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पद - परिचय | Hindi Grammar for Class 6 PDF Download

पद-परिचय क्या है?

वाक्य में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को पद कहते हैं। वाक्य के प्रत्येक पद को अलग-अलग करके उनका परिचय देना पद परिचय कहलाता है। इसे पदान्वय, पद व्याख्या, शब्द-निरूपण, शब्द-बोध आदि नामों से जाना जाता है। वाक्य में आए अर्थात् प्रयुक्त हुए संज्ञा, सर्वनाम आदि समस्त-पद तथा उसके भेदों का अलग-अलग पूर्ण व्याकरणिक परिचय देने को पद-परिचय कहते हैं।

पद-परिचय के लिए आवश्यक संकेत

    1. संज्ञा : संज्ञा के भेद (व्यक्तिवाचक, जातिवाचक, भाववाचक) लिंग, वचन, कारक एवं क्रिया के साथ उसका संबंध।
    2. सर्वनाम : सर्वनाम के भेद (पुरुषवाचक, निश्चयवाचक, अनिश्चयवाचक, संबंधवाचक, प्रश्नवाचक तथा निजवाचक) पुरुष, वचन, लिंग, कारक तथा क्रिया के साथ उसका संबंध।
    3. विशेषण: विशेषण के भेद (गुणवाचक) संख्यावाचक, परिमाणवाचक एवं सार्वनामिक विशेषण, लिंग, वचन, विशेष्य के साथ निर्देश।
    4. क्रिया: क्रिया के भेद (अकर्मक-सकर्मक) लिंग, वचन, धातु, काल, वाच्य प्रयोग एवं कर्ता तथा कर्म का संकेत।
    5. क्रियाविशेषण: क्रियाविशेषण के भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक एवं परिमाणवाचक) जिस क्रिया की विशेषता बताई जा रही है उसका निर्देश।
    6. संबंधबोधक: संबंधबोधक भेद, जिससे संबंध दर्शा रहा है उनका निर्देश।
    7. समुच्चयबोधक: समुच्चयबोधक भेद, जिन पदों या वाक्यों को मिला रहा है उनका निर्देश।
    8. विस्मयादिबोधक: विस्मयादिबोधक भाव का उल्लेख विस्मय, हर्ष, शोक, घृणा, भय आदि।
पद परिचय उदाहरण- 1

रोहन उसे गत वर्ष मुंबई में मिला था।

    • रोहन – संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एकवचन
    • गत – कालवाचक क्रियाविशेषण- “मिला था” क्रिया का काल।
    • वर्ष – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, एकवचन अधिकरण कारक “मिला था” क्रिया का समय।
    • उसे – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक “मिला था” क्रिया का कर्म।
    • मुंबई में – स्थानवाचक क्रिया विशेषण “मिला था” क्रिया का स्थान।
    • मिला था – क्रिया सकर्मक, भूतकाल, पूर्णभूत, पुल्लिग, एकवचन कर्तृवाच्य, कर्ता रोहन कर्म उसे।
पद परिचय उदाहरण- 2

वाह! – आप तो बड़े नेता बन गए।

    • वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय।
    • आप – निजवाचक सर्वनाम, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक।
    • तो – संबंधबोधक।
    • बड़े – बहुवचन, पुल्लिग, एकारांत विशेषण।
    • नेता – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग।
    • बन गए – सकर्मक क्रिया, भूतकाल, कर्तृवाच्य, कर्तृ प्रयोग, पुल्लिग, बहुवचन, अन्य पुरुष।
पद परिचय उदाहरण- 3

वाह! क्या मनोरंजक कहानी है यह।

    • वाह! – विस्मयादिबोधक अव्यय।
    • क्या – प्रविशेषण, मनोरंजक की विशेषता बताता है।
    • मनोरंजक –  गुणवाचक विशेषण, कहानी इसका विशेष्य।
    • कहानी –  जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन।
    • है – सहायक क्रिया, कहानी पूरक, वर्तमानकाल, कर्तृवाच्य, स्त्रीलिंग, एकवचन, अन्य पुरुष।
    • यह – निश्चयवाचक सर्वनाम।
पद परिचय उदाहरण- 4

सोहन धीरे-धीरे चल रहा था, क्योंकि उसके पैर में दर्द था।

    • सोहन- संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिग, एकवचन, कर्ता कारक, चलना क्रिया का कर्ता।
    • धीरे-धीरे – क्रिया विशेषण, रीतिवाचक।
    • चल रहा था – क्रिया, अकर्मक, भूतकाल, अपूर्णभूत, पुल्लिग, संबंध कारक।
    • क्योंकि – समुच्चयबोधक, व्यधिकरण (कारण बोधक), उपवाक्यों का योजक।
    • उसके – सर्वनाम, पुरुषवाचक, अन्य पुरुष, एकवचन, संबंध कारक, “दर्द था” क्रिया का कर्म।
    • पैरों में – संज्ञा, जातिवाचक, पुल्लिग, बहुवचन, अधिकरण कारक।
    • दर्द – संज्ञा, भाववाचक, एकवचन, कर्म कारक।
    • था – अपूर्ण अकर्मक क्रिया, पूर्ण-भूतकाल, एकवचन।
पद परिचय उदाहरण- 5

कल हमने ताजमहल देखा।

    • कल – अव्यय कालवाचक क्रियाविशेषण, देखा क्रिया की विशेषता बता रहा है।
    • हमने – उत्तम पुरुष सर्वनाम, पुल्लिग, बहुवचन, कर्ता कारक, देखा’ इसकी क्रिया।
    • ताजमहल – व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिग, एकवचन, कर्मकारक।
    • देखा – सकर्मक क्रिया, भूतकाल, सामान्य भूत “देखा” धातु, कर्ता “हमने” कर्तृवाच्य, उत्तमपुरुष, पुल्लिग, बहुवचन।
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FAQs on पद - परिचय - Hindi Grammar for Class 6

1. पद-परिचय क्या है?
Ans. पद-परिचय एक भाषा का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें शब्दों के विभिन्न रूपों और उनके अर्थ के बारे में जानकारी दी जाती है। यह किसी शब्द के व्याकरणिक रूप, उसके प्रयोग और उसके अर्थ को स्पष्ट करता है।
2. पद-परिचय का महत्व क्या है?
Ans. पद-परिचय का महत्व इसलिए है क्योंकि यह भाषा को समझने और सही तरीके से बोलने में मदद करता है। इससे छात्रों को शब्दों का सही उपयोग करने और उनके अर्थ को जानने में सहायता मिलती है।
3. पद-परिचय में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
Ans. पद-परिचय में वाक्य की संरचना, शब्दों के रूप, अर्थ और उनका प्रयोग ध्यान में रखना चाहिए। इसके अलावा, सही व्याकरण और उच्चारण का भी ध्यान रखना आवश्यक है।
4. पद-परिचय कैसे सीखें?
Ans. पद-परिचय सीखने के लिए नियमित अभ्यास, शब्दकोश का उपयोग, और पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करना चाहिए। विद्यार्थियों को शब्दों के विभिन्न रूपों का अभ्यास करना चाहिए ताकि वे सही रूप में उनका प्रयोग कर सकें।
5. क्या पद-परिचय केवल हिंदी में ही होता है?
Ans. नहीं, पद-परिचय केवल हिंदी में ही नहीं, बल्कि सभी भाषाओं में होता है। हर भाषा में शब्दों के रूप और उनके अर्थ को समझने का एक तरीका होता है, जिसे पद-परिचय के रूप में जाना जाता है।
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