प्रश्न 1. निम्नलिखित मुहावरों को अपने वाक्यों में इस तरह प्रयोग कीजिए कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए:
आँखें चुराना, आसमान में उड़ना, आग-बबूला होना, आगे-पीछे फिरना, हाथ फैलाना, सुध-बुध खोना, श्रीगणेश करना, इधर-उधर की हाँकना, कलेजा ठंडा होना, तितर-बितर होना, दिवाला निकलना, दो नावों पर पैर रखना, रँगा सियार होना, बाग-बाग होना, मुँह में पानी आना, खून खौलना, सिर पर कफ़न बाँधना, तीन-तेरह होना, आँखें मल-मलकर देखना, आकाश-पताल एक करना, हाथ मलना, आसमान सिर पर उठाना, उलटी गंगा बहाना, राह में काँटा बिछाना, काया पलट होना, दुनिया से कूच करना, मुँह में पानी आना, हवा होना।
उत्तर:
- आँखें चुराना: जब से गोपी मुझसे रुपये उधार ले गया है, तब से वह आँखें चुराने लगा है।
- आसमान में उड़ना: चुनाव के काम के लिए नेता जी राममोहन ने जब से सुरेश को अपने साथ रखा है तब से वह आसमान में उड़ने लगा है।
- आग बबूला होना: मिठाईवाले ने जब सिपाही से मिठाई का दाम माँगा तो वह आग बबूला हो गया।
- आगे-पीछे फिरना: अपना काम करवाने के लिए लोग नेताओं के आगे-पीछे फिरते रहते हैं।
- हाथ फैलाना: बेरोज़गार होने के बाद भी वह किसी के आगे हाथ नहीं फैलाता है।
- सुध-बुध खोना: कमल के फूल की मादकता के कारण भौरा अपनी सुध-बुध खो बैठा।
- श्रीगणेश करना: परीक्षा फल घोषित हुआ और रूपेश ने नई कक्षा की पढ़ाई का श्रीगणेश कर दिया।
- इधर-उधर की हाँकना: कुछ लोग काम करने के बजाए इधर-उधर की हाँकते फिरते हैं।
- कलेजा ठंडा होना: कुएँ का ठंडा पानी पीते ही मज़दूर का कलेजा ठंडा हो गया।
- तितर-बितर होना: पुलिस द्वारा गोली चलाए जाने से भीड़ तितर-बितर होने लगी।
- दिवाला निकलना: जुआ खेलने की बुरी आदत और व्यापार में घाटा होने के कारण उसका दिवाला निकल गया।
- दो नावों पर पैर रखना: नौकरी करने के साथ-साथ राजनीति में कदम बढ़ा दिया है। इस तरह उसने दो नावों पर पैर रख दिया है।
- बाग-बाग होना: आप सरकार द्वारा पानी मुफ़्त दिए जाने की घोषणा के क्रियान्वयन से लोग बाग-बाग हो गए।
- मुँह में पानी आना: कौए की चोंच में रोटी का टुकड़ा देखकर लोमड़ी के मुँह में पानी आ गया।
- खून खौलना: देश में आतंकवादियों के घुसपैठ की बात सुनकर सेना के जवानों का खून खौल उठा।
- सिर पर कफ़न बाँधना: देश की रक्षा के लिए वीर सैनिक सिर पर कफ़न बाँधे तैयार रहते हैं।
- तीन-तेरह होना: बूढ़े पिता की मृत्यु की बाद उसके बेटे तीन-तेरह हो गए।
- आँखें मल-मलकर देखना: दुकानदार पाँच सौ रुपये की नोट को आँखें मल-मलकर देखने लगा।
- आकाश-पाताल एक करना: आई०ए०एस० बनने के लिए उदिता ने आकाश पाताल एक कर दिया।
- हाथ मलना: पहले तो उसने परिश्रम नहीं किया। अब फेल होने के बाद वह हाथ मल रहा है।
- आसमान सिर पर उठाना: छुट्टी की घंटी बजते ही छात्रों ने आसमान सिर पर उठा लिया।
