान (1918 ई.)
    • बूढ़ी काकी (1921 ई.)
  • उपन्यास-
    • प्रेमा (1907 )
    • सेवा सदन (1918)
    • वरदान (1921) 
    • प्रेमाश्रम (1922 )
    • रंगभूमि (1925 )
    • कायाकल्प (1926)
    • निर्मला (1927)
    • गबन (1931)
    • कर्मभूमि (1932)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 7
निम्नलिखित में से सुभद्राकुमारी चौहान का कहानी संग्रह नहीं है
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 7

मोर्चाबंदी सुभद्रा कुमारी चौहान का कहानी संग्रह नहीं हैI मोर्चाबंदी कहानी संग्रह भगवती चरण वर्मा द्वारा रचित हैI 

Key Points सुभद्राकुमारी चौहान-

  • समयकाल-16 अगस्त 1904-15 फरवरी 1948 ई.
  • जन्म स्थान-  इलाहाबाद 
  • 1921ई. में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली वह प्रथम महिला थीं I
  • कहानी संग्रह-
    • बिखरे मोती -1932ई.
    • उन्मादिनी -1934 ई.
    • सीधे-साधे चित्र -1947 ई.

​​​Additional Informationभगवती चरण वर्मा 

  • समय काल- 30 अगस्त 1903 - 5 अक्टूबर 1981 
  • जन्म स्थान- उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 
  • चित्रलेखा’ उपन्यास पर दो बार फिल्म-निर्माण 
  • ‘भूले-बिसरे चित्र’ साहित्य अकादमी से सम्मानित
  • पद्मभूषण से सम्मानित 
  • विचार नामक साप्ताहिक पत्रिका का प्रकाशन संपादन किया 
  • कहानी-संग्रह-

    • दो बांके 1936,
    • मोर्चाबंदी,
    • इंस्टालमेंट,
    • मुगलों ने सल्तल्त बख्श दी
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 8
भारतीय काव्यशास्त्रीय आचार्यों का संगत वर्ग है :
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 8

भारतीय काव्यशास्त्रीय आचार्यों का संगत वर्ग है: भरत, आनंदवर्द्धन, विश्वनाथ, जगन्नाथ

Key Pointsभरत-

  • पुरा नाम-भरतमुनि 
  • समय-दूसरी शती 
  • ग्रंथ-
    • नाट्यशास्त्र। 

आनंदवर्द्धन-

  • समय-9 वीं शती 
  • ग्रंथ-
    • ध्वन्यालोक। 

विश्वनाथ-

  • समय-14 वीं शती 
  • ग्रंथ-
    • साहित्य दर्पण। 

जगन्नाथ-

  • समय-17 वीं शती 
  • ग्रंथ-
    • रसगंगाधर। 
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 9
संवेदनात्मक ज्ञान और ज्ञानात्मक संवेदना' सूत्र के प्रयोक्ता कौन हैं ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 9

'संवेदनात्मक ज्ञान और ज्ञानात्मक संवेदना' सूत्र के प्रयोक्ता मुक्तिबोध हैं। Key Points​​गजानन माधव मुक्तिबोध-

  • जन्म- 1917 - 1964 ईo
  • आलोचना ग्रंथ-
    • कामायनी एक पुनर्विचार (1961)
    • एक साहित्यिक की डायरी (1964 )
    • नई कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
    • नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र 1972)
    • समीक्षा की समस्याएं (1982)
  • कविता संग्रह-
    • चाँद का मुँह टेढ़ा है (1964)
    • भूरी-भूरी खाक धूल (1980)
  • प्रमुख लंबी कविता-
    • अंधेरे में
    • भूल गलती
    • ब्रह्मराक्षस

Important Pointsविजयदेव नारायण साही-

  • जन्म- 1924 - 1982 ईo
    • हिंदी साहित्य के नई कविता के दौर के प्रसिद्ध कवि, एवं आलोचक थे।
    • तीसरे सप्तक के कवियों में शामिल थे।
  • काव्य-
    • मछलीघर (1966)
    • साखी (1983)
    • संवाद तुमसे (1990)
    • आवाज़ हमारी जाएगी (1995)
  • आलोचना-
    • जायसी (1983)
    • साहित्य और साहित्यकार का दायित्व (1987)
    • छठवाँ दशक (1987)
    • साहित्य क्यों? (1988)
    • वर्धमान और पतनशील (1991)

