Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स  >  नात्सीवाद और हिटलर का उदय, पाठ - 3 (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान, NCERT Solutions

नात्सीवाद और हिटलर का उदय, पाठ - 3 (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान, NCERT Solutions | सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स - Class 9 PDF Download

नात्सीवाद और हिटलर का उदय 

प्रश्न1: हिटलर के विचार किन दार्शनिकों के विचारों पर आधारित था ? 

उत्तर: चार्ल्स डार्विन और हर्बर्ट स्पेंसर | 


प्रश्न2: 30 जनवरी 1933 को जर्मनी के किस राष्ट्रपति ने हिटलर को चांसलर का पद-भार संभालने का न्योता दिया ? 

उत्तर: राष्ट्रपति हिंडनबर्ग ने | 


प्रश्न3: नात्सी शासन में कुल कितने किस्म के लोगों को अपने दमन का निशाना बनाया ? 

उत्तर: 52 किस्म के लोगों को | 


प्रश्न4 : द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर ने सबसे बड़ी भूल क्या की ? 

उत्तर: सोवियत संघ पर हमला करना हिटलर की ऐतिहासिक बेवकूफी मानी जाती है | 


प्रश्न5: द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी का साथ किन किन देशों ने दिया ? इन्हें क्या कहा जाता है ? 

उत्तर: जर्मनी, इटली और जापान | इन्हें धूरी राष्ट्र कहा जाता है | 


प्रश्न6: किन देशों को मित्र राष्ट्र कहा जाता है ? 

उत्तर: फ्रांस, इंग्लैंड और रूस को मित्र राष्ट्र कहा जाता है | 


प्रश्न7: हिटलर ने आर्थिक संकट से निकालने के लिए कौन सा विकल्प चूना ? 

उत्तर: हिटलर ने आर्थिक संकट से निकालने के ë#2354;िए युद्ध का विकल्प चूना | 


प्रश्न8: घेटो या दड़बा किसे कहा जाता था ?

उत्तर: यहूदी बाकि समाज से अलग बस्तियों में रहते थे जिन्हें घेटो या दड़बा कहा जाता था | 


प्रश्न9: 'नवम्बर का अपराधी' कहकर किसे बुलाया जाता था ? 

उत्तर: वाइमर गणराज्य के समर्थकों को 'नवम्बर का अपराधी' कहकर बुलाया जाता था | 


प्रश्न10: नात्सीवाद क्या है ? 

उत्तर: यह एक सम्पूर्ण व्यवस्था और विचारों की पूरी संरचना का नाम है | जिसका जनक हिटलर को माना जाता है | जर्मन साम्राज्य में यह एक विचारधारा की तरह फ़ैल गई थी जो खास तरह की मूल्य-मान्यताओं, एक खास तरह के व्यवहार से सम्बंधित था | 


प्रश्न11: नात्सियों का विश्व दृष्टिकोण क्या था ? 

उत्तर: 

(i) सभी समाजों का जर्मन साम्राज्य में बराबरी का हक नहीं था | वे नस्लीय आधार पर या तो बेहतर थे या कमतर थे | उनका मानना था की जर्मन आर्य सबसे उच्च कोटि की नस्ल है और इसे ही जीने का हक है बाकि किसी को भी जीने का हक नहीं है अत: इन्हें मौत के घाट उतार दिया जाये | 

(ii) उनकी दूसरी दृष्टिकोण जीवन-परिधि की भू-राजनितिक अवधारणा से संबन्धित था उनका मानना था कि अपने लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करना जरुरी है | उनका मानना था की युद्धों से जर्मन राष्ट्र के लिए संसाधन, धन और बेहिसाब शक्ति इक्कठा किया जा सकता है | 


प्रश्न12: हिटलर का उदय कब और कैसे हुआ ? 

