Class 8 Exam  >  Class 8 Notes  >  कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes  >  वाक्य - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8

वाक्य - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes PDF Download

वाक्य—शब्दों का ऐसा समूह, जिसका अर्थ निकलता हो, वाक्य कहलाता है; जैसे—

रमा खाना खाती है। रश्मि घर जाती है।
ग्वाला दूध बेचता है।मोहन घर की स.फेदी करवाता है।

 वाक्य के अंग : मुख्य रूप से वाक्य के दो अंग होते हैं—१- उद्देश्य २- विधेय
    
 १-    उद्देश्य—
वाक्य में जिसके बारे में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं; जैसे—

किसान फसल उगाता है।  शीतल खाना पकाती है।
 अनुज भिखारी को वस्त्र देता है।मनोहर पतंग उड़ा रहा है।

 इन वाक्यों में ‘किसान’, ‘शीतल’ तथा ‘अनुज’ के बारे में कुछ बताया जा रहा है, इसलिए ये उद्देश्य हैं।
  
  २-    विधेय—
उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं; जैसे—

प्रतिभा सितार बजाती है। संध्या स्वेटर बुनती है।
पक्षी आकाश में उड़ते हैं। रोहन साइकिल चला रहा है।

                   
 इन वाक्यों के मोटे अक्षरों में छपे भाग विधेय हैं।


वाक्य की विशेषताएँ :
    (i)    वाक्य से कोई न कोई भाव अवश्य प्रकट होता है।
    (ii)  वाक्य-रचना शब्दों  या पदबंधों के योग से होती है।
    (iii)    वाक्य-रचना उद्देश्य तथा विधेय के योग से होती है।
    (iv)  वाक्य- के शब्दों के बीच एक निश्चित क्रम होता है।
    (v)    वाक्य संक्षिप्त या कई शब्दों काहो सकता है।
        

उदाहरण:       

(i)    पहला    —    चले्रदूसरा    —    कहाँ?
पहला    —    विद्यालय।दूसरा    —    चलो।
 (ii)    पहला    —    चलो चलते हैं।  दूसरा    —    कहाँ चलना है?
पहला    —    विद्यालय चलना है।   दूसरा    —    हाँ ठीक है, चलो चलते हैं।


वाक्य- के भेद: 
        वाक्य- के भेद दो आधारों पर किए जाते हैं - अर्थ के आधार पर और रचना के आधार पर।


अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद :
अर्थ के आधार पर वाक्यों के निम्नलिखित आठ (8) भेद होते हैं:

1.    साधारण या विधानवाचक वाक्य-    
2.    नकारात्मक या निषेधवाचक वाक्य
3.    आज्ञार्थक या विधिवाचक वाक्य-  
4.    प्रश्नवाचक वाक्य
5.    इच्छावाचक वाक्य    
6.    संदेहवाचक वाक्य
7.    विस्मयादिवाचक या उद्गारवाचक वाक्य    
8.    संकेतवाचक वाक्य
  

 1.    साधारण या विधानवाचक वाक्य : इन वाक्यों से किसी व्यक्ति या वस्तु की स्थिति के बारे में बोध कराया जाता है; जैसे—

वसंत ऋतु में फूल खिल जाते हैं।चिडिय़ा चहचहा रही है।बालक बगीचे में खेल रहे हैं।

     
 2.    नकारात्मक या निषेधवाचक
 वाक्य—इन वाक्यों में नकारात्मक भाव पाया जाता है। ‘नहीं’, ‘मत’, ‘न’ लगाकर इस तरह के वाक्य बनाए जा सकते हैं; जैसे—

राम पुस्तक पढ़ता है।  राम पुस्तक नहीं पढ़ता।
सीता, गीता और उमा स्वेटर बुनती हैं।  सीता, गीता और उमा स्वेटर नहीं बुनती।
अनुभा चित्र बनाती है।  अनुभा चित्र नहीं बनाती।
 बाहर घूमने जाइए।  बाहर घूमने मत जाइए।

 
3.    आज्ञार्थक या विधिवाचक वाक्य—इन वाक्यों से आज्ञा, प्रार्थना, निर्देश या अनुनय-विनय काभाव प्रकट होता है; जैसे—

सभी छात्र अपनी पुस्तकें खोलें।  मेरे लिए एक कप कॉफी लाना, सुमन।
कृपया फोन पर ज्जवाब अवश्य देना।  तुम यहाँ से चले जाओ।

    
4.    प्रश्नवाचक वाक्य—इन वाक्यों से वक्ता द्वारा कोई न कोई प्रश्न पूछने काभाव प्रकट होता है; जैसे—

 क्या वह ताजमहल देखने आगरा जाएगी? विपिन इस समय क्या कर रहा है?
क्या चित्रकार ने चित्र बना लिया है? माता जी ने तुम्हें क्या दिया है?

