1. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए
एवरेस्ट अभियान दल 7 मार्च को दिल्ली से काठमांडू के लिए हवाई जहाज़ से चल दिया। एक मज़बूत अग्रिम दल बहुत पहले ही चला गया था जिससे कि वह हमारे “बेस कैंप’ पहुँचने से पहले दुर्गम हिमपात के रास्ते को साफ़ कर सके।
नमचे बाज़ार, शेरपालैंड का एक सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र है। अधिकांश शेरपा इसी स्थान तथा यहीं के आसपास के गाँवों के होते हैं। यह नमचे बाज़ार ही था, जहाँ से मैंने सर्वप्रथम एवरेस्ट को निहारा, जो नेपालियों में ‘सागरमाथा’ के नाम से प्रसिद्ध है। मुझे यह नाम अच्छा लगा।
प्रश्न 1: एवरेस्ट अभियान दल दिल्ली से कब रवाना हुआ?
(क) 6 मार्च
(ख) 7 मार्च
(ग) 8 मार्च
(घ) 9 मार्च
उत्तर: (ख) 7 मार्च
प्रश्न 2: निम्न में से कौन सा क्षेत्र शेरपालैंड का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण नगरीय क्षेत्र है?
(क) नमचे बाजार
(ख) काठमांडू
(ग) ल्होत्से
(घ) पैरिच
उत्तर: (क) नमचे बाजार
प्रश्न 3: अधिकांश शेरपा कहां के रहने वाले थे?
(क) नमचे बाजार
(ख) काठमांडू
(ग) ल्होत्से
(घ) पैरीच
उत्तर: (क) नमचे बाजार
प्रश्न 4: सागरमाथा नाम से कौन सा क्षेत्र प्रसिद्ध था?
(क) काठमांडू
(ख) नमचे बाजार
(ग) ल्होत्से
(घ) पैरीच
उत्तर: (ख) नमचे बाजार
2. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
एवरेस्ट की तरफ़ गौर से देखते हुए, मैंने एक भारी बर्फ़ का बड़ा फूल (प्लूम) देखा, जो पर्वत-शिखर पर लहराता एक ध्वज-सा लग रहा था। मुझे बताया गया कि यह दृश्य शिखर की ऊपरी सतह के आसपास 50 किलोमीटर अथवा इससे भी अधिक की गति से हवा चलने के कारण बनता था, क्योंकि तेज़ हवा से सूखा बर्फ़ पर्वत पर उड़ता रहता था। बर्फ़ का यह ध्वज 10 किलोमीटर या इससे भी लंबा हो सकता था। शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को दक्षिण-पूर्वी पहाड़ी पर इन तूफ़ानों को झेलना पड़ता था, विशेषकर खराब मौसम में। यह मुझे डराने के लिए काफ़ी था, फिर भी मैं एवरेस्ट के प्रति विचित्र रूप से आकर्षित थी और इसकी कठिनतम चुनौतियों का सामना करना चाहती थी।
जब हम 26 मार्च को पैरिच पहुँचे, हमें हिम-स्खलन के कारण हुई एक शेरपा कुली की मृत्यु का दुःखद समाचार मिला। खुंभु हिमपात पर जानेवाले अभियान-दल के रास्ते के बाईं तरफ़ सीधी पहाड़ी के धसकने से, ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ़ की चट्टान नीचे खिसक आई थी। सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु हो गई और चार घायल हो गए थे।
प्रश्न 1: लेखिका ने बर्फ का ध्वज किसको कहा?
(क) खुंभु हिमपात
(ख) भारी बर्फ का प्लूम
(ग) पैरिच
(घ) ल्होत्से
उत्तर: (ख) भारी बर्फ का प्लूम
प्रश्न 2: शिखर पर जानेवाले प्रत्येक व्यक्ति को क्या झेलना पड़ता था?
(क) बर्फ का ध्वज
(ख) बर्फ का तूफान
(ग) बर्फ की बड़ी बड़ी चट्टान
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) बर्फ का ध्वज
प्रश्न 3: सोलह शेरपा कुलियों के दल में से एक की मृत्यु कैसे हुई?
(क) ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ़ की चट्टान नीचे खिसकने से
(ख) सीधी पहाड़ी के धसकने से
(ग) खुम्भु हिमपात से
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) ल्होत्से की ओर से एक बहुत बड़ी बर्फ़ की चट्टान नीचे खिसकने से
प्रश्न 4: लेखिका पैरिच कब पहुंची?
