I. लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रशन 1. साँप की गुफा कहाँ थी? वह गुफा में बैठा क्या देखा करता था?
उत्तर - साँप की गुफा समुद्र के किनारे ऊँचे पर्वत में थी। वह अपनी गुफा में बैठा सागर की लहरों की गर्जना, आकाश में छिपती हुई टेढ़ी-मेढ़ी पहाडिय़ों को देखा करता था तथा बलखाती नदी की गुस्से-भरी आवाजें सुना करता था।
प्रशन 2. नदी कहाँ बहती थी? यह कहाँ को भागी जा रही थी?
उत्तर - नदी पर्वत की अँधेरी घाटियों में बहती थी। नदी अपने रास्ते में आनेवाले पत्थरों को तोड़ती, ऊँचाई से गिरने शह्यक्त कारण कल-कल का शोर करती, टेढ़े-मेढ़े रास्ते पर तेज्जद्ध से चलती हुई सागर की ओर भागी जा रही थी।
प्रशन 3. साँप के लिए गुफा कैसी जगह थी? उसके लिए सबसे बड़ा सुख क्या था?
उत्तर - साँप के लिए गुफा सबसे सुरक्षित और आरामदेह जगह थी। साँप इस गुफा में सुखी और सुरक्षित था। वह अपनी गुफा का स्वामी था। उसे किसी से न कुछ लेना था न कुछ देना था। वह दुनिया की भागम-भाग से दूर था, जो उसके लिए सबसे बड़ा सुख था।
प्रशन 4. साँप की दिनचर्या तथा सोच के आधद्मर पर उसे कैसा प्राणी कहा जा सकता है?
उत्तर - साँप की दिनचर्या तथा सोच के आधार पर हम कह सकते हैं कि शद्द अपने तक ही सीमित रहनेवाला प्राणी था। वह अपनी गुफा के बाहर के वातावरण तथा सुख से अनभिज्ञ था। वह खतरों से जी चुरानेवाला कायर प्राणी था। उसे परतंत्रता में रहने की आदत पड़ चुकी थी।
प्रशन 5. अचानक साँप की गुफा में कौन आ गिरा? उसकी दशा कैसी थी?
उत्तर- अचानक साँप की गुफा में बाज आ गिरा। उसकी छाती पर अनेक घाव थे। उसके पंख टूटे तथा खून में सने हुए थे वह अधमरा-सा होकर ज्जोर-ज्जोर से हाँफ रहा था।
प्रशन 6. अपने सामने गिरे बाज को देखकर साँप की क्या दशा हुई?
उत्तर -अपने सामने गिरे बाज को देखकर साँप डर के मारे कोने में सिकुड़ गया] क्योंकि साँप और बाज में स्वाभाविक शत्रुता होती है। वह सोच रहा था कि बाज उसका अहित न कर दे। पर बाज को
मरणासन्न देखकर उसकी हिम्मत बँध गई। उसने सोचा- इस बाज से डरना बेकार है।
प्रशन 7. साँप ने अपने कथन में दार्शनिकों की-सी बातें कब कहीं और क्या?
उत्तर - जब बाज ने साँप को कहा कि उडऩा ही उसके जीवन का ध्येय है तो साँप ने दार्शनिक अंदाज्ज में उससे कहा, उडऩे और रेंगने में कौन-सा भारी अंतर है। अंत में तो सबके भाग्य में मर जाना लिखा है। यह शरीर मिट्टी में मिल जाएगा।
प्रशन 8. बाज ने साँप की गुफा को अपने रहने के उपयुक्त क्यों नहीं पाया?
उत्तर - बाज ने साँप की गुफा में देखा कि चट्टानों में पड़ी दरारों से गुफा में पानी टपक रहा है। गुफा में अँधेरा और सीलन है, जिससे दुर्गंध आ रही है। ऐसी दुर्गंध जैसे कोई चीज्ज बरसों से पड़ी-पड़ी सड़ गई हो।
प्रशन 9. साँप ने मरते बाज को उडऩे के लिए किस प्रकार उत्साहित किया?
उत्तर - साँप ने देखा कि घायल बाज अब भी उडऩे के लिए लालायित है, तो उसने बाज से कहा कि यदि उसे आकाश में उडऩा इतना ही प्रिय है तो हिम्मत करके चट्टान के किनारे पर जाकर उडऩे का प्रयास करना चाहिए शायद उसके पंखों में इतनी ताकत हो कि वह आकाश में उड़ सके |
प्रशन 10. साँप दवारा प्रेरित करने का बाज पर क्या असर हुआ?
उत्तर - साँप दवारा प्रेरित करने पर बाज एक नए उत्साह से भर उठा। वह अपना घायल शरीर चट्टान के किनारे तक घसीटकर लाया। बाहर का खुला-सा आसमान देखकर वह खुश हो उठा। उसने अपने पंख फैलाए और वह उडऩे के लिए हवा में कूद पड़ा।
प्रशन 11. दुबारा उडऩे में घायल बाज का स्वागत लहरों ने किस प्रकार किया?
