हम बीमार क्यों होते है
अध्याय-समीक्षा :
स्वास्थ्य वह अवस्था है जिसके अंतर्गत शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कार्य समुचित क्षमता द्वारा उचित प्रकार से किया जा सके।
सभी जीवों का स्वास्थ्य उसके पास-पड़ोस अथवा उसके आस-पास के पर्यावरण पर आधरित होता है।
हमारे भौतिक पर्यावरण का निर्धारण सामाजिक पर्यावरण द्वारा होता है |
भौतिक पर्यावरण का अर्थ है वहाँ का मौसम, तापमान, प्रदुषण, सफाई, गन्दगी आदि से |
सामुदायिक स्वच्छता व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है |
अच्छी आर्थिक परिस्थितियाँ तथा कार्य भी व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।
स्वस्थ रहने के लिए हमें प्रसन्न रहना आवश्यक है। यदि किसी से हमारा व्यवहार ठीक नहीं है और एक-दूसरे से डर हो तो हम प्रसन्न तथा स्वस्थ नहीं रह सकते। इसलिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए सामाजिक समानता बहुत आवश्यक है।
अपनी क्षमता को प्राप्त करने का अवसर भी वास्तविक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
रोगमुक्ति के लिए आवश्यक है व्यक्ति का व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वाथ्य वातावरण एवं स्वास्थ्य भोजन |
जब कोई रोग होता है तब शरीर के एक अथवा अनेक अंगों एवं तंत्रों में क्रिया अथवा संरचना में ‘खराबी’ परिलक्षित होने लगती है।
सिरदर्द, खाँसी आना, जुकाम होना, बुखार होना, पेटदर्द, दस्त आना और उल्टी होना आदि रोग नहीं अपितु रोग के लक्षण हैं |
लक्षण किसी विशेष रोग के बारे में सुनिश्चित संकेत देते है | जिसकों देखकर रोग कि पहचान की जाती है | इसके लिए प्रयोगशाला में परिक्षण भी होता हैं |
जिन रोगों की अवधि कम होती है उन्हें तीव्र रोग कहते हैं | जैसे: खाँसी-जुकाम, दस्त आदि |
ऐसे रोग हैं जो लंबी अवधि तक अथवा जीवनपर्यंत रहते हैं, ऐसे रोगों को दीर्घकालिक रोग कहते हैं। उदाहरण : एलिफेनटाईटिस अथवा फीलपांव आदि |
सामान्य स्वास्थ्य के लिए शरीर के सभी अंगों का समुचित कार्य करना आवश्यक है।
तीव्र रोग, जो बहुत कम समय तक रहता है, उसे सामान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करने का समय ही नहीं मिलता।
दीर्धकालिक रोग बहुत लंबे समय तक शरीर में बने रहने के कारण यह हमारे समान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है | जैसे- वजन का कम होना, थकान महसूस करना, अन्य दुसरे उपद्रव उत्पन्न हो जाना आदि |
सभी रोगों के तात्कालिक कारण तथा सहायक कारण होते हैं। साथ ही विभिन्न प्रकार के रोग होने के एक नहीं बल्कि बहुत से कारण होते हैं।
वह रोग जिनके तात्कालिक कारक सूक्ष्म जीव होते हैं उन्हें संक्रामक रोग कहते हैं। उदाहरण- टिटनेस, हैजा, प्लेग, टाइफाइड आदि |
कुछ रोग जो सूक्ष्म जीवों के कारण नहीं होते हैं उनका कारण अन्य कारक होते है असंक्रामक रोग कहलाता है | उदाहरण: कैसर, मोटापा, उच्च रक्त चाप आदि |
हेलिकोबैक्टर पायलोरी नामक जीवाणु पेप्टिक व्रण (peptiग ulगer) का कारण है |
संक्रामक रोगों का कारक जीव वायरस, कुछ बैक्टीरिया, फंजाई एक कोशिकीय जन्तु एवं कुछ प्रोटोजोआ होते हैं, कुछ बहु कोशिकीय जीव जैसे कृमि, प्लेनेरिया आदि भी होते है |
वायरस से होने वाला रोग: खाँसी-जुकाम, एन्फ़्लुएन्ज़ा, डेंगू बुखार तथा एड्स (कIDS) आदि |
जीवाणु (बैक्टीरिया) से होने वाला रोग: टाइफाइड, हैजा, ट्यूबरक्लोसिस (क्षयरोग) तथा एंथ्रेक्स आदि |
सामान्य सभी त्वचा रोग
पाठगत-प्रश्न:
प्रश्न 1 : अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ बताओ |
उत्तर:
अच्छे स्वास्थ्य हेतु दी स्थितियाँ :
(i) अच्छा एवं संतुलित आहार तथा
(ii) उचित जैविक एवं भौतिक वातावरण |
प्रश्न 2 : रोगामुकित की कोई दो आवश्यक परिस्थितियाँ बताइए |
उत्तर:
(i) अच्छा तथा संतुलित आहार |
(ii) उचित आदतें तथा स्वास्थ्य वातावरण |
प्रश्न 3 : क्या उपरोक्त प्रश्नों के उत्तर एक जैसे हैं अथवा भिन्न , क्यों ?
