वचन | Hindi Vyakaran for Class 9 (हिन्दी व्याकरण) PDF Download

परिभाषा

पदों के जिस रूप से उसके एक या अनेक होने का बोध हो, ‘वचन’ कहलाता है। नीचे लिखे वाक्यों को देखें:

  • पौधा पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखता है।
  • पौधे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखते हैं।
  • शेर मांसाहारी नहीं होता है।
  • शेर मांसाहारी नहीं होते।

उपर्युक्त उदाहरणों में पौधा, पौधे और शेर एक एवं अनेक संख्याओं का बोध करा रहे हैं।
(1) और (3) वाक्यों के ‘पौधा’ और ‘शेर’ अपनी एक-एक संख्या का बोध कराने के कारण एकवचन रूप के हुए और (2) एवं (4) वाक्यों के पौधे तथा ‘शेर’ अपनी अनेक संख्याओं का बोध कराने के कारण बहुवचन रूप के हुए।

इस तरह वचन के दो प्रकार हुए:
(i) एकवचन
(ii) बहुवचन।

एकवचन से संज्ञापदों की एक संख्या का और बहुवचन से उसकी अनेक संख्याओं (एकाधिक संख्या) का बोध होता है।

अब नीचे लिखे वाक्यों को ध्यानपूर्वक देखें

  • लड़का बहुत प्रतिभाशाली था।
  • लड़के बहुत प्रतिभाशाली थे।
  • लड़के ने स्कूल जाने की जिद की।
  • लड़कों ने खेलने का समय माँगा।
  • अमावस की रात अँधेरी होती है।
  • चाँदनी रातें बड़ी खूबसूरत होती हैं।
  • रातों को आराम के लिए बनाया गया है।
  • लड़की भी अंतरिक्ष जाने लगी।
  • लड़कियाँ लड़कों से कम नहीं हैं।
  • लड़कियों को कमजोर मत समझो।
  • माली एक फूल लाया।
  • मालिन के हाथ में अनेक फूल थे।
  • उसने फूलों की माला बनाई।

उपर्युक्त उदाहरणों में हम देखते हैं:

  • लड़का, लड़के ने, रात, लड़की, फूल आदि एक-एक संख्या का बोध करा रहे हैं।
    ((1), (3), (5), (8) और (11) वाक्यों में)
  • लड़के, लड़कों ने, रातें, रातों को, लड़कियाँ, लड़कियों को, फूल और फूलों की अनेक
    संख्याओं का बोध करा रहे हैं। ((2), (4), (6), (9), (10), (12) और (13) वाक्यों में)
  • ‘लड़का’ एकवचन ‘लड़के’ और ‘लड़कों (ने)’ बहुवचन
    ‘रात’ एकवचन ‘रातें’ और ‘रातों’ (को)’ बहुवचन
    ‘लड़की’ एकवचन ‘लड़कियाँ’ और ‘लड़कियों’ (को)’ बहुवचन
    ‘फूल’ एकवचन ‘फूल’ और ‘फूलों’ (की)’ बहुवचन
  • बहुवचन के दो रूप सामने हैं–लड़के और लड़कों।
    लड़कियाँ और लड़कियों को
    रात और रातों को
    फूल और फूलों की
  • ‘लड़का’ एकवचन और ‘लड़के ने’ भी एकवचन है।
  • ‘फूल’ दोनों वचनों में समान है।

एकवचन से बहुवचन बनाने की दो विधियाँ हैं :
1. निर्विभक्तिक रूप: जब बिना कारक-चिह्न लगाए विभिन्न प्रत्ययों के योग से बहुवचन रूप बनाए जाएँ।
जैसे:

  • लड़का + ए = लड़के
  • लड़की + याँ = लड़कियाँ
  • रात + एँ = रातें आदि।

2. सविभक्तिक रूप: जब कारक चिह्न के कारण ओं/यों प्रत्यय लगाकर बहुवचन रूप बनाया जाया।
जैसे:

  • लड़का + ओं = लड़कों
  • लड़की + यों = लड़कियों
  • हाथी + यों = हाथियों
  • रात + ओं = रातों आदि।

नोट: सविभक्तिक रूप बनाने के लिए स्त्री० पुं० सभी संज्ञाओं में ओं/यों प्रत्यय लगाया जाता है। इस रूप के साथ किसी-न-किसी कारक का चिह्न अवश्य आता है। संज्ञा का यह रूप सिर्फ वाक्यों में देखा जाता है।

