Class 9 Exam  >  Class 9 Notes  >  Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)  >  NCERT Solutions: मेरे बचपन के दिन

मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) PDF Download

मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

प्रश्न अभ्यास 

प्रश्न 1: 'मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।' इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि -
 (क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी ?
 (ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं ?
उत्तर

(क) उस समय लड़कियों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उस समय का समाज पुरुष प्रधान था। पुरुषों को समाज में ऊँचा दर्जा प्राप्त था। पुरुषों के सामने नारी को अत्यंत हीन दृष्टि से देखा जाता था। इसका एक कारण समाज में व्याप्त दहेज-प्रथा भी थी। इसी कारण से लड़कियों के जन्म के समय या तो उसे मार दिया जाता था या तो उन्हें बंद कमरे की चार दीवारी के अंदर कैद करके रखा जाता था। शिक्षा को पाने का अधिकार भी केवल लड़कों को ही था। कुछ उच्च वर्गों की लड़कियाँ ही शिक्षित थी परन्तु उसकी संख्या भी गिनी चुनी थी। ऐसी लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।
(ख) आज लड़कियों के जन्म के संबंध में स्थितियाँ थोड़ी बदली हैं। आज शिक्षा के माध्यम से लोग सजग हो रहें हैं। लड़का-लड़की का अंतर धीरे-धीरे हो रहा हैं। आज लड़कियों को लड़कों की तरह पढ़ाया-लिखाया भी जाता है। परंतु लड़कियों के साथ भेदभाव पूरी-तरह समाप्त नहीं हुआ है। आज भ्रूण-हत्याएँ हो रही हैं, इस लिए सरकार कड़े कानून बना रहीं है।लड़कियों के जन्म को रोकने के लिए हो रही हैं। देश में लड़के-लड़कियों का अनुपात बिगड़ता जा रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है कि महानगरों में सबसे कम लड़कियाँ चंडीगढ़ में हैं, जो देश का एक उन्नत शहर माना जाता है। वहाँ न शिक्षा कम है, न धन-वैभव। वास्तव में लड़कियों के जन्म को रोकना वहाँ के निवासियों की मानसिकता पर निर्भर करता है। 

प्रश्न 2: लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाई ?
उत्तर
लेखिका को बचपन में उर्दू पढने के लिए मौलवी रखा गया परन्तु उनकी इसमें रूचि न होने के कारण वो उर्दू-फारसी नही सीख  पायी।

प्रश्न 3: लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है ?
 उत्तर

लेखिका की माता अच्छे संस्कार वाली महिला थीं। वे धार्मिक स्वभाव की महिला थीं। वे पूजा-पाठ किया करती थीं। वे ईश्वर में आस्था रखती थीं। सवेरे "कृपानिधान पंछी बन बोले" पद गाती थीं। प्रभाती गाती थीं। शाम को मीरा के पद गाती थीं। वे लिखा भी करती थीं। लेखिका ने अपनी माँ के हिंदी-प्रेम और लेखन गायन के शौक का वर्णन किया है। उन्हें हिंदी तथा संस्कृत का अच्छा ज्ञान था। इसलिए इन दोनों भाषाओं का प्रभाव महादेवी पर भी पड़ा।

प्रश्न 4: जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसे क्यों कहा है ?
 उत्तर

पहले हिंदु- मुस्लिम को लेकर इतना भेदभाव नहीं था। हिंदु और मुस्लिम दोनों एक ही देश में प्रेम पूर्वक रहते थे। स्वतंत्रता के पश्चात् हिंदु और मुस्लिम संबन्धों में बदलाव आ गया है। आपसी फूट के कारण देश दो हिस्सों में बँट गया − पाकिस्तान मुस्लिम प्रधान देश के रुप में प्रतिष्ठित है तथा हिंदुस्तान में हिंदुओं का वर्चस्व कायम है। ऐसी परिस्थिति में हिंदु तथा मुस्लिम दो अलग-अलग धर्मों के लोगों का प्रेमपूर्वक रहना स्वप्न समान प्रतीत होता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5 : ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं / होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती ?
 उत्तर

