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हार की जीत Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6 PDF Download

परिचय

"हार की जीत" कहानी सुदर्शन जी द्वारा लिखी गई है। यह कहानी मानवीय संवेदनाओं और विश्वास की शक्ति पर आधारित है। इस कहानी में बाबा भारती और खड्गसिंह के चरित्र के माध्यम से यह दिखाया गया है कि किस प्रकार विश्वास और सच्चाई की जीत होती है।

कहानी का सार

श्री सुदर्शन द्वारा लिखित कहानी ‘हार की जीत’ में एक डाकू के हृदय परिवर्तन की घटना का वर्णन किया गया है। है। बाबा भारती के पास एक बहुत सुंदर घोड़ा था। उसकी मशहूरी दूर-दूर तक फैल गई थी। बाबा भारती सब कुछ छोड़कर साधु बन गये थे, परंतु घोड़े को छोड़ना उनके वश में न था। वे उसे ‘सुलतान’ कह कर पुकारते थे। संध्या के समय वे सुलतान पर चढ़कर आठ-दस मील का चक्कर लगा लेते थे। उस इलाके के मशहूर डाकू खड्गसिंह के कानों में भी सुलतान की चर्चा पहुँची। वह उसे देखने के लिए बेचैन हो उठा और एक दिन दोपहर के समय बाबा भारती के पास पहुँचा। उन्हें नमस्कार करके बैठ गया। बाबा भारती ने उससे पूछा कि कहो खड्गसिंह क्या हाल है ? इधर कैसे आना हुआ ? खड्गसिंह ने कहा, कि आपकी कृपा है।

सुलतान को देखने की चाह मुझे यहाँ खींच लाई। इस पर बाबा भारती ने उत्तर दिया कि सचमुच घोड़ा बाँका है। उन्होंने खड्गसिंह को अस्तबल में ले जाकर घोड़ा दिखाया। खड्गसिंह उस पर लट्टू हो गया। वह मन ही मन सोचने लगा कि ऐसा घोड़ा तो उसके पास होना चाहिए था । वहाँ से जाते-जाते वह बोला कि बाबा जी ! मैं यह घोड़ा आपके पास न रहने दूँगा। यह सुनकर बाबा भारती को डर के मारे अब नींद न आती । वे सारी रात अस्तबल में घोड़े की रखवाली में बिताते।

एक दिन संध्या के समय बाबा भारती घोड़े पर सवार होकर घूमने जा रहे थे। अचानक उन्हें एक आवाज़ सुनाई दी- ” ओ बाबा ! इस कंगले की बात सुनते जाना।” उन्होंने देखा एक अपाहिज वृक्ष के नीचे बैठा कराह रहा है। बाबा भारती ने पूछा, तुम्हें क्या तकलीफ है? वह बोला, मैं दुखी हूँ। मुझे पास के रामावाला गाँव जाना है। मैं दुर्गादत्त वैद्य का सौतेला भाई हूँ। मुझे घोड़े पर चढ़ा लो।

हार की जीत Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6

बाबा भारती ने उस अपाहिज को घोड़े पर चढ़ा लिया और स्वयं लगाम पकड़कर चलने लगा। अचानक लगाम को झटका लगा और लगाम उनके हाथ से छूट गई। अपाहिज घोड़े पर तनकर बैठ गया । अपाहिज के वेश में वह खड्गसिंह था। बाबा भारती के मुँह से चीख निकल गई। बाबा भारती थोड़ी देर चुप रहने के बाद चिल्लाकर बोले, “खड्गसिंह मेरी बात सुनते जाओ।” वह कहने लगा, “बाबा जी अब घोड़ा न दूँगा ।’

बाबा भारती बोले – ” घोड़े की बात छोड़ो । अब मैं घोड़े के बारे में कुछ न कहूँगा। मेरी एक प्रार्थना है कि इस घटना के बारे में किसी से कुछ न कहना, क्योंकि लोगों को यदि इस घटना का पता चल गया तो वे किसी दीन-हीन गरीब पर विश्वास न करेंगे।” बाबा भारती सुलतान की ओर से मुँह मोड़कर ऐसे चले गए मानो उसके साथ उनका कोई संबंध न था ।

