प्र 1. जी.एस.टी. के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्ति स्थल की क्या आवश्यकता है ?
उत्तरः जी.एस.टी. का बुनियादी सिद्धांत है कि कथित आपूर्ति के उपभोग के गंतव्य पर प्रभावी ढंग से करारोपण किया जाए यानि खपत के स्थान पर। इसलिए आपूर्ति स्थल का प्रावधान स्थान निर्धारित करता है अर्थात कराधीन अधिकार क्षेत्र जहां कर की पहुंच होनी चाहिए। आपूर्ति का स्थान यह निर्धारित करता है कि क्या एक लेनदेन अंतर-राज्यीय है या राज्य के भीतर। दूसरे शब्दों में, वस्तुओं की आपूर्ति के स्थान का निर्धारित करना कि क्या एक आपूर्ति किसी राज्य में एस.जी.एस.टी. और सी.जी.एस.टी. के अधीन है या उस पर आई.जी.एस.टी. करारोपण किया जाएगा यदि वह अंतर-राज्यीय आपूर्ति है, के लिए महत्वपूर्ण है।
प्र 2. वस्तुओं और सेवाओं के संबंध में आपूर्ति स्थान के प्रावधान में भिन्नता क्यों है?
उत्तरः वस्तुएं/ माल साकार/भौतिक हाने के कारण उनके उपभोग के गंतव्य स्थान को निर्धारित करने में कोई महत्वपूर्ण समस्या पैदा नहीं होती। सेवाओं के मामले में अप्रत्यक्षता निम्न कारकों के कारण आपूर्ति के स्थान का निर्धारण करने में गंभीर समस्या उत्पन्न करती हैः
(i) सेवा की डिलीवरी के तरीके को आसानी से बदला जा सकता है। उदाहरण के लिये दूरसंचार सेवा को ज्यादातर पोस्ट-पेड से प्री-पेड; बिल के पते को बदला जा सकता है, बिल भेजने वाले का पता बदला जा सकता है, सॉफ्टवेयर की मरम्मत या रखरखाव ऑनसाइट से आॅनलाइन बदला जा सकता है; पहले बैंकिंग सेवाओं के लिये बैंकों में जाना आवश्यक था, अब ग्राहक कहीें से भी बैंक की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं;
(ii) सेवा प्रदाता, सेवा प्राप्तकर्ता और प्रदान की गई सेवा का पता नहीं लगाया जा सकता या उन्हें आसानी से दबाया जा सकता है क्योंकि उनमें कुछ भी ठोस/भौतिक गतिविधि नहीं है और उन्हें खोजा नहीं जा सकता;
(iii) सेवा की आपूर्ति के लिए, सेवा प्रदाता का कोई निश्चित स्थान अनिवार्य नहीं है और यहां तक कि सेवा प्राप्तकर्ता सेवा को कहीं भी रास्ते में प्राप्त कर सकता है। बिल का स्थान रातोंरात बदला जा सकता है;
(iv) कभी-कभी एक ही तत्व विभिन्न स्थानों पर प्रवाहित हो सकते हैं उदाहरण के लिये निर्माण् या एक रलेवे लाइन,
एक राष्ट्रीय राजमार्ग या एक नदी पर पलु जसैी अन्य सेवाओं के सबंध में जो एक राज्य में शरूु होती हैं और दूसरे राज्य में समाप्त होती हैं । इसी प्रकार एक फिल्म के प्रदशर्न के लिए वितरण का काॅपीराइट र्कइ राज्यों के लिये एकमात्र लने दने के साथ सौंपा जा सकता है या एक विज्ञापन या एक कायर्कम एक ही समय पर सारे देश में प्रसारित किया जा सकता है। एक एयरलाइन मासैमी टिकट जारी कर सकता है जिसमें 10 टिकट सम्मिलित हैं जिसके द्वारा देश में किसी भी दो स्थान के बीच यात्रा के लिए उन्हें इस्तेमाल किया जा सकता है। दिल्ली मेट्रो द्वारा जारी किए गए कार्ड को नाऐडा, या दिल्ली या फरीदाबाद में रहने वाला व्यक्ति दिल्ली मेट्रेा को भुगतान की प्राप्ति के समय स्थान या यात्रा के समय में भदे करने में सक्षम किये बिना उपयोग कर सकता है;
(v) सेवाएं लगातार विकसित हो रही हैं और इस तरह नई चुनौतियां भी निरंतर उत्पन्न होती रहेंगी। उदाहरण के लिए 15-20 साल पहले कोई भी डीटीएच, ऑनलाइन जानकारी, ऑनलाइन बैंकिंग, आॅनलाइन टिकट बुकिंग, इंटरनेट, मोबाइल दूरसंचार आदि के बारे में सोच भी नहीं सकता था।
प्र 3. किसी लेनदेन में आपूर्ति स्थान का चयन निर्धारित करने के लिये किन प्रतिनिधित्व/प्राॅक्सी या मान्यताओं का प्रयोग किया जा सकता है?