उत्तर - दुबारा उडऩे में घायल बाज अपने शरीर को न सँभाल सका और वह नदी में जा गिरा। एक लहर ने उसके पंखों पर लगे खून को धो दिया। उसके थके शरीर को स.फेद फेन से ढक दिया और
अपनी गोद में लेकर सागर की ओर चली।
प्रशन 12. पाठ में बाज को किसके प्रतीक के रूप मे प्रस्तुत किया गया है?
उत्तर - 'बाज और साँप' पाठ में बाज को साहस, वीरता और स्वतंत्रता का प्रतीक बताया गया है] जिसने अपने पंखों के दम पर आकाश की असीम ऊँचाइयों को नाप लिया था] परंतु घायल होकर मरणासन्न होने पर भी वह वीरतापूर्वक उडक़र आकाश की स्वतंत्रता को पुन: पाना चाहता है।
प्रशन 13. साँप जिंदगी रहकर भी वह काम न कर सका जो बाज मरकर कर गया। बाज मरकर भी क्या संदेश छोड़ गया?
उत्तर - साँप ज़िंदा रहकर भी कायरता एवं परतंत्रता का प्रतीक बना रहा जबकि बाज मरकर भी यह संदेश छोड़ गया कि आज्जादी प्राप्त करने तथा उसे बचाए रखने के लिए साहस एवं वीरता के साथ हर कठिनाई का सामना करना चाहिए तथा मृत्यु से नहीं डरना चाहिए।
II. दीर्घ उत्तरीय प्रशन
प्रशन 1. साँप ने आकाश और अपनी गुफा के बारे में बाज से क्या कहा?
उत्तर- बाज दवारा साँप को दुर्भाग्यपूर्ण कहे जाने के बाद साँप ने कहा कि आकाश में आखिर रखा ही क्या है। वहाँ वह न रेंग सकता है और न शरीर को सहारा दे सकता है उसके लिए इस गु.फा से अधिक सुरक्षित और आरामदेह जगह कोई नहीं हो सकती। उसने बाज से कहा कि उसका आकाश उसे ही मुबारक हो। उतनी ऊँचाई पर तो सिर चकराने लगता है।
प्रशन 2. बाज की मृत्यु और उसके आकाश के लिए प्रेम के विषय में साँप क्या सोचने पर विवश हुआ?
उत्तर - बाज की मृत्यु और उसके आकाश से, प्रेम के विषय में साँप सोचने लगा कि आखिर आकाश में ऐसा क्या आकर्षण है, जिसके लिए बाज ने अपने प्राण गँवाकर उसका चैन छीन लिया। पता नहीं वहाँ कौन-सा खजाना है। एक बार तो वह भी वहाँ जाकर इस रहस्य का पता लगएगा और कुछ देर के लिए ही सही, उडऩे का स्वाद भी चख लेगा |
प्रशन 3. उडऩे में असफल साँप ने पक्षियों और आकाश के बारे में क्या राय बना ली?
उत्तर -उडऩे में असफल साँप पक्षियों को मूर्ख कहने लगा। उसकी राय में पक्षी धरती के सुख से अनजान हैं। उसने जान लिया था कि आकाश में कुछ नहीं रखा है। केवल ढेर-सी रोशनी के अलावा वहाँ कुछ नहीं है। न कोई सहारा है न शरीर सँभालने का स्थान। फिर पक्षी इतनी बड़ी-बड़ी बातें क्यों करते हैं, तथा धरती के प्राणियों को छोटा क्यों समझते हैं। आकाश में उडऩेवाले पक्षी मुर्ख ही हैं।
प्रशन 4. बाज के मरने के बाद साँप ने ऐसा क्या सुना कि वह आश्चर्य से भर उठा?
उत्तर - बाज के मरने के बाद साँप ने चट्टान के नीचे से उठता मधुर संगीत सुना। यह लहरों दवारा बाज की प्रशंसा में गाया गया गीत था। लहरें गा रही थी उनका यह गीत उन साहसी लोगों के लिए था जो प्राणों को हथेली पर लिए घूमते हैं। प्राणों की बाजी लगाकर खतरों का सामना करनेवाले ही चतुर होते हैं बाज के शरीर के रक्त की एक-एक बूँद जिंदगी के अँधेरे में प्रकाश फैलाएगी। यह सुनकर साँप आश्चर्य से भर उठा।
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1. बाज और साँप में कौनसी विशेषता होती है? |
2. बाज और साँप के बीच कौन सी अंतर होती है? |
3. बाज और साँप का आहार क्या होता है? |
4. बाज और साँप का विशालतम आकार क्या होता है? |
5. बाज और साँप का विशेष रंग कौनसा होता है? |
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