प्रश्न.1. गर्म जल प्राप्त करने के लिए हम सौर जल तापक का उपयोग किस दिन नहीं कर सकते?
(a) धूप वाले दिन
(b) बादलों वाले दिन
(c) गर्म दिन
(d) पवनों (वायु) वाले दिन
सही उत्तर (b) बादलों वाले दिन
क्योंकि बादलों वाले दिन सौर विकिरण की उपलब्धता सीमित (निम्नतम) होगी तथा सौर जल तापक कार्य नहीं करेगा।
प्रश्न.2. निम्नलिखित में से कौन जैव मात्रा ऊर्जा स्रोत का उदाहरण नहीं है?
(a) लकड़ी
(b) गोबर गैस
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) कोयला
सही उत्तर (c) नाभिकीय ऊर्जा
इसके अतिरिक्त (a), (b) व (d) जैव मात्रा से प्राप्त ईंधन हैं।
प्रश्न.3. जितने ऊर्जा स्रोत हम उपयोग में लाते हैं, उनमें से अधिकांश सौर ऊर्जा को निरूपित करते हैं। निम्नलिखित में से कौन-सा स्रोत अंततः सौर ऊर्जा से व्युत्पन्न नहीं है?
(a) भूतापीय ऊर्जा
(b) पवन ऊर्जा
(c) नाभिकीय ऊर्जा
(d) जैव मात्रा
सही उत्तर (c) नाभिकीय ऊर्जा
केवल यह ही सौर ऊर्जा का उपयोग नहीं करती है, बल्कि नाभिकीय अभिक्रियाओं के फलस्वरूप नाभिकीय ऊर्जा का उत्पादन होता है।
प्रश्न.4. ऊर्जा स्रोत के रूप में जीवाश्मी ईंधनों तथा सूर्य की तुलना कीजिए और उनमें अंतर लिखिए।
प्रश्न.5. जैव मात्रा तथा ऊर्जा स्रोत के रूप में जल वैद्युत की तुलना कीजिए और अंतर लिखिए।
प्रश्न.6. निम्नलिखित से ऊर्जा निष्कर्षित करने की सीमाएँ लिखिए।
(a) पवनें
पवन ऊर्जा की सीमाएँ
- पवन की गति 15 किमी/घण्टा से भी अधिक होनी आवश्यक है।
- एक विशाल भूखण्ड पर ही पवन फार्म स्थापित किए जा सकते हैं। जैसे 1 मेगावाट के जनित्र के लिए लगभग 2 हेक्टेयर भूमि चाहिए।
- उच्च स्तर के रख रखाव के लिए फार्म की स्थापना के आरम्भ में खर्च होने वाला लागत मूल्य बहुत अधिक है।
(b) तरंगे
तरंग ऊर्जा की सीमाएँ
- तरंग ऊर्जा का व्यावहारिक उपयोग करने के लिए तरंगों का प्रबल होना अत्यन्त आवश्यक है।
(c) ज्वार-भाटा उत्तर
ज्वारीय ऊर्जा की सीमाएँ: ज्वारीय ऊर्जा का दहन करने के लिए सागर के किसी संकीर्ण क्षेत्र पर बाँध निर्माण करना आवश्यक है। मगर ऐसे उपयुक्त स्थान सीमित हैं, जहाँ बाँध का निर्माण किया जा सके।
प्रश्न.7. ऊर्जा स्रोतों का वर्गीकरण निम्नलिखित वर्गों में किस आधार पर करेंगे?
(a) नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय
नवीकरणीय संसाधनों की पुनः पूर्ति कुछ ही समय पश्चात् पुनः चक्रण द्वारा हो जाती है, जबकि अनवीकरणीय संसाधनों का एक बार उपयोग होने के बाद उनका पुनः चक्रण नहीं होता। फिर से निर्माण में लगने वाला समय बहुत अधिक होने के कारण इनकी पुनः पूर्ति सम्भव नहीं है।
(b) समाप्य तथा अक्षय
क्या (a) तथा (b) के विकल्प समान हैं?