उत्तर: हिटलर ने 1919 में वर्कर्स पार्टी की सदस्यता ली और धीरे-धीरे उसने इस संगठन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया | फिर उसे सोशलिस्ट पार्टी का न्य नाम दे दिया | यही पार्टी बाद में नात्सी पार्टी के नाम से जाना गया | महामंदी के दौरा&##2344; जब जर्मन अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकी थी काम धंधे बंद हो रहे थे | मजदुर बेरोजगार हो रहे थे | जनता लाचारी और भुखमरी में जी  रही थी तो नात्सियों ने प्रोपेगैंडा के द्वारा एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाकर अपना नात्सी आन्दोलन चमका लिया | और इसी के बाद चुनावों में 32 फीसदी वोट से हिटलर जर्मन का चांसलर बना | 


प्रश्न13 : हिटलर की राजनैतिक शैली कैसी थी ?

अथवा 

प्रश्न14: हिटलर की राजनैतिक शैली का वर्णन कीजिए | 

उत्तर: हिटलर की राजनैतिक शैली में निम्नलिखित बातें शामिल थी |

(i) वह लोगों को गोल बंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन करने में विश्वास रखता था |

(ii) वह लोगों का भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता की भावना पैदा करने के लिए बड़े-बड़े रैलियाँ और सभाएँ करता था | 

(iii) स्वस्तिक छपे लाल झंडे, नात्सी सैल्यूट का प्रयोग किया करता था और भाषण खास अंदाज में दिया करता था | भाषणों के बाद तालियाँ भी खास अंदाज ने नात्सी लोग बजाया करते थे | 

(iv) चूँकि उस समय जर्मनी भीषण आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा था इसलिए वह खुद को मसीहा और रक्षक के रूप में पेश कर रहा था जैसे जनता को इस तबाही उबारने के लिए ही अवतार लिया हो | 


प्रश्न15: द्वितीय विश्व युद्ध का अंत कैसे हुआ ? 

उत्तर: जब द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका कूद पड़ा | तो धूरी राष्ट्रों को घुटने टेकने पड़े, इसके साथ ही हिटलर की पराजय हुआ और जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर पर अमेरिका के बम गिराने के साथ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया | 


प्रश्न16: वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थी ? 

उत्तर: वाइमर गणराज्य के सामने निम्नलिखित समस्याएँ थी | 

(i) युद्ध में पराजय और राष्ट्रिय अपमान और हर्जाने के लिए इसी को दोषी ठहराया गया | गणराज्य के समर्थकों को नवम्बर का अपराधी कहकर उनका मजाक उडाया जाता था |

(ii) रूस की बोल्वेशिक क्रांति की तरह ही जर्मनी में स्पार्टकिस्ट लीग द्वारा विद्रोह की योजना बनाई गई | इसे वाइमर गणराज्य ने विफल तो कर दिया परन्तु जर्मनी के साम्यवादी और समाजवादी एक दुसरे के कट्टर दुश्मन बन गए | 

(iii) प्रथम विश्व युद्ध के बाद जब कर्ज और हर्जाना चुकाने से मना कर दिया तो फ्रांस ने उसके बहुत से आर्थिक क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया | 

(iv) 1923 में इस गणराज्य को आर्थिक संकट इस कदर झेलने पड़े कि उसके मुद्रा की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी कम हो गयी और कर्ज और महगाई मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई | जिसे निपटने के लिए उसे अमेरिका से आर्थिक मदद कर्ज के रूप में लेनी पड़ी | 


प्रश्न17. वाइमर गणराज्य के सामने क्या समस्याएँ थीं?

उत्तर: वाइमर गणराज्य के सामने निम्नलिखित समस्याएँ थी | 

(i) युद्ध में पराजय और राष्ट्रिय अपमान और हर्जाने के लिए इसी को दोषी ठहराया गया | गणराज्य के समर्थकों को नवम्बर का अपराधी कहकर उनका मजाक उडाया जाता था |

(ii) रूस की बोल्वेशिक क्रांति की तरह ही जर्मनी में स्पार्टकिस्ट लीग द्वारा विद्रोह की योजना बनाई गई | इसे वाइमर गणराज्य ने विफल तो कर दिया परन्तु जर्मनी के साम्यवादी और समाजवादी एक दुसरे के कट्टर दुश्मन बन गए | 

