प्रश्न 1. लेखिका मृदुला गर्ग ने अपनी नानी को देखा नहीं था फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे प्रभावित थीं तो क्यों और किस घटना के आधार पर ?
उत्तर: नानी शब्द को सुनते ही मन में प्रेम करने वाली महिला का चित्र उभर आता है और एक ऐसा व्यक्तित्व उभरकर आता है जो सामने न होते हुए भी हर समय मन में रहता है। लेखिका की नानी परम्परागत रूप से अनपढ़ तथा पर्दा करने वाली, आजादी के लिए जुनून रखने वाली ममतामयी माँ, आजाद ख्यालों वाली, स्पड्ढवादी महिला थीं। उनकी बेटी का विवाह अंग्रेजी साहबों के आज्ञाकारी से न होकर, किसी आजादी के सिपाही के साथ हो, यह अभिलाषा थी।
प्रश्न 2. लेखिका की नानी ने अपनी पुत्री के लिए वर खोजने का दायित्व किसे सौंपा और क्यों?
उत्तर: लेखिका की नानी ने अपनी बेटी के लिए स्वतंत्रता सेनानी वर खोजने का दायित्व अपने पति के मित्र स्वतंत्रता-सेनानी प्यारे लाल शर्मा को सौंपा क्योंकि उन्हें भरोसा था कि प्यारे लाल जी उनकी इच्छा अवश्य पूरी कर पायेंगे।
प्रश्न 3. लेखिका मृदुला गर्ग की नानी किस स्वभाव की थीं? उनके जीवन की कौन-सी बात बहुत चर्चित है ?
उत्तर: लेखिका मृदुला गर्ग की नानी प्रगतिशील, स्वतंत्रता- आन्दोलन की समर्थक तथा देशप्रेमी महिला थीं। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आजादी के आन्दोलन में भागीदारी दिखाई। उन्होंने अपने पति के मित्र स्वतंत्रता सेनानी प्यारेलाल शर्मा से बेटी के लिए आजादी का सच्चा सिपाही वर के रूप में तलाश करने के लिए वचन लिया। वे नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी की शादी अंग्रेजों की नौकरी करने वाले भारतीय से हो।
प्रश्न 4. लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की कोई दो विशेषताएँ लिखकर परिवार में उनके प्रति आदर-सम्मान का कारण लिखिए।
उत्तर: लेखिका की माँ के व्यक्तिव की निम्न विशेषताएँ थ° जिनके कारण परिवार में उनके प्रति आदर-सम्मान था
(i) वे ईमानदार, निष्पक्ष तथा सच का समर्थन करने वाली महिला थीं व किसी की गोपनीय बात को प्रकट नहीं करती थीं।
ii) नाना जी विलायती संस्ड्डति से प्रभावित थे परन्तु नानी अपनी ही जीवन शैली में रहीं और अपनी बेटी की शादी किसी साहब से न करवा कर आजादी के सिपाही से करवाना चाहती थीं, उनमें आजादी की भावना बहुत प्रबल थी।
प्रश्न 5. हमारे सामने अनेक महिलाएँ रोज दिखाई पड़ती हैं किसी-किसी की बातें हमें बहुत प्रभावित करती हैं, पाठ के आधार पर बताइए कि लेखिका मृदुला गर्ग अपने साथ की किन औरतों से प्रभावित थी और क्यों?
उत्तर. मृदुला गर्ग अपनी नानी, परदादी, छोटी बहिन रेणु से प्रभावित थीं। नानी ने बेटी के लिए मनचाहा वर चुना। परदादी ने लड़की की कामना की। रेणु ने अपने नजरिए से जिन्दगी का आनन्द लिया।
प्रश्न 6. लेखिका मृदुला गर्ग की परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नात क्यों माँगी?
उत्तर: लेखिका मृदुला गर्ग की परदादी रूढ़िवादी परम्परा से हटकर चलती थीं। लड़के की मन्नात तो सभी माँगते हैं, पर परदादी ने लड़की की मन्नात माँग कर सबको हैरान कर दिया। इस प्रकार उन्होंने अपनी दिलेरी तथा कन्या और पुत्र में समानता वाले अच्छे विचार का भी परिचय दिया।
मृदुला गर्ग प्रश्न 7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा-भाव से देखा जाता है?
