GST Exam  >  GST Notes  >  GST Acts, FAQs and Updates  >  पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट

पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट | GST Acts, FAQs and Updates PDF Download

प्र 1. इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या है?
उत्तरः ”इनपुट टैक्स” को एम.जी.एल. की धारा 2(57) और आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 2(1)(डी) में परिभाषित किया गया है। एक कराधीन व्यक्ति के संबंध में, इनपुट टैक्स, का मतलब सी.जी.एस.टी. अधिनियम से संबंधितं {आई.जी.एस.टी. और सी.जी. एस.टी.} है और एस.जी.एस.टी. अधिनियम के संबंध में {आई.जी. एस.टी. और एस.जी.एस.टी.} है, जिसे किसी भी वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है जिसका उपयोग किया गया है, या उपयोग करने का इरादा है, व्यापार के लिये या व्यापार को आगे बढ़ाने में और धारा 7 की उपधारा (3) के अंतर्गत देय कर शामिल है।
आई.जी.एस.टी. अधिनियम के अंतर्गत, इनपुट टैक्स को आई.जी.एस. टी., सी.जी.एस.टी. या एस.जी.एस.टी. के रूप में परिभाषित किया गया है जिसे किसी भी वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया गया है।

प्र 2. तीन अधिनियमों अर्थात सी.जी.एस.टी., एस.जी.एस.टी. और आई.जी.एस.टी. अधिनियमों में ”इनपुट टैक्स” की अलग अलग परिभाषायें क्या हैं?
उत्तरः यह संकेत करता है कि सी.जी.एस.टी. अधिनियम में इनपुट टैक्स में आई.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. तथा एस.जी.एस.टीअधिनिय म में आई.जी.एस.टी. और एस.जी.एस.टी. सम्मिलित होते हैं। आई.जी.एस.टी. अधिनियम के अंतर्गत, इनपुट टैक्स में तीन कर सम्मिलित होते हैं अर्थात, आई.जी.एस.टी., सी.जी.एस.टी. और एस.जी.एस.टी.।
आगे यह भी संकेत करता है कि इन तीनों का क्रेडिट आई.जी.एस टी. दायित्व के निर्वहन के लिए प्रयोग किया जा सकता है, जबकि आई.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. का क्रेडिट केवल सी.जी.एस. टी. अधिनियम में लिया जा सकता है तथा इसी प्रकार आई.जी. एस.टी. और एस.जी.एस.टी. का क्रेडिट एस.जी.एस.टी. अधिनियम में लिया जा सकता है। इसके अतिरिक्त सी.जी.एस.टी. और एस.जी. एस.टी. के क्रेडिट का उपयोग एक दूसरे के प्रतिकूल नहीं किया जा सकता।

प्र 3. क्या रिवर्स प्रभार पर भुगतान किये गये जीएसटी को इनपुट कर के रूप में माना जा सकता है?
उत्तरः हाँ। इनपुट कर की परिभाषा में धारा 7 की उप-धारा (3) के अंतर्गत (रिवर्स प्रभार) देय कर शामिल है। इसके क्रेडिट का लाभ उठाया जा सकता है अगर व्यापारिक प्रयोजन या व्यापार को आगे बढ़ाने के लिये ऐसी वस्तुओं और/या सेवाओं का प्रयोग किया जाता है या प्रयोग किये जाने का इरादा है।

प्र 4. क्या इनपुट कर में इनपुट माल, इनपुट सेवाओं और/या पूंजीगत माल पर भुगतान किये कर (सी.जी.एस.टी./आई.जी.एस. टी./ एस.जी.एस.टी.) शामिल है?
उत्तरः हाँ, क्रमशः एम.जी.एल. की धारा 2(54), 2(55) और 2(20) के संदर्भ में। इस पर ध्यान दिया जा सकता है कि पूंजीगत वस्तुओं पर भी भुगतान किये कर के क्रेडिट का लाभ एक किस्त में उठाने की अनुमति दी जाती है।

