प्रत्यय
वे शब्दांश जो किसी शब्द के अंत में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नये अर्थ का बोध कराते हैं, उन्हें प्रत्यय कहते हैं |
जैसे -
- मिल + आवट = मिलावट
- समाज + इक = सामाजिक
- सुगन्ध + इत = सुगन्धित
- पढ़ + आकू = पढ़ाकू
प्रत्यय के प्रकार (Pratyay ke Prakar)
हिंदी में प्रत्यय तीन प्रकार के होते हैं –
- संस्कृत प्रत्यय
- विदेशी प्रत्यय
- हिंदी प्रत्यय

1. संस्कृत प्रत्यय (Sanskrit Pratyay)
‘इक’ प्रत्यय (Pratyay) →
- ‘इक’ प्रत्यय लगने पर शब्द के प्रारंभिक स्वर में इस प्रकार परिवर्तन होते है-
अ = आ
इ, ई, ए = ऐ
उ, ऊ, ओ = औ
ऋ = आर्
जैसे –
- मनस् + इक = मानसिक
- व्यवहार + इक = व्यावहारिक
- समूह + इक = सामूहिक
- नीति + इक = नैतिक
- भूगोल + इक = भौगोलिक
‘एय’ प्रत्यय →
शब्द के अन्तिम वर्ण के स्वर को हटाकर उसमें ‘एय’ प्रत्यय जोड़ दिया जाता है | तथा ‘इक’ प्रत्यय की तरह शब्द के प्रथम स्वर में परिवर्तन कर देता है |
जैसे –
- अग्नि + एय = आग्नेय
- गंगा + एय = गांगेय (भीष्म)
- राधा + एय = राधेय (कर्ण)
‘ईय’ प्रत्यय →
- भारत + ईय = भारतीय
- मानव + ईय = मानवीय
2. विदेशी प्रत्यय (Videshi Pratyay)
‘गर’ प्रत्यय
- जादू + गर = जादूगर
- बाज़ी + गर = बाज़ीगर
‘इश’ प्रत्यय
- फ़रमा + इश = फ़रमाइश
- पैदा + इश = पैदाइश
‘दान’ प्रत्यय →
- रोशन + दान = रोशनदान
- इत्र + दान = इत्रदान
(स्थान) ‘गाह’ Pratya →
- बंदर + गाह = बंदरगाह
- दर + गाह = दरगाह
‘गीर’ प्रत्यय →
- राह + गीर = राहगीर
- उठाई + गीर = उठाईगीर
3. हिंदी प्रत्यय (Hindi Pratyay)
- कृत प्रत्यय
- तद्धित प्रत्यय
संज्ञा की रचना करने वाले कृत प्रत्यय →
‘न’ प्रत्यय → (Na – Pratyay)
- बेल + न = बेलन
- चंद + न = चंदन
‘आ’ प्रत्यय – (Aa Pratyay)→
- मेल + आ = मेला
- झूल + आ = झूला
विशेषण की रचना करने वाले कृत प्रत्यय →
‘आलु’ प्रत्यय →
- दया + आलु = दयालु
- श्रद्धा + आलु = श्रद्धालु
‘ऊ’ प्रत्यय →
- चाल + ऊ = चालू
- डाक + ऊ = डाकू
(i) कृत प्रत्यय (Krit Pratyay)
वे प्रत्यय जो धातु अथवा क्रिया के अन्त में लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं उन्हें कृत प्रत्यय कहते हैं | कृत प्रत्ययों से संज्ञा तथा विशेषण शब्दों की रचना होती है |
कृत् प्रत्यय के प्रकार (Krit Pratyay ke Prakar)
- कृत वाचक
- कर्म वाचक
- करण वाचक
- भाव वाचक
- क्रिया वाचक
(a) कृत वाचक
‘हार’ Pratya →
- पालन + हार = पालनहार
- ‘चख’ (चाखन) + हार = चाखनहार
‘ता’ प्रत्यय →
- दा + ता = दाता
- ज्ञा + ता = ज्ञाता
‘अक्कड़’ प्रत्यय →
- भूल + अक्कड़ = भुलक्कड़
- घूम + अक्कड़ = घुमक्कड़
(b) कर्म वाचक कृत प्रत्यय
जैसे – खेल + औना = खिलौना