- उलटी गंगा बहाना: प्रात:काल बिस्तर से उठते ही चाय पीना, फिर ब्रश करने का प्रचलन भारतीय संस्कृति की दृष्टि से उलटी गंगा बहाने जैसा है।
- राह में काँटा बिछाना: कुछ लोग दूसरों की प्रगति से जलते हैं। ऐसे लोग दूसरों की राह में काँटा बिछाने से नहीं चूकते हैं।
- काया पलट होना: मेट्रो रेल के संचालन के कारण दिल्ली के यातायात की काया पलट हो गई है।
- दुनिया से कूच करना: वेगवती नदी में नाव पलट जाने से अनेक लोग असमय दुनिया से कूच कर गए।
- मुँह में पानी आना: हलवाई की दुकान पर सजी मिठाइयाँ देखकर बच्चे के मुँह में पानी आ गया।
- हवा होना: शेर के गरजने की आवाज़ सुनकर पेड़ की छाया में बैठकर बतियाते जानवर हवा हो गए।
प्रश्न 2. नीचे कुछ वाक्य दिए गए हैं। इन वाक्यों के रिक्त स्थानों में उचित मुहावरे भरिए:
(क) सारी सच्चाई जाने बिना किसी पर ______ ठीक नहीं।
(ख) तांत्रिक ने महिला को इतना सम्मोहित कर दिया कि वह अपनी ______ खो बैठी।
(ग) शिकारी के जाल में फँसा हिरन छूट जाने के कारण वह ______ रह गया।
(घ) सेना के जवानों द्वारा खुद को घिरा देखकर आतंकवादियों ने ______।
(ङ) पहले तो चोर निर्दोष होने का दावा करता रहा पर जज ने जब उससे घुमा-फिराकर सवाल पूछे तो वह ______ लगा।
उत्तर:
(क) लाल-पीला होना,
(ख) सुध-बुध खोना,
(ग) हाथ मलना
(घ) हथियार डालना,
(ङ) बगलें झाँकना।
प्रश्न 3. निम्नलिखित वाक्यों के रेखांकित अंशों के स्थान पर उपयुक्त मुहावरा लिखकर पुनः लिखिए:
(क) भीख माँगती बुढ़िया को देखकर मेरे मन में दया उमड़ पड़ी।
(ख) पुलिस की पहरेदारी के बाद भी चोर रफूचक्कर हो गया।
(ग) पिता ने अपने पुत्र को सिगरेट पीते हुए देख लिया।
(घ) लुटेरे पुलिस की वर्दी में आए और चौकीदार को धोखा देकर चलते बने।
(ङ) न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बातें सुनकर उचित फैसला सुना दिया।
(च) माँ ने बेटे के थैले से जब अश्लील तस्वीरें निकाली तो बेटा बहुत ही लज्जित हुआ।
(छ) फैक्ट्री में सील लगने से मज़दूर बेकार बैठने को विवश हो गए।
(ज) सरकार द्वारा अनेक योजनाएँ चलाने के बाद भी गरीबों की स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है।
उत्तर:
(क) भीख माँगती बुढ़िया को देखकर मेरा मन पसीज उठा।
(ख) पुलिस की पहरेदारी के बाद भी चोर नौ दो ग्यारह हो गया।
(ग) पिता ने अपने पुत्र को सिगरेट पीते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।
(घ) लुटेरे पुलिस की वर्दी में आए और चौकीदार की आँखों में धूल झोंककर चलते बने।
(ङ) न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बातें सुनी और दूध का दूध पानी का पानी कर दिया।
(च) माँ ने बेटे के थैले से जब अश्लील तस्वीरें निकालीं तो बेटा पानी-पानी हो गया।
(छ) फैक्ट्री में सील लगने से मज़दूर मक्खियाँ मारने के लिए विवश हो गए।
(ज) सरकार द्वारा अनेक योजनाएँ चलाने के बाद भी गरीबों की स्थिति ढाक के तीन पात वाली ही बनी हुई है।