उत्तर: दोनों के उत्तर सामान है क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य का अर्थ है : रोग मुक्ति | यह तभी संभव है जब हमारा वातावरण भी स्वास्थ्य हो | व्यक्तिगत स्वास्थ्य सामजिक स्वास्थ्य से जुड़ा हैं |
प्रश्न 4 : इसे तीन कारण लिखिए , जिससे आप सोचते हो के आप बीमार हैं चिकित्सक के पास जाना चाहते हैं | यादी इनमें से एक भी लक्षण हो तो आप फिर भी चिकित्सक के पास जाना चाहेगें ? क्यों अथवा क्यों नहीं |
उत्तर:
(i) यादि आप बीमार हैं तो आपको रोग का कोई चिह्न दिकाई देगा |
(ii) यादि आप बीमार हैं तो रोग का कोई लक्षण दिखाई देगा जैसे दस्त होना , सिरदर्द आदि |
(iii) यादि आप बीमार हैं तो शरीर का कोई अंग |
प्रश्न 5 : निम्नलिखित से किसके लंबे समय , तक रहने के कारण आप समझते हैं कि आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा तथा क्यों ?
(क) यदि आप पीलिया से ग्रस्त हैं |
(ख) यदि आपके शारीर पर जूँ (liगe) हैं |
(ग) यदि आप मुंहासे से ग्रस्त हैं |
उत्तर:
(क) पीलिया रोग के प्रभाव दीर्घकालीन होंगे क्योंकि यह एक चिरकालिक रोग हैं |
(ख) जूँ एक बह्रापरजीवी है | यह कुछ समय तक रहते हैं | इसके शरीर पर दीर्घकालिक प्रभाव नहीं होते हैं |
(ग) मुंहासे का भी दीर्घकालिक प्रभाव नहीं होता हैं |
प्रश्न 6 : जब हम बीमार होते है तो सुपाच्य तथा पोषणयुक्त भोजन खाने का परामर्श क्यों दिया जाता हैं ?
उत्तर: बीमार होने पर सुपाच्य एवं पोषाणयुक्त भोजन द्वारा हमारा स्वास्थ्य सही रहता हैं | भोजन हमें ऊर्जा देता हैं तथा हमारे टूटे: फूटे उतकों की मरम्मत करता हैं |
प्रश्न 7 : संक्रामक रोग फ़ैलने की विभिन्न विधियाँ कौन: कौन सी हैं ?
उत्तर: संक्रामक रोग के फ़ैलाने की विधियाँ : रोगाणु संक्रामक के भंडार से जैसे मिट्टी , वायु , जल , जन्तुओं आदि से स्वास्थ्य मनुष्य में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप स्थानांतरित होते है |
(क) प्रत्यक्ष स्थानान्तरण निम्नलिखित प्रकार का होता हैं :
(i) ड्रोपलेट या बूँद संक्रमक खाँसने , छींकने तथा बात करने आदि द्वारा |
(ii) संपर्क स्थानान्तरण : संक्रामक व्यकित तथा स्वस्थ व्यकित के संपर्क से अथवा लैगिंक संपर्क द्वारा |
(iii) भूमि के साथ संपर्क से |
(iv) रक्त द्वारा संचारित |
(v) एक जन्तु के काटने से जैसे मलेरिया मच्छर के काटने से होता हैं |
(vi) प्लेसेंटा द्वारा (माता से) |
(ख) अप्रत्यक्ष स्थानान्तरण हो सकता हैं :
(i) वाहक द्वारा: उदाहरण : कीट तथा अन्य जंतु |
(ii) संक्रमित जल , भोजन तथा वयु द्वारा |
(iii) धुँआ तथा धुल आदि द्वारा |
प्रश्न 8 : संक्रामक रोग को फ़ैलने से रोकने के लिए आपके विधालय में कौन: कौन सी सावधानियाँ आवश्यक है ?
