GST Exam  >  GST Notes  >  GST Acts, FAQs and Updates  >  पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली

पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली | GST Acts, FAQs and Updates PDF Download

प्र 1. कम भुगतान या भुगतान नहीं करने या गलती से राशि वापस लौटाने या गलत तरीके से इनपुट कर क्रेडिट का लाभ उठाने या प्रयोग करने पर कर की वसूली के प्रयोजन के लिए क्या धारा लागू होती है?
उत्तरः धारा 51ए उन मामलों में जहां धोखाधड़ी/दमन/झूठे बयान आदि नहीं हैं और धारा 51बी जहां धोखाधड़ी/दमन/झूठे बयान आदि तत्व पाए जाते हैं।

प्र 2. क्या धारा 51-ए के अंतर्गत किसी व्यक्ति को नोटिस जारी करने से पहले वह ब्याज सहित कर राषि के भुगतान का उत्तरदायी हो सकता है?
उत्तरः हाँ। ऐसे मामलों में सक्षम अधिकारी द्वरा कोई नोटिस जारी नहीं किया जा सकता ।

प्र 3. यदि धारा 51ए के अंतर्गत नोटिस जारी करने के बाद नोटिस प्राप्तकर्ता भुगतान कर देता है, क्या ऐसे मामले में न्यायिक निर्णय की आवश्यकता है?
उत्तरः जहां एक व्यक्ति जिसे धारा 51ए की उप-धारा (1) के अंतर्गत नोटिस जारी किया गया है, नोटिस जारी होने के 30 दिनों के भीतर ब्याज तथा कर का भुगतान कर देता है, उस पर कोई जुर्माना देय नहीं होगा और इस तरह के नोटिस के संबंध में सभी कार्यवाही पूरी हो गई हैं ऐसा मान लिया जाएगा।
 

प्र 4. धारा 51ए/बी के अतंगर्त कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रासंगिक तारीख क्या है?
उत्तरः प्रासंगिक तारीख वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की तारीख है जिस तारीख को कथित रिटर्न वास्तव में भरा या नहीं भरा गया था, अर्थात वार्षिक रिटर्न दाखिल करने की देय तिथि।

प्र 5. क्या धारा 51ए/बी के अंतर्गत मामलों में एस.सी.एन. या न्यायिक निर्णय जारी करने की कोई समय सीमा है?
उत्तरः वहां एस.सी.एन. जारी करने की कोई समय सीमा नहीं है। हालांकि एस.सी.एन. जारी करने और मामले का न्यायिक निर्णय 3 वर्ष (धारा 51-ए के मामलों के लिए) और 5 वर्षों (धारा 51बी के मामलों के लिए) में पूरा हो जाना चाहिये।

प्र 6. क्या धारा 51ए/बी के अंतर्गत नोटिस जारी करने से पहले एक व्यक्ति ब्याज सहित कर की मांग का भुगतान कर सकता है?
उत्तरः हाँ। उप-धारा (1) या उप-धारा (2) के अंतर्गत नोटिस जारी करने से पहले, एक व्यक्ति कर के भुगतान करने के लिये उत्तरदायी है, उसके पास कर की राशि के साथ ब्याज सहित 15 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान करने का विकल्प होगा, चाहे उसने स्वयं निर्धारित किया है या सक्षम अधिकारी द्वारा सूचित किया गया है, और उक्त राशि पर, इस संबंध में भुगतान किये कर के संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया जाएगा।

प्र 7. यदि धारा 51बी के अंतर्गत नोटिस जारी किया जाता है और नोटिस प्राप्तकर्ता भुगतान कर देता है, क्या इस मामले में किसी न्यायिक निर्णय की आवष्यकता है?
उत्तरः नहीं, यदि कर/ब्याज और जुर्माने का भुगतान की दिया गया है। जहां उप-धारा(1) के अंतर्गत एक व्यक्ति को नोटिस दिया गया है, नोटिस जारी होने के 30 दिनों के भीतर वह व्यक्ति ब्याज सहित कर और 25 प्रतिशत जुर्माने का भुगतान कर देता है तब इस नोटिस के संबंध में सभी कार्यवाही पूरी हो गई मानी जाएंगी।

