वाक्य में आए प्रत्येक पद अथवा किसी एक पद को पूर्ण व्याकरणिक परिचय देना पद-परिचय कहलाता है।
पद परिचय देते समय कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है;
जैसे:
रानी लक्ष्मीबाई झाँसी की रानी थी
रानी लक्ष्मीबाई - व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
झाँसी - व्यक्तिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
रानी - जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन
प्रश्न 1. हम आगरा घूमने गए।
(i) व्यक्तिवाचक संज्ञा
(ii) पुरुषवाचक संज्ञा
(iii) गुणवाचक सर्वनाम
उत्तर: (ii) पुरुषवाचक संज्ञा
प्रश्न 2. ईमानदारी बड़ी दुर्लभ वस्तु है।
(i) भाववाचक संज्ञा
(ii) सकर्मक क्रिया
(iii) गुणवाचक सर्वनाम
उत्तर: (i) भाववाचक संज्ञा
प्रश्न 3. बच्चे मैदान में खेल रहे हैं।
(i) कर्ता कारक
(ii) अधिकरण कारक
(iii) संबंध कारक
उत्तर: (ii) अधिकरण कारक
प्रश्न 4. मैं अस्वस्थ था इसलिए विद्यालय नहीं आया।
(i) जातिवाचक संज्ञा
(ii) समुच्चयबोधक
(iii) क्रिया विशेषण
(iv) व्यक्तिवाचक संज्ञा
उत्तर: (ii) समुच्चयबोधक
प्रश्न 5. विद्यालय के सामने पार्क है।
(i) क्रियाविशेषण
(ii) संबंधबोधक
(iii) समुच्चयबोधक
उत्तर: (ii) संबंधबोधक
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