प्रश्न क. मनुष्य को कैसी वाणी बोलनी चाहिए?
उत्तर :- मनुष्य को मीठी वाणी बोलनी चाहिए|
प्रश्न ख. मीठी वाणी बोलने से सुनने वालों पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर :- मीठी वाणी बोलने से सुनने वालों को सुख और शान्ति प्राप्त होती है|
प्रश्न ग. मृग कस्तूरी को कहाँ ढूँढता रहता है?
उत्तर :- मृग कस्तूरी को जंगल में ढूँढता रहता है|
प्रश्न घ. अज्ञानी व्यक्ति ईश्वर को कहाँ-कहाँ ढूँढता है?
उत्तर :- अज्ञानी व्यक्ति ईश्वर को विभिन्न धार्मिक स्थानों में ढूँढता रहता है|
प्रश्न क. मनुष्य को ईश्वर की प्राप्ति कब होती है?
उत्तर :- जब मनुष्य के मन से अंहकार का नाश होता है तब ईश्वर की प्राप्ति होती है|
प्रश्न ख. दीपक जलाने से क्या होता है?
उत्तर :- दीपक जलाने से आस-पास का अन्धकार मिट जाता है और प्रकाश फ़ैल जाता है|
प्रश्न ग. कबीर के अनुसार दुनिया क्यों सुखी है?
उत्तर :- कबीर के अनुसार दुनिया इसलिए सुखी है क्योंकि वो केवल खाने और सोने का काम करती है, उन्हें किसी प्रकार की चिंता नहीं है|
प्रश्न घ. कबीर क्यों दुखी हैं?
उत्तर :- कबीर इसलिए दुखी हैं क्योंकि प्रभु को पाने की आशा में हमेशा चिंता में रहते हैं।
प्रश्न क. किस स्थिति में व्यक्ति पर कोई मन्त्र का असर नहीं होता?
उत्तर :- जब किसी मनुष्य के शरीर के अंदर अपने प्रिय से बिछड़ने का साँप बसता है तब उसपर कोई मन्त्र का असर नहीं होता|
प्रश्न ख. ईश्वर वियोगी की हालत कैसी हो जाती है?
उत्तर :- ईश्वर वियोगी की दशा पागलों की तरह हो जाती है?
प्रश्न ग. निंदा करने वाले व्यक्ति को कहाँ रखना चाहिए?
उत्तर :- निंदा करने वाले व्यक्ति को सदा अपने पास रखना चाहिए|
प्रश्न घ. हम बिन साबुन-पानी के निर्मल कैसे रह सकते हैं?
उत्तर :- निंदक को सदा अपने पास रखकर हम बिन साबुन-पानी के निर्मल रह सकते हैं|
प्रश्न क. कबीर के अनुसार कौन ज्ञानी नहीं बन पाया?
उत्तर :- कबीर के अनुसार मोटी-मोटी पुस्तकें पढ़ने वाले व्यक्ति ज्ञानी नहीं बन पाए|
प्रश्न ख. कबीर के अनुसार पंडित कौन है?
उत्तर :- कबीर के अनुसार जिसने प्रभु का एक अक्षर भी पढ़ लिया है, वह पंडित है|
प्रश्न ग. कबीर ने ज्ञान कैसे प्राप्त किया है?
उत्तर :- कबीर ने मोह-माया रूपी घर को जलाकर ज्ञान प्राप्त किया है|
प्रश्न घ. कबीर के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिए क्या करना होगा?
उत्तर :- कबीर के अनुसार ज्ञान प्राप्त करने के लिए मोह-माया के बंधनों से आजाद होना होगा|
प्रश्न 1. मीठी वाणी बोलने से क्या होता है?
उत्तर :- मीठी वाणी बोलने से सुनने वाले के मन से क्रोध और घृणा की भावना का नाश होता हैं। साथ ही खुद के तन और अपने हृदय को भी शीतलता मिलता है।
प्रश्न 2. मृग कस्तूरी को वन में क्यों ढूँढता रहता है?
उत्तर :- कस्तूरी हिरण के नाभि में होती है परन्तु इस बात से अनजान हिरन कस्तूरी के सुगंध में मोहित होकर वन में ढूँढता रहता है|
प्रश्न 3. ईश्वर कहाँ निवास करता है और मनुष्य उसे कहाँ ढूँढता है?
