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NCERT Solutions, पाठ - 4 चुनावी राजनीति (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान | सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स - Class 9 PDF Download

चुनावी राजनीति

मुख्य बिंदु

  • किसी भी लोकतंत्र में नियमित अंतराल पर चुनाव होते रहते है |
  • अधिकांश लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करते हैं |
  • प्रतिनिधियों का चुनाव उनके उम्र और अनुभव के आधार पर किया जाता है |
  • बिना चुनाव के हम किसी भी लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते हैं | 
  • लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव की आवश्यकता होती है |
  • लोग चुनाव के माध्यम से लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते है |
  • चुनाव के माध्यम से हम किसी भी सरकार को बदल सकते है | 
  • हम चुनाव इसलिए करते है ताकि चुने हुए प्रतिनिधि संसद से कानून बना सके | 
  • चुनाव से हमें सही और मनपसंद प्रतिनिधि और सरकार चुन सकते है | 

अभ्यास प्रश्नावली

प्रश्न1. चुनाव क्यों होते हैं ? इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है |

   (क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते है |

   (ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं |

   (ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते है |  

   (घ) लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियाँ बना सकते हैं |

उत्तर : (ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते है |  


प्रश्न2. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता ? 

   (क) भारत में दुनिया के सबसे ज्यादा मतदाता हैं |

   (ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है |

   (ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है |

   (घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती हैं |


प्रश्न3. निम्नलिखित में मेल ढूंढे : 

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उत्तर : 

(क) ---------- (4)

(ख) ---------- (1)

(ग) ----------- (2) 

(घ) ----------- (3) 


प्रश्न4. इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियाँ की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ | इनमें से कुछ मामले हैं : 

चुनाव घोषणा पत्र जारी करना,

वोटो की गिनती, 

मतदाता सूची बनाना,

चुनाव अभियान,

चुनाव नतीजों की घोषणा करना,

पुनर्मतदान के आदेश,

चुनाव प्रक्रिया की घोषणा,

नामांकन दाखिल करना 

उत्तर : 

(i) मतदाता सूची बनाना

(ii) चुनाव प्रक्रिया की घोषणा 

(iii) नामांकन दाखिल करना 

(iv) चुनाव अभियान

(v) चुनाव घोषणा पत्र जारी करना

(vi) पुनर्मतदान के आदेश

(vii) वोटो की गिनती

(viii) चुनाव नतीजों की घोषणा करना


प्रश्न5. सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है | चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए ?

(क) चुनाव प्रचार 

(ख) मतदान के दिन 

(ग) मतगणना के दिन 

उत्तर : 

(क) चुनाव प्रचार के समय उसे इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी उम्मीदवार चुनाव कानूनों का उलंघन न करें | जैसे - 

(i) मतदाता को प्रलोभन देना, घूस देना या धमकी देना, 

(ii) जाति या धर्म के नाम पर वोट माँगना |

(iii) चुनाव अभियान में सरकारी संसाधनों का इस्तेमाल करना | 

(ख) मतदान के दिन : मतदान के दिन इस बात का ध्यान रखना होता है कि चुनाव निष्पक्ष हो, कोई फर्जी मत न डाल पाए | 

(ग) मतगणना के दिन : इसके लिए चुनावी मशीने शीलबंद हो, एक चुनाव क्षेत्र की सभी मशीने एक साथ खोली जाए | सबसे अधिक मत पाने वाले उम्मीदवार को ही विजयी घोषित किया जाए | 


महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1: हमे चुनाव की जरूरत क्यों होती है? 

उत्तर :हमें चुनाव की जरूरत इसलिए होती है क्योकि चुनाव के द्वारा हम अपने शासक खुद चुन सकते है/ इसलिए ज्यादातर लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियो के माध्यम से ही शासन करते है|


प्रश्न 2: चुनाव क्या है?