कुँवर नारायण-

  • जन्म- 1927 - 2017 ईo
  • कविता संग्रह -
    • चक्रव्यूह (1956)
    • तीसरा सप्तक (1959)
    • परिवेश : हम-तुम (1961)
    • अपने सामने (1979)
    • कोई दूसरा नहीं (1993)
    • इन दिनों (2002)
  • खंड काव्य -
    • आत्मजयी (1965)
    • वाजश्रवा के बहाने (2008)
  • कहानी संग्रह -
    • आकारों के आसपास (1973)

धर्मवीर भारती-

  • जन्म- 1926 - 1997 ईo
  • उपन्यास-
    • गुनाहों का देवता (1949)
    • सूरज का सातवाँ घोडा (1952)
    • ग्यारह सपनों का देश (1960)
  • निबंध-
    • ठेले पर हिमालय (1958)
    • कहनी अनकहनी (1970)
    • पश्यंती (1969)
    • साहित्य विचार और स्मृति (2003)
  • कविता-
    • ठंडा लोहा (1952)
    • सात गीत वर्ष (1959)
    • कनुप्रिया (1959)
    • सपना अभी भी (1993)
    • आद्यन्त (1999)
  • पद्यनाटक-
    • अंधायुग (1954)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 10
माइकेल मधुसूदन के नाटक 'शर्मिष्ठा' का हिन्दी अनुवाद किसने किया ?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 10

माइकेल मधुसूदन के नाटक 'शर्मिष्ठा' का हिन्दी अनुवाद बालकृष्ण भट्ट ने किया।

Key Pointsभारतेन्दु हरिश्चन्द्र-

  • समयकाल- 9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885
  • जन्मस्थान- वाराणसी, उत्तर प्रदेश,
  • मुख्य रचनाएँ-
  • मौलिक नाटक

    • वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति (1873ई.., प्रहसन)
    • सत्य हरिश्चन्द्र (1875 ई.,नाटक)
    • श्री चंद्रावली (1876 ई., नाटिका)
    • भारत दुर्दशा (1880 ई. नाट्य रासक),
    • नीलदेवी (1881 ई., ऐतिहासिक गीति रूपक)।
  • अनूदित नाट्य रचनाएँ-

    • विद्यासुन्दर (1868 ई.,नाटक, संस्कृत 'चौरपंचाशिका’ के यतीन्द्रमोहन ठाकुर कृत बँगला संस्करण का हिंदी अनुवाद)
    • पाखण्ड विडम्बन (कृष्ण मिश्र कृत ‘प्रबोधचंद्रोदय’ नाटक के तृतीय अंक का अनुवाद)
    • कर्पूर मंजरी (1875 ई., सट्टक, राजशेखर कवि कृत प्राकृत नाटक का अनुवाद)
    • मुद्राराक्षस (1878 ई., विशाखदत्त के संस्कृत नाटक का अनुवाद)
    • दुर्लभ बंधु (1880 ई., शेक्सपियर के ‘मर्चेंट ऑफ वेनिस’ का अनुवाद)

बालकृष्ण भट्ट

  • समयकाल-3 जून 1844- 20 जुलाई 1914 ई.
  • जन्मस्थान-प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
  • मुख्य रचनाएँ-
  • मौलिक नाटक -
    • दमयन्ती स्वयंवर
    • बाल-विवाह
    • चन्द्रसेन
  • अनुवादित नाटक-
    • वेणीसंहार, नाटक
    • मृच्छकटिक, नाटक
    • पद्मावती, नाटक

प्रेमघन-

  • पूरा नाम- बदरीनारायण चौधरी उपाध्याय "प्रेमघन"
  • समयकाल-1 सितम्बर 1855 ई०-1923 ई०
  • जन्म स्थान- दत्तापुर, आजमगढ़
  • नाट-भारत सौभाग्य

​प्रतापनारायण मिश्र-

  • समयकाल- 24 सितम्बर, 1856, ; मृत्यु- 6 जुलाई, 1894
  • जन्म स्थान - उन्नाव, उत्तर प्रदेश
  • नाट्य-साहित्य -
    • 'कलि कौतुक' (रूपक)
    • जुआरी खुआरी' (प्रहसन, अपूर्ण),
    • 'हठी हमीर', '
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 11

