प्रश्न 1: लेखिका महादेवी वर्मा के बचपन के समय लड़कियों के प्रति समाज की सोच कैसी थी? ‘मेरे बचपन के दिन पाठ’ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: लेखिका महादेवी के बचपन अर्थात् बीसवीं शताब्दी के आसपास लड़कियों के प्रति समाज की सोच अच्छी नहीं थी। लोग लड़कियों को बोझ समझकर उनसे जल्द से जल्द छुटकारा पा लेना चाहते थे। वे लड़कियों के पैदा होते ही उन्हें मार देते थे।
प्रश्न 2: महादेवी को अपने बचपन में वह सब नहीं सहना पड़ा ज अन्य लड़कियों को सहना पड़ता था। ऐसा क्यों?
उत्तर: महादेवी के परिवार में दो सौ वर्षों तक कोई लड़की पैदा ही नहीं हुई थी। उसके पहले लोग. लड़कियों को पैदा होते ही परमधाम भेज देते थे। लेखिका महादेवी के बाबा ने कुल-देवी दुर्गा की पूजा की तब महादेवी का जन्म हुआ। इतनी मन्नते माँगने के बाद जन्म होने के कारण महादेवी को वह सब नहीं सहना पड़ा।
प्रश्न 3: महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से किस तरह अलग थी?
उत्तर: महादेवी के बाबा की सोच समाज के अन्य पुरुषों से बिल्कुल अलग थी। अन्य लोग जहाँ कन्या के पैदा होते ही उसे मार देते थे वहीं महादेवी के बाबा ने उसके पालन-पोषण पर ध्यान दिया और पढ़ा-लिखाकर विदुषी बनाना चाहा।
प्रश्न 4: महादेवी के परिवार में कौन-कौन सी भाषाएँ बोली जाती थीं? महादेवी पर किस भाषा का असर हुआ?
उत्तर: महादेवी के परिवार में उसके बाबा फ़ारसी और उर्दू के ज्ञाता थे जबकि उसके पिता ने अंग्रेजी पढ़ी थी। हिंदी का वातावरण तो तब बना जब उसकी माँ जबलपुर से आई। वे हिंदी-संस्कृत की जानकारी थी। उनके सान्निध्य के कारण महादेवी पर हिंदी का असर हुआ और वे पंचतंत्र सीखने लगी।
प्रश्न 5: महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का क्या योगदान रहा?
उत्तर: महादेवी की शिक्षा-दीक्षा में उनकी माता का विशेष योगदान रहा। वे हिंदी भाषी घर से आई थीं। उन्होंने महादेवी को ‘पंचतंत्र’ पढ़ना सिखाया। वे धार्मिक विचारों वाली महिला थीं। उनके साथ बैठते-बैठते महादेवी ने संस्कृत सुनाना समझना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी पढ़ाई की शुरुआत माँ ने ही कराई।
प्रश्न 6: क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था। पठित पाठ के आलोक में स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज का वातावरण बहुत अच्छा था। वहाँ विभिन्न स्थानों से लड़कियाँ पढ़ने आती थी। उनमें कुछ हिंदू भी तो कुछ ईसाई यहाँ धर्म या क्षेत्र के स्थान पर कोई भेदभाव नहीं था। सब एक ही मेस में खाती थीं, जिसमें प्याज तक नहीं प्रयोग की जाती थी। इस तरह वहाँ का वातावरण पढ़ाई के लिए आदर्श था।
प्रश्न 7: महादेवी की रुचि लेखन में उत्पन्न करने में उनकी माँ का योगदान था, स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: महादेवी की माँ हिंदी-संस्कृत की जानकार थी। वे पूजा-पाठ करने वाली धार्मिक विचारों की महिला थी। महादेवी उनके साथ पूजा पर बैठती और ध्यान से सुनती। उनकी माँ मीरा के पद गाती थी। इसे सुन-सुनकर महादेवी ने भी ब्रजभाषा में लिखना शुरू कर दिया। इस तरह उनकी माँ का विशेष योगदान था।
प्रश्न 8: सुभद्रा कुमारी ने महादेवी की काव्य प्रतिभा को निखारने में कैसे मदद की?