प्र 5. एक व्यक्ति की आई.टी.सी. की पात्रता क्या है जिसने अधिनियम के अंतर्गत पंजीकरण करने की उत्तरदायी तिथि से तीस दिनों के भीतर पंजीकरण का आवेदन किया है और उसे कथित पंजीकरण प्रदत्त कर दिया गया है? (धारा 16(2))
उत्तरः वह उसके पास रखे स्टाॅक और अर्ध-निर्मित माल या स्टाॅक में रखे तैयार माल पर इनपुट कर का क्रेडिट प्राप्त करने का हकदार तुरन्त उस तिथि की एक दिन पूर्व तिथि पर हो जाएगा जिस तारीख को अधिनियम के प्रावधान के अंतर्गत वह कर के भुगतान करने के लिये उत्तरदायी हो जाता है। इस पर ध्यान दिया जाना चाहिये कि पंजीकरण करने से पहले रखे स्टाॅक पर क्रेडिट स्वीकार्य नहीं होगा यदि जिस तारीख से वह पंजीकरण के लिये उत्तरदायी हो जाता है उसके 30 दिनों की अवधि के भीतर वह पंजीकरण प्राप्त नहीं कर लेता।

प्र 6. एक व्यक्ति 1 अगस्त, 2017 को कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो जाता है और उसे 15 अगस्त, 2017 को पंजीकरण प्राप्त हुआ है। ऐसा व्यक्ति दिनांक ............... को स्टाॅक में पड़े इनपुट के इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने का हकदार है?
उत्तरः 31 जुलाई, 2017

प्र 7. एक व्यक्ति की स्टाॅक में रखे कच्चे माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की क्या पात्रता है जिसने स्वेच्छा से पंजीकरण प्राप्त किया है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(2) के अनुसार, एक व्यक्ति जो स्वैच्छिक पंजीकरण प्राप्त करता है उसे पंजीकरण की तारीख से तुरन्त पहले की तारीख पर स्टॉक में रखे कच्चे माल, स्टॉक में अर्ध-निर्मित माल और स्टाॅक में रखे तैयार माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने की पात्रता प्राप्त होगी।

प्र 8. जहां एक कराधीन व्यक्ति द्वारा प्राप्त की गई वस्तुएं और/या सेवाओं का प्रयोग कराधीन और गैर-कराधीन आपूर्तियों के लिये किया जाता है, क्या पंजीकृत कराधीन व्यक्ति को इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध हैं?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(6) के अनुसार, वस्तुओं और/या सेवाओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट केवल कराधीन आपूर्तियों पर आरोप्य है और केवल पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा लिया जा सकता है। है और केवल पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा लिया जा सकता है। पात्र के ऋण की राशि की गणना इस तरीके से निर्धारित की जाएगी जैसा एम.जी.एल. की धारा 16(7) के साथ जीएसटी आई.टीसी. नियमों (अभी भी जारी करना बाकी) में पढ़ी जा सकती है। यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि अब पूंजीगत माल पर क्रेडिट को भी आनुपातिक आधार पर अनुमति दी जाएगी।

प्र 9. जहां कराधीन व्यक्ति द्वारा प्राप्त वस्तुओं और/या सेवाओं का उपयोग व्यापारिक और गैर-व्यापारिक आपूर्तियों के उद्देश्य के लिए किया जा रहा है, क्या पंजीकृत कराधीन व्यक्ति को इनपुट टैक्स क्रेडिट उपलब्ध हैं?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(5) के अनुसार, वस्तुओं और/या सेवाओं का इनपुट टैक्स क्रेडिट केवल उन आपूर्तियों पर आरोप्य होगा जिन्हें व्यापारिक उद्देश्य के लिए पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा लिया जा सकता है। पात्र ऋण की राशि की गणना उस तरीके से की जाएगी जैसी एम.जी.एल. की धारा 16(7) के साथ जीएसटी आई.टी.सी. नियमों (अभी भी जारी करना बाकी) में पढ़ी जा सकती है। यह ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण है कि अब पूंजीगत माल पर क्रेडिट को भी आनुपातिक आधार पर अनुमति दी जाएगी।