‘ना’ Pratya
- गा + ना = गाना
- दा + ना = दाना
(c) करण वाचक कृत प्रत्यय
जैसे –
‘नी’ प्रत्यय
- लेख + नी = लेखनी
- कतर + नी = कतरनी
‘अन’ प्रत्यय
‘ऊ’ प्रत्यय
‘ई’ Pratya
(d) भाव वाचक कृत प्रत्यय
‘आऊ’ प्रत्यय
- बिक + आऊ = बिकाऊ
- टिक + आऊ = टिकाऊ
‘आई’ प्रत्यय
- लड़ + आई = लड़ाई
- चढ़ + आई = चढ़ाई
‘ई’ प्रत्यय
- बोल + ई = बोली
- धमक + ई = धमकी
(e) क्रियावाचक कृत प्रत्यय
‘कर’ प्रत्यय
- देख + कर = देखकर
- सुन + कर = सुनकर
‘ता’ Pratya
- खा + ता = खाता
- लिख + ता = लिखता
(ii) तद्धित प्रत्यय (Tadhit Pratyay)
क्रिया को छोड़कर संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि में जुड़कर नए शब्द बनाने वाले प्रत्यय तद्धित प्रत्यय कहलाते हैं |
जैसे –
- मानव + ता = मानवता
- जादू + गर = जादूगर
- बाल + पन = बालपन
- लिख + आई = लिखाई
तद्धित प्रत्यय के प्रकार (Tadhit Pratyay ke Prakar)
- कर्त्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
- भाववाचक तद्धित प्रत्यय
- सम्बन्ध वाचक तद्धित प्रत्यय
- गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
- स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
- ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय
- स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय
(a) कर्त्तृवाचक तद्धित प्रत्यय
‘आर’ Pratya →
- सोना + आर = सुनार
- कुम्ह + आर = कुम्हार
- गाँव + आर = गँवार
‘ई’ Pratya →
- तेल + ई = तेली
- भेद + ई = भेदी
‘वाला’ Pratya →
- टोपी + वाला = टोपीवाला
- गाड़ी + वाला = गाड़ीवाला
(b) भाववाचक तद्धित प्रत्यय
जैसे –
- आहट – कडवाहट
- ता – सुन्दरता, मानवता, दुर्बलता
- आपा – मोटापा, बुढ़ापा
(c) सम्बन्ध वाचक तद्धित प्रत्यय
‘इक’ Pratya →
- समाज + इक = सामाजिक
- शरीर + इक = शारीरिक
‘आलु’ प्रत्यय→
- कृपा + आलु = कृपालु
- दया + आलु = दयालु
‘ईला’ Pratya →
- रंग + ईला = रंगीला
- ज़हर + ईला = ज़हरीला
(d) गुणवाचक तद्धित प्रत्यय
जैसे –
- वान – गुणवान, धनवान, बलवान
- ईय – भारतीय, राष्ट्रीय, नाटकीय
- आ – सूखा, रुखा, भूखा
(e) स्थानवाचक तद्धित प्रत्यय
जैसे –
- वाला – शहरवाला, गाँववाला, कस्बेवाला
- इया – उदयपुरिया, जयपुरिया, मुंबइया
- ई – रूसी, चीनी, राजस्थानी
(f) ऊनतावाचक तद्धित प्रत्यय
‘इया’ प्रत्यय
- लाठी + इया = लठिया
- लोटा + इया = लुटिया
‘ई’ प्रत्यय
- टोकरा + ई = टोकरी
- नाला + ई = नाली
‘ओला’ प्रत्यय
- खाट + ओला = खटोला
- बात + ओला = बतोला
(g) स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय
जैसे –
- आइन – पंडिताइन, ठकुराइन
- इन – मालिन, कुम्हारिन, जोगिन
- नी – मोरनी, शेरनी, नन्दनी
- आनी – सेठानी, पटरानी, जेठानी