 
  
  5.    इच्छावाचक वाक्य
—इन वाक्यों द्वारा बोलनेवाला (वक्ता) अपने या किसी अन्य के लिए अपनी इच्छा प्रकट करता है; जैसे—

आज अच्छी कमाई हो जाती।ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे।
आप दीघार्यु हों! तुम यशस्वी बनो।

 
    
 6.    संदेहवाचक वाक्य
—इन वाक्यों द्वारा वक्ता प्राय: संदेह की भावना प्रकट करता है; जैसे—

 शायद महँगाई कुछ कम हो जाए।  संभवत: इस साल मालिक कुछ वेतन बढ़ा दे।
 हो सकता है कि उस साल अच्छी फसल हो।संभव है मैं कल आ जाऊँ।

 
    
7.    विस्मयादिवाचक या उद्गारवाचक वाक्य—इन वाक्यों से विस्मय, आश्चर्य, घृणा, हर्ष, शोक आदि के भाव प्रकट होते हैं; जैसे—

वाह! क्या छक्कामारा है।ओह! कितना मनोरम उपवन है।
 छि:! ऐसा घृणित कार्य तुमने किया है   आह! अब दुख सहा नहीं जाता।

  
    
8.    संकेतवाचक वाक्य— इन वाक्यों में किसी काम की पूर्ति के लिए कोई न कोई शर्त होती है। इसलिए इन्हें शर्तवाची वाक्य भी कहते हैं; जैसे—
            यदि मरीज्ज्द्म को समय पर दवा मिल जाती तो वह बच जाता।
            यदि यहाँ कातापमान कम होता तो इस साल ब.र्फ अवश्य गिरती।
            वर्षा होती तो फसल भी अच्छी होती।
            उसने झूठी गवाही न दी होती तो उसे जेल न होती।

 

रचना के आधार पर वाक्य के भेद :

रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद होते हैं : १- सरल वाक्य  २- संयुक्त वाक्य  ३- मिश्र वाक्य

    १-    सरल वाक्य—इन वाक्यों में एक उद्देश्य तथा एक विधेय होता है; जैसे—

छात्र पढ़ रहे हैं।वृद्ध धीरे-धीरे चलता है।
माली फूल चुन रहा है।गाय घास चर रही है।


    ३-    संयुक्त वाक्य—इन वाक्यों में दो या दो से अधिक स्वतंत्र वाक्य समुच्चयबोधक अव्यय से जुड़े होते हैं; जैसे—
            वर्षा होती रही और बच्चे उछल-कूदकर नहाते रहे।
            आज तुम हिंदी पढ़ सकते हो या तुम्हारा भाई गणित पढ़ सकता है।
            मोहन अस्वस्थ महसूस कर रहा है, इसलिए विद्यालय नहीं आ सकता।
        संयुक्त वाक्य प्राय: और, तथा, अत:, इसलिए, सो, या, अथवा, या ..... या, न ..... न, नहीं तो, अन्यथा, वरना,     लेकिन, किंतु, परंतु, पर, आदि समुच्चयबोधक अव्ययों से जुड़े रहते हैं।

    ३-    मिश्र वाक्य—इन वाक्यों में एक प्रधान वाक्य होता है और अन्य वाक्य उस पर आश्रित होते हैं; जैसे—
            यही वह लड़काहै, जिसने खिड़की काकाँच तोड़ा था।
            नेहरू जी काकहना था कि हर काम को ईमानदारी से करना चाहिए।
            यह वह व्यक्ति नहीं है जो सड़क पर भीख माँग रहा था।
        उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित अंश आश्रित उपवाक्य हैं तथा ‘यही वह लड़काहै’, ‘नेहरू जी काकहना था’, ‘यह वह व्यक्ति नहीं है’, प्रधान वाक्य है।

 

उपवाक्य के भेद—उपवाक्य के तीन भेद होते हैं—(i) संज्ञा-आश्रित उपवाक्य (ii) विशेषण-आश्रित उपवाक्य (iii) क्रियाविशेषण-आश्रित उपवाक्य।
  

 (i)    संज्ञा-आश्रित उपवाक्य : जो उपवाक्य वाक्य में संज्ञा काकार्य करते हैं, शह्य संज्ञा-आश्रित उपवाक्य कहलाते हैं। ये उपवाक्य प्राय: ‘कि’ समुच्चयबोधक से जुड़े होते हैं; जैसे—
        मैं जानता था कि यह समस्या तुमसे हल नहीं हो सकेगी।    मुझे डर था कि वह बीमार न हो।
        गांधी जी ने कहा कि हमें सच्चाई कासाथ नहीं छोडऩा चाहिए।
    