प्र 10. उन मामलों में इनपुट कर की पात्रता क्या होगी जहां एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति के संस्थापन में कोई परिवर्तन होता है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(8) के अनुसार, हस्तांतरणकर्ता को ऐसे इनपुट टैक्स क्रेडिट का हस्तांतरण करने की अनुमति दी जाएगी जो उसके खाता बहियों में प्रयोग नहीं किये गये बशर्ते यह कि वहां देनदारियों के हस्तांतरण के लिए विशिष्ट प्रावधान होने चाहिये।

प्र 11. उस मामले में इनपुट टैक्स की पात्रता क्या होगी जहां वस्तुओं और/या सेवाओं के लिए पंजीकृत कराधीन व्यक्ति द्वारा आपूर्ति पूरी तरह से छूट प्राप्त हैं? 

उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(12) के अनुसार, एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति जो उन वस्तुओं और/या सेवाओं की आपूर्ति करता है जिनपर पूरी तरह छूट दी गई है, उसे उसके स्टाॅक में रखे कच्चे माल और अर्ध-निर्मित माल या तैयार माल पर छूट देने की तारीख से तुरन्त एक दिन पहले की तारीख पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के समतुल्य राशि का भुगतान करना होगा है। यह भी प्रावधान किया गया है कि इस तरह के वस्तुओं पर राशि के भुगतान के बाद, शेष राशि, यदि किसी इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट खाता बही में उपलब्ध है वह रद्द हो जाएगा। राशि, जिसका भुगतान किया जाना आवश्यक है, एम.जी.एल. की धारा 16(13) के अनुसार उसकी गणना जीएएपी के रूप में की जाएगी।

प्र 12. उन मामलों में इनपुट टैक्स की पात्रता क्या होगी जहां कराधीन व्यक्ति धारा 7 के अंतर्गत कर का भुगतान करता है और धारा 8 के अंतर्गत संयुक्त योजना (Compounding Scheme) के अंतर्गत कर के भुगतान का विकल्प चयन करता है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(12) के अनुसार, एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति, जो धारा 7 के अंतर्गत कर का भुगतान कर रहा था अब वह धारा 8 के अंतर्गत संयुक्त योजना के अंतर्गत कर के भुगतान का विकल्प चुनता है, उसे उसके स्टाॅक में रखे कच्चे माल और अर्ध-निर्मित माल या स्टाॅक में तैयार माल के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट के समतुल्य राशि  भुगतान उक्त तारीख से तुरन्त एक दिन पहले की तारीख पर करना होगा जिस तारीख पर वह कर भुगतान के विकल्प में बदलाव करता है। यह भी प्रावधान किया गया है कि इस तरह के वस्तुओं पर राशि के भुगतान के बाद, शेष राशि, यदि किसी इलेक्ट्रॉनिक क्रेडिट खाता बही में उपलब्ध है, वह रद्द हो जाएगी। राशि, जिसका भुगतान किया जाना आवश्यक है, एम.जी.एल. की धारा 16(13) के अनुसार उसकी गणना जीएएपी के रूप में की जाएगीै।

प्र 13. एक विक्रेता जो संयुक्त आधार पर कर का भुगतान कर रहा है और संयुक्त सीमा रेखा पार कर लेता है और नियमित कराधीन बन जाता है। क्या वह आई.टी.सी. का लाभ उठा सकता है और यदि ऐसा है किस तारीख से?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(3) के अनुसार, वह अपने पास स्टाॅक में रखे कच्चे माल और अर्ध-निर्मित माल या तैयार माल से संबंधित आई.टी.सी. का लाभ धारा 7 के अंतर्गत उस तारीख से एक दिन पहले की तारीख पर उठा सकता है जिस तारीख पर वह कर के भुगतान करने के लिये उत्तरदायी हो जाता है