वे ऊर्जा स्रोत, जिनकी उपलब्धता प्रकृति में सीमित है तथा एक दिन ये समाप्त हो जाएँगे, ऐसी सम्भावना है, समाप्य स्रोत कहलाते हैं, परन्तु जो स्रोत प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और वे कभी समाप्त नहीं होंगे, ऐसी सम्भावना है, अक्षय स्रोत कहलाते हैं।
(a) तथा (b) के विकल्प समान हैं, अर्थात् नवीकरणीय स्रोत ही अक्षय हैं। इसी प्रकार अनवीकरणीय स्रोत ही समाप्य हैं।
प्रश्न.8. ऊर्जा के आदर्श स्रोत में क्या गुण होते हैं?
ऊर्जा के आदर्श स्रोत के गुण:
- उच्च कैलोरी मान।
- सरलता से उपलब्धता।
- सरल परिवहन तथा भंडारण।
- कम मूल्य।
- पर्यावरण के प्रति सुरक्षित।
- नवीकरणीय।
- हानिकारक अवशेषों की अनुपस्थिति।
- सरल व सुरक्षित उपयोग।
प्रश्न.9. सौर कुकर का उपयोग करने के क्या लाभ तथा हानियाँ हैं? क्या ऐसे भी क्षेत्र हैं जहाँ । सौर कुकरों की सीमित उपयोगिता है?
सौर कुकर के उपयोग के लाभ:
- ईंधन की लागत मूल्य कोई नहीं है।
- यह पाक कला की प्रदूषण रहित विधि हैं।
- यह विधि भोजन के पोषक तत्वों को सुरक्षित रखती है।
- एक समय पर कई खाद्य पदार्थों को पकाना सम्भव है।
सौर कुकर के उपयोग की हानियाँ:
- भोजन को पकाने में अधिक समय लगता है।
- बादलों वाले दिन यह कुकर कार्य नहीं करता है। इसके लिए तेज धूप का होना आवश्यक है।
- कुछ खाद्य पदार्थ; जैसे रोटी आदि को इसके द्वारा पकाना असम्भव है।
- सौर कुकर का उपयोग केवल उन स्थानों पर ही सम्भव है, जहाँ तेज धूप की उपलब्धता हो।
प्रश्न.10. ऊर्जा की बढ़ती माँग के पर्यावरणीय परिणाम क्या हैं? ऊर्जा की खपत को कम करने के उपाय लिखिए।
ऊर्जा की बढ़ती माँग का पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव हो रहा है, जो इस प्रकार है।
- प्रकृति से संसाधनों के अधिक मात्रा में दोहन से कईं प्राकृतिक चक्रों में व्यवधान आ जाता है।
- अधिक मात्रा में ऊर्जा स्रोतों के उपयोग तथा अवशेषों के द्वारा प्राकृतिक संसाधन; जैसे-वायु, जल, मृदा आदि प्रदूषित होते हैं।
- ग्रीन हाउस गैसों की बढ़ती मात्रा ग्लोबल वार्मिंग उत्पन्न करती है।
- पवन फार्म, बाँध, नाभिकीय संयंत्र आदि के लिए भूमि तैयार करने के लिए वनों व खेतों को नष्ट करना पड़ता है, जिससे प्रदूषण नियन्त्रण में भी कठिनाई होती। है। साथ ही लोगों के रोजगार तथा वन्य जीवों के आवास नष्ट हो जाते हैं, अतः प्रकृति संतुलन बिगड़ता है।
ऊर्जा की खपत कम करने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए:
- व्यक्तिगत वाहनों का कम उपयोग तथा जन वाहनों (बस आदि) का अधिक उपयोग।।
- ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा) का उपयोग।
- भोजन पकाने के लिए प्रेशर कुकर आदि जैसी युक्तियों का उपयोग।
- घरों में सभी व्यक्ति निश्चित समय पर साथ बैठ कर भोजन करें।
- कम दूरी पर जाने के लिए पैदल जाना या साइकिल आदि का उपयोग करें। ईंधन उपयोग करने वाले वाहनों का उपयोग कम करें।
- अच्छी दक्षता वाली युक्तियाँ (स्टोव आदि) व अच्छी क्वालिटी का ईंधन उपयोग करें।
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