उत्तर: समाज में श्रद्धा भाव से उन्हीं इंसानों को देखा जाता है जो निःस्वार्थ भाव से सभी की भलाई के लिए अपना जीवन खपा देते हैं। वे दूसरों की भलाई के लिए अपना तन, मन, धन न्यौछावर कर देते हैं। किसी की भी बात की गोपनीयता रखना उनके लिए एक कर्तव्य की तरह होता है। लेखिका की माँ को भी इसीलिए श्रद्धा के भाव से व आदर सम्मान के भाव से देखा जाता था।
प्रश्न 8. ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में लेखिका ने अपनी नानी का जो चित्र खींचा उसका वर्णन कीजिए
उत्तर: लेखिका की माँ शान्त स्वभाव, गम्भीर, समझदार, देश-प्रेमी, सत्य बोलने वाली, सूझबूझ वाली तथा हिम्मत वाली पढ़ी-लिखी खूबसूरत महिला थीं।
प्रश्न 9. ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’- इस दिशा में लेखिका मृदुला गर्ग के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: कर्नाटक के बागलकोट कस्बे में कोई ढंग का स्कूल नहीं होने के कारण लेखिका ने बिशप से प्राइमरी स्कूल खोलने के लिए प्रार्थना की। वहाँ क्रिश्चियन जनसंख्या कम होने के कारण लेखिका ने गैर-क्रिश्चियन बच्चों को शिक्षा पाने के लायक किया। बिशप से सहायता न मिलने के कारण लेखिका ने स्वयं अंग्रेजी-हिन्दी-कन्नाड़ तीन भाषाएँ पढ़ाए जाने वाला प्राइमरी स्कूल खोला व कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलवाई।
प्रश्न 10. अपराध करने पर दण्ड दिया जाता है मगर फिर भी अपराध रुकने का नाम नहीं लेता। मात्र दण्ड ही किसी अपराध का विकल्प नहीं होता? सिद्ध कीजिए।
अथवा
डराने, धमकाने, उपदेश देने या दबाब डालने की जगह सहजता से किसी को भी राह पर लाया जा सकता है। पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: मात्र दण्ड द्वारा हम किसी को नहीं सुधार सकते। भावनात्मक प्रेम से व समझाकर किसी को सही रास्ते पर लाया जा सकता है। अपराधी को दण्ड देने से पहले उसके सभी पहलुओं पर विचार कर लेना चाहिए साथ ही उसकी परिस्थिति को भी नजर अंदाज नहीं किया जाना चाहिए। प्रेम बहुत बड़ी शक्ति है। प्रेम द्वारा माफ करके हम किसी को सही रास्ते पर ला सकते हैं जैसा कि लेखिका की परदादी ने किया। एक चोर को उन्होंने भावनात्मक रिश्ते द्वारा नेक इंसान बना दिया।
प्रश्न 11. कहा जाता है कि महिलाएँ शक्तिशाली होंगी तो समाज भी शक्तिशाली बनेगा। समाज में महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाने के लिए अपनी ओर से सुझाव दीजिए।
उत्तर: समाज में महिलाओं की स्थिति को दृढ़ करने के लिए सबसे पहले उनका शिक्षित होना अनिवार्य है। उसके बाद समाज को जागरुक किया जा सकता है। अपनी आत्मरक्षा के उपाय खुद करने हैं ऐसी हिम्मत व साहस की भावना भर कर उनका आत्मबल बढ़ाया जा सकता है। लिंगभेद को समाप्त करके भी महिलाओं की स्थिति को सुदृढ़ बनाया जा सकता है।
प्रश्न 12. लेखिका मृदुला गर्ग के बागलकोट में स्कूल खोलने के प्रयास का वर्णन कीजिए तथा बताइए कि आपको इससे क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर: कर्नाटक जाने पर लेखिका मृदुला गर्ग ने बागलकोट कस्बे में एक प्राइमरी स्कूल खोलने की कैथोलिक बिशप से प्रार्थना की परन्तु क्रिश्चयन जनसंख्या कम होने के कारण वे स्कूल खोलने में असमर्थ थे। लेखिका ने अनेक परिश्रमी लोगों की मदद से वहाँ अंग्रेजी, कन्नड़, हिन्दी तीन भाषाएँ पढ़ाने वाला स्कूल खोलकर उसे कर्नाटक सरकार से मान्यता भी दिलाई।
लेखिका के इस कार्य से हमें यह शिक्षा मिलती है कि कठिन परिश्रम व दृढ़ इच्छा शक्ति से कोई भी कार्य सम्पन्न किया जा सकता है।
प्रश्न 13. लेखिका मृदुला गर्ग के व्यक्तित्व की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: लेखिका मृदुला गर्ग ने ‘मेरे संग की औरतें’ पाठ में जो विचार व्यक्त किए हैं उनसे उनके चरित्र की विशेषताओं पर प्रकाश पड़ता है। कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(i) लेखिका अध्ययनशील तथा सामाजिक कार्यों में रुचि रखने वाली महिला थी।
(ii) शिक्षा के प्रति विशेष लगाव रखती थी तथा नाटक में अभिनय करना भी उनकी रुचि थी।
(iii) उन्होंने स्कूल खोलने में भी सफलता पाई थी। लेखिका के व्यक्तित्व से हमें यह पता चलता है कि व्यक्ति अपने जीवन में कठोर परिश्रम एवं अनुशासन से अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न 14. लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?
उत्तर: लेखिका की नानी अनपढ़ महिला थीं और परदा करती थीं। वह किसी की भी जिन्दगी में हस्तक्षेप नहीं करती थीं। वे समाजवादी और सशक्त व्यक्तित्व की महिला थीं। देश की आजादी के लिए उनके मन में प्रबल जुनून था। उन्होंने अपनी बेटी की शादी अंग्रेजों की गुलामी करने वाले साहब से न करवाकर किसी स्वतंत्रता सेनानी से करवाने का फैसला लिया। इस प्रकार उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से नहीं, परोक्ष रूप से आजादी के आन्दोलन में भागीदारी की।
प्रश्न 15. लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।
उत्तर: लेखिका की दादी के घर का माहौल दूसरे घरों से अलग था। उनके घर में लड़की-लड़के में कोई भेद नहीं था। स्त्रियों का पूरा आदर-सम्मान किया जाता था। लेखिका की माँ का भी घर में बहुत मान-सम्मान किया जाता था। स्वयं दादी ने अपनी पतोहू के गर्भवती होने पर लड़की होने की कामना सभी के सामने कर दी थी। परिवार में साहित्यिक माहौल भी था। लेखिका की माँ पुस्तकें पढ़ने, साहित्य पढ़ने, संगीत सुनने, चर्चा करने में अपना अधिकतर समय व्यतीत करती थीं।
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1. 'मेरे संग की औरतें' लेख का मुख्य विषय क्या है ? |
2. इस लेख में महिलाओं की कौन-कौन सी समस्याओं का उल्लेख किया गया है ? |
3. लेख में महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत क्या बताया गया है ? |
4. 'मेरे संग की औरतें' लेख में कौन सी महिलाएं प्रमुखता से वर्णित हैं ? |
5. इस लेख का समाज पर क्या प्रभाव पड़ता है ? |
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