प्र 14. श्रीमान बी, एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति है जो 30 जुलाई, 2017 तक संरचना दर के अंतर्गत कर का भुगतान कर रहे थे। हालांकि, 31 जुलाई, 2017 से प्रभावी, श्रीमान बी. नियमित योजना के अंतर्गत कर भुगतान करने के लिए उत्तरदायी जाते हैं। क्या वह आई.टी.सी. के लिए पात्र हैं?
उत्तरः श्रीमान बी. 30 जुलाई, 2017 के अनुसार उनके पास स्टाॅक में रखे कच्चे माल और अर्ध-निर्मित माल या तैयार माल के लिये इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र हैं।

प्र 15. श्रीमान ए. 5 जून 2017 को स्वैच्छिक पंजीकरण के लिए आवेदन करते हैं और उन्हें 22 जून, 2017 को पंजीकरण प्राप्त हो जाता है। श्रीमान ए दिनांक........... को उनके पास रखे स्टाॅक के इनपुट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए पात्र हैं।
उत्तरः श्रीमान ए. 21 जून, 2017 के अनुसार उनके पास स्टाॅक में रखे कच्चे माल और अर्ध-निर्मित माल या तैयार माल के लिये इनपुट टैक्स क्रेडिट के पात्र हैं।

प्र 16. एक कराधीन व्यक्ति कब वस्तुओं और/या सेवाओं के लिये उसे की गई किसी भी आपूर्ति के संबंध में धारा 16 की उपधारा (2), (2ए) या उपधारा (3) के अंतर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने का पात्र नहीं होगा?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(4) के अनुसार, वह इस तरह की आपूर्ति से संबंधित कर चालान/बिल जारी होने की तिथि के एक वर्ष की समाप्ति के बाद आई.टी.सी. का लाभ नहीं उठा सकता।

प्र 17. क्या प्रिंसिपल जाॅब वर्कर को जाॅब वर्क के लिये भेजे माल पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का पात्र है?
उत्तरः हाँ, एम.जी.एल. की धारा 16ए(2) के अनुसार प्रिंसिपल जाॅब वर्कर को जाॅब वर्क पर भेजे गये माल के लिये इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने का पात्र है।

प्र 18. प्रिंसिपल द्वारा जाॅब वर्क के लिये भेजे गये माल को वापस प्राप्त करने की क्या समय अवधि है?
उत्तरः 180 दिन

प्र 19. क्या प्रिंसिपल को उक्त इनपुट पर इनपुट टैक्स क्रेडिट रिवर्स करना होगा जिसे जाॅब वर्कर से 180 दिनों के भीतर वापस प्राप्त नहीं किया गया है?
उत्तरः हाँ, प्रिंसिपल को ब्याज सहित उक्त इनपुट जिसे 180 दिनों के भीतर जाॅब वर्कर से वापस प्राप्त नहीं किया गया है इनपुट क्रेडिट को रिवर्स करना होगा लेकिन वह इनपुट प्राप्त करने के बाद दुबारा क्रेडिट प्राप्त कर सकते है।

प्र 20. क्रेडिट का लाभ उठाने के उद्देश्य के लिए निम्न में से कराधीन आपूर्ति की गणना के लिए क्या शामिल किया गया है?
(क) शून्य-दर पर की गई आपूर्तियां;
(ख) छूट प्राप्त आपूर्तियां;
(ग) दोनों?

उत्तरः शून्य-दर पर की गई आपूर्तियां

प्र 21. प्रिंसिपल द्वारा जाॅब वर्क के लिये भेजे गये पूंजीगत माल को वापस प्राप्त करने की क्या समयावधि है ?
उत्तरः दो साल

प्र 22. यदि जाॅब वर्कर को भेजा गया पूंजीगत माल भेजे जाने की तारीख से 2 साल के भीतर वापस नहीं भेजा जाता तब प्रिंसिपल का क्या दायित्व है?
उत्तरः प्रिंसिपल को कथित पूंजीगत माल पर क्रेडिट प्राप्त की गई राशि के समतुल्य राशि के साथ ब्याज का भुगतान करना होगा। लेकिन वह इनपुट प्राप्त करने के बाद दुबारा क्रेडिट प्राप्त कर सकता है।