जेबुन्निसा के स्थान पर अगर मैं महादेवी के लिए कुछ काम करती तो मैं संबंधों के आधार पर उनसे अपेक्षा करती। अगर मैं नौकरानी के रूप में उनकी सहायता करती, तो उनसे मजदूरी के साथ-साथ प्रेम  और आदर की भी अपेक्षा करती। अगर सखी के रूप में उनकी सहायता करती तो बस उनसे प्रेम और स्नेह चाहती। यदि उनकी प्रशंसिका या कनिष्ठ साथिन के रूप में सहायता करती तो कभी-कभी उनसे कविता भी सुन लेती तथा पढ़ाई में सहायता ले लेती।

प्रश्न 6 : महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे / करेंगी ?
 उत्तर

हमारा भी देश के प्रति कई कर्तव्य हैं। अगर मुझे भी देशहित या आपदा निवारण के सहयोग में अपने पुरस्कार को त्याग करना पड़े तो इसमें मुझे प्रशन्नता होगी। आखिर मेरा कुछ तो देश या लोगो के काम आ पाया। देश प्रेम के आगे पुरस्कार का कोई मूल्य नहीं।

प्रश्न 7 : लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।
उत्तर
लेखिका "महादेवी वर्मा" के छात्रावास का परिवेश बहुभाषी था। कोई हिंदी बोलता था तो किसी की भाषा उर्दू थी। वहाँ कुछ मराठी लड़किया भी थीं, जो आपस में मराठी बोलती थीं। अवध की लड़कियाँ आपस में अवधी बोलती थीं। बुंदेलखंड की लड़कियाँ बुंदेली में बात करती थीं। अलग-अलग प्रांत के होने के बावजूद भी वे आपस में हिंदी में ही बातें करती थीं। छात्रावास में उन्हें हिंदी तथा उर्दू दोनों की शिक्षा दी जाती थी।

प्रश्न 8 : महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए।
उत्तर:
हमारे विद्यालय में गणतंत्र दिवस की पूर्ण संध्या पर ही गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा था। उसमें मुझे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविता ‘हम जंग न होने देंगे’ का पाठ करना था। मैंने अपने हिंदी अध्यापक की देख-रेख में इसका अभ्यास तो किया था पर मन में भय-सा बना था। वैसे भी विद्यालय के सदस्यों और छात्र-छात्राओं के बीच इस तरह कविता पढ़ने का मेरा पहला अवसर था। कार्यक्रम शुरू होने पर जब उद्घोषक कोई नाम बुलाती तो दिल धड़क उठता। जब मेरा नाम बुलाया गया तो काँपते पैरों से मंच पर गया। पहली दो लाइनें पढ़ते ही आत्मविश्वास जाग उठा। फिर जब कविता पूरी की तो हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। मुझे एक सुखद अनुभूति हो रही थी।

प्रश्न 9: महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का जिक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उस पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए।
उत्तर: 

26 जनवरी, 20–

आज विद्यालय में गणतंत्र दिवस का आयोजन है। सभी छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त सैकड़ों अतिथि भी मंडप में पधारे हैं। सामने मेरे माता-पिता तथा अनेक परिचित जन बैठे हैं। मैं मंच के पीछे अपनी बारी की प्रतीक्षा में बैठी हूँ। मुझे कविता बोलनी है। हालाँकि मैंने पहले भी मंच पर कविता बोली है, परंतु जाने क्यों, आज मेरा दिल धक्-धक् कर रहा है। मेरे शरीर में हरकत हो रही है। जैसे-जैसे मेरे बोलने का समय निकट आ रहा है, मेरी उत्तेजना बढ़ती जा रही है। अब मैं न तो मंच का कोई कार्यक्रम सुन पा रही हूँ, न और किसी की बात सुन रही हूँ। मेरा सारा ध्यान अपना नाम सुनने में लगा है। डर भी लग रहा है कि कहीं मैं कविता भूल न जाऊँ। इसलिए मैंने लिखित कविता हाथ में ले ली है। यदि भूलने लगूंगी तो इसका सहारा ले लूंगी। लो, मेरा नाम बुल चुका है। मैं स्वयं को सँभाल रही हूँ। मेरे कदमों में आत्मविश्वास आ गया है। अब मैं नहीं भूलूंगी।