बाबा जी के उक्त शब्द खड्गसिंह के कानों में गूँजते रहे। एक रात खड्गसिंह घोड़ा लेकर बाबा भारती के मंदिर में पहुँचा, चारों ओर खामोशी थी। अस्तबल का फाटक खुला था। उसने सुलतान को वहाँ बाँध दिया और फाटक बंद करके चल दिया। उसकी आँखों से पश्चाताप के आँसू बह रहे थे। रात के आखिरी पहर में बाबा भारती स्नान आदि के बाद अचानक ही अस्तबल की ओर चल दिए पर फाटक पर पहुँचकर उन्हें वहाँ सुलतान के न होने की बात याद आई तो उनके पैर स्वयं रुक गए। तभी उन्हें अस्तबल से सुल्तान के हिनहिनाने की आवाज़ सुनाई दी। वे प्रसन्नता से दौड़ते हुए अंदर आए और सुलतान से ऐसे लिपट गए जैसे कोई पिता अपने बिछुड़े हुए पुत्र से मिल रहा हो और बोले कि अब कोई गरीबों की सहायता से मुँह नहीं मोड़ेगा ।

हार की जीत Chapter Notes | Hindi (Vasant) Class 6

कहानी की मुख्य घटनाएं

  • बाबा भारती का अपने घोड़े सुलतान से अत्यधिक प्रेम।
  • खड्गसिंह का सुलतान को देखने की इच्छा और बाबा भारती से मिलना।
  • खड्गसिंह द्वारा सुलतान को धोखे से चुराना।
  • बाबा भारती की प्रार्थना कि घटना को किसी के सामने प्रकट न किया जाए।
  • खड्गसिंह का सुलतान को वापस लाकर बाबा भारती के अस्तबल में बांधना।
  • बाबा भारती का सुलतान को देखकर खुश होना और विश्वास की शक्ति का अनुभव करना।

कहानी से शिक्षा

  • सच्चाई और विश्वास की हमेशा जीत होती है, चाहे परिस्थितियाँ कैसी भी हों।
  • कहानी यह सिखाती है कि दूसरों के प्रति दया और सच्चाई का व्यवहार करना सबसे महत्वपूर्ण है।

शब्दावली

  • लहलहाते: हरे-भरे
  • अर्पण: समर्पण
  • भ्रांति: गलतफहमी
  • अधीर: बेताब
  • वस्तु: चीज़
  • अस्वीकार: नकारना
  • पवित्र: शुद्ध
  • पश्चाताप: पछतावा

निष्कर्ष

"हार की जीत" कहानी यह संदेश देती है कि जीवन में सच्चाई और विश्वास महत्वपूर्ण हैं। चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों, हमें सच्चाई का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। बाबा भारती और खड्गसिंह की कहानी हमें यह सिखाती है कि विश्वास और सच्चाई के सामने कोई भी कठिनाई टिक नहीं सकती। विश्वास और सच्चाई की शक्ति हमेशा जीतती है।

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FAQs on हार की जीत Chapter Notes - Hindi (Vasant) Class 6

1. कहानी का सार क्या है?
उत्तर: कहानी का सार यह है कि हार और जीत दोनों ही जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से हैं और हार से हमें कुछ सिखने का मौका मिलता है।
2. शब्दावली क्या है?
उत्तर: शब्दावली का अर्थ है किसी भाषा में उपयोग होने वाले शब्दों का समूह।
3. निष्कर्ष क्या है?
उत्तर: निष्कर्ष वह सिद्धांत है जो किसी विचार या कहानी से निकलता है और समस्या का समाधान देता है।
4. कहानी के पात्रों के बारे में और क्या बताया गया है?
उत्तर: कहानी के पात्रों के आदर्श, गुण, और कृतित्व के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है।
5. कक्षा 6 के विद्यार्थियों के लिए इस कहानी का महत्व क्या है?
उत्तर: इस कहानी से विद्यार्थियों को हार और जीत के महत्व को समझने में मदद मिलती है और उन्हें सामाजिक और मानसिक दृष्टिकोण से मजबूत बनाती है।
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