(क) 23 मार्च
(ख) 24 मार्च
(ग) 25 मार्च
(घ) 26 मार्च
उत्तर: (घ) 26 मार्च
3.गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
इस समाचार के कारण अभियान दल के सदस्यों के चेहरों पर छाए अवसाद को देखकर हमारे नेता कर्नल खुल्लर ने स्पष्ट किया कि एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।
उपनेता प्रेमचंद, जो अग्रिम दल का नेतृत्व कर रहे थे, 26 मार्च को पैरिच लौट आए। उन्होंने हमारी पहली बड़ी बाधा खुंभु हिमपात की स्थिति से हमें अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि उनके दल ने कैंप एक (6000 मी.), जो हिमपात के ठीक ऊपर है, वहाँ तक का रास्ता साफ़ कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि पुल बनाकर, रस्सियाँ बाँधकर तथा झंडियों से रास्ता चिह्नित कर, सभी बड़ी कठिनाइयों का जायजा ले लिया गया है। उन्होंने इस पर भी ध्यान दिलाया कि ग्लेशियर बर्फ़ की नदी है और बर्फ़ का गिरना अभी जारी है। हिमपात में अनियमित और अनिश्चित बदलाव के कारण अभी तक के किए गए सभी काम व्यर्थ हो सकते हैं और हमें रास्ता खोलने का काम दोबारा करना पड़ सकता है।
प्रश्न 1: लेखिका के नेता का क्या नाम था?
(क) कर्नल खुल्लर
(ख) कर्नल सोनाराम
(ग) कर्नल प्रेमचंद
(घ) डॉक्टर मीनू मेहता
उत्तर: (क) कर्नल खुल्लर
प्रश्न 2: लेखिका के उपनेता का क्या नाम था?
(क) कर्नल खुल्लर
(ख) कर्नल सोनाराम
(ग) कर्नल प्रेमचंद
(घ) डॉक्टर मीनू मेहता
उत्तर: (ग) कर्नल प्रेमचंद
प्रश्न 3: उपनेता प्रेमचंद पैरिच कब लौट के आ गए?
(क) 23 मार्च
(ख) 24 मार्च
(ग) 25 मार्च
(घ) 26 मार्च
उत्तर: (घ) 26 मार्च
प्रश्न 4: उपनेता प्रेमचंद ने लेखिका को किस बात से अवगत कराया?
(क) खुंभु हिमपात
(ख) भारी बर्फ का प्लूम
(ग) पैरिच
(घ) ल्होत्से
उत्तर: (क) खुंभु हिमपात
4. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
“बेस कैंप’ में पहुँचने से पहले हमें एक और मृत्यु की खबर मिली। जलवायु अनुकूल न होने के कारण एक रसोई सहायक की मृत्यु हो गई थी। निश्चित रूप से हम आशाजनक स्थिति में नहीं चल रहे थे।
एवरेस्ट शिखर को मैंने पहले दो बार देखा था, लेकिन एक दूरी से। बेस कैंप पहुँचने पर दूसरे दिन मैंने एवरेस्ट पर्वत तथा इसकी अन्य श्रेणियों को देखा। मैं भौचक्का होकर खड़ी रह गई और एवरेस्ट, ल्होत्से और नुत्से की ऊँचाइयों से घिरी, बर्फ़ीली टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही। हिमपात अपने आपमें एक तरह से बर्फ़ के खंडों का अव्यवस्थित ढंग से गिरना ही था। हमें बताया गया कि ग्लेशियर के बहने से अकसर बर्फ़ में हलचल हो जाती थी, जिससे बड़ी-बड़ी बर्फ़ की चट्टानें तत्काल गिर जाया करती थीं और अन्य कारणों से भी अचानक प्राय: खतरनाक स्थिति धारण कर लेती थीं। सीधे धरातल पर दरार पड़ने का विचार और इस दरार का गहरे-चौड़े हिम-विदर में बदल जाने का मात्र खयाल ही बहुत डरावना था। इससे भी ज़्यादा भयानक इस बात की जानकारी थी कि हमारे संपूर्ण प्रवास के दौरान हिमपात लगभग एक दर्जन आरोहियों और कुलियों को प्रतिदिन छूता रहेगा।
दूसरे दिन नए आनेवाले अपने अधिकांश सामान को हम हिमपात के आधे रास्ते तक ले गए। डॉ. मीनू मेहता ने हमें अल्यूमिनियम की सीढ़ियों से अस्थायी पुलों का बनाना, लट्टों और रस्सियों का उपयोग, बर्फ़ की आड़ी-तिरछी दीवारों पर रस्सियों को बाँधना और हमारे अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में हमें विस्तृत जानकारी दी।
प्रश्न 1: बेस कैंप पहुंचने से पहले लेखिका को कौन सी बुरी खबर मिली?
