FAQs on दक्षिण भारत का इतिहास -2 Video Lecture - इतिहास (History) for UPSC CSE in Hindi
1. दक्षिण भारत का इतिहास क्या है? |
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उत्तर: दक्षिण भारत का इतिहास उस क्षेत्र के इतिहास को संक्षेप में दर्शाने वाला है जो आज के आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना और पुडुचेरी में स्थित है। यह क्षेत्र भारतीय इतिहास में विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे चोल, पांड्य, चेर, चालुक्य, राष्ट्रकूट, विजयनगर आदि। इस क्षेत्र का इतिहास संगठित साम्राज्यों, धार्मिक आंदोलनों, कला और संस्कृति के विकास के माध्यम से विशेष महत्व रखता है।
2. दक्षिण भारत का इतिहास क्या-क्या शामिल होता है? |
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उत्तर: दक्षिण भारत का इतिहास विभिन्न साम्राज्यों, धार्मिक आंदोलनों, कला और संस्कृति के विकास को शामिल करता है। इसमें चोल, पांड्य, चेर, चालुक्य, राष्ट्रकूट, विजयनगर जैसे सम्राटों के साम्राज्य, उनके शासनकाल, राजनीतिक नीतियां, युद्ध, धर्म, वाणिज्य आदि के बारे में जानकारी शामिल होती है। साथ ही, इसमें दक्षिणी भारतीय कला, संस्कृति, दर्शन और साहित्य का विस्तृत अध्ययन भी होता है।
3. दक्षिण भारत के इतिहास में कौन-कौन से साम्राज्य थे? |
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उत्तर: दक्षिण भारत के इतिहास में कई महत्वपूर्ण साम्राज्य थे। ये साम्राज्य चोल, पांड्य, चेर, चालुक्य, राष्ट्रकूट, विजयनगर, होयसला, पल्लव, चेरापंड्य, काकतीय, शातवाहन, छोळ, पांड्य, राष्ट्रकूट, विजयनगर, नायक, वेंकटेश्वर, माधुरान्तक, पांडव, बाह्मणी सल्तनत, मराठा साम्राज्य, ब्रिटिश साम्राज्य आदि शामिल हैं।
4. दक्षिण भारत में कौन-कौन सी कलाएं विकसित हुईं? |
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उत्तर: दक्षिण भारत में कई प्रमुख कलाएं विकसित हुईं। इसमें दक्षिण भारतीय शिल्पकला, साहित्य, संगीत, नृत्य, वास्तुकला, मूर्तिकला, चित्रकला, सोशल ड्रामा, प्रकृति निर्माण, विज्ञान, गणित, दर्शन आदि शामिल हैं। इनमें भारतीय शिल्पकला का विशेष महत्व है, जिसमें शिल्प, स्थापत्य, वास्तुकला, मूर्तिकला आदि शामिल हैं।
5. दक्षिण भारत का इतिहास आधारित परीक्षा के लिए उपयोगी सामग्री क्या हो सकती है? |
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उत्तर: दक्षिण भारत के इतिहास के लिए आधारित परीक्षा में उपयोगी सामग्री निम्नलिखित हो सकती है:
- दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण साम्राज्यों, धार्मिक आंदोलनों, राजनीतिक प्रथाओं और युद्धों का विस्तृत अध्ययन
- दक्षिण भारतीय कला, संस्कृति, दर्शन और साहित्य का अवलोकन
- दक्षिण भारत के समृद्ध वाणिज्य और वाणिज्यिक संबंधों का अध्ययन
- दक्षिण भारत के इतिहास में विशेष महत्व रखने वाले स्थानों