उत्तर : जिससे लोग एक नियमित अंतराल पर अपने प्रतिनिधियों को चुन सके तथा यदि इच्छा हो तो उन्हें बदल भी दे | इसी व्यवस्था का नाम चुनाव है |


प्रश्न 3: चुनाव में मतदाता किस प्रकार से चुनाव करते है ?

उत्तर : चुनाव में मतदाता कई प्रकार से चुनाव करते है:

(1) वे सरकार बनाने और बड़े फैसले करने वाले का चुनाव कर सकते है |

(2) वे अपने लिए कानून बनाने वाले का चुनाव कर सकते है |

(3) वे सरकार तथा उसके द्वारा बनाने वाले कानूनों का दिशा निर्दीश करने वाली पार्टी का चुनाव कर सकते है |


प्रश्न 4: लोकतंत्र चुनाव की न्यूनतम शर्ते क्या - क्या है ?

उत्तर :  लोकतंत्र चुनाव की न्यूनतम शर्ते निम्न है -

(1) पहला, हर किसी को चुनाव करने की सुविधा हो यानी हर किसी को मताधिकार प्राप्त हो (तथा हर किसी को मताधिकार को मत का समान मोल हो |

(2) दूसरा, चुनाव में कुछ विकल्प उपलब्ध हो| पार्टियों तथा उम्मीवारो को चुनाव में उतरने की पूरी आजादी हो तथा वे मतदाताओं के लिए विकल्प पेश करे |

(3) तीसरा , चुनाव का अक्सर नियमित अंतराल पर उपलब्ध होता रहे | नए चुनाव कुछ वर्षो में जरूर कराए जाने चाहिए |

(4) चौथा , लोग जिसे चाहे वास्तव में चुनाव उसी का होना चाहिए |

(5) पांचवां , चुनाव निष्पक्ष एवं स्वतंत्र ढंग से कराए जाने चाहिए , जिससे लोग सचमुच अपनी अपनी इच्छा से अपने उम्मीदवार का चुनाव कर सके |


प्रश्न 5: लोकसभा तथा विधानसभा के चुनाव कितने वर्षो बाद होते है ? 

उत्तर : पाँच वर्षो बाद |


प्रश्न 6: आम चुनाव किसे कहते है ?

उत्तर : सभी चुनाव क्षेत्रो में एक ही दिन अथवा एक छोटे अंतराल में अलग - अलग दिन चुनाव होते है, इसे आम चुनाव कहते है |


प्रश्न 7: उपचुनाव किसे कहते है ?

उत्तर : कई बार केवल एक क्षेत्र में चुनाव जो किसी सदस्य की मृत्यु अथवा इस्तीफे से खाली हुआ होता है , इसे उपचुनाव कहते है |


प्रश्न 8: निर्वाचन क्षेत्र किसे कहते है ?

उत्तर : चुनाव के उद्देश्य से पूरे देश को अनेक क्षेत्रो में बाँट लिया गया है , जिन्हें निर्वाचन क्षेत्र कहते है |


प्रश्न 9: लोकसभा चुनाव के लिए भारत को कितने निर्वाचन क्षेत्र में बाँट लिया गया है ? 

उत्तर : 543 निर्वाचन क्षेत्र |


प्रश्न 10: संसद - सदस्य किसे कहते है ?

उत्तर : प्रत्येक क्षेत्र से चुने गए प्रतिनिधियों को संसद - सदस्य कहते है |


प्रश्न 11: लोकतांत्रिक चुनाव की एक महत्वपूर्ण विशेषता लिखो ?

उत्तर : हर वोट का बराबर मूल्य |


प्रश्न 12: विधायक किसे कहते है ?

उत्तर : विधानसभा की सीटो से निर्वाचित प्रतिनिधियो को विधायक कहते है |


प्रश्न 13: निर्वाचन क्षत्रो को सीट क्यों कहा जाता है ?