प्र 8. यदि किसी मामले में धारा 51बी के अंतर्गत नोटिस देने का निर्णय लिया गया है और जारी किये आदेष में कर की मांग और जुर्माने की पुश्टि की गई है, क्या नोटिस प्राप्त करने वाले व्यक्ति के पास कम जुर्माने का भुगतान करने के लिए कोई विकल्प है?
उत्तरः हाँ। उसे आदेश संचार प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर कर/ब्याज और जुर्माने के 50 प्रतिशत का भुगतान करने की आवश्यकता है। जहां कोई व्यक्ति को धारा 51बी की उपधारा (6) के अंतर्गत जारी आदेश प्राप्त करने के बाद ब्याज सहित कर और जुर्माने का 50 प्रतिशत भुगतान आदेश संचार प्राप्त होने के 30 दिनों के भीतर कर देता है, तब कथित कर से संबंध में सभी कार्यवाहियां पूरी मान ली जाएंगी।

प्र 9. ऐसे मामलों (दोनों धाराएं 51ए और बी के अंतर्गत) में क्या होगा जब नोटिस जारी कर दिया गया है लेकिन 3 वर्शों (51ए)/5 साल (51बी) के भीतर आदेश पारित नहीं किया गया?
उत्तरः यदि आदेश धारा 51-(7) के तहत तीन सालों के भीतर या धारा 51-बी (7) में पांच साल के भीतर जारी नहीं किया गया मॉडल जीएसटी कानून प्रावधान करता है कि अंतिम न्यायिक निर्णय की कार्यवाही के परिणामों को पूरा मान लिया जाएगा?

प्र 10. जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से कर तो एकत्रित करता है लेकिन सरकारी खाते में जमा नहीं करता है तब उस स्थिति में क्या होता है ?
उत्तरः एम.जी.एल. की धारा 52 के अनुसार, प्रत्येक वह व्यक्ति जिसने किसी अन्य व्यक्ति से इस अधिनियम के अंतर्गत कर के प्रतिनिधित्व रूप में कोई भी राशि एकत्र किया है, वह व्यक्ति कथित राशि केंद्रीय या राज्य सरकार के खातों में जमा करेगा, बिना इस बात की परवाह किये कि क्या आपूर्तियां जिसके संबंध में वह कथित राशि एकत्र की गई है वह कराधीन हैं या नहीं।

प्र 11. किसी मामले में यदि कोई व्यक्ति धारा 52 के उल्लंघन में एकत्रित कर जमा नहीं करता, ऐसी स्थिति में उस पर क्या कार्रवाई की जा सकती है?
उत्तरः नोटिस जारी किया जाना चाहिये। प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन और आदेश जारी किया जाना चाहिये। इस पर ध्यान देना आवश्यक है कि कथित आदेश निरपवाद रूप से नोटिस जारी होने की तारीख से 1 साल के भीतर जारी होने चाहिये। हालांकि वहाँ कारण बताओ नोटिस जारी करने के लिए कोई समय सीमा नहीं है। इस प्रकार, इस तरह के मामलों में दस वर्षों के बाद भी शुल्क वसूल किया जा सकता है।
 

प्र 12. यदि कर एकत्र करने के बाद भुगतान नहीं किया गया है क्या इन मामलों में धारा 52 के अंतर्गत नोटिस जारी करने के लिए कोई समय सीमा है?
उत्तरः नहीं। इसके लिये कोई समय सीमा नहीं है। इस तरह के मामलों का जब कभी पता लगता है उसी समय नोटिस जारी किया जा सकता है। जब एक बार नोटिस जारी कर दिया जाता है, तब नोटिस जारी करने की तारीख से 1 साल के भीतर आदेश पारित करना अनिवार्य है।

प्र 13. सक्षम अधिकारी के पास कर की वसूली के क्या तरीके उपलब्ध हैं?
उत्तरः सक्षम अधिकारी के पास निम्न विकल्प उपलब्ध हैंः