'हरी घास पर क्षण भर' कविता की पंक्तियों को पहले से बाद के क्रम में लगाएं-

A. क्षण-भर भुला सकें हम, नगरी की बेचैन बुदकती गड्ड-मड्ड अकुलाहट—

B. प्रकृतिवाद है स्खलन क्योंकि युग जनवादी है।

C. क्षण-भर लय हों—मैं भी, तुम भी, और न सिमटें सोच कि हमने

D. हँसी अकारण खड़े महा-वट की छाया में, वदन घाम से लाल, स्वेद से जमी अलक-लट,

E. अधजानी बबूल की धूल मिली-सी गंध, झरा रेशम शिरीष का, कविता के पद,

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 11

सही उत्तर है- A, B, C, D, E

Key Pointsहरी घास पर क्षण भर-

  • रचनाकार- अज्ञेय
  • विधा- काव्य
  • प्रकाशन वर्ष- 1949 ई.
  • विषय-
    • इसमें समय के क्षणिक महत्व को कवि ने दर्शाया है।

Important Pointsअज्ञेय-

  • जन्म-1911-1987 ई.
  • काव्य रचनाएँ-
    • भग्नदूत (1933 ई.)
    • चिंता (1942 ई.)
    • बावरा अहेरी (1954 ई.)
    • आंगन के पार द्वार (1961 ई.)
    • कितनी नावों में कितनी बार (1967 ई.) आदि।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 12

"दुःख ही जीवन की कथा रही,

क्या कहूँ आज जो नहीं कहीं।"

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस कविता से उद्धृत हैं ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 12

उपर्युक्त पंक्तियाँ सरोज स्मृति से उद्धृत है।

Key Points

  • सरोज स्मृति निराला जी की रचना है।
  • सरोज स्मृति (1935) हिन्दी का सर्वश्रेष्ट शोक गीत है।
  • सरोज स्मृति अनामिका कविता संग्रह के दूसरे संस्करण में संकलित है।

सरोज स्मृति से संबंधित तथ्यः-

  • निराला जी सरोज स्मृति अपनी युवा कन्या सरोज की अकाल मृत्यु पर लिखा है।
  • निराला जी ने इसमें शोक संतप्त हृदय के उद्गार को व्यक्त किया है।
  • इस कविता में कवि ने अपने हालात, पीढा, मजबुरी और निजी जीवन का भी वर्णन किया है।

Additional Information

Important Pointsनिराला की रचनाएँः-

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 13
सिंदूर की होली' नाटक का रचना समय है
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 13