(iii) प्रथम विश्व युद्ध के बाद जब कर्ज और हर्जाना चुकाने से मना कर दिया तो फ्रांस ने उसके बहुत से आर्थिक क्षेत्रों पर कब्ज़ा कर लिया | 

(iv) 1923 में इस गणराज्य को आर्थिक संकट इस कदर झेलने पड़े कि उसके मुद्रा की कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी कम हो गयी और कर्ज और महगाई मुद्रास्फीति काफी बढ़ गई | जिसे निपटने के लिए उसे अमेरिका से आर्थिक मदद कर्ज के रूप में लेनी पड़ी | 


प्रश्न18. इस बारे में चर्चा कीजिए कि 1930 तक आते-आते जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रì#2367;यता क्यों मिलने लगी?

उत्तर: 1929 के बाद बैंक दिवालिया हो चुके, काम-धंधे बंद होते जा रहे थे, मजदुर बेरोजगार हो रहे थे और मध्यवर्ग को लाचारी और भुखमरी का डर सता रहा था। नात्सी प्रोपेगैंडा में लोगों को एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाई देती थी। धीरे-धीरे नात्सीवाद एक जन आन्दोलन का रूप लेता गया और जर्मनी में नात्सीवाद को लोकप्रियता मिलने लगी |

हिटलर एक जबरदस्त वक्ता था। उसका जोश और उसके शब्द लोगों को हिलाकर रख देते थे। वह अपने भाषणों में एक शक्तिशाली राष्ट्र की स्थापना, वर्साय संधि में हुई नाइंसाफी जर्मन समाज को खोई हुई प्रतिष्ठा वापस दिलाने का आश्वासन देता था। उसका वादा था कि वह बेरोजगारों को रोजगार और नौजवानों को एक सुरक्षित भविष्य देगा। उसने आश्वासन दिया कि वह देश को विदेशी प्रभाव से मुक्त कराएगा और तमाम विदेशी ‘साशिशों’ का मुँहतोड़ जवाब देगा।


प्रश्न19. नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए कौन-कौन से तरीके अपनाए?

उत्तर: नात्सियों ने जनता पर पूरा नियंत्रण हासिल करने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए |

(i) हिटलर ने राजनीति की एक नई शैली रची थी। वह लोगों को गोलबंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन की अहमियत समझता था।

(ii) हिटलर के प्रति भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता का भाव पैदा करने के लिए नात्सियों ने बड़ी-बड़ी रैलियाँ और जनसभाएँ आयोजित कीं।

(iii) स्वस्तिक छपे लाल झंडे, नात्सी सैल्यूट और भाषणों के बाद खास अंदाज में तालियों की गड़गड़ाहटμये सारी चीजे शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा थीं।

(iv) नात्सियों ने अपने धूआँधार प्रचार के जरिये हिटलर को एक मसीहा, एक रक्षक, एक ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश किया, जिसने मानो जनता को तबाही से उबारने के लिए ही अवतार लिया था।

(v) एक ऐसे समाज को यह छवि बेहद आकर्षक दिखाई देती थी जिसकी प्रतिष्ठा और गर्व का अहसास चकनाचूर हो चुका था और जो एक भीषण आर्थिक एवं राजनीतिक संकट से गुजर रहा था।


प्रश्न20: लोकतंत्र को ध्वंस करने के लिए हिटलर तथा नात्सियों ने क्या कदम उठाए ? 

