प्रश्न (1): घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि-सत्कार कैसे करेंगे?
उत्तर: घर में मेहमान के आने पर मैं उन्हें यथोचित प्रणाम करके बैठक में बैठाऊंगा उन्हें जलपान कराकर उनसे आने का कारण पूछूँगा। उन्हें यदि पिता जी से काम होगा तो वे कब तक आएँगे, यह बताऊँगा। यदि वे रुककर इंतज़ार करते हैं तो उनके साथ प्रेमपूर्वक बातें करूँगा तथा उनकी सुविधा का ध्यान रखूँगा।
प्रश्न (2): आपको छुटियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है? वहाँ की दिनचर्या अलग कैसे होती है? लिखिए।
उत्तर: मुझे छुटियों में अपने नाना-नानी के घर जाना सबसे अच्छा लगता है। वहाँ की दिनचर्या हमारे यहाँ की दिनचर्या से बिल्कुल अलग होती है। वहाँ मामा के लड़के तथा लड़की के साथ खेलते हुए खेतों घूमना, बाग में पेड़ पर चढऩा, गर्मियों में आम तोडऩा, बाग में पेड़ों की छाया में अनेक खेल खेलना अच्छा लगता है। शाम को नानी से कहानियाँ सुनना, एक साथ बैठकर गपशप करना अच्छा लगता है।
प्रश्न (3): मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आस-पास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।
उत्तर: मशीनी युग के कारण बड़े से बड़े व छोटे से छोटे उद्योगों में अपार परिवर्तन आए हैं। हमारे घर के पास एक घर में ही लकड़ी का फर्नीचर बनता था। कितने ही कारीगर दिन-रात लकड़ियाँ चीर-चीर कर फर्नीचर बनाया करते थे। पिछले कुछ वर्षो में मैंने देखा कि कारीगर तो निरंतर कम होते जा रहे हैं लेकिन फर्नीचर और भी सुंदर बनने लगा है। मुझे उत्सुकता हुई कि एक बार अंदर जाकर देखकर आऊँ कि फर्नीचर कैसे बनता है। जब मैं उस लकड़ी के कारखाने में गया तो देखा कि लकड़ी काटने, साफ करने व उसे आकार देने का सभी कार्य मशीनें बखूबी कर रही थीं। मुझे देखकर बहुत अच्छा लगा कि काम कितनी जल्दी और सफाई से होता है लेकिन जब एक बढ़ई लकड़ी का सामान बनाने वाला) ने मुझे यह बताया कि एक समय था कि इस कारखाने में बीस लोग काम करते थे लेकिन अब केवल पाँच ही पूरा काम निबटा लेते हैं तो मुझ अफसोस हुआ कि मशीनों के कारण कितने लोग बेरोजगार भी हो जाते हैं। तभी मैने यह सोचा कि मशीनी युग परिवर्तन के साथ-साथ परेशानियाँ भी ला रहा है।
प्रश्न (4): बाजार में बिकनेवाले सामानों की डिजाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।
उत्तर: आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है। आज नित नए आविष्कार होने से तरह-तरह की वस्तुएँ बाज्जार में आ रही हैं। बाजार में वस्तुएँ असीमित मात्रा में उपलब्ध हैं। लोगों की रुचि, आवश्यकता तथा उनकी आय देखकर वस्तुएँ बनाई जाने लगी हैं। खाने-पहनने तथा नित्य प्रति प्रयोग की जानेवाली वस्तुओं की मात्रा में विविधता बढ़ती जा रही है। नित नए .फैशन के कपड़ों से बाजार भरा पड़ा है।
प्रश्न (5): हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और बातचीत के आधार पर लेख तैयार कीजिए।
उत्तर: विज्ञान के इस युग में जब सब कुछ बदल रहा है हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़े भी इस बदलाव से अछूते नहीं हैं। इस बदलाव का असर सब पर देखा जा सकता है।
कुछ लोगों की बातचीत को आधार मानकर कहा जा सकता है कि कुछ लोगों के विचार से यह बदलाव अच्छा है तथा कुछ इतनी तेज्जी से हो रहे बदलाव को शुभ संकेत नहीं मानते।
इस विषय पर दो समूह बनाकर पक्ष-विपक्ष में अपनी बात रखते हुए विद्यार्थी स्वयं चर्चा करें तथा बातचीत के आधार पर आलेख तैयार करें।
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