'सिंदूर की होली' नाटक का रचना समय है- 1934 ई०Key Pointsसिंदूर की होली-

  • रचनाकार- लक्ष्मी नारायण मिश्र
  • प्रकाशन वर्ष- 1934 ईo
  • विधा- नाटक
  • अंक- 3
  • शैली-
    • समस्या प्रधान नाटक।
  • विषयवस्तु-
    • इस नाटक में एक ही दिन के पूरी घटना का वर्णन किया गया है।
    • इस नाटक में उन्होंने चिरंतन नारित्व की समस्या का प्रतिपादन किया है।
  • उद्देश्य-
    • इस नाटक में उन्होंने चिरंतन नारी की समस्या का प्रतिपादन किया है।
    • नाटककार ने समकालीन भारतीय समाज में होने वाली नारी के समस्याओं का चित्रण विभिन्न पात्रों के माध्यम से किया है।
    • सिंदूर की होली नाटक में वैधव्य की समस्या को केंद्र में रखकर इस पर अनेक प्रकार से चर्चा की गई है।
    • नाटक में चंद्रकला केंद्रीय पात्र है। जिसके द्वारा प्रणय और वैधव्य का संघर्ष अभिव्यक्त हुआ है।
  • मुख्य तथ्य-
    • नाटक के कथानक का समय 12 बजे दिन, वर्षा काल का है।
    • सिंदूर की होली नाटक की भूमिका रामप्रसाद त्रपाठी ने 20 अप्रैल 1934 को लिखी थी।
  • नाटक के पात्र-
  • इस नाटक में कुल नौ पात्र है।
  • पुरुष पात्र-
    • रजनीकांत- भगवंत सिंह का भतीजा, उम्र 17-18 वर्ष
    • मनोजशंकर- मुरारीलाल के मित्र का लड़का है।
    • मुरारीलाल- डिप्टीकलेक्टर, उम्र 40 वर्ष। दस हजार रुपये लेकर रजनीकांत के हत्या का मार्ग निरापद कर देता है।
    • माहिरअली- मुरारीलाल का पुराना मुंशी है।
    • भगवंत सिंह- पहले मजिस्ट्रेट था फिर रायसाहब हो गया, रजनीकांत का हत्या करनेवाला।
    • हरनंदन सिंह- रजनीकांत के पिता का मामा और
    • डॉक्टर- चंद्रकला का चिकित्सक
  • स्त्री पात्र-
    • चंद्रकला- मुरारीलाल की बेटी उम्र 20 वर्ष, नाटक की प्रमुख पात्रा, जो रजनीकान्त से प्रेम करती है और मृत रजनीकांत के हाथों अपनी माँग में सिंदूर भरकर उसकी विधवा बन जाती है।
    • मनोरमा- रुढ़िवादी सोच वाली, चंद्रकांता की विरोधी। जो मुरारी लाल के घर पर रहती है। उम्र 18 वर्ष है।
  • कथानक-
    • नाटक में चंद्रकला डिप्टी कलेक्टर मुरारीलाल की एक मात्र संतान है। उसकी आयु बीस वर्ष है। चंद्रकला का पालन-पोषण, शिक्षा-दीक्षा पाश्चात्य वातावरण में हुआ था।
    • इस कारण उसके विचार तथा व्यवहार स्वच्छंद थे। चंद्रकला स्वच्छंद तथा उन्मुक्त प्रेम की पक्षधर थी। प्रथम दृष्टि में ही उसे रजनीकान्त से प्रेम हो जाता है।
    • वह यह जानते हुए कि रजनीकांत विवाहित है। उसे प्राप्त करने की इच्छा रखने लगती है।
    • चंद्रकला रजनीकांत की सुन्दर मुस्कान पर अपना सर्वस्व न्योछावर कर देती है और अस्पताल जाकर मृत रजनीकांत की उँगलियों से अपने माथे पर सिंदूर लगवाकर सिंदूर की होली खेलती है।

Important Pointsप० लक्ष्मी नारायण मिश्र-

  • जन्म- 1903 - 1987 ई०
  • लक्ष्मी नारायण मिश्र जी को समस्या प्रधान नाटक का ‘जनक’ कहा जाता है।
  • सामाजिक नाटक-
    • अशोक (1926)
    • सन्यासी (1930)
    • राक्षस का मंदिर (1931)
    • मुक्ति का रहस्य (1932)
    • राजयोग (1933)
    • सिंदूर की होली (1934)
    • गुडिया का घर(1930)
  • ऐतिहासिक नाटक-
    • गरुड़ध्वज (1945)
    • वत्सराज (1950)
    • दशाश्वमेध (1950)
    • वितस्ता की लहरें (1957)
    • जगद्गुरु (1958)
    • सरयू की धार (1974)
    • गंगाद्वार (1974)
  • पौराणिक नाटक-
    • नारद की वीणा (1946 )
    • चक्रव्यूह (1954)
  • एकांकी संग्रह-
    • अशोक वन (1950)
    • प्रलय के पंख पर (1951)
    • कावेरी में कमल (1961)
    • स्वर्ग में विप्लव 1966)
    • नारी का रंग (1966)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 14

निम्न कहानियों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार पहले से बाद का सही क्रम है-