उत्तर: 

(i) 28 फ़रवरी, 1983 को अग्नि अध्यादेश (फायर डिक्री) के जरिए अभिव्यक्ति, प्रेस एवं सभा करने की आजादी जैसे अधिकारों को निलंबित कर दिया गया |

(ii) कम्युनिस्टों का बर्बरता पूर्वक दमन किया गया उनकी हत्याएँ करवाई गयी | 

(iii) सभी राजनैतिक विरोधियों और गैर-नात्सियों की हत्याएँ की गयी या उन्हें यातना गृह भेज दिया जाता था | 

(iv) नात्सी पार्टी तथा उसके संगठनों के अतिरिक्त सभी पार्टियों पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया |

(v) समाज पर निगरानी और नियंत्रण के लिए विशेष निगरानी और सुरक्षा दस्ते गठित किये गए | 


प्रश्न21: जर्मनी में आए 1923 के आर्थिक संकट पर टिप्पणी लिखिए |

उत्तर: 

(i) प्रथम विश्व युद्ध कर्ज लेकर लड़ा गया |

(ii) जर्मनी को हर्जाना भी स्वर्ण मुद्रा में देना पड़ा |

(iii) बड़ी मात्रा में कागजी मुद्रा छापने से जर्मनी में अति मुद्रास्फीति आ गई | वहाँ की मुद्रा मार्क की कीमत गिर गई | 

(iv) महंगाई बहुत बढ़ गई | इस आर्थिक संकट से उबरने के लिए उसे æ#2309;मेरिका से शर्तों पर आर्थिक सहायता लेनी पड़ी | 

(v) जर्मनी का कर्ज और हर्जाना न चुकाए जाने पर फ्रांसिसियों ने जर्मनी के प्रमुख औद्योगिक इलाके पर कब्जा कर लिया और उसके कोयले के भंडार क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया | 


प्रश्न22: जर्मनी में वाईमर गणराज्य की स्थापना के क्या कारण थे ? वाईमर गणराज्य की विशेषताओं का वर्णन कीजिए |

उत्तर: प्रथम विश्व युद्ध में जर्मनी की पराजय और सम्राट के त्यागपत्र के पश्चात् वहाँ की संसदीय पार्टियों ने एक नई राजनितिक व्यवस्था की स्थापना की यही वाईमर गणराज्य था |  

(i) यह एक संघीय और लोकतांत्रिक गणराज्य था जिसका एक लोकतान्त्रिक संविधान भी था | 

(ii) इसमें प्रतिनिधियों के चुनाव के लिए औरत सहित सभी व्यस्क नागरिकों को समान और सार्वभौमिक मताधिकार प्राप्त था | 

(iii) इसमें अनुपातिक चुनाव प्रणाली की व्यवस्था थी |

(iv) धारा 48 के अंतर्गत राष्ट्रपति को आपातकाल लागु करने, नागरिक अधिकार रद्द करने और अध्यादेश जारी करने का अधिकार था | 


प्रश्न23: नात्सी जर्मनी में बच्चों और युवाओं के प्रति अपनाई गई निति का वर्णन कीजिए | 

उत्तर:

(i) बच्चों के लिए नात्सी विचारधारा की जानकारी आवश्यक थी | उन्हें कठोर अनुशासन में रख कर इसकी शिक्षा दी जाती थी | 

(ii) अवांछित बच्चों को स्कुल से निकाल दिया गया | 

(iii) जो बच्चे नात्सी टेस्ट में पास हो जाते थे उन्हें पाला जाता  था और जो अवांछित थे उन्हें अनाथालय में डाल दिया जाता था |

(iv) नात्सी शिक्षा के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया  गया और उन्हें उसी पाठ्यक्रम के अनुसार शिक्षा दी जाती थी | उन्हें यहूदियों से नफ़रत और हिटलर की पूजा करने को कहा जाता था | 

(iv) खेलकूद के जरिए भी युवाओं में हिंसा और आक्रामकता की  भावना पैदा की जाति थी | 

(v) जर्मन बच्चों और युवाओं को राष्ट्रिय समाजवाद की भावना से लैस करने की जिम्मेदारी युवा संगठनों को सौपी गई थी | इसके बाद उन्हें सेना में काम करना पड़ता था और  किसी नात्सी संगठन की सदस्यता लेनी पड़ती थी | 


प्रश्न24: नात्सियों द्वारा यहूदियों के साथ कैसा बर्ताव किया गया ? 

