प्रश्न 1: दस्तावेज़ में भारत के तकनीकी और आर्थिक विकास के किस संदर्भ में चर्चा की गई है?
उत्तर: दस्तावेज़ में भारत के उद्योगीकरण की प्रक्रिया, तकनीकी उन्नतियों का प्रभाव और इनके सामाजिक-आर्थिक परिणामों पर चर्चा की गई है।
प्रश्न 2: भारत ने किस प्रकार से पारंपरिक कृषि प्रधान समाज से एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई?
उत्तर: विभिन्न तकनीकी नवाचारों ने उद्योगों के विकास को संभव बनाया, जिससे भारत ने पारंपरिक कृषि प्रधान समाज से एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाई।
प्रश्न 3: तकनीकी प्रगति ने शिक्षा के क्षेत्र में क्या बदलाव लाए हैं?
उत्तर: डिजिटल तकनीकों के प्रसार ने शिक्षा के क्षेत्र में दूरी की समस्या को कम किया है और व्यापक आबादी तक शिक्षा की पहुंच को बढ़ाया है।
प्रश्न 4: नई तकनीकों ने रोजगार के किन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं?
उत्तर: तकनीकी प्रगति ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं।
प्रश्न 5: तकनीकी उन्नतियों ने ग्रामीण इलाकों में किस प्रकार का आर्थिक विकास किया है?
उत्तर: तकनीकी उन्नतियों ने नए उद्योगों और उद्यमों के लिए द्वार खोले हैं, जिससे ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक विकास तेजी से हुआ है।
प्रश्न 6: मोबाइल टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने व्यापार और सेवाओं के किस नए मॉडल को संभव बनाया है?
उत्तर: मोबाइल टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने स्थानीय उद्यमियों को वैश्विक बाज़ार से जोड़ने वाला व्यापार और सेवाओं का नया मॉडल संभव बनाया है।
प्रश्न 7: नई तकनीकें पर्यावरण संरक्षण में कैसे मदद कर रही हैं?
उत्तर: नई तकनीकें नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के विकास और उपयोग के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में मदद कर रही हैं।
प्रश्न 8: दस्तावेज़ में तकनीकी प्रगति की स्वीकार्यता के संदर्भ में क्या चर्चा की गई है?
उत्तर: दस्तावेज़ में चर्चा की गई है कि समाज के हर वर्ग तक तकनीक की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और ये तकनीकें कैसे जीवनयापन को सुगम बना रही हैं।
प्रश्न 9: दस्तावेज़ में किस प्रकार की चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है?
उत्तर: जनसंख्या के कुछ हिस्सों द्वारा तकनीकी बदलावों को अपनाने में आने वाली चुनौतियों का समाधान किया जा रहा है।
प्रश्न 10: दस्तावेज़ का मुख्य उद्देश्य क्या है?
