Police SI Exams Exam  >  Police SI Exams Notes  >  General Awareness/सामान्य जागरूकता  >  Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध)

Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams PDF Download

आंग्ल-सिख युद्ध


अंग्रेजों एवं सिखों के मध्य हुए दो युद्धों को आंग्ल-सिख युद्ध के रूप में सम्बोधित किया जाता है। ये युद्ध वर्ष 1845-1849 के मध्य लड़े गए थे। इन युद्धों के परिणामस्वरूप पंजाब में सिख साम्राज्य का अंत हुआ और संपूर्ण सिख क्षेत्र अंग्रेजी हुकूमत के अन्तर्गत आ गया।

प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध की पृष्ठभूमि

  • अंग्रेज सदैव से पंजाब की उर्वर भूमि की ओर ललचाई दृष्टि से देखते थे और पंजाब पर आधिपत्य करना चाहता थे। इस तथ्य को हम भारत में रह रहे अंग्रेज अधिकारियों के ब्रिटेन भेजे गए पत्रों से समझ सकते हैं –
    • डब्लू० एफ० आसबर्न- वर्ष 1838 में अपने पत्र में लिखा था “हमें रणजीत सिंह की मृत्यु के पश्चात पंजाब को तुरन्त ही जीत लेना चाहिए और सिंध को अपनी सीमा बना लेना चाहिए। कम्पनी पहले ही बड़े-बड़े ऊँटों को खा चुकी है, तो इस मच्छर की तो बात ही क्या है”।
    • लार्ड एलनबरों ने महारानी विक्टोरिया को एक पत्र में लिखा था कि “वह समय दूर नहीं जब पंजाब हमारे अधीन होगा। ऐसा नहीं कि यह अगले वर्ष ही होगा परन्तु है अनिवार्य”।
  • उपरोक्त तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि ब्रिटिश सरकार पंजाब को अपने आधीन लाना चाहती थी। वर्ष 1843 में मेजर ब्राडफुट की लुधियाने में कम्पनी के एजेण्ट के रूप में नियुक्ति हुई। उसने वहां जाते ही स्थिति को और अधिक बिगाड़ दिया। उसने घोषणा की कि सतलुज के पार सभी रियासतें कम्पनी के न केवल संरक्षण में होंगी, अपितु महाराजा दिलीप सिंह की मृत्यु पर ये सब जब्त हो जाएँगी।
  • वर्ष 1844 में लार्ड एलनबरो के उत्तराधिकारी के रूप में लार्ड हार्डिंग जो एक प्रख्यात सैनिक था, गवर्नर जनरल बन कर आया उसने तुरन्त सेना को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक प्रयत्न किए। सिखों ने अंग्रेजों की इस तैयारी का केवल एक ही अर्थ निकाला कि वे आक्रमण और युद्ध करना चाहते हैं।
  • आंग्ल-सिख युद्ध के प्रारम्भ होने में रानी जिंद कौर का भी सहयोग रहा क्योंकि राजा रणजीत सिंह की मृत्यु उपरान्त खालसा सेना की शक्ति काफी बड़ गई थी और रानी जिंद कौर का उस पर अधिक नियंत्रण नहीं रह गया था, अतः जिंद कौर का हित इसी में था कि यदि खालसा सेना हार गई तो उसकी शक्ति समाप्त हो जाएगी और यदि जीत गई तो अनन्त प्रदेश उसके अधीन आ जाएगा।

प्रथम आंग्ल-सिख युद्ध(1845-1846)

  • 11 दिसम्बर, 1845 को सिख सेना ने हरिके और कसूर के बीच सतलुज नदी को पार किया। 13 दिसम्बर, 1845 को लार्ड हार्डिंग ने युद्ध की घोषणा कर दी और आदेश जारी किया कि “महाराजा दिलीप सिंह के राज्य का वह भाग जो सतलुज के बायीं ओर है, वह अब अंग्रेजी राज्य में मिलाया जाता है”।
  • इस युद्ध के दौरान 5 बार दोनो सेनाएं आमने-सामने आंयी।
    • मुदकी का युद्ध
    • फिरोजशाह का युद्ध
    • बदोवाल का युद्ध
    • अलीवाल का युद्ध
    • सुभराव का युद्ध
  • निर्णायक रूप से 10 फरवरी, 1846 को सिख सेना के प्रधान सेनापति लालसिंह एवं तेज सिंह के विश्वासघात के कारण इस युद्ध में सिखों की हार हुई।
  • युद्ध उपरान्त लाहौर की संधि हुई। ये संधि महाराजा दिलीप सिंह और अंग्रेजों के बीच हुई थी।
  • लाहौर की संधि- 9 मार्च 1846 को हुई थी। इसके अन्तर्गत-
    • सिख राज्य ने सतलुज के पार के समस्त प्रदेश सदैव के लिए छोड़ दिए।
    • सतलुज और व्यास के मध्य के सभी दुर्गों पर अधिकार पूर्णतया छोड़ा।
    • सिख राज्य द्वारा अंग्रेजों को डेढ़ करोड़ का युद्ध हर्जाना देना पड़ा।
    • सिखों की सेना को सीमित कर दिया गया, पैदल सैनिक – 20000 एवं घुड़सवार – 12000।
    • सिख राज्य किसी भी अन्य यूरोपीय कंपनी के व्यक्ति को अपनी सेवा में नहीं रखेंगे।
    • अवयस्क दिलीप सिंह को महाराजा स्वीकार कर लिया गया तथा रानी जिंद कौर को उनका संरक्षक बनाया गया।
    • लाल सिंह को सिख राज्य का वजीर बनाया गया।
    • एक अंग्रेजी अधिकारी को रेजीडेण्ट बनाकर लाहौर में नियुक्त किया गया । जिसका पूरा खर्चा सिख राज्य को देना होगा। पहले रेजीडेण्ट के रूप में सर हेनरी लारेन्स को नियुक्त किया गया।
    • अंग्रेजी सेना खालसा दरबार के खर्च पर 1846 के अंत तक लाहौर में ही रहेगी।
  • सिखों का प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भी इसी युद्ध के बाद महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया।