प्र 23. एक कराधीन व्यक्ति सूचना प्रौद्योगिकी व्यवसाय में संलग्न है। वह अपने कार्यकारी निदेशक के उपयोग के लिए एक मोटर वाहन खरीदता है। क्या वह इस तरह के मोटर वाहन की खरीद पर किये जीएसटी भुगतान पर आई.टी.सी. का लाभ उठा सकता?
उत्तरः नहीं। एम.जी.एल. की धारा 16(9)(ए) के के अनुसार, मोटर वाहनों पर आई.टी.सी. का लाभ केवल तब उठाया जा सकता है यदि कराधीन व्यक्ति यात्रियों या वस्तुओं के परिवहन के कारोबार में संलग्न है या मोटर वाहनों पर प्रशिक्षण देने की सेवाएं प्रदान कर रहा है।

प्र 24. जहां एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति ने आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अंतर्गत पूंजीगत वस्तुओं की लागत पर कर घटक पर मूल्यह्रास का दावा किया है, क्या ऐसे मामलों में आई.टीसी. की अनुमति दी जाएगी?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(10) के अनुसार, कथित कर घटक पर इनपुट टैक्स क्रेडिट की अनुमति नहीं दी जाएगी।

प्र 25. आई.टी.सी. प्राप्त करने के लिए क्या शर्तें आवश्यक हैं?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(11) के अनुसार, निम्नलिखित चार शर्तें निर्दिष्ट की गई हैंः
(क) पंजीकृत कराधीन व्यक्ति के कब्जे में आपूर्तिकर्ता द्वारा जारी किये कर भुगतान संबंधी दस्तावेज़ होने चाहिये;
(ख) कराधीन व्यक्ति द्वारा वस्तुएं और/या सेवायें प्राप्त करना आवश्यक है;
(ग) इस तरह की आपूर्ति पर लगाया गया कर वास्तव में सरकार को या तो नकद या इनपुट टैक्स क्रेडिट के उपयोग के माध्यम से भुगतान किया गया है; और
(घ) कराधीन व्यक्ति द्वारा धारा 27 के अंतर्गत रिटर्न प्रस्तुत किया जाना चाहिए ।
 

प्र 26. जहाँ एक चालान/बिल पर वस्तुएं/माल एक समूह या
किश्तों में प्राप्त किया जाता है, एक पंजीकृत कराधीन व्यक्ति किस
प्रकार आई.टी.सी. का लाभ पाने का पात्र होगा?

उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(11) के प्रावधान के रूप में, पंजीकृत कराधीन व्यक्ति माल का अंतिम समूह या किश्त प्राप्त करने के बाद क्रेडिट पाने का हकदार होगा।

प्र 27. यदि माल किसी ऐसे व्यक्ति को भेजा गया है जो कराधीन नहीं है तब ऐसी स्थिति में किसे आई.टी.सी. का फायदा मिलेगा (बिल प्राप्तकर्ता - प्राप्तकर्ता परिदृष्य)?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(11) के स्पष्टीकरण खंड के अनुसार, माल प्राप्त करने के इस उद्देश्य के लिए, जब माल कथित कराधीन व्यक्ति के निर्देश पर किसी तीसरे पक्ष के पास भेजा जाता है तब यह समझा जाएगा कि माल कथित कराधीन व्यक्ति को प्राप्त हुआ है। इसलिये आई.टी.सी. का फायदा उस व्यक्ति को प्राप्त होगा जिसके निर्देश पर तीसरे पक्ष को भेजा गया है।

प्र 28. आई.टी.सी. का लाभ लेने की क्या समय सीमा है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(15) के अनुसार, आई.टी.सी. का लाभ, आगामी वित्तीय वर्ष के सितम्बर महीने के बाद जिससे चालान सम्बंधित है या वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख जो भी पहले आती है, के बाद नहीं लिया जा सकता है।
इस प्रतिबंध के लिए बुनियादी तर्क यह है कि अगले वित्त वर्ष के सितंबर महीने के बाद रिटर्न में किसी तरह का बदलाव करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि वार्षिक रिटर्न सितंबर के महीने से पहले दायर किया जाता है तब रिटर्न दायर करने के बाद उसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता।