क) सक्षम अधिकारी उक्त रकम की कटौती कर सकता है या आवश्यकता पड़ने पर किसी अन्य अधिकारी को ऐसे व्यक्ति द्वारा देय रकम की कटौती करने के लिये निर्दिष्ट कर सकता है जो कथित व्यक्ति पर देय है;

ख) सक्षम अधिकारी कर वसूल कर सकता है या आवश्यकता पड़ने पर किसी अन्य अधिकारी को देय रकम वसूलने के लिये कथित व्यक्ति से संबंधित किसी भी वस्तुओं को जब्त कर और उसे बेचने के लिये निर्दिष्ट कर सकता है ;

ग) सक्षम अधिकारी लिखित रूप में नोटिस दे सकता है, किसी अन्य व्यक्ति जिस पर रकम देय है या उस व्यक्ति पर रकम देय हो सकती है या कथित व्यक्ति की ओर से उसके पास रकम रखी है या कथित व्यक्ति द्वारा दी रकम रखी हो सकती है, केंद्रीय या राज्य सरकार के खाते में जमा करने की आवश्यकता हो सकती है।

घ) सक्षम अधिकारी, सक्षम प्राधिकारी द्वारा की गई प्राधिकृति पर, कथित व्यक्ति से संबंधित या उसके द्वारा नियंत्रित किसी भी चल या अचल संपत्ति की कूर्की करवा सकता है, और तब तक उसे अपने कब्जे में रखेगा जब तक देय रकम का भुगतान नहीं कर दिया गया; यदि देय राशि इस तरह के संकट के बाद भी तीस दिन की अवधि तक भुगतान नहीं की जाती, वह कथित संपत्ति को बिकवा सकता है और उक्त बिक्री की आय के साथ, देय राशि और बिक्री की लागत के बाद बाकी अधिशेष राशि, यदि कोई बचती है, कथित व्यक्ति को सौंप देगा;

ङ) सक्षम अधिकारी उसके द्वारा हस्ताक्षरित एक प्रमाण पत्र तैयार करेगा जिसमें कथित व्यक्ति पर देय रकम निर्दिष्ट की जा सकती है और उस जिले के जिलाधीश के पास भेज देगा जिसमें कथित व्यक्ति किसी भी संपत्ति का मालिक है या निवासी है या अपना व्यवसाय संचालित कर रहा है और इस तरह के प्रमाण पत्र की प्राप्ति पर, जिलाधीश ऐसे व्यक्ति से इस प्रकार निर्दिष्ट राशि वसूल करने के लिये कार्यवाही करेगा जिस प्रकार वह भू-राजस्व का बकाया होगा।

प्र 14. क्या सक्षम अधिकारी देय कर भुगतान की राषि की किश्तों में अनुमति दे सकता है?
उत्तरः हाँ, स्वयं मूल्यांकित कर के अतिरिक्त किश्तों में भी अनुमति दी जा सकती है। आयुक्त/मुख्य आयुक्त भुगतान के लिए समय बढ़ाने या अधिनियम के अंतर्गत किसी भी देय राशि के भुगतान की अनुमति दे सकता है। इसमें वह देय रकम शामिल नहीं होगी जिसका उस व्यक्ति द्वारा किसी दायित्व के रिटर्न पर स्वयं-मूल्यांकन किया गया है और किश्तों की अवधि 24 महीनों से अधिक की नहीं होगी, और उस तरह के प्रतिबंधों और शर्तों के साथ जिन्हें धारा 36 के अंतर्गत ब्याज का भुगतान करने के लिये निर्धारित किया जा सकता है। हालांकि, जहां किश्तों की देय तिथि पर किसी भी एक किश्त के भुगतान में चूक हो जाने पर है, पूरी बकाया राशि उक्त देय तिथि पर देय हो जाएगी और उसका तुरन्त भुगतान किया जाना होगा और बिना पूर्व नोटिस दिये उसे वसूल किया जा सकता है।