एकवचन से बहुवचन बनाने के नियम

1. आकारात पुँ. संज्ञा में ‘आ’ की जगह ‘ए’ की मात्रा लगाकर:
उदाहरण:

  • लड़का : लड़के कुत्ता : कुत्ते
  • [इसी तरह निम्न संज्ञाओं के बहुवचन रूप बनाएँ]
  • घोड़ा, गधा, पंखा, पहिया, कपड़ा, छाता, रास्ता, बच्चा, तारा, कमरा, आईना, भैंसा, बकरा, बछड़ा

2. अन्य पुं. संज्ञाओं के दोनों वचनों में समान रूप होते हैं:
उदाहरण:

  • फूल : फूल
  • हाथी : हाथी आदि।

3. अकारान्त या आकारान्त स्त्री. संज्ञाओं में ‘एँ जोड़कर:
उदाहरण:

  • रात : रातें माता : माताएँ

(इनके रूप आप स्वयं लिखें):
बहन, गाय, बात, सड़क, आदत, पुस्तक, किताब, कलम, मूंछ, नाक, बोतल, बाँह, टाँग, पीठ, भैंस, भेड़, शाखा, कथा, लता, कामना, खबर, वार्ता, शिक्षिका, अध्यापिका, कक्षा, सभा, पाठशाला, राह.

4. इकारात में ‘याँ’ और ईकारान्त स्त्री. संज्ञा में ‘ई’ को ‘इ’ करके ‘याँ’ जोड़कर:
उदाहरण:

  • तिथि : तिथियाँ __ लड़की : लड़कियाँ आदि।

(इनके रूप आप स्वयं लिखें):
रीति, नारी, नीति, गाड़ी, साड़ी, धोती, नाली, अंगूठी, खिड़की, कुर्सी, दरी, छड़ी, घड़ी, हड्डी, नाड़ी, सवारी, बच्ची, नदी

5. उकारान्त स्त्री. संज्ञा में ‘एँ’ एवं ऊकारान्त में ‘ऊ’ को ‘उ’ कर ‘एँ’ लगाकर:
उदाहरण:

  • वस्तु : वस्तुएँ
  • बहू : बहुएँ
  • वधू : वधुएँ आदि

6. ‘या’ अन्तवाली स्त्रीलिंग संज्ञाओं में ‘या’ के ऊपर चन्द्रबिंदु लगाकर:
उदाहरण:

  • चिड़िया-चिड़ियाँ (इनके रूप आप स्वयं लिखें)
  • डिबिया, चिड़िया, गुड़िया, बुढ़िया, मचिया, बचिया

7. गण, वृन्द, लोग, सब, जन आदि लगाकर भी कुछ संज्ञाएँ बहुवचन बनाई जाती हैं:
उदाहरण:

  • बालक : बालकगण
  • शिक्षक : शिक्षकगण
  • अध्यापक : अध्यापकवृन्द
  • बंधु : बंधुवर्ग
  • ब्राह्मण : ब्राह्मणलोग
  • बच्चा : बच्चालोग/बच्चेलोग
  • नारी : नारीवृन्द
  • गुरु : गुरुजन
  • नेता : नेतालोग
  • भक्त : भक्तगण
  • सज्जन : सज्जनवृन्द
  • भाई : भाईलोग

8. इनमें ओं/यों लगाकर कोष्ठक में किसी कारक के चिह्न लिखें:
उदाहरण:

  • लडका : लड़कों (ने)
  • लड़की : लड़कियों (में)
  • बच्चा, कथा, शिक्षक, चिड़िया, घास, मानव, जानवर, पौधा, कमरा, कहानी, रात, कविता, पुस्तक, बाल, बोतल, नाक, कलम, दाँत

वचन संबंधी कुछ विशेष बातें

1. निम्नलिखित संज्ञाओं का प्रयोग बहुवचन में ही होता है:

  • ये मेरे हस्ताक्षर हैं।
  • गोली लगते ही उस आदमखोर बाघ के प्राण उड़ गए।
  • आपके दर्शन से मैं बड़ा लाभान्वित हुआ।
  • भूकंप आने की खबर सुन मेरे तो होश ही उड़ गए।
  • आजकल के लोग बड़े स्वार्थी हुआ करते हैं।
  • उसकी अवस्था देख मेरे आँसू निकल पड़े।
  • आपके होठ/ओठ तो बड़े आकर्षक हैं।
  • इन दिनों वस्तुओं के दाम काफी बढ़ गए हैं।
  • मैं आपके अक्षत को पूजार्थ ले जा रहा हूँ।
  • अभी से ही मेरे बाल झड़ने लगे हैं।
  • उस बीभत्स दृश्य को देखकर मेरे रोंगटे खड़े हो गए।
  • सलमा आगा को देखकर उनके रोम पुलकित हो गए।
  • वायु-प्रदूषण के कारण मेरे नेत्र लाल हो गए हैं।
  • उनके तेवर बदलते जा रहे हैं, पता नहीं, बात क्या है।

2. कुछ संज्ञाओं का प्रयोग, जिनमें द्रव्यवाचक संज्ञाएँ भी शामिल हैं, प्रायः एकवचन में ही होता है:

  • आर्थिक मंदी से आम जनता बहुत परेशान है।
  • इस वर्ष भी बिहार में बहुत कम वर्षा हुई है।
  • कहीं पानी से लोग डूबते हैं तो कहीं पानी खरीदा जाता है।
  • सोना बहुत महँगा हो गया है।
  • चाँदी भी सस्ती कहाँ है।
  • लोहा मजबूत तो होता ही है।
  • आनेवाला सूरज लाल नजर आता है।
  • ईश्वर तेरा भला करे।
  • मानवों के कुकृत्य देख पृथ्वी रो पड़ी और आकाश फटना चाहता है।
  • रामराज्य में भी प्रजा दुखी थी।
  • बच्चों का खेल बड़ा निराला होता है।

3. आदरणीय व्यक्तियों का प्रयोग बहुवचन में होता है यानी उनके लिए बहुवचन क्रिया लगाई जाती हैं।
जैसे:

  • मेरे पिताजी आए हैं।
  • गुरुजी ऐसा कहते हैं कि पेड़-पौधे हमारे मित्र हैं।
  • माताजी देवघर जाना चाहती थीं; किन्तु मैंने उनकी अवस्था देख उन्हें मना कर दिया।

4. नाना, दादा, चाचा, पिता, युवा, योद्धा आदि का बहुवचन रूप वही होता है।

5. द्रव्यवाचक संज्ञाओं के प्रकार (भेद) रहने पर उनका प्रयोग बहुवचन में होता है।
जैसे:

  • धनबाद में आज भी बहुत प्रकार के कोयले पाए जाते हैं।
  • लोहे कई प्रकार के होते हैं।

6. प्रत्येक, हर एक आदि का प्रयोग सदा एकवचन में होता है। 
जैसे:

  • प्रत्येक व्यक्ति ऐसा ही कहता है।
  • आज हर कोई मानसिक रूप से बीमार दिखता है।
  • इस भाग-दौड़ की दुनिया में हरएक परेशान है।

7. ‘अनेक’ स्वयं बहुवचन है (यह ‘एक’ का बहुवचन है) इसलिए अनेकों का प्रयोग वर्जित है।
जैसे:

  • मजदूरों के अनेक काम हैं।

नोट : कविता आदि में मात्रा घटने की स्थिति में अनेकों का प्रयोग भी देखा जाता है।
जैसे:

  • पहर दो पहर क्या
  • अनेकों पहर तक
  • उसी में रही मैं। (बसंती हवा)

8. यदि आकारान्त पुं. संज्ञा के बाद किसी कारक का चिह्न आए तो वहाँ एकवचन अर्थ में भी वह संज्ञा आकार की एकार हो जाती है।

उदाहरण:

  • अमिताभ के बेटे की शादी ऐश्वर्या राय से हुई।

यहाँ ‘बेटा’ आकारान्त पुं. संज्ञा है। इसके आगे संबंध कारक का चिह्न ‘की’ रहने के कारण ‘बेटा’ शब्द ‘बेटे’ हो गया। ‘बेटे’ होने से भी यह एकवचन ही रहा, बहुवचन नहीं।

9. कारक-चिह्न रहने पर पुँ० संज्ञाओं के पूर्ववर्ती आकारान्त विशेषण तथा क्रियाविशेषण का रूप एकारान्त हो जाता है।
उदाहरण:

  • मेरा छोटा भाई ने आपकी चर्चा की थी।
  • मेरे छोटे भाई ने आपकी चर्चा की थी।
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