उत्तर: संक्रामक रोगों को फ़ैलाने से रोकने के लिए निम्नलिखित सावधानियां आवश्यक हैं :
(i) विघालय परिसर में स्वच्छता अति आवश्यक हैं | मल: मूत्र तथा अन्य कार्बनिक पदार्थों के अपशिष्ट का वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाना चाहिए | खुले स्थानों पर मल: मूत्र त्यागने पर पूर्ण प्रतिबन्ध होना चाहिए |
(ii) विघालय परिसर से सीवर व्यवस्था बहुत अच्छी होनी चाहिए |
(iii) विघालय कैंटीन में कटे हुए फल , बिना ढकियो खाघ साम्रगी की ब्रिकी प्रतिबंधित होना चाहिए |
(iv) विघार्थियों को 'मिड: डे: मील' की व्यवथा होनी चाहिए |
(v) समय: समय पर विघार्थियों को संक्रामक रोग प्रतिरोधी टीके लगवाने चाहिए |
प्रश्न 9 : प्रतिरक्षीकरण क्या हैं |
उत्तर: अनेक रोगों के विरूद्ध प्रतिरक्षियों के उत्पन्न करने हेतु प्रतिजन को कमजोर करके या मारकर उसे शारीर के अन्दर प्रविष्ट कर देते हैं | इस प्रविजन से प्रतिरक्षी तन्त्र प्रेरित होकर स्मृति कोशिकाएँ बनाता हैं जो अगली बार अगली बार रोग होने पर तुरंत मारक कोशिकाओं को जन्म देती है जो रोग से लड़ती हैं | प्रतिरक्षक टीकों द्वारा किया जाता हैं |
प्रश्न 10 : आपके पास में स्थितर स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण के कौन से कार्यक्रम उपलब्ध है ? आपके क्षेत्र में कौन: कौन सी स्वास्थ्य संबंधी हैं ?
उत्तर: हमारे क्षेत्र में 3 से 5 वर्ष के शिशु को बी .सी .जी. का टीका दिया जाता है | 9 से 15 माह के शिशु को टीका दिया जाता हैं | इसके अतिरिक्त पोलियों की खुराक मुख से देते हैं | टिटनेस , टायफाइड , काली खाँसी आदि के टीके भी शिशुओं को दिए जाते हैं |
मियादी बुखार हमारे क्षेत्र की मुख्य स्वास्थ्य समस्या है |
प्रश्न 11. मलेरिया के कारक का नाम बताओं |
उत्तर: प्लाजमोडियम (प्रोटोजोआ)
प्रश्न 12. टाइफाइड रोग का कारक कैसे फैलता है ?
उत्तर: दूषित जल द्वारा |
प्रश्न 13. WHO का पूरा नाम बताओं |
उत्तर: विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Heकlth Orgकnisकtion)|
प्रश्न 14. वायरस से होने वाले एक रोग का नाम बताओं ?
उत्तर: पोलियो |
प्रश्न 15. पेनिसिलिन किस प्रकार के जीवाणुओं पर प्रभावी है ?
उत्तर: रक्षा कवच/कोशिका भित्ती बनाने वाले (गकpsulकted खकगteriक) |
प्रश्न 16. एक संक्रामक रोग का नाम बताइए |
उत्तर: क्षयरोग (Tuखerगulosis) |
प्रश्न 17. कुत्ते अथवा जानवरों के काटने से कौन-सी बीमारी होती हैं |
उत्तर: रैबीज |
प्रश्न 18. एक असंचरणीय रोग का नाम बताओं |
उत्तर: मधुमेह (diकखetis)|
प्रश्न 19. घरेलु मक्खियों से फैलने वाले एक रोग का नाम बताओं |
उत्तर: हैजा |
प्रश्न 20. कालाजार किस रोगाणु के कारण होता है ?
उत्तर: लेस्मानिया |
प्रश्न 21. शरीर में लंबे समय तक बने रहने वाले एक रोग का नाम बताओं |
उत्तर: हाथीपाँव |
प्रश्न 22. उन रोगों को क्या कहते हैं जिसमें शरीर के लगभग सभी अंग प्रभावित होते है ?
उत्तर: दीर्घकालिक रोग |
प्रश्न 23: WHO के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा दों।
उत्तर: WHO के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा:- स्वास्थ्य वह अवस्था है जिसके अंतर्गत शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक कार्य समुचित क्षमता द्वारा उचित प्रकार से किया जा सके।
प्रश्न 24: अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ बताओं।
उत्तर: अच्छे स्वास्थ्य की दो आवश्यक स्थितियाँ:-
1. अच्छा एवं संतुलित आहार
2. उचित जैविक एवं भौतिक वातावरण
प्रश्न 25: संक्रमण फैलने के विभिन्न विधियाँ क्या है ?