उत्तरः सेवाओं के लेनदेन में शामिल विभिन्न तत्व आपूर्ति के स्थान को निर्धारित करने के लिये प्रतिनिधित्व के रूप में प्रयोग किये जा सकते हैं। एक धारणा या प्रॉक्सी आपूर्ति के स्थान का निर्धारण करने के लिए दूसरों की तुलना में अधिक उचित परिणाम देती है। उन्हें
यहां नीचे दिया जा रहा हैः
(क) सेवा प्रदाता का स्थान;
(ख) सेवा प्राप्तकर्ता का स्थान;
(ग) ऐसा स्थान जहां गतिविधि होती है/प्रदर्शन का स्थान;
(घ) वह स्थान जहां इसका उपभोग किया गया है; और
(ङ) स्थान/व्यक्ति जिसके वास्तविक लाभ प्रवाहित हो रहे हैं।
प्र 4. बी2बी (पंजीकृत व्यक्तियों को आपूर्ति) और बी2सी (अपंजीकृत व्यक्तियों को आपूर्ति) के लेन-देन के संबंध में आपूर्ति के स्थान के लिए अलग नियमों की क्या आवश्यकता है?
उत्तरः बी2बी लेन-देन के संबंध में, प्राप्तकर्ता द्वारा करों के भुगतान को क्रेडिट के रूप में लिया जाता है ताकि कथित लेनदेन पूरे किये जा सकें। बी2बी की आपूर्ति पर एकत्रित जी.एस.टी. प्रभावी रूप में सरकार का दायित्व उत्पन्न करता है और कथित प्राप्तकर्ता की आपूर्ति की सम्पत्ति उतनी अधिक होगी कि वह अपने इनपुट टैक्स क्रेडिट को अपने भविष्य के करों का भुगतान करने के लिये उपयोग करने का हकदार हो सके। बी2बी के लेन-देन के लिए प्राप्तकर्ता के स्थान, लगभग सभी स्थितियों में प्राप्तकर्ता द्वारा आगे क्रेडिट लिया
जाना है इस बात का ध्यान रखता है। प्राप्तकर्ता आमतौर पर आगे अपने ग्राहक को आपूर्ति करता है। आपूर्ति केवल तब प्रयुक्त होती है जब एक बी2बी लेनदेन आगे बी2सी लेनदेन में परिवर्तित होता है।
बी2सी लेनदेन के संबंध में, आपूर्ति अंत में प्रयुक्त हो जाती है और भुगतान किया गया कर वास्तव में सरकार को प्राप्त हो जाता है।
प्र 5. जहां वस्तुओं/माल को हटा दिया जाता है वहां आपूर्ति का स्थान क्या होगा ?
उत्तरः वस्तुओं/माल की आपूर्ति का स्थान वह स्थान होगा जहां उस समय जहां पर प्राप्तकर्ता के स्थान पर डिलीवरी करने के पश्चात वस्तुओं/माल की आवाजाही समाप्त हो जाती है। (आई.जी. एस.टी. अधिनियम की धारा 5(2))
प्र 6. जब एक आपूर्तिकर्ता द्वारा वस्तुओं/माल की आपूर्ति तीसरे व्यक्ति के निर्देश पर किसी व्यक्ति पर की जाती है तब आपूर्ति स्थान क्या होगा?
उत्तरः ऐसा मान लिया जाएगा कि तीसरे व्यक्ति ने वस्तुएं/माल प्राप्त कर ली हैं और कथित वस्तुओं/माल की आपूर्ति का स्थान उस व्यक्ति के व्यापार का प्रमुख स्थान होगा। (आई.जी.एस.टीअधिनिय म की धारा 5(2ए))
प्र 7. जब वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति एक वाहन जैसे जहाज, हवाई जहाज, रेल या मोटर वाहन आदि द्वारा की जाती है, तब आपूर्ति स्थान क्या होगा?