उत्तर: दस्तावेज़ का मुख्य उद्देश्य भारत में तकनीकी प्रगति और उसके व्यापक प्रभावों का एक गहन विश्लेषण प्रदान करना है।
प्रश्न 11: भारत के उद्योगीकरण की प्रक्रिया और तकनीकी नवाचारों के योगदान पर विस्तृत टिप्पणी करें।
उत्तर: भारत ने पारंपरिक कृषि प्रधान समाज से एक औद्योगिक राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बनाने के लिए कई चरणों से गुजरा। प्रारंभ में, भारतीय उद्योग मुख्य रूप से हस्तशिल्प और कृषि आधारित थे। लेकिन समय के साथ, औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया ने गति पकड़ी, विशेष रूप से स्वतंत्रता के बाद। विभिन्न तकनीकी नवाचारों ने उद्योगों के विकास को संभव बनाया। उदाहरण के लिए, भारी मशीनरी और ऑटोमेशन तकनीकों ने उत्पादन की गति और गुणवत्ता में सुधार किया। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार के क्षेत्र में प्रगति ने विभिन्न उद्योगों को आधुनिक बनाया और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा किया।
प्रश्न 12: तकनीकी प्रगति के कारण सामाजिक परिवर्तन कैसे हुए हैं? विशेषकर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्रों में।
उत्तर: तकनीकी प्रगति ने सामाजिक परिवर्तन को गति दी है। शिक्षा के क्षेत्र में, डिजिटल तकनीकों के प्रसार ने दूरस्थ शिक्षा को संभव बनाया, जिससे ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों में भी शिक्षा की पहुंच बढ़ी। ऑनलाइन प्लेटफार्मों ने शिक्षा के लिए नए संसाधन उपलब्ध कराए। स्वास्थ्य के क्षेत्र में, तकनीकी उन्नतियों ने चिकित्सा उपकरणों और दवाओं के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। टेलीमेडिसिन ने दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को बढ़ाया है। रोजगार के क्षेत्र में, तकनीकी प्रगति ने नए उद्योगों और उद्यमों के लिए अवसर खोले हैं, जिससे युवा पीढ़ी के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं। इससे न केवल शहरी क्षेत्रों में बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी आर्थिक विकास हुआ है।
प्रश्न 13: तकनीकी उन्नतियों ने आर्थिक विकास के कौन-कौन से नए अवसर पैदा किए हैं? विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में।
उत्तर: तकनीकी उन्नतियों ने कई नए आर्थिक अवसर पैदा किए हैं। मोबाइल टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ने व्यापार और सेवाओं के नए मॉडल को संभव बनाया, जिससे स्थानीय उद्यमी वैश्विक बाजार से जुड़ पाए हैं। ग्रामीण इलाकों में, ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान प्रणाली ने छोटे और मझोले उद्यमों को बढ़ावा दिया है। कृषि में तकनीकी नवाचारों, जैसे कि ड्रोन और स्मार्ट सिंचाई प्रणाली, ने उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार किया है। इन सबके कारण, ग्रामीण इलाकों में आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है और वहाँ के लोगों की आय में सुधार हुआ है।
प्रश्न 14: पर्यावरण संरक्षण में तकनीकी प्रगति की भूमिका पर विस्तार से चर्चा करें।
उत्तर: पर्यावरण संरक्षण में तकनीकी प्रगति की भूमिका महत्वपूर्ण है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा और जैव ईंधन ने पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता को कम किया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आई है। नई तकनीकों ने ऊर्जा दक्षता में सुधार किया है, जिससे ऊर्जा की खपत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, वायु और जल शोधन तकनीकों ने प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद की है। स्मार्ट ग्रिड और ऊर्जा प्रबंधन प्रणालियों ने ऊर्जा वितरण को अधिक कुशल और पर्यावरण के अनुकूल बनाया है। इस प्रकार, तकनीकी प्रगति ने न केवल ऊर्जा की बढ़ती मांग को पूरा किया है, बल्कि पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा है।
प्रश्न 15: समाज में तकनीकी प्रगति की स्वीकार्यता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं और इनमें आने वाली चुनौतियों का समाधान कैसे किया जा रहा है?
उत्तर: समाज में तकनीकी प्रगति की स्वीकार्यता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए गए हैं। सबसे पहले, सरकार और निजी क्षेत्र ने मिलकर तकनीक की पहुंच बढ़ाने के लिए व्यापक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया है, जैसे कि इंटरनेट कनेक्टिविटी और डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम। तकनीकी शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को नए तकनीकी कौशल सिखाए जा रहे हैं। तकनीकी बदलावों को अपनाने में आने वाली चुनौतियों, जैसे कि डिजिटल डिवाइड, को कम करने के लिए विशेष योजनाएं और सब्सिडी प्रदान की जा रही हैं। इसके अलावा, सामाजिक जागरूकता अभियानों के माध्यम से तकनीकी प्रगति के लाभों के बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इस प्रकार, समाज के हर वर्ग तक तकनीक की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।
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