प्र 29. क्या वहाँ कोई नकारात्मक सूची है जिसमें आई.टी.सी. की अनुमति नहीं है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(9) आई.टी.सी. की स्वीकार्यता के संबंध में नकारात्मक सूची प्रदान करती है। यह प्रावधान किया गया है कि आई.टी.सी. का फायदा निम्नलिखित मदों पर नहीं उठाया जा सकताः
(क) मोटर वाहनों पर, सिवाय जब उनके व्यापार के सामान्य क्रम में आपूर्ति की जाती है या निम्न कराधीन सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रयोग किये जाते हैं -

  1.  यात्रियों का परिवहन, या
  2. वस्तुओं की ढुलाई, या
  3. मोटर ड्राइविंग कौशल पर प्रशिक्षण देना;

(ख) खाद्य और पेय पदार्थ, आउटडोर कैटरिंग, सौंदर्य उपचार, स्वास्थ्य सेवाएं, कॉस्मेटिक और प्लास्टिक सर्जरी, क्लब की सदस्यता, स्वास्थ्य और फिटनेस सेंटर की सदस्यता,
जीवन बीमा, कर्मचारियों को छुट्टियों पर स्वास्थ्य बीमा और टैªवल के लाभ जैसे अवकाश या एचटीसी के संबंध में वस्तुएं और/या सेवाएं प्रदान करना, जब इस तरह की वस्तुओं और/या सेवाओं का मुख्य रूप से निजी इस्तेमाल के लिये या कर्मचारियों के उपभोग के लिये प्रदान किया जाता है।
(ग) प्रिंसिपल द्वारा काम के अनुबंध के निष्पादन के लिये इन वस्तुओं और/या सेवाओं को हासिल करना जब कथित अनुबंध संयंत्र और मशीनरी को छोड़कर अचल संपत्ति के निर्माण में परिणत होते हैं;
(घ) प्रिंसिपल द्वारा वस्तुओं/माल का अधिग्रहण करना, संपत्ति जो किसी अन्य व्यक्ति को हस्तांतरित (चाहे वह वस्तुओं के रूप में या किसी अन्य रूप में है) नहीं की गई, जिसे अचल संपत्ति के निर्माण में संयंत्र और मशीनरी छोड़कर प्रयोग किया जाता है,
(ङ) वस्तुएं और/या सेवाएं जिन पर धारा 8 के अंतर्गत कर का भुगतान कर दिया गया है; और
(च) वस्तुएं और/या सेवाएं जिन्हें निजी या व्यक्तिगत उपभोग के लिये इस्तेमाल किया गया था, इस हद तक कि वे उपयोग की जा सकें।

प्र 30. एम.जी.एल. की धारा 29 यह प्रदान करती है कि आई.टीसी. की पुष्टि केवल तभी की जाएगी जब प्राप्तकर्ता द्वारा दायर किये आवक/इनवर्ड विवरण आपूर्तिकर्ता के वैध रिटर्न पर जावक/आउटवर्ड विवरणों से मिलान हो जाएंगे। यदि उनका मिलान नहीं होता तब क्या होगा?
उत्तरः आवक और जावक के विवरण के बीच मिलान नहीं होने के मामले में, आपूर्तिकर्ता को दो महीने की अवधि के भीतर बेमेल विवरण में सुधार करना आवश्यक होगा और फिर भी यदि त्रुटि बनी रहती है, प्राप्तकर्ता द्वारा आई.टी.सी. को रिवर्स/उलटना होगा।

प्र 31. जब एक कराधीन व्यक्ति द्वारा पूंजीगत वस्तुओं पर आई.टीसी. का फायदा लिया गया है उसका कर कैसे प्रभावित होगा?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(15) के अनुसार, पूंजीगत वस्तुओं की आपूर्ति के मामलों में जिस पर इनपुट टैक्स क्रेडिट लिया गया है, पंजीकृत कराधीन व्यक्ति कथित पूंजीगत वस्तुओं पर इनपुट टैक्स क्रेडिट के समतुल्य राशि से कम का भुगतान करेगा और उसकी प्रतिशत दर में कितनी कम होगी जैसे इस संबंध में वह निर्दिष्ट की जा सकती है या इस तरह की पूंजीगत वस्तुओं/माल के लेनदेन मूल्य पर लगाया गया कर जो भी अधिक है।