उत्तरः ऐसे माल के संबंध में, आपूर्ति का स्थान वह स्थान होगा जहों पर वस्तुओं/माल को वाहन पर डाला जाता है। (आई.जी.एस.टीअधिनियम की धारा धारा 5(5))। हालांकि, सेवाओं के संबंध में, आपूर्ति का स्थान वह निर्धारित स्थान होगा जहां से उस वाहन द्वारा यात्रा के लिए प्रस्थान किया था। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 6(11))
प्र 8. आपूर्ति के स्थान के लिये बी2बी सेवाओं आपूर्ति के संबंध में स्वतः (डिफॉल्ट) अनुमान क्या है
उत्तरः आई.जी.एस.टी. अधिनियम में प्रयुक्त किये शब्द पंजीकृत करदाता और गैर-पंजीकृत करदाता हैं। आपूर्ति के मामले में अनुमान पंजीकृत व्यक्ति के लिए उसके स्थान से है। चूंकि प्राप्तकर्ता पंजीकृत है, प्राप्तकर्ता का पता हमेशा वहाँ पर है और उसी को आपूर्ति के स्थान के लिए प्रॉक्सी के रूप में लिया जा सकता है।
प्र 9. अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं के संबंध में आपूर्ति के स्थान का डिफॉल्ट अनुमान क्या है?
उत्तरः अपंजीकृत प्राप्तकर्ताओं के संबंध में, आपूर्ति का सामान्य स्थान प्राप्तकर्ता का स्थान है। हालांकि कई मामलों में, प्राप्तकर्ता के पते उपलब्ध नहीं होते, इस तरह के मामलों में, सेवाओं की आपूर्तिकर्ता के स्थान को आपूर्ति के स्थान के लिए प्रॉक्सी के रूप में लिया जाता है।
प्र 10. अचल संपत्ति के संबंध में आपूर्ति का स्थान अचल संपत्ति का स्थान है। मान लीजिए कि दिल्ली से मुंबई के लिए एक सड़क का निर्माण किया जा रहा है और वह सड़क कई राज्यों को कवर करती है। आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः जहाँ कहीं भी अचल संपत्ति एक से अधिक राज्यों में स्थित है, सेवाओं की आपूर्ति को प्रत्येक राज्य में प्राप्त की गई सेवाओं और निर्धारित मूल्य के यथानुपात पृथक रूप से लिया जाएगा, समझौते की शर्तों के अनुबंध के अनुसार या, अनुबंध की अनुपस्थिति में, दूसरे किसी ऐसे आधार पर जिसे इस संबंध में निर्धारित किया जा सकता है। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 6(5) का स्पष्टीकरण खंड)
प्र 11. किसी कार्यक्रम, को आयोजित करने के लिये प्रदान की गई सेवाओं की आपूर्ति का स्थान क्या होगा, जैसे, आईपीएल क्रिकेट श्रृंखला जो कि कई राज्यों में आयोजित की जाती हैं?
उत्तरः किसी कार्यक्रम के मामले में, यदि सेवा प्राप्तकर्ता पंजीकृत है, तब कार्यक्रम, को आयोजित करने के लिये सेवा की आपूर्ति का स्थान ऐसे व्यक्ति के स्थान होगा।
हालांकि, यदि प्राप्तकर्ता पंजीकृत नहीं है, आपूर्ति का स्थान वह स्थान होगा जहां पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
चूंकि कार्यक्रम कई राज्यों में आयोजित किया जा रहा है और इन सेवाओं के लिये एक समेकित (consolidatd) राशि चार्ज की गई
है, तब आपूर्ति का स्थान प्रत्येक राज्य द्वारा प्राप्त की गई सेवाओं के अनुपातिक मूल्य पर मान ली जाएगी। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम
की धारा 6(8) का स्पष्टीकरण खंड)
प्र 12. कूरियर द्वारा माल के परिवहन के संबंध में माल की आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः यदि किसी मामले में प्राप्तकर्ता पंजीकृत है, तब उस व्यक्ति का स्थान आपूर्ति का स्थान होगा।
हालांकि, यदि प्राप्तकर्ता पंजीकृत नहीं है, आपूर्ति का स्थान वह स्थान होगा, जहां वस्तुओं को परिवहन के लिए सौंप दिया जाता
है।
प्र 13. जब एक व्यक्ति मुंबई से दिल्ली और वापस मुंबई यात्रा करता है तब आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः यदि व्यक्ति पंजीकृत है, तो आपूर्ति का स्थान प्राप्तकर्ता का स्थान होगा।
यदि व्यक्ति पंजीकृत नहीं है, तब मुंबई से दिल्ली की आगे की यात्रा का आपूर्ति स्थान मुंबई होगा, वह स्थान जहां से उसने यात्रा की
शुरूआत की थी।
हालांकि, वापसी यात्रा के लिए, आपूर्ति का स्थान दिल्ली होगा क्योंकि वापसी की यात्रा को अलग यात्रा के रूप में समझा जाएगा। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 6(11) का स्पष्टीकरण खंड))
प्र 14. मान लीजिए कि मैसर्स एअर इंडिया द्वारा एक व्यक्ति को भारत में कहीं भी यात्रा के लिए एक टिकट/पास जारी किया गया है। इस स्थिति में आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः उपरोक्त मामले में, चालान/बिल जारी करने के समय यात्रा प्रारम्भ करने का स्थान उपलब्ध नहीं होगा क्योंकि यात्रा करने का अधिकार भविष्य के लिये है। तद्नुसार, आपूर्ति का स्थान यात्रा प्रारम्भ करने का स्थान नहीं हो सकता। ऐसे मामले में, डिफाॅल्ट नियम लागू होगा। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 6(10) का प्रावधानिक खंड))
प्र 15. मोबाइल कनेक्शन के लिए आपूर्ति का स्थान क्या होगा? क्या यह आपूर्तिकर्ता का स्थान हो सकता है?