उत्तर: नात्सियों द्वारा यहूदियों के साथ किया गया बर्ताव इंसानियत की हद से भी कही बुरा और बर्बरता पूर्ण था | यहूदियों पर जुल्म की दास्तान कई चरणों में था जो निम्न है | 

(i) पहले तो यहूदियों को जर्मनी की नागरिकता से बेदखल किया गया | फिर उनसे कहा गया की उन्हें जर्मनों की बीच रहने का कोई अधिकार नहीं है | कई क़ानूनी उपाय कर उन्हें सरकारी सेवाओं से निकाला गया | उनके व्यवसाय का बहिष्कार हुआ और उनकी सम्पति जब्त कर बिक्री कर दी गई | उनके सम्पतियों को लुटा गया और उनके घर जला दिए गए | 

(ii) सितम्बर 1941 यहूदियों को हुक्म दिया गया कि वह डेविड का पीला सितारा अपने छाती पर लगा कर रखेंगे | उनके पासपोर्ट, तमाम क़ानूनी दस्तावेजों और घरों के बाहर भी यह पहचान चिन्ह छुपा दिया गया | उन्हें घेटो बस्तियों में कष्टपूर्ण और दरिद्रता की स्थिति में रखा जाता था | 

(iii) समूचे यूरोप के यहूदी मकानों, यातना गृहों और घेटों बस्तियों में रहने वाले यहूदियों को मालगाड़ियों में भार-भार कर मौत के कारखानों में लाया जाने लगा | उनगे गैस चैम्बरों में झोंक दिया जाता था | 


प्रश्न25: हिटलर के विचार किन दार्शनिकों के विचारों पर आधारित था ? 

उत्तर: चार्ल्स डार्विन और हर्बर्ट स्पेंसर | 


प्रश्न26: 30 जनवरी 1933 को जर्मनी के किस राष्ट्रपति ने हिटलर को चांसलर का पद-भार संभालने का न्योता दिया ? 

उत्तर: राष्ट्रपति हिंडनबर्ग ने | 


प्रश्न27: नात्सी शासन में कुल कितने किस्म के लोगों को अपने दमन का निशाना बनाया ? 

उत्तर: 52 किस्म के लोगों को | 


प्रश्न28 : द्वितीय विश्व युद्ध में हिटलर ने सबसे बड़ी भूल क्या की ? 

उत्तर: सोवियत संघ पर हमला करना हिटलर की ऐतिहासिक बेवकूफी मानी जाती है | 


प्रश्न29: द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी का साथ किन किन देशों ने दिया ? इन्हें क्या कहा जाता है ? 

उत्तर: जर्मनी, इटली और जापान | इन्हें धूरी राष्ट्र कहा जाता है | 


प्रश्न30: किन देशों को मित्र राष्ट्र कहा जाता है ? 

उत्तर: फ्रांस, इंग्लैंड और रूस को मित्र राष्ट्र कहा जाता है | 


प्रश्न31: हिटलर ने आर्थिक संकट से निकालने के लिए कौन सा विकल्प चूना ? 

उत्तर: हिटलर ने आर्थिक संकट से निका&##2354;ने के लिए युद्ध का विकल्प चूना | 


प्रश्न32: घेटो या दड़बा किसे कहा जाता था ?

उत्तर: यहूदी बाकि समाज से अलग बस्तियों में रहते थे जिन्हें घेटो या दड़बा कहा जाता था | 


प्रश्न33: 'नवम्बर का अपराधी' कहकर किसे बुलाया जाता था ? 

उत्तर: वाइमर गणराज्य के समर्थकों को 'नवम्बर का अपराधी' कहकर बुलाया जाता था | 


प्रश्न34: नात्सीवाद क्या है ? 

उत्तर: यह एक सम्पूर्ण व्यवस्था और विचारों की पूरी संरचना का नाम है | जिसका जनक हिटलर को माना जाता है | जर्मन साम्राज्य में यह एक विचारधारा की तरह फ़ैल गई थी जो खास तरह की मूल्य-मान्यताओं, एक खास तरह के व्यवहार से सम्बंधित था | 


प्रश्न35: नात्सियों का विश्व दृष्टिकोण क्या था ? 

