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Short & Long Question Answer: नए इलाके में, खुशबू रचते हैं हाथ | Hindi Class 9 (Sparsh and Sanchayan) PDF Download

प्रश्न 1: कवि नए इलाके में पहुंचने के बाद क्या खोज रहा है?
उत्तर:
कवि ने इलाके में पहुंचने के बाद उस ताकते हुए पीपल के पेड़ को ढहे हुए घर को और उस जमीन के खाले टुकड़े को ढूंढते हैं जहां से उनको बाय मुड़ना था और बाएं मुड़ने के बाद उनको दो मकान बाद एक बिना रंग वाले लोहे के फाटक का एक मंजिला घर मिलता है।

प्रश्न 2: कवि बदलती हुई दुनिया को जानने के लिए कौन सा उपाय बताते हैं?
उत्तर: कवि बदलती हुई दुनिया को जानने के लिए उपाय बताते हुए कहते हैं कि अब हर दरवाजा खटखटाना पड़ेगा और पूछना पड़ेगा कि क्या यह वही घर है? 

प्रश्न 3: कवि “खुशबू रचते हैं हाथ” नामक कविता में अगरबत्तियां बनाने वालो का किस प्रकार वर्णन कर रहे हैं?
उत्तर:
कवि “खुशबू से रचते हैं हाथ” नामक कविता में अगरबत्तियां बनाने वालो का वर्णन करते हुए कहते हैं कि इन अगरबत्तियां बनाने वालो का हाथ उभरी हुई नसों से युक्त है और इनके नाखून घिसे हुए हैं।
इनके गंदे-गंदे कटे फटे हाथ और जख्म से भरे हुए हाथ हैं। इनके हाथों में पीपल के पत्ते लगे हुए हैं और जूही की डाल से इनके हाथ सुगंधित हो रहे हैं।

प्रश्न 4: कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में किसका वर्णन कर रहे हैं?
उत्तर: 
कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में देश की मशहूर अगरबत्तियां बनाने वाले लोगों की एक टोली की बात कर रहे हैं।

प्रश्न 5: खुशबू रचते हाथ का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: कवि बता रहे हैं कि कुछ दूर आगे चलने पर उनको एक गली दिखाई दे जहां पर लोगों के हाथ कटे फटे थे, उनके नाखून घिसे हुए थे और नसें दिख रही थी। ये वही लोग हैं तो भारत की सबसे सुगंधित अगरबत्तियां बनाते हैं। 

प्रश्न 6: कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में किस-किस अगरबत्तियां की बात कर रहे है?
उत्तर:
कवि खुशबू से रचते हैं हाथ नामक कविता में जूही, केवड़ा, गुलाब, खस और रातरानी अगरबत्तियां की बात कर रहे है।

प्रश्न 7: नए इलाके कविता का केंद्रीय भाव अपने शब्दों में स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
कवि बता रहे हैं कि दिन-प्रतिदिन दुनिया बदलती जा रही है जहां पहले पीपल का पेड़ था ढहा हुआ घर था और जमीन का खाली टुकड़ा था, वहां आज नए नए मकान बन रहे हैं कि आज वह गली पहचानना भी मुश्किल हो गया है। इंसान रोज करो जो बदल रहा है और अब तो अपनों से भी ये पूछना पड़ रहा है कि क्या तुम वही इंसान हो? 


 

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