प्र 15. ऐसे मामलों में क्या होता है जब अपील/संशोधन की कार्यवाही में कर की पुष्टि की गई मांग (कन्फर्म डिमांड) को बढ़ा दिया जाता है?
उत्तरः मांग का नोटिस केवल उस संबंध में किया जाना आवश्यक है जहां देय कर राशि में वृद्धि की जाती है। जहां तक कि राशि की पुष्टि अपील/संशोधन के निपटान से पहले ही हो गई है, तब कर वसूली की कार्यवाही उसी चरण से जारी हो सकती है जहां से कथित कार्यवाही ऐसे निपटान करने से तुरन्त पहले हो चुकी थी।

प्र 16. यदि कोई व्यक्ति जो कर का भुगतान करने के लिये उत्तरदायी है और उसके कुछ निश्चित कर दायित्व हैं और इस बीच वह अपने व्यापार को किसी दूसरे व्यक्ति को स्थानान्तरित कर देता है, उसकी मौजूदा कर देयता के बारे में क्या होता है?
उत्तरः जहां कोई व्यक्ति कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी है, अपना व्यापार पूरे/आंशिक रूप से बिक्री, उपहार, पट्टे पर, (leave and license) किराये पर, या किसी अन्य तरीके से, स्थानांतरित कर देता है, तब स्थानांतरण करने वाला व्यक्ति और प्राप्तकर्ता जिसे व्यापार स्थानांतरित किया गया है वह संयुक्त और पृथक रूप से कर, ब्याज या जुर्माने का भुगतान करने के लिए कथित हस्तांतरण के समय से उत्तरदायी हो जाएगा चाहे इस तरह के हस्तांतरण के समय कराधीन व्यक्ति द्वारा देय राशि निर्धारित की गई थी, लेकिन दी नहीं जा सकी या बाद में निर्धारित की गई।

प्र 17. जब एक कंपनी (कराधीन व्यक्ति) दिवालिया हो जाती/जाता है तब देय कर की राशि का क्या होता है?
उत्तरः जब कोई भी कंपनी परिसमाप्त हो जाती है और परिसमापन से पहले या बाद में उसके द्वारा भुगतान किये जाने वाले कर या अन्य देय राशि तय की जाती है चाहे वह वसूल नहीं की जा सकती, जिस अवधि के दौरान वह कर देय था कंपनी का वह प्रत्येक निदेशक, संयुक्त और पृथक रूप में उक्त देय राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होगा जब तक वह आयुक्त की संतुष्टि में यह साबित नहीं कर देता कि कथित गैर-वसूली कंपनी के मामलों के संबंध में उसे किसी प्रकार की सकल उपेक्षा, अपकरण misfeasance या कर्तव्यों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

प्र 18. देय कर के भुगतान के लिए साझेदारी प्रतिश्ठान (कराधीन व्यक्ति) के भागीदारों के क्या दायित्व हैं?
उत्तरः किसी भी प्रतिष्ठान के साझेदार संयुक्त और पृथक रूप से किसी भी कर, ब्याज या जुर्माने के भुगतान के लिए उत्तरदायी होंगे। प्रतिष्ठान/साझेदार साझेदारी अपने किसी भी साझेदार कीे सेवानिवृत्ति की सूचना आयुक्त को लिखित नोटिस के रूप में देंगे- इस सेवानिवृत्ति अवधि तक कर देयता, ब्याज या जुर्माने का उत्तरदायित्व कथित साझेदार पर होगा, चाहे वह उस तारीख को निर्धारित किया गया है या उसके बाद। यदि सेवानिवृति की तारीख के एक महीने के भीतर कोई सूचना नहीं दी गई, ऐसे साझेदार की देयता तारीख तब तक जारी रहेगी जब तक आयुक्त द्वारा कथित सूचना प्राप्त नहीं हो जाती।

प्र 19. एक कराधीन व्यक्ति की कर देयता का क्या होता है, जिसका व्यापार किसी अभिभावक/न्यासी या एक नाबालिग के एजेंट द्वारा किया जाता है?
उत्तरः जहाँ एक कराधीन व्यक्ति के संबंध में उसके व्यवसाय का संचालन किसी अभिभावक/न्यासी/अव्यस्क या अन्य विवश/अक्षम व्यक्ति के एजेंट द्वारा कथित अव्यस्क/अक्षम व्यक्ति के लाभ के लिए या उसकी ओर से एक किया जाता है, तब ऐसे कर, ब्याज या जुर्माना ऐसे अभिभावक/न्यासी/ऐजेंट पर लगाया जाता है और उनसे वसूल किया जाएगा।