उत्तर: 

(i) सभी समाजों का जर्मन साम्राज्य में बराबरी का हक नहीं था | वे नस्लीय आधार पर या तो बेहतर थे या कमतर थे | उनका मानना था की जर्मन आर्य सबसे उच्च कोटि की नस्ल है और इसे ही जीने का हक है बाकि किसी को भी जीने का हक नहीं है अत: इन्हें मौत के घाट उतार दिया जाये | 

(ii) उनकी दूसरी दृष्टिकोण जीवन-परिधि की भू-राजनितिक अवधारणा से संबन्धित था उनका मानना था कि अपने लोगों को बसाने के लिए ज्यादा से ज्यादा इलाकों पर कब्जा करना जरुरी है | उनका मानना था की युद्धों से जर्मन राष्ट्र के लिए संसाधन, धन और बेहिसाब शक्ति इक्कठा किया जा सकता है | 


प्रश्न36: हिटलर का उदय कब और कैसे हुआ ? 

उत्तर: हिटलर ने 1919 में वर्कर्स पार्टी की सदस्यता ली और धीरे-धीरे उसने इस संगठन पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया | फिर उसे सोशलिस्ट पार्टी का न्य नाम दे दिया | यही पार्टी बाद में नात्सी पार्टी के नाम से जाना गया | महामंदी क#2325;े दौरान जब जर्मन अर्थव्यवस्था जर्जर हो चुकी थी काम धंधे बंद हो रहे थे | मजदुर बेरोजगार हो रहे थे | जनता लाचारी और भुखमरी में जी  रही थी तो नात्सियों ने प्रोपेगैंडा के द्वारा एक बेहतर भविष्य की उम्मीद दिखाकर अपना नात्सी आन्दोलन चमका लिया | और इसी के बाद चुनावों में 32 फीसदी वोट से हिटलर जर्मन का चांसलर बना | 


प्रश्न 37: हिटलर की राजनैतिक शैली कैसी थी ?

अथवा 

प्रश्न38: हिटलर की राजनैतिक शैली का वर्णन कीजिए | 

उत्तर: हिटलर की राजनैतिक शैली में निम्नलिखित बातें शामिल थी |

(i) वह लोगों को गोल बंद करने के लिए आडंबर और प्रदर्शन करने में विश्वास रखता था |

(ii) वह लोगों का भारी समर्थन दर्शाने और लोगों में परस्पर एकता की भावना पैदा करने के लिए बड़े-बड़े रैलियाँ और सभाएँ करता था | 

(iii) स्वस्तिक छपे लाल झंडे, नात्सी सैल्यूट का प्रयोग किया करता था और भाषण खास अंदाज में दिया करता था | भाषणों के बाद तालियाँ भी खास अंदाज ने नात्सी लोग बजाया करते थे | 

(iv) चूँकि उस समय जर्मनी भीषण आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहा था इसलिए वह खुद को मसीहा और रक्षक के रूप में पेश कर रहा था जैसे जनता को इस तबाही उबारने के लिए ही अवतार लिया हो | 


प्रश्न39: द्वितीय विश्व युद्ध का अंत कैसे हुआ ? 

उत्तर: जब द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका कूद पड़ा | तो धूरी राष्ट्रों को घुटने टेकने पड़े, इसके साथ ही हिटलर की पराजय हुआ और जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहर पर अमेरिका के बम गिराने के साथ द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया | 


प्रश्न40: महत्मा गाँधी ने एल्डोफ़ हिटलर को क्या नसीहत दी ? 

उत्तर: महात्मा गाँधी ने पत्र के माध्यम से एल्डोफ़ हिटलर को नसीहत दी कि "हमें अहिंसा के रूप में एक ऐसी शक्ति प्राप्त हो गई है जिसे यदि संगठित कर लिया जाय तो वह संसार भर की प्रबलतम हिंसात्मक शक्तियों के गठजोड़ का मुकाबला कर सकतीं हैं | 


प्रश्न41: कार्ल मार्क्स कौन था ? उसके विचारों का 1917 ई0 की रुसी क्रांति पर क्या असर पड़ा ? 

