(क) कभी-कभी मैं अपने मित्रों की परीक्षा लेती हैं, यह परखने के लिए कि वह क्या देखते हैं। हाल ही में मेरी एक प्रिय मित्र जंगल की सैर करने के बाद वापस लौटीं। मैंने उनसे पूछा, "आपने क्या-क्या देखा?" कुछ खास तो नहीं,' उनका जवाब था। मुझे बहुत अचरज नहीं हुआ क्योंकि मैं अब इस तरह के उत्तरों की आदी हो चुकी हैं। मेरा विश्वास है कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे बहुत कम देखते हैं।
प्रश्न 1: कौन किसकी कभी-कभी परीक्षा लेती थी?
उत्तर: लेखिका अपने मित्रों की कभी कभी परीक्षा लेती थी |
प्रश्न 2: वह क्या परखने के लिए परीक्षा लेती थी?
उत्तर: वह यह परखने के लिए परीक्षा लेती थी कि उनके मित्र क्या देखते हैं |
प्रश्न 3: लेखिका को किस बात का विश्वास था?
उत्तर: लेखिका को इस बात का विश्वास था कि जिन लोगों की होती है ,वे कम देखते हैं|
प्रश्न 1: लेखिका को क्या विश्वास हो गया था?
उत्तर: लेखिका को विश्वास हो गया था कि जिन लोगों की आँखें होती हैं, वे देखकर भी नहीं देखते। वे वस्तुओं की सुंदरता को अनदेखा कर देते हैं।
प्रश्न 2: लेखिका किसे अनुभव करती है ? और उन्हें कौन सी चीज कालीन से भी अधिक प्रिय है?
उत्तर: लेखिका पक्षियों के गीत को अनुभव करती है और उन्हें घास का मैदान कालीन से भी अधिक प्रिय है |
प्रश्न 3: बदलता मौसम लेखिका को कैसी खुशियाँ दे जाता था?
उत्तर: बदलता मौसम लेखिका के जीवन में नया रंग भर देता था और ढेरों खुशियाँ दे जाता था।
प्रश्न 1: लेखिका का मन कब मुग्ध हो जाता?
उत्तर: लेखिका का मन हर वस्तु को देखने के लिए बेचैन हो जाता है। उसे उन चीजों को जिन्हें छूने भर से उसे खुशी होती है यदि वह उन्हें देख सकती तो उसका मन मुग्ध हो जाता।
प्रश्न 2: लेखिका यह क्यों मानती है कि जिन लोगों की आँखें हैं वह सचमुच बहुत कम देखते हैं?
उत्तर: लेखिका नेत्रहीन थी। पर वह जानती थी कि इस दुनिया में बहुत सी सुंदर चीजें हैं। अनेक लोग आँख होते हुए भी उनकी ओर बहुत कम देखते हैं। उनके मन में प्रकृति की विभिन्न चीजों की सुंदरता को देखने में रुचि ही नहीं होती। उनमें अपनी क्षमताओं के प्रति कद्र नहीं है। वे उन वस्तुओं को पाना चाहते हैं जो उनके पास नहीं हैं।
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