A. जिंदगी और जोंक

B. बंद गली का आखिरी मकान

C. इंसान के खंडहर

D. पुल टूटे हुए

E. बादलों के घेरे

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 14
कहानियों का प्रकाशन वर्ष के अनुसार सही क्रम है - C, A, B, D, E
Key Points इंसान के खंडहर -
  • रचनाकार - मोहन राकेश
  • प्रकाशन वर्ष - 1950 ई.
जिंदगी और जोंक -
  • रचनाकार - अमरकांत
  • प्रकाशन वर्ष - 1958 ई.
बंद गली का आखिरी मकान -
  • रचनाकार - धर्मवीर भारती
  • प्रकाशन वर्ष - 1969 ई.
पुल टूटे हुए -
  • रचनाकार - बंदी उज्जमाँ
  • प्रकाशन वर्ष - 1973 ई.
बादलों के घेरे -
  • रचनाकार - कृष्णा सोबती
  • प्रकाशन वर्ष - 1980 ई.
Important Pointsमोहन राकेश - (1925- 1972 ई.) अन्य कहानी संग्रह -
  • नये बादल (1957 ई.)
  • जानवर और जानवर (1958 ई.)
  • एक और जिंदगी (1961 ई.)
  • फौलाद का आकाश (1966 ई.)
अमरकांत( 1925- 2013 ई.) अन्य कहानियाँ -
  • देश के लोग (1969 ई.)
  • मौत का नगर (1973 ई.)
  • मित्र मिलन तथा अन्य कहानी (1979 ई.)
धर्मवीर भारती( 1926 - 1997 ई.) अन्य कहानियाँ
  • मुर्दों का गांव (1946 ई.)
  • स्वर्ग और पृथ्वी (1949 ई.)
  • चांद और टूटे हुए लोग (1955 ई.)
बंदी उज्जमाँ - (1928 ई. - 1986 ई.) अन्य कहानियाँ -
  • अनित्य (1970 ई.)
  • चौथा ब्रह्मण (1976 ई.)
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 15
कृष्णचंदर ने अपनी रचना में किस पेड की रचना की है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 15
कृष्णचंदर ने अपनी रचना में जामुन के पेड की रचना की है।Key Pointsजामुन का पेड़-
  • रचनाकार- कृष्णचंदर
  • विधा - हास्य व्यंग्य कहानी
  • मुख्य - कृष्णचंदर हिंदी और उर्दू भाषा के रचनाकार है
    • 'जामुन का पेड़' एक हास्य व्यंग्य की शैली में लिखी हुई कहानी है
    • इस कहानी में सरकारी जीवन शैली वह लालफीताशाही की मिश्रित भ्रष्टाचारी व्यवस्था पर करारा व्यंग्य किया गया है
    • जहां इंसानियत की जगह व्यवस्था महत्वपूर्ण हो जाती है
Important Pointsकृष्ण चन्दर (1914 -1977ई.) के अन्य कहानी संग्रह-
  • सफेद फूल
  • अन्नदाता
  • मिट्टी के सनम
  • कश्मीर की कहानी
  • हम वहशी है
  • आधे घंटे का खुदा
  • गूंगे देवता
  • पूरे चांद की रात
  • मछली जाल
  • सपनों का कैदी
  • हम तो मोहब्बत करेगा
  • दादुर पुल के बच्चे
  • गर्जन की एक शाम
  • तीन गुंडे
Additional Information
  • कृष्णचंदर ​ का आरंभिक लेखन उर्दू में है
  • आजादी के बाद हिंदी में लिखना शुरू करते हैं
  • भारत सरकार द्वारा इन्हें साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में 1969 ई.में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 16

निम्नलिखित ध्वनियों को उपयुक्त वर्ग से सुमेलित कीजिये :

इनमें से कौन-सा विकल्प सही है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 16

सही उत्तर है- (A - 2), (B - 4), (C - 1), (D - 3)Key Pointsसही सुमेलित-

Important Pointsअल्पप्राण-

  • ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं।
  • इनकी संख्या 20 होती है - क ग ङ च ज ञ ट ड ण ड़ त द न प ब म य र ल व
  • वर्ग से वर्ग तक का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
  • चारों अन्तस्थ व्यञ्जन - य र ल व

महाप्राण-

  • ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन कहते हैं।
  • इनकी संख्या 20 होती है - ख घ छ झ ठ ढ थ ध फ भ ढ़ श ष स ह
  • वर्ग से वर्ग तक का दूसरा, चौथा अक्षर
  • चारों उष्म व्यञ्जन - श ष स ह

ओष्ठ्य-

  • औष्ठ्य ध्वनियाँ वो ध्वनियाँ हैं जो दोनों होंठों के मिलने पर उच्चारित होती हैं।
  • जैसे कि प, फ, ब, ॿ, भ, म।

अघोष-

  • क वर्ग से प वर्ग के पहला और दूसरा वर्ण अघोष वर्ण हैं
  • इन वर्णों को बोलने में स्वर तंत्र में कंपन नहीं होता हैं इसके अलावा श ष और स भी अघोष वर्ण हैं।
  • अघोष की कुल संख्या 13 हैं - क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, श, ष, स
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 17

अनुकूल या प्रतिकूल भाव जिसे छिपा न सके वह आस्वाद का मूलभूत भाव' क्या कहलाता है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 17

'अनुकूल या प्रतिकूल भाव जिसे छिपा न सके वह आस्वाद का मूलभूत भाव' स्थायी भाव कहलाता है। Key Pointsस्थायी भाव-