प्र 32. गलत तरीके से प्राप्त किये क्रेडिट की वसूली के लिये क्या तंत्र है?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 16(16) के अनुसार, गलत तरीके से क्रेडिट का लाभ प्राप्त करने पर एम.जी.एल. की धारा 51 के अनुसार पंजीकृत कराधीन व्यक्ति से वसूल किया जाएगा।

The document पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट | GST Acts, FAQs and Updates is a part of the GST Course GST Acts, FAQs and Updates.
All you need of GST at this link: GST
59 docs

Top Courses for GST

FAQs on पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट - GST Acts, FAQs and Updates

1. इनपुट टैक्स क्रेडिट GST क्या है?
उत्तर: इनपुट टैक्स क्रेडिट GST एक निर्धारित कर है जिसे उत्पादकों या सेवा प्रदाताओं को उनके उत्पादों या सेवाओं पर चुकाने वाले करदाताओं द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। यह कर करदाता को उत्पादक या सेवा प्रदाता द्वारा चुकाया गया कर वापसी प्रदान करने की अनुमति देता है।
2. इनपुट टैक्स क्रेडिट को कैसे प्राप्त किया जाता है?
उत्तर: इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त करने के लिए, करदाता को उत्पादक या सेवा प्रदाता द्वारा चुकाए गए कर के संबंध में एक वैध चालान होना चाहिए। इसके अलावा, उत्पादक या सेवा प्रदाता की वस्तुओं या सेवाओं पर चुकाई गई कर के संबंध में किसी वैध दस्तावेज़ की आवश्यकता हो सकती है।
3. इनपुट टैक्स क्रेडिट क्या-क्या वस्तुएं शामिल होती हैं?
उत्तर: इनपुट टैक्स क्रेडिट सिर्फ उत्पादों या सेवाओं के लिए प्राप्त किया जा सकता है जिनमें करदाता को वस्तुओं या सेवाओं पर चुकाए गए कर्मचारी या निगम द्वारा चुकाए गए कर शामिल होते हैं।
4. इनपुट टैक्स क्रेडिट कैसे उपयोगी होता है?
उत्तर: इनपुट टैक्स क्रेडिट का उपयोग करने से, करदाता अपने कर लिये एक प्रकार की कर की वापसी प्राप्त कर सकता है। यह वित्तीय बोझ को कम करने, व्यापारिक प्रभाव को मेंटेन करने और उत्पादक या सेवा प्रदाता को कर दरों के संबंध में न्यायपूर्ण और संबंधित निर्णय लेने में मदद करता है।
5. इनपुट टैक्स क्रेडिट को कैसे चेक करें?
उत्तर: इनपुट टैक्स क्रेडिट का जांच करने के लिए, करदाता को अपने आयकर विभाग की वेबसाइट पर लॉग इन करना होगा। वहां, वह अपना टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट देख सकता है और इनपुट टैक्स क्रेडिट के मान्यता प्राप्त करने की स्थिति की जांच कर सकता है।
59 docs
Download as PDF
Explore Courses for GST exam

Top Courses for GST

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Exam

,

mock tests for examination

,

FAQs and Updates

,

practice quizzes

,

Summary

,

Free

,

पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट | GST Acts

,

video lectures

,

FAQs and Updates

,

Sample Paper

,

पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट | GST Acts

,

पाठ 10. FAQs - इनपुट टैक्स क्रेडिट | GST Acts

,

Extra Questions

,

shortcuts and tricks

,

FAQs and Updates

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Viva Questions

,

pdf

,

Semester Notes

,

MCQs

,

past year papers

,

Important questions

,

ppt

,

Objective type Questions

,

study material

;