द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध की पृष्ठभूमि

  • लाहौर की संधि के पश्चात शीघ्र ही अंग्रेजों का वास्तविक मकसद सामने आने लगा। लालसिंह को एक जाँच में दोषी करार देकर राज्य के बाहर निर्वासित कर दिया गया और लाहौर का शासन एक प्रतिनिधि मण्डल को सौंप दिया गया। लाहौर की संधि के अनुसार वर्ष 1846 के अंत तक अंग्रेजी सेना को लाहौर से चले जाना था, परन्तु लार्ड हार्डिंग कुछ समय और सेना को वहीं रखना चाहता था। अतः एक और संधि हुई, भैरोवाल की संधि –
  • भैरोवाल की संधि – 22 दिसम्बर, 1846 को हुई थी। जिसके अनुसार –
    • अल्पवयस्क महाराज दिलीप सिंह के संरक्षण हेतु सेना का लाहौर में ही रहना स्वीकृत हुआ और इसके लिए प्रति वर्ष 22 लाख का खर्च खालसा दरबार को वहन करना था।
    • अंग्रेज रेजीडेण्ट को असैनिक और सैनिक शक्तियाँ प्रदान कर दी गयीं।
  • रानी जिंद कौर ने इसके विरोध में आवाज उठानी शुरू करी तो गवर्नर जनरल ने 20 अगस्त, 1847 को एक घोषणा की जिसके अनुसार दिलीप सिंह की शिक्षा के हित में महारानी जिंद कौर को उनसे पृथक कर दिया गया। और 48000/- वार्षिक पेंशन देकर शेखपुरा निर्वासित कर दिया गया।
  • अब 8 सिख सरदारों की परिषद का गठन हुआ, जो महाराजा दिलीप सिंह के साथ शासन की देखभाल करेंगे, परन्तु उस परिषद की अध्यक्षता अंग्रेजी रेजिडेंट द्वारा की जाएगी।
  • इसके बाद वर्ष 1848 में साम्राज्यवादी लार्ड डलहौजी ने गवर्नर जनरल का पद संभाला। उसका विश्वास था कि हमें नए प्रदेश प्राप्त करने का कोई अवसर नहीं खोना चाहिए। डलहौजी को यह अवसर पंजाब के मुल्तान प्रान्त के गवर्नर मूलराज के विद्रोह से प्राप्त हुआ।

द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध(1848-1849)

  • मुल्तान के गवर्नर मूलराज के विद्रोह को दबाने के लिए अंग्रेजी सेना ने फिर से सिख साम्राज्य पर आक्रमण कर दिया।
  • इस युद्ध के दौरान दो मुख्य लड़ाई लड़ी गयी।
  • पहली लड़ाई चिलियांवाला की लड़ाई सिख नेता शेर सिंह और अंग्रेजी कमांडर गफ के मध्य लड़ी गयी। ये युद्ध अनिर्णायक रहा पर इसमें अंग्रेजों को भारी क्षति पहुँची थी।
  • दूसरी लड़ाई गुजरात में चार्ल्स नेपियर के नेतृत्व में 21 फरवरी 1849 में लड़ी। इस “तोपों के युद्ध” में सिखों की बुरी तरह से हार हुई।
  • इसके बाद लार्ड डलहोजी के द्वारा 29 मार्च 1849 को एक घोषणा के द्वारा सम्पूर्ण पंजाब को अंग्रेजी राज्य में मिला लिया गया।
  • दिलीप सिंह और उनकी माता जिंद कौर को 50,000/- पौंड की वार्षिक पेंशन देकर लन्दन भेज दिया गया।
The document Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams is a part of the Police SI Exams Course General Awareness/सामान्य जागरूकता.
All you need of Police SI Exams at this link: Police SI Exams
203 videos|273 docs|23 tests

Top Courses for Police SI Exams

203 videos|273 docs|23 tests
Download as PDF
Explore Courses for Police SI Exams exam

Top Courses for Police SI Exams

Signup for Free!
Signup to see your scores go up within 7 days! Learn & Practice with 1000+ FREE Notes, Videos & Tests.
10M+ students study on EduRev
Related Searches

Extra Questions

,

Semester Notes

,

Previous Year Questions with Solutions

,

mock tests for examination

,

MCQs

,

Viva Questions

,

Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

Important questions

,

shortcuts and tricks

,

ppt

,

Exam

,

Objective type Questions

,

Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

Free

,

Sample Paper

,

Short Notes: Anglo-Sikh War (आंग्ल-सिख युद्ध) | General Awareness/सामान्य जागरूकता - Police SI Exams

,

past year papers

,

practice quizzes

,

pdf

,

Summary

,

study material

,

video lectures

;