  • सहृदय के हृदय में जो भाव स्थायी रूप से निवास करते हैं, स्थायी भाव कहलाते हैं।
  • इन्हें अनुकूल या प्रतिकूल किसी प्रकार के भाव दबा नहीं पाते।
  • स्थायी भाव नौ हैं।
  • इन्हीं के आधार पर नौ रस माने गए हैं।
  • प्रत्येक रस का एक स्थायी भाव नियत होता है।
  • रति, हास, शोक, उत्साह, क्रोध, भय, जुगुप्सा (घृणा), विस्मय, शांत (निर्वेद) स्थायी भाव है।
  • इसके अतिरिक्त वात्सल्य रस माना गया हैं।
  • इसका स्थायी भाव वात्सल है।

Important Points
अनुभाव-

  • आश्रय की चेष्टाओं अथवा रस की उत्पत्ति को पुष्ट करनेवाले वे भाव, जो विभाव के बाद उत्पन्न होते हैं, 'अनुभाव' कहलाते हैं।
  • अनुभाव के चार भेद हैं-
    • कायिक
    • मानसिक(सात्विक)
    • वाचिक
    • आहार्य।

विभाव-

  • स्थायी भावों को जाग्रत करने वाले कारक विभाव कहलाते हैं।
  • इनके दो भेद हैं- आलम्बन और उद्दीपन
  • आलम्बन- जिसके प्रति स्थायी भाव उत्पन्न हो, वह आलम्बन कहलाता है।
  • उद्दीपन- स्थायी भावों को बढ़ाने या उद्दीप्त करने वाले भाव उद्दीपन कहलाते हैं।
  • आलम्बन के भी दो भेद हैं- आश्रय और विषय
  • आश्रय-
    • जिस व्यक्ति के मन में भाव जाग्रत हो।
  • विषय-
    • जिस वस्तु या व्यक्ति के प्रति भाव उत्पन्न हों।

Additional Information

  • "विभावानुभावव्यभिचारीसंयोगाद्रस निष्पत्तिः”
  • अर्थात् विभाव, अनुभाव और संचारी भाव के संयोग से रस निष्पत्ति होती है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 18

निम्नलिखित कवियों को उनके आश्रयदाता राजाओं के साथ सुमेलित कीजिए :

इनमें से कौन-सा विकल्प सही है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 18

कवियों को उनके आश्रयदाता राजाओं के साथ सुमेल है - (a) - (iv), (b) - (i), (c) - (v), (d) - (ii)

देव (1673 ई.)- रीतिबद्ध काव्य धारा के प्रमुख कवि, रचनाएं - भाव विलास (1689 ई.), अष्टयाम (1689 ई.), जाति विलास (1723 ई.), प्रेमचंद्रिका (1733 ई.), रागरत्नाकर।
कुलपति मिश्र (1670 ई.)- रचनाएँ - रस रहस्य(1670 ई.), संग्राम सार, द्रोण पर्व नख - शिख, युक्तितरंगिणी,दुर्गाभक्ति चंद्रिका।
मंडन - रीतिबद्ध कवि।रचनाएँ - रसरत्नावली, रस विलास, नख - शिख, जानकीजु का ब्याह, काव्य रत्न, नैन पंचासा,जनकपचीसी, पुरंदर माया।
चिंतामणि(1609 -1685 ई. ) - रचनाएँ - कविकुल कल्पतरु (1650 ई.) रस विलास , श्रृंगार मंजरी (1653 ई.) छंद विचार, कवित विचार, रामायण, कृष्ण चरित, काव्य विवेक,।
बिहारी-(1595- 1623 ई. ) - बिहारी के आश्रयदाता जयपुर के नरेश मिर्जा राजा जयसिंह थे बिहारी की प्रमुख रचना 'बिहारी सतसई' है

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 19

स्थापना : द्वंद्वात्मक भौतिकवादी दर्शन किसी वस्तु को अंतिम निरपेक्ष और शाश्वत मानता है।

तर्क : द्वंद्वात्मक भौतिकवादी दर्शन सत्य को सापेक्ष मानता है।

इनमें से कौन-सा विकल्प सही है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 19