भाषा अध्यन

प्रश्न 10. पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए - विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।
 उत्तर

1.  विद्वान - मूर्ख  2. अनंत - संक्षिप्त

3. निरपराधी - अपराधी

4. दंड - पुरस्कार

5. शांति - अशांति

प्रश्न 11. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए -
 निराहारी, साम्प्रदायिकता, अप्रसन्नता, अपनापन, किनारीदार, स्वतंत्रता
उत्तर-
                                          उपसर्ग              प्रत्यय              मूल शब्द
निराहारी                  –            निऱ                   ई                    आहार
सांप्रदायिकता           –             x                    इक, ता              संप्रदाय
अप्रसन्नता                –            अ                    ता                     प्रसन्न
अपनापन                –             x                    पन                    अपना
किनारीदार              –             x                   दार                    किनारी
स्वतंत्रता                  –            स्व                  ता                      तंत्र। 

प्रश्न 12. निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो -दो शब्द लिखिए -
 उपसर्ग - अन्, अ, सत्, स्व, दुर्
 प्रत्यय - दार, हार, वाला, अनीय
 उत्तर

1. अन् - अन्वेषण, अनशन 2. अ - असत्य, अन्याय
3. सत् - सत्चरित्र, ,सत्कर्म
4. स्व - स्वराज, स्वाधीन
5. दुर् - दुर्जन, दुर्व्यवहार

प्रत्यय −
1. दार - किनारेदार, दुकानदार
2. हार - पालनहार, तारनहार
3. वाला - फलवाला, मिठाईवाला
4. अनीय - दर्शनीय, आदरनीय

प्रश्न 13. पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए -
 पूजा-पाठ पूजा और पाठ

उत्तर
(1) पूजा-पाठ = पूजा और पाठ
(2) उर्दू-फ़ारसी  = उर्दू और फ़ारसी
(3) पंचतंत्र  = पाँच तंत्रो से बना है जो
(4) दुर्गा-पूजा = दुर्गा की पूजा
(5) छात्रावास  = छात्रों का आवास

The document मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij) is a part of the Class 9 Course Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij).
All you need of Class 9 at this link: Class 9
17 videos|159 docs|33 tests

Top Courses for Class 9

FAQs on मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions - Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

1. मेरे बचपन के दिन पर क्या विचार किए गए हैं?
उत्तर: इस कविता में कवि ने अपने बचपन के दिनों के उस प्यार भरे समय की यादें जीवंत की हैं।
2. इस कविता में कौन-कौन सी बातें उजागर होती हैं?
उत्तर: इस कविता में कवि ने अपने घर, परिवार, खेलने के तरीके, और उस समय की सरलता को उजागर किया है।
3. क्या इस कविता में बचपन के दिनों की भावना व्यक्त होती है?
उत्तर: हां, इस कविता में कवि ने बचपन के दिनों की भावना को बहुत ही सुंदरता से व्यक्त किया है।
4. इस कविता में क्या विषय प्रमुख है?
उत्तर: इस कविता में बचपन के दिनों की मासूमियत और मस्ती का विषय प्रमुख है।
5. क्या इस कविता में कवि की भावनाएं स्पष्ट होती हैं?
उत्तर: हां, इस कविता में कवि की भावनाएं बहुत ही स्पष्ट और संवेदनशीलता से प्रकट होती हैं।
17 videos|159 docs|33 tests
Download as PDF
Explore Courses for Class 9 exam

Top Courses for Class 9

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Objective type Questions

,

Important questions

,

pdf

,

Free

,

मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Viva Questions

,

mock tests for examination

,

मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

MCQs

,

practice quizzes

,

shortcuts and tricks

,

मेरे बचपन के दिन NCERT Solutions | Class 9 Hindi (Kritika and Kshitij)

,

Summary

,

study material

,

past year papers

,

Exam

,

Sample Paper

,

Previous Year Questions with Solutions

,

Extra Questions

,

ppt

,

Semester Notes

,

video lectures

;