उत्तर : क्योकि हर क्षेत्र संसद अथवा विधानसभा की एक सीट का प्रतिनिधित्व करता है |


प्रश्न 14: लोकसभा की अनुसूचित जातियो तथा अनुसूचित जनजातियो के लिए कितनी सीटे आरक्षित की है ?

उत्तर : लोकसभा की अनुसूचित जातियों के लिए 79 तथा अनुसूचित जनजातियो के लिए 41 सीटे आरक्षित की है |


प्रश्न 15: मतदाता सूची या वोटर लिस्ट किसे कहते है ?

उत्तर : लोकतांत्रिक चुनाव में मतदान की योग्यता रखने वाले लोगो की सूची चुनाव से काफी पहले बना ली जाती है तथा हर किसी को दे दी जाती है | इसे अधिकारिक रूप से मतदाता सूची कहते है | आम बोल चाल में इसे वोटर लिस्ट कहते है |


प्रश्न 16: क्या कारण है हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को सुधारा जाता है ?

उत्तर : सभी सक्षम मतदाताओ का नाम मतदाता सूची में शामिल हो , यह व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी है | चूंकि हर अगले चुनाव में नए लोग मतदाता बनने की उम्र में आ जाते है इसलिए हर चुनाव से पहले मतदाता सूची को सुधारा जाता है |


प्रश्न17: वोट डालने का अधिकारी होने के लिए व्यक्ति की उम्र कितनी होनी चाहिए ?

उत्तर : 18 वर्ष |


प्रश्न18: उम्मीदवार बनने की न्यूनतम उम्र कितनी होनी चाहिए ?

उत्तर : 25 वर्ष |


प्रश्न19: टिकट किसे कहते है ?

उत्तर : पार्टी के मनोनयन को सामान्य भाषा में टिकट कहते है |


प्रश्न 20: प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव में खड़े होने के लिए किन चीजों का विवरण देना पड़ता है ?

उत्तर : प्रत्येक उम्मीदवार को चुनाव में खड़े होने के लिए निम्न चीजो का विवरण देना पड़ता है (1) उम्मीदवार के खिलाफ चल रहे गंभीर अपराधिक मामले |

(2)उम्मीदवार की शैक्षिक योग्यता |

(3) उम्मीदवार तथा उसके परिवार के सदस्यो की संपति और देनदारियो का ब्यौरा |


प्रश्न 21: हमारे देश में उम्मीवारो की अंतिम सूची की घोषणा होने तथा मतदान की तारीख के बीच कितना समय चुनाव प्रचार के लिए दिया जाता है ?

उत्तर : लगभग दो सप्ताह |


प्रश्न 22: इंदिरा गाँधी के नेतृत्व करने वाली काँग्रेस पार्टी के 1971 के लोकसभा चुनाव के दौरान कौन - सा नारा दिया था ?

उत्तर : "गरीबी हटाओ" नारा दिया था |


प्रश्न 23: 1977 में हुए अगले लोकसभा चुनावो में जनता पार्टी ने कौन - सा नारा दिया था ?

उत्तर : "लोकतंत्र बचाओ " |


प्रश्न 24: वामपंथी दलों ने 1977 में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावो में किसको नारा दिया था ?

उत्तर : जीमन जोतने वाले को |


प्रश्न 25:1983 के आंध्रप्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान तेलुगु देशम पार्टी के नेता एन.टी.रामाराव ने किसका का नारा दिया था ?

उत्तर : तेलुगु स्वाभिमान |


प्रश्न 26: चुनाव के कानूनों के अनुसार कोई भी उम्मीदवार अथवा पार्टी कौन - से काम नहीं कर सकता है ?

उत्तर : चुनाव के कानूनों के अनुसार कोई भी उम्मीदवार अथवा पार्टी ये सब काम नहीं कर सकता -

(1) मतदाता को पî#2381;रलोभन देना , घूस देना अथवा धमकी देना |

(2) उनसे जाति अथवा धर्म के नाम पर वोट मांगना |

(3) चुनाव अभियान में सरकारी साधनों का उपयोग करना |

(4) लोकसभा चुनाव में एक निर्वाचन क्षेत्र में 25 लाख या फिर विधानसभा चुनाव में 10 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करना |


प्रश्न 27: हमारे देश के सभी आदर्श आचार संहिता के अनुसार पार्टी को किन चीजो को करने की मनाही है ?