सही उत्तर है-विकल्प-1 स्थापना और तर्क दोनों सही हैं।Key Points

  • द्वंद्वात्मक भौतिकवादी दर्शन किसी वस्तु को अंतिम निरपेक्ष और शाश्वत मानता है, स्थापना सही है।
  • द्वंद्वात्मक भौतिकवादी दर्शन सत्य को सापेक्ष मानता है, तर्क सही है।
  • क्योंकि-
    • मार्क्स के अनुसार जीवन और जगत का परम सत्य भौतिकवाद है आत्मा और ईश्वर का अस्तित्व नहीं है इनका विचार केवल कपोल कल्पित है।
    • चेतना का आधार भौतिक है।
    • बिना भौतिक चेतना का आधार भौतिक है।
    • बिना भौतिक के चेतना अस्तित्व में नहीं आ सकती।
    • द्वंद्वात्मक भौतिकवादी मार्क्स के लिए वास्तविकता विचार मात्र नहीं भौतिक सत्य है; विचार स्वयं पदार्थ का विकसित रूप है।

Additional Informationद्वंद्वात्मक भौतिकवादी-

  • द्वंदात्मक भौतिकवाद का सिद्धांत मार्क्स के संपूर्ण चिंतन का मूल आधार है।
  • द्वंद का विचार मार्क्स ने हीगल से ग्रहण किया तथा भौतिकवाद का विचार फ्यूअरबाख से लिया।
  • मार्क्स ने भौतिकवाद का प्रयोग द्वंदवाद को एक नई दिशा देने के लिए किया , जो हीगल की वैचारिक द्वंद पद्धति से भिन्न है।
  • भौतिकवाद के महत्व को स्पष्ट करते हुए उसने घोषित किया कि सृष्टि का उद्गम, विकास और अंत सभी इंद्रियों से दृष्टिगत होने वाले पदार्थों पर आधारित है।
  • वह हीगल की तरह आत्मा परमात्मा जैसी अदृश्य वस्तुओं के अस्तित्व पर विश्वास नहीं करता।
  • वह प्रत्यक्ष दिखाई देने वाले पदार्थों को ही सत्य के रूप में स्वीकार करता है
  • और उनके माध्यम से दृष्टि निर्माण और उसे संचालन की विभिन्न नियमों का प्रतिपादन करता है
  • मार्क्स के अनुसार
    • वह पदार्थ जो बाहर से हमें जड़ या स्थिर दिखाई देता है वास्तव में जड़ या स्थिर नहीं है।
  • यह पदार्थ अपनी आंतरिक सचेतना या सक्रियता के कारण निरंतर गतिशील है
  • और उसकी यह गतिशीलता ही उसे निरंतर उर्धमुखी परिवर्तनशीलता की ओर उन्मुख किए हुए है।
  • इसका एक क्रमिक प्रवाह है।
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 20

निम्नलिखित में से भारतेन्दुकालीन कवि कौन से हैं?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 20

हरिश्चन्द्र, प्रेमघन, प्रतापनारायण मिश्र, अम्बिकदत व्यास, भारतेन्दुकालीन कवि हैं | शेष दिव्वेदीयुगीन एवं भी कहा जाता है |

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 21
निम्नलिखित में से कौन-सी कला स्थायी कला है?
Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 21

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प चित्रकला सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार चित्रण कला स्थायी कला है।
  • व काव्य कला गतिशील कला है।
  • काव्य-कला गतिशील कला है; किंतु चित्रण-कला स्थायी कला है।
Additional Information
  • स्थायी
    • हमेशा बना रहने वाला, सदा स्थित रहने वाला, नष्ट न होने वाला
    • बहुत दिनों तक चलने वाला, टिकाऊ
    • अपरिवर्तनीय, नियमित
  • गतिशील
    • गति का समास
    • विशेषण
      • निरंतर चलने, बढ़नेवाला
  • गतिशील का पर्यायवाची शब्द :-
    • चल, अस्थिर, चलनशील, चलंत, चलता-फिरता, गतिमान
UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 22

निम्नलिखित में से कौन-सी रचना ठाकुर जगनमोहन सिंह की नहीं है?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 22

ठाकुर जगमोहन सिंह हिंदी साहित्य के मूर्धन्य रचनाकार रहे हैं| उनका संबंध हिंदी साहित्य के भारतेंदु युग से है| वे उपन्यासकार,आलोचक एवं कवि थे| उन्होंने छत्तीसगढ़ के बिखरे साहित्यकारों को जगमोहन मंडली बनाकर एक सूत्र में पिरोया और उन्हें लेखन की सही दिशा भी दी। जगन्मोहन मंडल कशी के भारतेंदु मंडल की तर्ज में बनी एक साहित्यिक संस्था थी। इनकी प्रमुख रचनाएँ इस प्रकार हैं- प्रेम-संपत्ति-लता, श्यामलता और श्यामासरोजिनी|

