प्रश्न 5. भारत द्वारा एशिया कप (क्रिकेट)-2016 जीतने पर दो मित्रों के बीच हुई बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरः
राजन: अरे! मधुर, क्या तुमने कल का क्रिकेट मैच देखा था?
रमेश: राजन, यह भी कोई पूछने वाली बात हुई। मैं तो पूरा मैच देखकर ही सोया था।
राजन: मैं तो डर रहा था कि कहीं एशिया कप का फाइनल मैच धुल ही न जाए।
रमेश: वर्षा और तूफ़ान के कारण शुरू में तो ऐसा ही लग रहा था, पर भगवान की कृपा से मैच शुरू हो ही गया।
राजन: देखा तुमने धोनी के टास जीतने से भारत के जीत की संभावना बन गई थी।
रमेश: नहीं ऐसा नहीं है। 20 ओवर से कम करके 15 ओवर का कर दिया गया था, इसलिए बँगलादेशी बल्लेबाजों ने शुरू से खुलकर खेलना शुरू कर दिया था।
राजन: आखिरी ओवरों में उनकी बल्लेबाजी बहुत अच्छी थी।
रमेश: पर अंतिम ओवर में जसप्रीत बुमरा ने बहुत अच्छी गेंदबाजी की।
राजन: कुछ भी हो पर भारत की शुरूआत अच्छी थी।
रमेश: ठीक कहते हो, रोहित शर्मा के जल्दी आउट होने का भारतीय बल्लेबाजों पर असर नहीं हुआ और कोहली एवं शिखर धवन का उत्कृष्ट रूप सामने आया।
राजन: पर धोनी के छह गेंदों पर बनाए गए 23 रन और उन छक्कों को कैसे भूला जा सकता है।
रमेश: धोनी ने जिस तरह से मैच समाप्त किया वह अद्भुत था। भारत ऐसे ही एशिया का चैंपियन नहीं बन गया है।
प्रश्न 6. आपको किसी पर्वतीय स्थल पर यात्रा करने का अवसर मिला। आपका सामान उठाने में वहाँ के एक भारवाहकरऊफ ने आपकी मदद की। उसके साथ हुए संवाद को अपने शब्दों में लिखिए। आप जयंत हो।
उत्तर:
रऊफ: बाबू जी नमस्ते! कहाँ जाना है आपने?
जयंत: मुझे भैरों मंदिर जाना है। कितनी दूर है यहाँ से?
रऊफ: बाबू जी, भैरों मंदिर यहाँ से है तो दो ही किलोमीटर दूर पर चढ़ाई बहुत है और आपके पास सामान भी तो
जयंत: तुम उचित मज़दूरी ले लेना और सामान लेकर साथ चलो।
रऊफ: ठीक है बाबू जी!
जयंत: जम्मू है तो बहुत सुंदर, इस जगह पर वैष्णों देवी का पर्वतीय सौंदर्य अत्यंत मनोरम है।
रऊफ: पर साहब पर्वतीय जगहों का जीवन बड़ा कठोर होता है। यहाँ रोटी के लिए एड़ी-चोटी का पसीना एक करना पड़ता है।
जयंत: पर यहाँ के लोग स्वस्थ तो होते हैं।
रऊफ: साहब यहाँ की मेहनत और जलवायु स्वस्थ तो बनाती है पर पत्थरों पर चलते-चलते हमारे पैरों में छाले पड़ जाते हैं। हममें से शायद ही कोई बड़े पेट या चर्बी वाला मिले।
जयंत: पर हम सैलानियों को यहाँ की यात्रा बहुत अच्छी लगती है।
रऊफ: साहब दूर के ढोल सुहावने तो होते ही हैं। अब आप ही देखो आप लोगों का सामान ढो-ढोकर हमें पेट भरना पड़ता है।
जयंत: ठीक कहते हो जयंत। जो इतने निकट से यहाँ के लोगों को देखेगा वही इसे समझ पाएगा।
प्रश्न 7. सिनेमाहाल में फ़िल्म देखकर लौटे वरुण की अरुण से हुई बातचीत को संवाद रूप में लिखिए।
उत्तर:
वरुण: नमस्ते अरुण! इस समय कहाँ से चले आ रहे हो।
अरुण: नमस्ते वरुण! मैं इस समय फ़िल्म देखकर आ रहा हूँ।
वरुण: अरे! कोई नई फ़िल्म आई है क्या?