उत्तर : इन सभी चीजो की मनाही है -

(1) सरकारी वाहन , विमान या आधिकारियो का चुनाव में उपयोग |

(2) चुनाव प्रचार के लिए किसी धर्मस्थल का उपयोग |

(3) चुनाव की आधिघोषणा हो जाने के बाद मंत्री किसी बड़ी योजना का शिलान्यास बड़े नीतिगत फैसले अथवा लोगो की सुविधाए देने वाले वायदे नहीं कर सकते |


प्रश्न 28: मुख्य चुनाव आयुक्त कि नियुक्ति कौन करता है ?

उत्तर : भारत के राष्ट्रपति |


प्रश्न 29: चुनाव संरचना का वर्णन करो ?

उत्तर : चुनाव का अंतिम चरण है मतदाताओ द्वारा वोट देना | इस दिन को आमभाषा में चुनाव कहते है | मतदाता सूची में शामिल नाम वाला हर व्यक्ति अपने इलाके मे शामिल मतदान केंद्र पर जाता है | यह केंद्र अस्थायी तौर पर स्थानीय स्कूल अथवा सरकारी इमारत में बना होता हैं | जब मतदाता मतदान केंद्र जाता हैं तो चुनाव अधिकारी उसे पहचान कर उसकी अंगुली पर एक काला निशान लगा देते है और उसे वोट डालने की अनुमति प्रदान करता है | मतदान के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का प्रयोग किया जाता है | मशीन के ऊपर विभिन्न उम्मीदवारो के नाम और चुनाव चिह्न बने होते है | निर्दलीय उम्मीदवारो को भी चुनाव अधिकारी अलग चुनाव चिहन देते है | मतदाता को#2379; जिस भी उम्मीदवार को अपना वोट देना होता है | उसके चुनाव चिहन के आगे बटन को केवल एक बार दबाना होता है | मतदान पूर्ण हो जाने के बाद सभी वोटिंग मशीन को सील बंद करके एक सुरक्षित जगह पंहुचा दिया जाता है |


प्रश्न 30: चुनाव के दिन आधिकांश खबर में किस प्रकार की गड़बड़ियो की सूचना होती है ?

उत्तर : चुनाव के दिन आधिकांश खबरों में निम्न प्रकार की गड़बड़ियो की सूचना होती है - 

(1) मतदाता सूची में फर्जी नाम डालने और असली नाम को गायब करनें की | 

(2) अमीर उमीदवारो की बड़ी पार्टियों द्वारा बदें पैमानें पर धन करनें की | 

(3) शासक दल द्वारा सरकारी सुविधाओ और अधिकारियो के दुरूपयोग की |

(4) मतदान के दिन चुनावी धांधली , मतदाताओ को डराना और फर्जी मतदान करना |


प्रश्न 31 : भारत के चुनाव आयोग के अधिकार लिखिए ? 

उत्तर : भारत के चुनाव आयोग के अधिकार निम्नलिखित है :

(1) चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी करने से लेकर चुनावी नतीजो की घोषणा तक , पूरी चुनाव प्रक्रिया के संचालन के प्रत्येक पहलू पर निर्णय लेता है |

(2) यह आदर्श चुनाव संहिता लागू करता है और इसका उलंघन करनें वाली पार्टियों और उम्मीदवारों को सजा देता है |

(3) चुनाव आयोग चुनाव के दौरान सरकार को दिशा निर्देश मानने का आदेश दे सकता है इसमे सरकार द्वारा चुनाव जीतनें के लिए चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग रोकना अथवा अधिकारियो का तबादला करना भी शामिल है |

(4) चुनावी ड्यूटी पर तैनात अधिकारी सरकार के नियंत्रण में न रहकर चुनाव आयोग के अधीन काम करता है |


प्रश्न 32 : चुनाव में लोगो की भागीदारी का वर्णन करो ?

