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पद परिचय Chapter Notes - Hindi Grammar Class 10

पद परिचय

वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद परिचय- पद व्याख्या या पदान्वय कहते है। पद परिचय में उस शब्द के भेद, उपभेद, लिंग, वचन, कारक आदि के परिचय के साथ, वाक्य में प्रयुक्त अन्य पदो के साथ उसके सम्बन्ध का भी उल्लेख किया जाता है।

जैसे – 

राजेश ने रमेश को पुस्तक दी

राजेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’ के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’ के साथ

रमेश → संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक

पुस्तक → संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक

संज्ञा शब्द का पद परिचय – (Sangya Shabd Ka Pad Parichay)

किसी भी संज्ञा पद के पद परिचय हेतु निम्न 5 बाते बतलानी होती है

  1. संज्ञा का प्रकार
  2. उसका लिंग
  3. वचन
  4. कारक तथा
  5. उस शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध

संज्ञा शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध ‘कारक’ के अनुसार जाना जा सकता है।

जैसे – 

राम पुस्तक पढ़ता है।

उक्त वाक्य में राम तथा ‘पुस्तक’ शब्द संज्ञाएँ हैं। यहाँ इनका पद परिचय उक्त पाँचों बातों के अनुसार निम्नानुसार होगा-

राम : व्यक्तिवाचक संज्ञा, पुल्लिंग, एक वचन, कर्ता कारक, ‘पढ़ता है’ क्रिया का कर्ता।

पुस्तक: जातिवाचक संज्ञा, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्म कारक, ‘पढ़ता है’ क्रिया का कर्म।

सर्वनाम शब्द का पद परिचय – (Sarvanam Shabd Ka Pad Parichay)

किसी सर्वनाम के पद परिचय में भी उन्हीं बातों का उल्लेख करना होगा, जिनका संज्ञा शब्द के पद-परिचय में किया था।

  1. सर्वनाम का प्रकार पुरुष सहित
  2. लिंग
  3. वचन
  4. कारक
  5. क्रिया के साथ सम्बन्ध आदि।

जैसे – 

यह उसकी वही कार है, जिसे कोई चुराकर ले गया था।

इस वाक्य में ‘यह’, ‘उसकी’, ‘जिसे’, तथा ‘कोई’ पद सर्वनाम है।
इनका पद परिचय इस प्रकार होगा-

यह : निश्चयवाचक सर्वनाम, अन्य पुरुष, स्त्रीलिंग, एक वचन, सम्बन्ध कारक, ‘कार’ संज्ञा शब्द से सम्बन्ध।

जिसे : सम्बन्धवाचक सर्वनाम, स्त्रीलिंग, एकवचन कर्मकारक, ‘चुराकर ले गया’ क्रिया का कर्म।

कोई : अनिश्चयवाचक सर्वनाम, अन्यपुरुष, पुल्लिंग एकवचन, कर्ता कारक, ‘चुराकर ले गया क्रिया का कर्ता।

विशेषण शब्द का पद परिचय – (Visheshan Shabd Ka Pad Parichay)

किसी विशेषण शब्द के पद परिचय हेतु निम्न बातों का उल्लेख करना होता है

  1. विशेषण का प्रकार
  2. अवस्था
  3. लिंग
  4. वचन
  5. विशेष्य व उसके साथ सम्बन्ध।

जैसे –

वीर राम ने सब राक्षसों का वध कर दिया।

उक्त वाक्य में ‘वीर’ तथा ‘सब’ शब्द विशेषण हैं, इनका पद-परिचय निम्नानुसार होगा-

वीर: गुणवाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, एकवचन, ‘राम’ विशेष्य के गुण का बोध कराता है।

सब: संख्यावाचक विशेषण, मूलावस्था, पुल्लिंग, बहुवचन, ‘राक्षसों’ विशेष्य की संख्या का बोध कराता है।

क्रिया शब्द का पद परिचय – (Kriya Shabd Ka Pad Parichay in Hindi)

क्रिया शब्द के पद परिचय में क्रिया का प्रकार, लिंग, वचन, वाच्य, काल तथा वाक्य में प्रयुक्त अन्य शब्दांे के साथ सम्बन्ध को बतलाया जाता है।

जैसे – 
(i) राम ने रावण को मारा।

मारा-क्रिया, सकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल।

‘मारा’ क्रिया का कर्ता राम तथा कर्म रावण।

(ii) सवेरे मैं उठा।

उठा-क्रिया, अकर्मक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्तृवाच्य, भूतकाल। उठा क्रिया का कर्ता मैं, कर्म अन्वित।

अव्यय शब्द का पद परिचय – (Avyay Shabd ka Pad Parichay)

अव्यय शब्द चूंकि लिंग, वचन, कारक आदि से प्रभावित नहीं होता अतः इनके पद परिचय में केवल अव्यय शब्द के प्रकार, उसकी विशेषता या सम्बन्ध ही बताया जाता है।

(1) क्रियाविशेषण – क्रियाविशेषण के भेद (रीतिवाचक, स्थानवाचक, कालवाचक, परिमाणवाचक) उस क्रिया का उल्लेख, जिसकी विशेषता बताई जा रही हो।

जैसे – 

मैं भीतर बैठी थी और बच्चे धीरे-धीरे पढ़ रहे थे।

भीतर – क्रियाविशेषण, स्थानवाचक क्रियाविशेषण, ‘बैठी’ क्रिया के स्थान की विशेषता।

धीरे-धीरे - क्रियाविशेषण, रीतिवाचक क्रियाविशेषण, ‘पढ़ रहे थे’ क्रिया की रीति की विशेषता।

(2) संबंधबोधक –  संबंधबोधक के भेद, किस संज्ञा/सर्वनाम से संबंद्ध है।

जैसे – 
कुरसी के नीचे बिल्ली बैठी है।
के बीच – संबंधबोधक, ‘कुरसी’ और ‘बिल्ली’ इसके संबंधी शब्द हैं।

(3) समुच्चयबोधक –  भेदों का उल्लेख, जुड़ने वाले पदों का उल्लेख।

जैसे –
तुम काॅपी और किताब ले लो लेकिन फाड़ना नहीं।

और – समुच्चयबोधक (समानाधिकरण) काॅपी-किताब शब्दों का संबंध करने वाला।

लेकिन – भेद दर्शक (विरोध-दर्शक) तुम…………ले लो तथा ‘फाड़ना नहीं’ इन दो वाक्यों को जोड़ता है।

(4) विस्मयादिबोधक – भेदों और भावों का उल्लेख।

जैसे –
वाह! कितना सुंदर बग़ीचा है। ठीक! मैं रोज़ आऊँगा

वाह! – विस्मयादिबोधक, हर्ष – उल्लास

ठीक! – विस्मयादिबोधक, स्वीकार बोधक

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