उत्तर: वायु, मिट्टी, जल, संक्रमित जीव से स्वास्थ्य जीव में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्थानान्तरण होता है।
प्रत्यक्ष विधि-
1. खांसने, छींकने, तथा बात करने से ।
2. संपर्क में आने या लैंगिक संपर्क से।
3. रक्त द्वारा संचारित
अप्रत्यक्ष विधि-
1. वाहक द्वारा: कीट एवं अन्य जन्तु (मक्खी, मच्छर)
2. संक्रमित जल, भोजन, एवं वायु द्वारा
प्रश्न 26: प्रतिरक्षीकरण क्या है ?
उत्तर: अनेक रोगों के विरूद्ध प्रतिरक्षियों के उत्पन्न करने के लिए प्रतिजन को कमजोर करके या मारकर स्वस्थ शरीर में प्रतिरक्षण टीको ( वैक्सिन) के द्वारा प्रविष्ट करा दिया जाता है। इस प्रतिजन से प्रतिरक्षी तंत्र प्रेरित होकर उस रोग के संक्रमण के दौरान प्रतिरक्षियों को उत्पन्न करता है। जो रोग से लडते है।
प्रश्न 27: रोग कितने प्रकार के होते है ?
उत्तर: 1. संक्रामक रोग 2. असंक्रामक रोग
प्रश्न 28: संक्रामक रोग किसे कहते हैं ?
उत्तर: वे रोग जो सुक्ष्म जीवो के संक्रमण से उत्पन्न होते हैं तथा एक से दुसरे में फैलता है संक्रामक रोग कहलाता है। जैसे: हैजा, मलेरिया, तपेदिक आदि।
प्रश्न 29: लैंगिक संचारित रोग किसे कहते है ?
उत्तर: वे रोग जो लैंगिक सम्पर्क के कारण होते हैं लैंगिक संचारित रोग कहलाते है।
प्रश्न 30: तीन लैंगिक संचारित रोगों के नाम लिखो।
उत्तर: 1. एड्स 2. सिफलिस 3. गोनोरिया
प्रश्न 31: एड्स किस प्रकार फैलता है ?
उत्तर:
1. लैंगिक सम्पर्क से
2. ग्रसित व्यक्ति के रक्त चढाने से
3. ग्रसित माता से उसके शिशु को गर्भावस्था के दौरान
4. संक्रमित सुई से
प्रश्न 32: शोथ किसे कहते है ?
उत्तर: शोथ एक शरीर में चोट या संक्रमण से होने वाली प्रतिरक्षा तंत्र की एक शारीरिक प्रक्रिया हैं जिसमें सूक्ष्मजीवों को मारने के लिए अनेक कोशिकाए बना देता है। नयी कोशिकाओं के बनने के प्रक्रम को शोथ कहते है। इसमें स्थानिय उतकों में सूजन, प्रदाह, लालीपन, और दर्द जैसे शारीरीक लक्षण पाए जाते है।
अतिरिक्त प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: उस जीवाणु का नाम बताइए जो पेप्टिक व्रण के लिए उतरदायी है।
उत्तर: हेलीकोबैक्टर पायलोरी।
प्रश्न 2: प्रचंड (तीव्र) तथा दीर्ध कालिक रोग में अंतर लिखिए।
उत्तर:
प्रचंड (तीव्र) रोग
1. यह कम अवधि तक रहती है।
2. यह शरीर के कुछ ही अंगों को प्रभावित करता है।
3. यह समान्य स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता है।
4. उदाहरण: खॉसी, बुखार , दस्त आदि।
दीर्ध कालिक रोग
1. यह लंबी अवधि तक रहती है।
2. यह शरीर के अधिकांश अंगों को प्रभावित करता है।
3. यह समान्य स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
4. उदाहरण: क्षय रोग, मधुमेह आदि।
प्रश्न 3: उन दो आस्ट्रेलियाई चिकित्सकों का नाम बताइए जिन्हें पेप्टिक व्रण कें जीवाणु का पता लगानें के लिए 2005 में संयुक्त रूप से नोबेल पुरूस्कार दिया गया।
उत्तर: रॉबिन वॉरेन तथा बैरी मार्शल ।
प्रश्न 4: कोई औषधी किसी विशेष वर्ग के रोगाणुओं पर ही प्रभाव डालती है किसी अन्य वर्ग के रोगाणुओं पर नहीं क्यों ?