अरुण: नहीं वरुण, यह नई फ़िल्म नहीं है। बड़े भाई साहब दो-तीन साल पहले कह रहे थे कि ‘सरफरोश’ अच्छी फ़िल्म है, मौका मिले तो देखना।
वरुण: अरुण, कौन-कौन से अभिनेता-अभिनेत्रियों ने इसमें काम किया है?
अरुण: इस फ़िल्म में मुख्य रूप से आमिर खान, सोनाली बेंद्रे, नसीरुद्दीन शाह आदि ने प्रभावपूर्ण अभिनय किया है।
वरुण: इस फ़िल्म की कहानी का आधार क्या है?
अरुण: इस फ़िल्म की कहानी का आधार देशभक्ति, देश में व्याप्त नशीले पदार्थ और हथियारों का क्रय-विक्रय और देश में अस्थिरता फैलाने और देश के दुश्मनों का पर्दाफ़ाश करना है।
वरुण: आमिर खान की इस फ़िल्म में भूमिका क्या है ?
अरुण: इस फ़िल्म में आमिर खान ने एक जाँबाज पुलिस अफसर की भूमिका निभाई है जो देश के दुश्मनों का पर्दाफ़ाश करते हुए इसके मुखिया की असलियत सभी के सामने लाते हैं।
वरुण: इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह की क्या भूमिका है?
अरुण: इस फ़िल्म में नसीरुद्दीन शाह कला प्रेमी हैं जो अपनी कला की आड़ में काले-धंधे चलाते हैं।
वरुण: फिर तो इस रविवार को मैं भी इस फ़िल्म को देखूगा।
प्रश्न 8. आपने उद्यान में माली को काम करते देखा। आपने उसके पास जाकर बातचीत की। इस बातचीत को संवाद रूप में लिखिए। आप सुधीर हैं।
उत्तर:
सुधीर: माली काका राम-राम।
माली: राम-राम बेटा! अरे सुधीर कैसे हो?
सुधीर: माली काका आप इस उद्यान में कब से काम कर रहे हैं ?
माली: बेटा, मैं यहाँ बीस वर्षों से काम कर रहा हूँ।
सुधीर: आप इस उद्यान को हरा-भरा रखने के लिए बहुत परिश्रम करते होंगे न।
माली: हाँ बेटा, इन पौधों की रखवाली और इनके पेड़ बनने तक देखभाल करने के लिए परिश्रम करना पड़ता है।
सुधीर: यह आम का पेड़ अभी तो बहुत छोटा है। यह कब तक फल देगा?
माली: बेटा यह आम देशी प्रजाति का है जो पाँच साल के बाद ही फल देता है।
सुधीर: माली काका, उस पेड़ के आम काले क्यों पड़ते जा रहे हैं?
माली: सुधरी बेटा, बढ़ते प्रदूषण और ईंट के भट्ठों से निकलने वाले धुएँ के कारण आम के फल पर यह बीमारी हो जाती है। इससे आम काले पड़कर गिर जाते हैं।
सुधीर: माली काका, यह प्रदूषण मनुष्य एवं जीव-जंतुओं के अलावा पेड़-पौधों पर भी असर डालने लगा है। इससे पेड़ पौधे जल्दी मर रहे हैं।
माली: प्रदूषण रोकने के दिशा में युवा पीढ़ी को आगे आना चाहिए।
सुधीर: काका, इस वर्षा ऋतु में मैं भी कई पौधे लगाऊँगा।
माली: पर्यावरण बचाने के लिए यह बहुत अच्छा कदम होगा।
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