खाद्ध्य संसाधनों में सुधार
अभ्यास समीक्षा:
फसल के लिए कुल 16 पोषक आवश्यक हैं। हवा से कार्बन तथा ऑक्सीजन, पानी से हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन एवं मिटटी से शेष 13 पोषक प्राप्त होते हैं। इन 13 पोषकों में से 6 पोषकों की मात्रा अधिक चाहिए इसलिए इन्हें वृहत्-पोषक कहते हैं। शेष 7 पोषक कम मात्रा में चाहिए, जिन्हें सूक्ष्म-पोषककहते हैं।
फसल के लिए पोषकों के मुख्य स्रोत खाद तथा उर्वरक हैं।
कार्बनिक कृषि प्रणालियों में उर्वरकों, पीड़कनाशकों तथा शाकनाशकों का निम्नतम या बिलकुल प्रयोग नहीं किया जाता है। इन प्रणालियों में स्वस्थ फसल तंत्र के साथ कार्बनिक खादों, पुनर्चक्रित अपशिष्टों तथा जैव-कारकों का अधिकतम उपयोग होता है।
एक विशेष फार्म में फसल उत्पादन तथा पशुपालन आदि में बढ़ावा देने वाली खेती को मिश्रित खेती तंत्र कहते हैं।
मिश्रित फसल में दो अथवा दो से अधिक फसलों को एक ही खेत में एक साथ उगाते हैं।
दो अथवा दो से अधिक फसलों को निश्चित कतार पैटर्न में उगाने को अंतरा-फसलीकरण कहते हैं।
एक ही खेत में विभिन्न फसलों को पूर्व नियोजित अनुक्रम में उगाएँ तो उसे फसल चक्र कहते हैं।
उच्च उत्पादन, अच्छी गुणवत्ता जैविक व अजैविक कारकों के प्रति प्रतिरोधिता, अल्प परिपक्वन काल तथा बदलती परिस्थितियों के लिए अनुकुल तथा ऐच्छिक सस्य विज्ञान गुण के लिए नस्ल सुधार की आवश्यकता है।
फार्म पशुओं के लिए उचित देखभाल तथा प्रबंधन जैसे कि आवास, आहार, जनन, तथा रोगों पर नियंत्रण की आवश्यकता होती है। इसे पशुपालन कहते हैं।
कुक्कुट पालन घरेलू मुर्गियों की संख्या को बढ़ाने के लिए करते हैं। कुक्कुट पालन के अंतर्गत अंडों का उत्पादन तथा मुर्गों के मांस के लिए ब्रौलर उत्पादन हैं।
कुक्कुट पालन में उत्पादन को बढ़ाने तथा उन्नत किस्म की नस्लों के लिए भारतीय (देशी) तथा बाह्य नस्लों में संकरण कराते हैं।
समुद्र तथा अंतःस्थली स्रोतों से मछलियाँ प्राप्त कर सकते हैं।
मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए उनका संवर्धन समुद्र तथा अंतःस्थली पारिस्थितिक प्रणालियों में कर सकते हैं।
समुद्री मछलियों को पकड़ने के लिए प्रतिध्वनि गभीरतामापी तथा उपग्रह द्वारा निर्देशित मछली पकड़ने के जाल का प्रयोग करते हैं।
मिश्रित मछली संवर्धन तंत्र प्रायः मत्स्य पालन के लिए अपनाते हैं।
मधुमक्खी पालन मधु तथा मोम को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
अतिरिक्त-प्रश्न:
प्रश्न 1: कृषि क्षेत्र में लोगों की आय बढ़ाने या अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कौन सी प्रणालियाँ अपनानी चाहिए |
उत्तर:
(i) म्रिश्रित खेती |
(ii) अंतराफसलीकरण
(iii) संघटीय प्रणाली अपनाकर
प्रश्न 2: पशुधन के रूप में उपयोग की जाने वाली फसलों का नाम बताइए |
उत्तर: (i) वर्मिस (ii) जई (iii) सूडान घास
प्रश्न 3: विभिन्न फसलों के लिए जलवायु संबंधी कौन सी परिस्थितियों की आवश्यकता होती है ?
उत्तर: तापमान और दिप्तिकाल
प्रश्न 4: खरीफ फसल किसे कहते है ?
उत्तर: कुछ ऐसी फसलें जिन्हें वर्षा ऋतू में उगाते है उन्हें खरीफ फसल कहते हैं | जैसे - धान, मक्का, अरहर और बाजरा आदि |
प्रश्न 5: रबी फसल किसे कहते है ?
उत्तर: जिन फसलों को शीत ऋतू में उगाते है उन्हें रबी फसल कहते हैं | जैसे - गेंहूँ, चना, मटर, उड़द और सरसों आदि |
प्रश्न 6: संकरण विधि क्या है ?
उत्तर: संकरण विधि में विभिन्न अनुवांशिक गुणों वाले पौधों में संकरण करवाते हैं | यह संकरण अंतराकिस्मीय (विभिन्न किस्मों से), अंतरास्पिसिज (विभिन्न प्रजातियों से) अथवा अंतरवंशीय (विभिन्न वंशों से) से हो सकता है | इस विधि से दो किस्मों को मिलाकर एक नई किस्म पैदा किया जाता है | इसलिए इस विधि को संकरण विधि कहते हैं |
प्रश्न 7: जैविक और अजैविक कारक फसल उत्पादन को प्रभावित करते हैं | कैसे ?
उत्तर:
(i) जैविक कारक जैसे - रोग किट, तथा निमोटोड़ आदि फसल को नुकसान पहुँचाने वाले जैविक कारक है जो खड़ी फसल को नुकसान ही नहीं पहुँचाते वरन उत्पादन क्षमता भी कम कर देते हैं | फसलों में इन कीटों के कारण होने वाले रोग यदि फुल फूल लगने के समय लगती है तो सारे फूल नष्ट हो जाते हैं और उत्पादन बिलकुल ही कम हो जाता है |
(ii) अजैविक कारक के अंतर्गत जलवायु संबंधी परिस्थितियाँ जैसे सुखा, बाढ़, क्षारता, जलाक्रन्ति, ठंढी, गर्मी और पाला के कारण फसल उत्पादन कम हो जाता है |
22 videos|28 docs
|
1. खाद्य संसाधनों में सुधार क्या है? |
2. खाद्य संसाधनों में सुधार क्यों आवश्यक है? |
3. खाद्य संसाधनों में सुधार के लिए कौन-कौन से उपाय हो सकते हैं? |
4. खाद्य संसाधनों के सुधार से किस तरह सामाजिक-आर्थिक विकास हो सकता है? |
5. खाद्य संसाधनों में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा कौन-कौन से योजनाएं चलाई जा रही हैं? |
22 videos|28 docs
|
|
Explore Courses for Class 9 exam
|