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 23

निःशक्त और दुःखी रहने का क्या कारण है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 23

निःशक्त और दुःखी रहने का कारण रोगी होना है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 24

स्थापना (A) : शब्द को सुनकर या पढ़कर श्रोता या पाठक को उसका लोक प्रसिद्ध प्रचलित अर्थ तत्क्षण ज्ञात होता है उसे व्यंग्यार्थ कहते है।

तर्क (R) : लक्ष्यार्थ का बोध कराने वाली शब्द शक्ति को लक्षणा शब्द शक्ति कहते है।

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 24

A गलत और R सही है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 25

हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘घत्ता' शब्द का व्यवहार मूलतः किस अर्थ में होता रहा है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 25

हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘घत्ता' शब्द का व्यवहार मूलतः एक कड़वक के अर्थ में होता रहा है |

इसलिए, सही विकल्प (डी) है।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 26

“बायोग्राफिया लिटरेरिया' का प्रकाशन-वर्ष है-

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 26

‘बायोग्राफिया लिटरेरिया' मध्य युगीन अंग्रेजी कला-साहित्य के चिंतक (आलोचक) सैमुअल टेलरकॉलरिज की प्रसिद्ध रचना है, इसका प्रकाशन वर्ष 1817 ई. है. कुबला खान (1797 ई.), दि राइम ऑफ ऐशन्ट मेरिनर (1798 ई.) कॉलरिज की अन्य प्रसिद्ध पुस्तकें हैं. बायोग्राफिया लिटरेरिया में कविता के सम्बन्ध में विस्तृत विवेचन किया गया है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 27

निम्नलिखित में से कौनसा कथन आचार्य विश्वनाथ का नहीं है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 27

‘साहित्यदर्पण' आचार्य विश्वनाथ की कालजयी रचना है. इस ग्रंथ के तृतीय परिच्छेद की द्वितीय कारिका में रस-स्वरूप (लक्षण) का उल्लेख इस प्रकार है सत्वोद्रेकादखंड स्वप्रकाशानंद चिन्मयः। वेद्यान्तर स्पर्श शून्यो ब्रह्मस्वाद सहोदरः।।” (अर्थात् रस का साक्षात्कार सत्वगुण के सुंदर स्वच्छ आलोक में होता है. 'रस' अखंड (अद्वितीय), स्वप्रकाश, आनन्दमय, चिन्मय (चमत्कारयुक्त), वेद्यान्तर स्पर्श शून्य और ब्रह्मास्वाद सहोदर होता है.) ‘वेद्यान्तर स्पर्श शून्य' का अभिप्राय है कि रस साक्षात्कार के समय दूसरे वेद्य (विषयों) का स्पर्श तक नहीं होता. अर्थात् वह रस-आस्वाद में पूर्णतः तल्लीन (एकाग्र) रहता है.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 28

इनमें से कौनसा युग्म अघोष ध्वनि है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 28

जिन वर्गों के उच्चारण में प्राणवायु में प्रकम्पन नहीं| होता है उन्हें अघोष वर्ण कहते हैं. सभी वर्गों के प्रथमऔर द्वितीय वर्ण (क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ)तथा ऊष्म व्यंजन (श, ष, स) कुल 13 वर्ण अघोष हैं.

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 29

चातक खड़ा चोंच खोले हैं, संपुट खोले सीप खड़ी’पंक्ति के रचयिता है ?

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 29

चातक खड़ा चोंच खोले हैं, संपुट खोले सीप खड़ी’पंक्ति के रचयिता मैथिलीशरण गुप्त है |हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।[2] उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था।

UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 30

अज्ञेय की प्रथम कृति है

Detailed Solution for UGC NET Paper 2 Hindi Mock Test - 5 - Question 30

भग्नदूत 1933, सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन "अज्ञेय" (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987) प्रथम कृति है |अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं। अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया। बहुआयामी व्यक्तित्व के एकान्तमुखी प्रखर कवि होने के साथ-साथ वे एक अच्छे फोटोग्राफर और सत्यान्वेषी पर्यटक भी थे।

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