उत्तर : चुनाव में लोगो की भागीदारी का वर्णन निम्नलिखित है : 

(1) चुनाव में लोगो की भागीदारी का पैमाना मुख्यतः मतदान करनें वालें लोगो के आकड़े को बनाया जाता है मतदान की योग्यता रखनें वाले कितनें प्रतिशत लोगो नें वास्तव में मतदान किया वह हिसाब लगाना मुश्किल नहीं है पिछलें पच्चास वर्षो में यूरोप और उत्तरी अमेरिका के लोकतांत्रिक देशो में मतदान का प्रतिशत काफ़ी गिरा है भारत में यह या तो स्थिर रहा था फिर ऊपर गया |

(2) भारत में अमीर और बदें लोगो की अपेक्षा गरीब , निरक्षर और कमजोर लोग ज्यादा संख्या में मतदान करतें है |

(3) भारत में आम लोग चुनाव को बहुत ज्यादा  महत्व देतें है उन्हें लगता है की चुनाव के जरिए ही वे राजनितिक दलों पर अपनें अनुकूल निति तथा कार्यक्रमों के लिए दबाव डाल सकतें है उन्हें लगता है की देश के शासन संचालन के तरीकें निर्धारित करनें में उनकें वोट महत्व देतें है |

(4) चुनाव में ज्यादा मतदाताओ नें किसी न किसी प्रकार की भागीदारी जरूर की है आधें से ज्यादा लोगो नें स्वयं को किसी न किसी दल के नजदीक बताया है |

 

प्रश्न 33: चुनाव का महत्व लिखिए |

अथवा 

प्रश्न33 : हमें चुनाव की आवश्यकता क्यों है ? 

उत्तर : हमें निम्नलिखित कारणों से चुनाव की आवश्यकता है - 

(i) अधिकांश लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्थाओं में लोग अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से शासन करते हैं |

(ii) बिना चुनाव के हम किसी भी लोकतंत्र की कल्पना नहीं कर सकते हैं | 

(iii) लोकतंत्र की बहाली के लिए चुनाव की आवश्यकता होती है |

(iv) लोग चुनाव के माध्यम से लोग अपने प्रतिनिधियों को चुनते है |

(v) चुनाव के माध्यम से हम किसी भी सरकार को बदल सकते है |

(vi) हम चुनाव इसलिए करते है ताकि चुने हुए प्रतिनिधि संसद से कानून बना सके |

(vii) चुनाव से हमें सही और मनपसंद प्रतिनिधि और सरकार चुन सकते है | 

प्रश्न 34 : लोकतांत्रिक चुनाव की विशेषताएँ लिखिए | 

उत्तर : 

(i) सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के आधार पर होता है | 

(ii) ऐसे चुनाव में दो या से अधिक विकल्प होते हैं | 

(iii) लोकतांत्रिक चुनाव नियमित अंतराल पर होते रहते हैं |

(iv) चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष ढंग से होते है |

(v) इसमें एक वोट का एक ही मूल्य होता है |


प्रश्न 35: राजनैतिक प्रतिद्वंदिता क्या है ? चुनाव में इसे अच्छी क्यों माना जाता है ?