उत्तर :- ईश्वर प्रत्येक मनुष्य के हृदय में निवास करता है परन्तु अज्ञानता के कारण मनुष्य उसे देख नहीं पाता इसलिए मनुष्य ईश्वर को मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारे और तीर्थ स्थलों में जाकर ढूँढता है।
प्रश्न 4. हमें निंदक को अपने पास क्यों रखना चाहिए?
उत्तर :- हमें निंदक को अपने पास रखना चाहिए क्योंकि वे हमारे बुराइयों को बतायेंगे जिसे सुनकर हम उन बुराइयों को दूर कर पायेंगे| इस तरह हमारा स्वभाव बिना साबुन-पानी के स्वच्छ हो जाएगा|
प्रश्न 5. कबीर की साखियों का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर :- कबीर की साखियों का मुख्य उद्देश्य जीवन को सही तरीके से जीने की शिक्षा देना है| कबीर ने इन साखियों में अपने प्रत्यक्ष ज्ञान का संकलन किया है जिससे मनुष्य जीवन के आदर्श मूल्यों को सीख सकता है| इनमें कबीर ने आडंबरों पर गहरी चोट की है और जीवन वास्तविक उद्देश्य यानी ईश्वर को जानने पर ध्यान दिया है|
प्रश्न 6. कबीर के अनुसार सच्चा ज्ञान क्या है?
उत्तर :- कबीर के अनुसार पुस्तकों द्वारा पाया गया ज्ञान व्यर्थ है| सच्चा ज्ञान ईश्वर को जानना है क्योंकि वही एकमात्र सत्य है और कण-कण में व्याप्त है|
प्रश्न 7. 'ज्ञान प्राप्ति' का मार्ग कठिन क्यों है?
उत्तर :- 'ज्ञान प्राप्ति' का मार्ग कठिन इसलिए है क्योंकि इसपर चलने के लिए हमें मोह-माया के बंधनों से आजाद होना पड़ता है| सुख और इससे जुड़ी सामग्री का त्याग करना पड़ता है|
प्रश्न 8. कबीर के अनुसार, इस संसार में कौन दुःखी है, कौन सुखी?
उत्तर :- कबीर के अनुसार, इस संसार में सुखी वह है, जो अज्ञानी है। वह इस संसार को सत्य मानकर इसे भोगता है और सुख अनुभव करता है। दूसरी ओर जो प्रभु के रहस्य को जान लेता है। वह विरह के कारण दिन-रात तड़पता है इसलिए वह दुःखी है।
प्रश्न 9. कौन सा दीपक दिखाई देने पर कैसा अंधकार मिट गया?
उत्तर :- कबीर के अनुसार ज्ञान रूपी दिखाने से अज्ञान रूपी अन्धकार मिट जाता है| जब तक मनुष्य अज्ञान रहता है तब तक उसमें अहंकार और अन्य बुराइयाँ भी होती हैं। लेकिन जैसे ही उसके हृदय में ज्ञान रूपी दीपक जलता है यानी ज्ञान प्राप्त होता है उसका अज्ञान रुपी अंधकार खत्म हो जाता है।
प्रश्न 10. कबीर की उद्धत साखियों की भाषा की विशेषता स्पष्ट कीजिए|
उत्तर :- कबीर की साखियों की भाषा जन साधारण की भाषा है| नीतिपरक साखियाँ जनमानस का जीने की कला सिखाती हैं| साखियों में अवधि, राजस्थानी, भोजपुरी और पंजाबी भाषा का प्रयोग हुआ है| कबीर की भाषा को सधुक्कड़ी भी कहा जाता है| गहन शिक्षा के कारण ये दोहे आज भी प्रचलित हैं|
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1. कबीर की साखियाँ किस भाषा में लिखी गई हैं? |
2. कबीर के द्वारा उचित संदेश क्या है? |
3. कबीर की साखियाँ किस धर्म के अनुयायी उनके शिष्य थे? |
4. कबीर की साखियाँ के अनुसार कौन-कौन सा विचार प्रमुख है? |
5. कबीर की साखियाँ के कितने भाग हैं और उनमें कितनी साखियाँ हैं? |
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