प्र 20. जब एक कराधीन व्यक्ति की संपत्ति वार्ड न्यायालय के नियंत्रण में आ जाती है तब क्या होता है? उत्तरः जब एक व्यवसाय के कराधीन स्वामी की संपत्ति जिसके संबंध में कर, ब्याज या जुर्माना देय हो वार्ड के न्यायालय/प्रशासक जनरल/ सरकारी न्यासी/रिसीवर या प्रबंघक जिसे न्यायालय द्वारा किसी आदेश के अंतर्गत नियुक्त किया गया है, तब ऐसे लगाये गये कर, ब्याज या जर्मुाने को वार्ड  के न्यायालय/प्रशासक जनरल/सरकारी न्यासी/रिसीवर या प्रबंधक से उस हद तक वसूल किया जाएगा जैसा कराधीन व्यक्ति पर निर्धारित किया और वसूल किया जाएगा।

The document पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली | GST Acts, FAQs and Updates is a part of the GST Course GST Acts, FAQs and Updates.
All you need of GST at this link: GST
59 docs

Top Courses for GST

FAQs on पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली - GST Acts, FAQs and Updates

1. सरकार क्या है मांग और वसूली GST की नीति को लेकर?
उत्तर. सरकार ने मांग और वसूली GST की नीति को लागू करके तथा GST के तहत वसूली की प्रक्रिया में सुधार करके उन व्यापारियों को सहायता प्रदान करने का उद्देश्य रखा है जिन्हें गैर भुगतान करने वाले व्यापारियों के कारण नुकसान होती है।
2. मांग और वसूली GST की प्रक्रिया क्या है?
उत्तर. मांग और वसूली GST की प्रक्रिया में, जब व्यापारी अपनी GST रिटर्न फाइल नहीं करता है या GST भुगतान नहीं करता है, तो सरकार पहले उसे नोटिस जारी करती है। यदि व्यापारी नोटिस के बाद भी भुगतान नहीं करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है जो उसे दंड, जुर्माना या जब्ती के रूप में हो सकती है।
3. क्या व्यापारियों को GST भुगतान करने के लिए नोटिस जारी की जाती है?
उत्तर. हां, व्यापारियों को GST भुगतान करने के लिए नोटिस जारी की जाती है। यह नोटिस उन्हें कार्रवाई करने के लिए सूचित करती है और उन्हें एक निर्दिष्ट समय सीमा भी देती है।
4. व्यापारियों को कैसे दंडित किया जाता है यदि वे GST भुगतान नहीं करते हैं?
उत्तर. यदि व्यापारी GST भुगतान नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इसमें दंड, जुर्माना या जब्ती की संभावना होती है। सरकार की कार्रवाई का प्रकार और मात्रा व्यक्ति के अनुसार भिन्न हो सकता है।
5. क्या व्यापारियों को गैर भुगतान करने के लिए दंड या जुर्माना भी दिया जा सकता है?
उत्तर. हां, व्यापारियों को गैर भुगतान करने के लिए दंड या जुर्माना भी दिया जा सकता है। यह दंड या जुर्माना व्यापारी के द्वारा गैर भुगतान किए गए राशि के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
59 docs
Download as PDF
Explore Courses for GST exam

Top Courses for GST

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

Important questions

,

FAQs and Updates

,

Free

,

Sample Paper

,

पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली | GST Acts

,

practice quizzes

,

Summary

,

FAQs and Updates

,

Semester Notes

,

pdf

,

Extra Questions

,

Viva Questions

,

study material

,

ppt

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Objective type Questions

,

shortcuts and tricks

,

past year papers

,

video lectures

,

पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली | GST Acts

,

Exam

,

पाठ 15. FAQs - मांग और वसूली | GST Acts

,

FAQs and Updates

,

MCQs

;