उत्तरः मोबाइल सेवाओं के आपूर्तिकर्ता का स्थान आपूर्ति का स्थान नहीं हो सकता क्योंकि मोबाइल कंपनिया कई राज्यों में सेवाएं प्रदान कर रही हैं और इनमें से कई सेवाएं अंतर-राज्यीय हैं। यदि आपूर्तिकर्ता को आपूर्ति स्थान के रूप में लिया जाता है तब उपभोग सिद्धांत (consumption principle) खंडित हो जाएगा और सारा राजस्व कुछ राज्यों में चला जाएगा जहां आपूर्तिकर्ता स्थित हैं।
मोबाइल कनेक्शन का आपूर्ति स्थान इस पर निर्भर करेगा कि क्या कनेक्शन पोस्टपेड या प्रीपेड आधार पर है।
पोस्टपेड कनेक्शन के मामले में, आपूर्ति का स्थान सेवा प्राप्तकर्ता के बिल में दिये पते का स्थान होगा।
प्री-पेड कनेक्शन के मामले में, आपूर्ति का स्थान वह स्थान होगा जहां पर इस कनेक्शन के लिए भुगतान प्राप्त होता है या इस तरह के प्री-पेड वाउचर बेचे गये हैं। हालांकि, अगर रिचार्ज इंटरनेट/ई-पेमेंट के माध्यम से किया जाता है, रिकॉर्ड पर सेवा प्राप्तकर्ता के पते का स्थान सेवा की आपूर्ति के स्थान के रूप में लिया जाएगा।
प्र 16. गोवा में एक व्यक्ति दिल्ली में शेयरों के दलाल से एनएसई (मुंबई में) पर शेयर खरीदता है (मुंबई में)। आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः आपूर्ति का स्थान सेवाओं के प्राप्तकर्ता के रिकार्ड/अभिलेखों पर दिया पता होगा। इसलिये गोवा आपूर्ति का स्थान होगा।
प्र 17. मुंबई से एक व्यक्ति कुल्लू-मनाली के लिए जाता है और मनाली में आईसीआईसीआई बैंक से कुछ सेवाओं प्राप्त करता है। आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः यदि सेवा व्यक्ति के खाते से जुड़ी हुई नहीं है, तब आपूर्ति का स्थान मनाली होगा यानि सेवा आपूर्तिकर्ता का स्थान होगा। हालांकि, अगर सेवा व्यक्ति के खाते से जुड़ी है, तब आपूर्ति का स्थान मुंबई होगा, सेवा आपूर्तिकर्ता के रिकार्ड पर सेवा प्राप्तकर्ता का स्थान।
प्र 18. गुड़गांव से एक व्यक्ति एयर इंडिया के विमान से दिल्ली के लिए यात्रा करता है और अपनी यात्रा का बीमा मुंबई में करता है। आपूर्ति का स्थान क्या होगा?
उत्तरः बीमा सेवाओं के आपूर्तिकर्ता के रिकार्ड/अभिलेखों पर सेवाओं के प्राप्तकर्ता का स्थान आपूर्ति का स्थान होगा। इसलिये गुड़गांव
आपूर्ति का स्थान होगा। (आई.जी.एस.टी. अधिनियम की धारा 6(14) का प्रावधानिक खंड)
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