(ii)    विशेषण-आश्रित उपवाक्य : ये उपवाक्य वाक्य में संज्ञापद की विशेषता बताते हैं; जैसे—
        यही वह छात्र है, जिसने वृद्धा को सड़क पार कराई थी।
        जिसने इस मैच में सर्वाधिक छक्के मारे, वह युवराज ही तो है।
        मैं वे पुस्तकें वापस नहीं लूँगा, जिन्हें तुमको दे चुकाहूँ।
        उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित अंश विशेषण-आश्रित उपवाक्य हैं।
  
  (iii)    क्रियाविशेषण-आश्रित उपवाक्य  : 
ये उपवाक्य क्रिया के घटित होने के समय, रीति, दिशा, स्थान, परिमाण आदि की सूचना देते हैं; जैसे—
        जब मैं हरिद्वार में रहता था, प्रतिदिन गंगा-स्नान किया करता था। (समय)
        गांधी जी जहाँ-जहाँ गए, उनकाभव्य स्वागत हुआ। (स्थान)
        जितनी वेग से गंगा यहाँ बहती है, वैसी अन्यत्र नहीं। (रीति)
        जब-जब वह इलाहाबाद गई, संगम में डुबकी अवश्य लगाई। (स्थान)
        उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित भाग क्रियाविशेषण-आश्रित उपवाक्य हैं। 

The document वाक्य - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes is a part of the Class 8 Course कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes.
All you need of Class 8 at this link: Class 8
17 videos|193 docs|129 tests

Top Courses for Class 8

FAQs on वाक्य - व्याकरण, हिंदी, कक्षा - 8 - कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

1. हिंदी कक्षा 8 के लिए व्याकरण किताब कौन-कौन सी हैं?
उत्तर: हिंदी कक्षा 8 के लिए व्याकरण किताबें अनेक हैं, जैसे कि "रचना सागर", "व्याकरण दर्पण", "हिन्दी व्याकरण" आदि। यहां व्याकरण के नियमों का अध्ययन करने के लिए ये किताबें उपयोगी हो सकती हैं।
2. हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों के लिए प्रमुख लेखक कौन-कौन हैं?
उत्तर: हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों के लिए प्रमुख लेखकों में से कुछ नाम हैं जैसे कि हरिवंश राय बच्चन, भारती भवन पब्लिकेशन, एस. चन्द्र आदि। ये लेखक अपनी व्याकरण किताबों के माध्यम से छात्रों को हिंदी व्याकरण के सिद्धांतों को समझाने का प्रयास करते हैं।
3. हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में कौन-कौन से विषय शामिल होते हैं?
उत्तर: हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में विभिन्न विषय शामिल होते हैं जैसे कि वर्ण, वर्तनी, संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, कारक, समास, संधि आदि। इन विषयों का अध्ययन करके छात्र एक संपूर्ण व्याकरण का ज्ञान प्राप्त करते हैं।
4. हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में कौन-कौन से विषय सबसे मुख्य होते हैं?
उत्तर: हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में विषयों में से संज्ञा, सर्वनाम और क्रिया सबसे मुख्य होते हैं। संज्ञा के माध्यम से हम व्यक्ति, स्थान, वस्त्र, ध्वनि आदि को पहचानते हैं, सर्वनाम के माध्यम से हम विभिन्न प्रकार के सर्वनाम का प्रयोग करते हैं और क्रिया के माध्यम से हम क्रिया के विभिन्न प्रकारों को समझते हैं।
5. हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में संधि क्या होती है?
उत्तर: हिंदी कक्षा 8 के व्याकरण किताबों में संधि एक व्याकरणिक नियम है जिसके अनुसार दो या दो से अधिक शब्दों के मेल या मेल के कारण विशेष ध्वनि या अक्षर बदलते हैं। संधि के माध्यम से शब्दों के बीच एक संयोग स्थापित होता है, जो वाक्य को सुंदर और सुगम बनाता है।
17 videos|193 docs|129 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 8 exam

Top Courses for Class 8

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

mock tests for examination

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

Extra Questions

,

shortcuts and tricks

,

Viva Questions

,

ppt

,

Important questions

,

past year papers

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

वाक्य - व्याकरण

,

pdf

,

Free

,

MCQs

,

वाक्य - व्याकरण

,

video lectures

,

कक्षा - 8 | कक्षा - 8 हिन्दी (Class 8 Hindi) by VP Classes

,

हिंदी

,

Sample Paper

,

हिंदी

,

Semester Notes

,

practice quizzes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

study material

,

वाक्य - व्याकरण

,

Summary

,

हिंदी

,

Exam

,

Objective type Questions

;