उत्तर :  राजनैतिक प्रतिद्वंदिता का मतलब राजनैतिक प्रतियोगिता भी होता है | यह प्रतियोगिता राजनितिक पार्टियों या किसी निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवारों के बीच हो सकता है | इसमें पार्टियाँ एक दुसरे के विरुद्ध आरोप लगाते है या चुनवा जीतने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते है | इससे समाज में या लोगों के बीच बँटवारे जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है, इसे ही राजनैतिक प्रतिद्वंदिता कहते हैं | 

चुनाव में राजनैतिक प्रतिद्वंदिता अच्छी इसलिए मानी जाती है क्योंकि 

(i) यह दीर्घकालिक राजनीति को बढ़ावा देता है |

(ii) राजनितिक पार्टियाँ या प्रतिनिधि अधिक से अधिक जनता से जुड़ते है और उनके जनसरोकार पर ध्यान देते है | 

(iii) कोई भी राजनितिक पार्टी सरकार में तभी तक बनी रह सकती है जब तक वह लोगों की आशा और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य करती हैं |

(iv) मतदाताओं को संतुष्ट करने के लिए पार्टियाँ राजनैतिक प्रतिद्वंदिता में भाग लेती है | 


प्रश्न 36: निर्वाचन क्षेत्रों को 'सीट' क्यों कहा जाता है ? 

उत्तर : प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र चाहे वो संसद या विधानसभा का निर्वाचन क्षेत्र हो उसका विजयी उम्मीदवार एक सीट का प्रतिनिधत्व करता है | 


प्रश्न 37: आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र किसे कहते है ? 

उत्तर : देश के कुछ निर्वाचन क्षेत्रों को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए सुनिश्चित कर दी जाती है | जिससे केवल इसी जाति के लोग चुनाव लड़ सकते है | ऐसे सुनिश्चित निर्वाचन क्षेत्रों को आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र कहते हैं |


प्रश्न 38: चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था का क्या उद्देश्य है ? 

उत्तर : चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था के निम्न उदेश्य हैं - 

(i) समाज के कमजोर एवं वंचित समूहों को सामाजिक न्याय देने के लिए |

(ii) अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को राजनितिक भागीदारी बढ़ाने के लिए | 

(iii) संसद या विधानसभाओं में इनके प्रतिनिधियों की संख्या बढ़ाने के लिए | 

(iv) लोकतंत्र में सभी को बराबर हिस्सेदार बनाने के लिए | 

(v) चुनावों में महिलाओं के लिए भी सीटें आरक्षित की जाती है ताकि महिलाएँ अपने राजनितिक और सामाजिक स्थिति में बदलाव ला सके |  

 

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FAQs on NCERT Solutions, पाठ - 4 चुनावी राजनीति (कक्षा नवीं), सामाजिक विज्ञान - सामाजिक विज्ञान (कक्षा 9) - नोट्स, वीडियोस तथा सैंपल पेपर्स - Class 9

1. What is the meaning of the term "electoral politics"?
Ans. Electoral politics refers to the process of organizing and participating in elections to choose representatives who will hold positions of power in the government. It involves activities such as campaigning, voting, and the formation of political parties.
2. How do political parties influence electoral politics?
Ans. Political parties play a crucial role in electoral politics. They mobilize public support, formulate policies, nominate candidates for elections, and campaign to promote their agenda. They also provide a platform for citizens to participate in the political process and influence decision-making.
3. What are the factors that influence voters' choices in elections?
Ans. Several factors influence voters' choices in elections. These include the candidate's credibility, track record, party affiliation, ideology, manifesto, public perception, caste, religion, and socio-economic conditions. Additionally, issues such as unemployment, healthcare, education, and corruption also influence voters' decisions.
4. How does the media impact electoral politics?
Ans. The media plays a significant role in shaping public opinion and influencing electoral politics. It provides information about political parties, candidates, their policies, and campaign activities to the voters. The media also acts as a watchdog, exposing corruption and holding politicians accountable. However, it is essential to critically analyze media content and be aware of biases and sensationalism.
5. What are the challenges faced by electoral politics in a diverse country like India?
Ans. Electoral politics in India faces several challenges due to its diversity. Some of these challenges include religious and caste-based divisions, regionalism, language barriers, low literacy rates in certain regions, and the influence of money and muscle power. Ensuring equal representation and addressing the concerns of all sections of society remains a constant challenge for electoral politics in India.
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