उत्तर: सुभद्रा कुमारी और महादेवी वर्मा छात्रावास के एक ही कमरे में रहती थीं। सुभद्रा उनसे दो साल बड़ी थी जो कविता लेखन में प्रसिद्ध थी। महादेवी जो अब तक ब्रजभाषा में लिखती थी, सुभद्रा कुमारी को देखकर खड़ी बोली में लिखने लगी। दोनों एक साथ कविताएँ रचतीं, इससे महादेवी की काव्य प्रतिभा निखरती गई।
प्रश्न 9: जेबुन्निसा कौन थी? वह महादेवी की मदद कैसे करती थी?
उत्तर: जेबुन्निसा कोल्हापुर से आई मराठी लड़की थी जो महादेवी के कमरे में रहने आई क्योंकि सुभद्रा छात्रावास से जा चुकी थीं। जेबुन महादेवी की डेस्क साफ़ कर देती, उनकी पुस्तकें ढंग से रख देती थी। इससे महादेवी को कविता लेखन के लिए कुछ और समय मिल जाता था। इस तरह वह महादेवी की मदद करती थी।
प्रश्न 10: उस समय विद्यालयों का वातावरण आज के वातावरण से किस तरह अलग था? ‘मेरे बचपन के दिन’- पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: उस समय विद्यालयों में सांप्रदायिकता नहीं थी। विभिन्न धर्मों के छात्र-छात्राएँ साथ-साथ पढ़ते थे। वे अपनी-अपनी भाषा में बात करते थे। एक ही मेस में खाते थे, एक ही प्रार्थना में शामिल होते थे, पर आज विद्यालयों का वातावरण वैसा नहीं रहा। अब यहाँ जाति-धर्म, संप्रदाय, भाषा, क्षेत्र आदि के आधार पर अलगाव देखा जा सकता है।
प्रश्न 11: महादेवी और सुभद्रा कुमारी की मुलाकात और मित्रता का वर्णने अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर: जब महादेवी का दाखिला क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में करवाया गया तो वहाँ हॉस्टल में जो कमरा मिला, उसमें सुभद्रा कुमारी पहले से ही रह रही थीं। वे महादेवी से दो साल सीनियर थी जो कविता लिखा करती थीं। महादेवी को भी बचपन से लिखने का शौक था पर वह छिप-छिपाकर लिखती थी। उसने सुभद्रा के पूछने पर लिखने से तो मना कर दिया पर सुभद्रा द्वारा तलाशी लेने पर बहुत कुछ निकल आया। यह देखकर सुभद्रा ने महादेवी के बारे में सबको छात्रावास में बता दिया। इसके बाद दोनों में मित्रता हो गई।
प्रश्न 12: महादेवी को काव्य रचना में प्रसिद्धि दिलाने में काव्य-सम्मेलनों ने किस तरह बढ़ावा दिया? पठित पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में पढ़ते हुए महादेवी और सुभद्रा कुमारी कविताएँ लिखा करती थीं। उस समय कवि सम्मेलन हुआ करते थे। इन कवि सम्मेलनों में इन्हें लेकर क्रास्थवेट से मैडम जाया करती थी। जहाँ महादेवी कविताएँ सुनाती। इनके अध्यक्ष अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध’, श्रीधर पाठक और रत्नाकर जैसे प्रसिद्ध कवि हुआ करते थे। इनमें कविता सुनाने पर लेखिका महादेवी को पुरस्कृत किया जाता था। ये पुरस्कार उनके लिए प्रेरणादायी सिद्ध हुए और उनकी प्रसिद्ध बढ़ती गई।
प्रश्न 13: जवारा के नवाब की बेगम ने सांप्रदायिक सौहार्द फैलाने की दिशा में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया, कैसे? मेरे बचपन के दिन पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: जवारा के नवाब की बेगम उसी कंपाउंड के एक बँगले में रहती थी जिसमें लेखिका का परिवार रहता था। वे हिंदू-मुसलमान का भेद माने बिना बच्चों से स्वयं को ताई कहने के लिए कहती। उनके बच्चे लेखिका की माँ को ‘चची जान’ कहते थे। वे अपने इकलौते लडके के हाथ पर रक्षाबंधन को राखी बँधवातीं और लेखिक को ‘लरिया’ या कुछ उपहार देती। इसी तरह वे हिंदू त्योहारों को भी उतनी ही खुशी से मिल-जुलकर मनाती,जितना कि ईद या मुहर्रम को। उनका व्यवहार सांप्रदायिकता के मुँह पर तमाचा था। इस तरह उन्होंने अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
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