उत्तर: कार्ल मार्क्स एक जर्मन यहूदी था जो इंग्लैंड में  रहता था | वह एक विचारक था तथा उसके विचारों का प्रभाव रूस ही नहीं अपितु पुरे विश्व की जनता पर पड़ी | उसने अपने विचारों को अपनी पुस्तक 'दास कैपिटल' में लिखा | उसके विचारों का सीधा असर रूस के समाजवादियों पर पड़ा | उन्होंने उसके विचारों को अपनी आंदोलनों में शामिल कर लिया | 

उसके विचार इस प्रकार थे |

(i) किसी के पास निजी सम्पति नहीं होनी चाहिए क्योंकि निजी संपति पूंजीवाद की जननी है | 

(ii) पूंजीपति लोग अपने लाभ को प्राप्त करने के लिए मजदूरों का शोषण करते हैं | 

(iii) संसार भर में उत्पादन के साधनों पर किसानों और मजदूरों का हक होना चाहिए तथा उन्हें शोषण से मुक्ति मिल सकती है | 

(iv) शांतिपूर्ण ढंग से पूँजीवाद नहीं मिट सकता इसके लिए हड़ताल और क्रांतियाँ आवश्यक है | 

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FAQs on नात्सीवाद और हिटलर का उदय, पाठ - 3 (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान, NCERT Solutions - सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स - Class 9

1. What is Nazi ideology and how did it lead to Hitler's rise to power?
Ans. Nazi ideology was based on the concept of Aryan supremacy and anti-Semitism, which propagated the idea that Jews were responsible for Germany's problems. This ideology was used by Hitler to gain support from the German people who were disillusioned with their country's economic and political situation. Hitler's rise to power was facilitated by his strong oratorical skills, propaganda campaigns, and the failure of the Weimar Republic to address the problems faced by the German people.
2. What were the main policies implemented by the Nazi regime under Hitler's leadership?
Ans. The Nazi regime implemented several policies aimed at consolidating power and creating a totalitarian state. These policies included the Enabling Act, which gave Hitler the power to pass laws without consulting the Reichstag, and the Night of the Long Knives, which eliminated Hitler's political rivals. The regime also implemented policies aimed at purging Jewish and other minority populations, including the Nuremberg Laws, which stripped Jews of their citizenship and rights, and the Final Solution, which aimed at the extermination of the Jewish people.
3. How did the Nazi regime affect Germany's economy and society?
Ans. The Nazi regime had a profound impact on Germany's economy and society. On the one hand, the regime implemented policies aimed at creating a self-sufficient economy and reducing unemployment, such as the Four-Year Plan and the creation of the Volkswagen car. On the other hand, the regime implemented policies that led to the persecution of minority groups, the suppression of civil liberties, and the creation of a totalitarian state. These policies had a devastating effect on Germany's social fabric and led to the loss of millions of lives.
4. How did the international community respond to the Nazi regime?
Ans. The international community responded to the Nazi regime with varying degrees of success. Initially, many countries, including Britain and France, pursued a policy of appeasement towards Hitler, hoping to avoid another world war. However, after Germany's invasion of Poland in 1939, Britain and France declared war on Germany, leading to the outbreak of World War II. The war eventually led to the defeat of the Nazi regime and the liberation of Europe from Nazi tyranny.
5. What lessons can we learn from the rise of Nazi ideology and Hitler's regime?
Ans. The rise of Nazi ideology and Hitler's regime teaches us several important lessons about the dangers of authoritarianism, propaganda, and hate speech. It reminds us of the importance of democratic institutions, civil liberties, and the rule of law in protecting individual rights and preventing the rise of totalitarianism. It also highlights the importance of international cooperation and the need to stand up against hate speech and discrimination in all its forms.
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