उत्तर: क्योंकि औषधियॉ किसी विशेष वर्ग को ध्यान में रखकर ही बनाई जाती है। एक वर्ग के रोगाणुओं में जैव प्रक्रियॉ एक जैसी होती है , जबकि अन्य वर्ग में जैव प्रक्रियॉ अलग होती है।
प्रश्न 5: पेनिसिलिन नामक एन्टीबॉयोटिक किस प्रकार के जीवाणुओं पर प्रभावी है।
उत्तर: पेनिसिलिन नामक एन्टीबॉयोटिक कोशिका भिति बनाने वालेे जीवाणुओं पर प्रभावी है।
प्रश्न 6: कोई भी एन्टीबॉयोटिक वायरस संक्रमण पर प्रभावी क्यों नहीं होता?
उत्तर: बैक्टेरियॉ की तुलना में वायरस की जैव प्रक्रिया भिन्न होती है एन्टीबॉयोटिक बैक्टेरियॉ की अनेक स्पीशीज को तो प्रभावित कर पाता है परन्तु अन्य स्पीशीज जैसे वायरस पर अप्रभावी है।
प्रश्न 7: ऐसे मध्यस्थ जो रोगाणुओं को रोगी से अन्य पोषी तक पहुँचा देते है उन्हें क्या कहते है ?
उत्तर: रोगवाहक या वेक्टर ।
प्रश्न 8: रैबीज के रोगवाहक का नाम बताइए।
उत्तर: कुता या अन्य पशु।
प्रश्न 9: जपानी मस्तिष्क ज्वर का रोग वाहक का नाम बताइए।
उत्तर: मच्छर ।
प्रश्न 10: प्रतिरक्षाकरण के नियम का मूल अधार क्या है ?
उत्तर: जब कोई रोगाणु पहली बार प्रतिरक्षा तंत्र पर हमला करता है तो यह तंत्र रोगाणुओं के प्रति क्रिया करता हैं और फिर विशिष्ट रूप से स्मरण कर लेता है। जब पुनः ऐसा ही रोगाणु संपर्क में आता है तो पुरी शक्ति से नष्ट कर देता हैं । पहले संक्रमण की अपेक्षा दुसरा संक्रमण जल्द ही समाप्त हो जाता है। यह प्रतिरक्षाकरण के नियम का मूल अधार है।
प्रश्न 11: संक्रामक रोगों में प्रतिरक्षा तंत्र की असफलता का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर: संक्रामक रोगों में प्रतिरक्षा तंत्र की असफलता का मुख्य कारण है।
1. पर्याप्त भोजन तथा पोषण की कमी ।
2. प्रतिरक्षी कोशिकाओं का सक्रिय न होना ।
प्रश्न 12: संक्रामक रोगों से निवारण का क्या उपाय है।
उत्तर: संक्रामक रोगों से निवारण का उपाय:
1. टीकाकरण ।
2. साफ वायु में रहें।
3. शुद्ध पानी पीयें ।
4. स्वच्छता के साथ साथ स्वच्छ तथा उचित मात्रा में भोजन ।
प्रश्न 13: एन्टीबॉयोटिक क्या है ? यह किस प्रकार कार्य करता है ?
उत्तर: एन्टीबॉयोटिक एक रासायनिक औषधि हैं जो संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं के विभिन्न स्पीशीज को मारता है। यह अपनी रक्षा कवच बनाने वाले जीवाणुओं के रक्षा कवच बनने की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। जिससे जीवाणु असानी से मर जाते है। जैसे: पेनिसिलिन ।
प्रश्न 14: पेनिसिलिन क्या है ? यह किस प्रकार कार्य करता है ?
उत्तर: पेनिसिलिन एक एन्टीबॉयोटिक औषधि हैं जो पेनेसिलिनम नामक कवक से बनाया जाता है। यह संक्रमण फैलाने वाले जीवाणुओं के विभिन्न स्पीशीज को मारता है। यह अपनी रक्षा कवच बनाने वाले जीवाणुओं के रक्षा कवच बनने की प्रक्रिया को बाधित कर देता है। जिससे जीवाणु असानी से मर जाते है।
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1. What are the common causes of illnesses? |
2. How does stress affect our health? |
3. How can we prevent illnesses? |
4. What are some common infectious diseases? |
5. How do vaccines work to prevent illnesses? |
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