(क) रसोई सहायक की मृत्यु
(ख) नेता की मृत्यु
(ग) उपनेता की मृत्यु
(घ) शेरपा की मृत्यु
उत्तर: (क) रसोई सहायक की मृत्यु
प्रश्न 2: लेखिका के रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?
(क) दुर्घटना से
(ख) पोलर बियर के हमला करने से
(ग) प्रतिकूल जलवायु से
(घ) फूड प्वाइजनिंग से
उत्तर: (ग) प्रतिकूल जलवायु से
प्रश्न 3: बेसकैंप पहुंचने से पहले लेखिका ने एवरेस्ट को कितनी बार देखा था?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5
उत्तर: (क) 2
प्रश्न 4: लेखिका के अग्रिम दल के अभियांत्रिकी कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी किसने दी?
(क) कर्नल खुल्लर
(ख) कर्नल सोनाराम
(ग) कर्नल प्रेमचंद
(घ) डॉक्टर मीनू मेहता
उत्तर: (घ) डॉक्टर मीनू मेहता
5. गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
तीसरा दिन हिमपात से कैंप-एक तक सामान ढोकर चढ़ाई का अभ्यास करने के लिए निश्चित था। रीता गोंबू तथा मैं साथ-साथ चढ़ रहे थे। हमारे पास एक वॉकी-टॉकी था, जिससे हम अपने हर कदम की जानकारी बेस कैंप पर दे रहे थे। कर्नल खुल्लर उस समय खुश हुए, जब हमने उन्हें अपने पहुँचने की सूचना दी क्योंकि कैंप-एक पर पहुँचनेवाली केवल हम दो ही महिलाएँ थीं। अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा अंतत: साउथ कोल पहुँच गए और 29 अप्रैल को 7900 मीटर पर उन्होंने केंप-चार लगाया। यह संतोषजनक प्रगति थी।
जब अप्रैल में मैं बेस कैंप में थी, तेनजिंग अपनी सबसे छोटी सुपुत्री डेकी के साथ हमारे पास आए थे। उन्होंने इस बात पर विशेष महत्त्व दिया कि दल के प्रत्येक सदस्य और प्रत्येक शेरपा कुली से बातचीत की जाए। जब मेरी बारी आई, मैंने अपना परिचय यह कहकर दिया कि मैं बिलकुल ही नौसिखिया हूँ और एवरेस्ट मेरा पहला अभियान है। तेनजिंग हँसे और मुझसे कहा कि एवरेस्ट उनके लिए भी पहला अभियान है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि शिखर पर पहुँचने से पहले उन्हें सात बार एवरेस्ट पर जाना पड़ा था। फिर अपना हाथ मेरे कंधे पर रखते हुए उन्होंने कहा, “तुम एक पक्की पर्वतीय लड़की लगती हो। तुम्हें तो शिखर पर पहले ही प्रयास में पहुँच जाना चाहिए।”
5-6 मई 1984 को बुद्ध पूर्णिमा के दिन मैं ल्होत्से की बफ़ीली सीधी ढलान पर लगाए गए सुंदर रंगीन नाइलॉन के बने तंबू के कैंप-तीन में थी। कैंप में 10 और व्यक्ति थे।
प्रश्न 1: कैंप एक पर कितनी महिलाएं पहुंची थी?
(क) 2
(ख) 3
(ग) 4
(घ) 5
उत्तर: (क) 2
प्रश्न 2: लेखिका के साथ और कौन कैंप 1 पर पहुंचा था?
(क) नेता खुल्लर
(ख) रीता गोंबू
(ग) डॉक्टर मीनू मेहता
(घ) डेकी
उत्तर: (ख) रीता गोंबू
प्रश्न 3: कैंप चार किसने लगाया?
(क) नेता खुल्लर, अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा
(ख) लेखिका, अंगदोरजी, नेता खुल्लर, लोपसांग और गगन बिस्सा
(ग) अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा
(घ) रीता गोंबू, डेकी, लेखिका, नेता खुल्लर
उत्तर: (ग) अंगदोरजी, लोपसांग और गगन बिस्सा
प्रश्न 4: तेनजिंग की सबसे छोटी बेटी का क्या नाम था?
(क) रीता गोंबू
(ख) डेकी
(ग) अंगदोरजी
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ख) डेकी
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