लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. रामस्वरूप का अपनी बेटी को उच्च शिक्षा दिलाना और विवाह के लिए छिपाना, यह विरोधाभास उनकी किस विवशता को उजागर करता है ?
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1054]
उत्तर: आधुनिक समाज में पढ़े-लिखे व सभ्य लोग होते हैं। इसके बावजूद, रामस्वरूप को अपनी बेटी के भविष्य की खातिर रूढ़िवादी लोगों के दबाव में झुकना पड़ रहा था। यही उनकी विवशता का कारण है।
प्रश्न 2. अपनी बेटी का रिश्ता तय करने के लिए रामस्वरूप उमा से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे हैं, वह उचित क्यों नहीं है ?
[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]
उत्तर: रामस्वरूप चाहते थे कि उनकी बेटी उमा पाउडर वगैरह लगाकर सज-धज कर लड़के वालों के सामने दिखावटी सामान की तरह प्रस्तुत हो जाए। उमा को यह सब पसंद नहीं था। वे उमा की पढ़ाई-लिखाई भी छिपा रहे थे। रामस्वरूप ये सब गलत कर रहे थे क्योंकि इस तरह झूठ के आधार पर रिश्तों को बनाना उचित नहीं। इससे लड़की का सारा जीवन बर्बाद होने का डर रहता है। यदि हमें समाज में बदलाव या सुधार लाना है, तो नारी शिक्षा और स्वतन्त्रता को महत्त्व देना चाहिए। दहेज जैसी बुरी प्रथा का विरोध करना चाहिए।
प्रश्न 3. गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं और रामस्वरूप अपनी बेटी की उच्च शिक्षा छिपाते हैं। क्या आप मानते हैं कि दोनों ही समान रूप से अपराधी हैं?
[C.B.S.E. 2011 Term II, Set D1]
अथवा
एकांकी ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ के आधार पर रामस्वरूप एवं गोपाल प्रसाद में से आप किसे ज्यादा दोषी मानते हैं ? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]
उत्तर: गोपाल प्रसाद विवाह को ‘बिजनेस’ मानते हैं। जिस प्रकार व्यक्ति लाभ-हानि का विचार कर व्यापार करता है, उसी प्रकार वे भी अपने लड़के की शादी किसी अच्छी हैसियत वाले व्यक्ति की कम पढ़ी-लिखी लड़की से करना चाहते हैं। इसके पीछे उनकी यह सोच है कि लड़की बिना किसी नाज-नखरे के उनके घरेलू कामों में लगी रहे। इस प्रकार व नारी को सम्मान नहीं देना चाहते, अतः वे अपराधी हैं। रामस्वरूप द्वारा अपनी बेटी की उच्च शिक्षा को छिपाने का कारण यह है कि अधिक पढ़ी-लिखी होने के कारण उसके विवाह में कठिनाई आ रही है। पुरुष प्रधान समाज नारी की गरिमापूर्ण स्थिति को स्वीकार नहीं कर पा रहा है। अतः रामस्वरूप विवश होकर ऐसा कदम उठाते हैं। इस कारण गोपाल प्रसाद की तुलना में उनका अपराध हल्का है।
प्रश्न 4. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी के नारी पात्र उमा के चरित्र की विशेषताएँ लिखिए।
[C.B.S.E. 2011 Term II, Set A1]
अथवा
कथावस्तु के आधार पर आप किसे एकांकी का मुख्य पात्र मानते हैं और क्यों?
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA–1062]
उत्तर: कथावस्तु के आधार पर ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी की प्रमुख पात्र है-उमा।
उमा इस एकांकी के केन्द्र में है एवं सम्पूर्ण कहानी उसी के इर्द-गिर्द घूमती है।
एकांकी की प्रमुख घटना उमा के विवाह से ही सम्बन्धित है। उसे देखने लड़के वाले आते हैं। परन्तु वह अपनी
उच्च शिक्षा एवं लड़के शंकर की चरित्रहीनता की बात दृढ़तापूर्वक प्रकट कर देती है।
अपने सद्गुणों, आदर्शों एवं स्पष्टवादिता के आधार पर उमा ही इस एकांकी की मुख्य पात्र सिद्ध होती है। वह एक सच्चरित्र, उच्च शिक्षा प्राप्त, आकर्षक व्यक्तित्व वाली युवती है।
प्रश्न 5. ‘रीढ़ की हड्डी’ पाठ में उमा किस बात को दृढ़ता पूर्वक उठाती है ?
उत्तर: एकांकी में उमा के व्यक्तित्व को ही सर्वोकृत दिखाया गया है। वह नारी को उचित सम्मान न दिए जाने की बात को दृढ़तापूर्वक उठाती है जो एकांकी के उद्देश्य को स्पष्ट करता है।
प्रश्न 6. समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु कौन-कौन से प्रयास किए जाने चाहिए ?
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1063]
उत्तर: समाज में महिलाओं को उचित गरिमा दिलाने हेतु हम अग्रलिखित प्रयास कर सकते हैं
(i) हम स्वयं भी नारी का सम्मान करें एवं दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
(ii) स्त्री शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्त्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।
(iii) हम नारी के अधिकारों का आदर करते हुए माँ, बहन तथा अन्य सभी स्त्रियों के प्रति अपने कत्र्तव्यों का समुचित पालन करें।
(iv) समाज की पुरुष-प्रधान सोच को बदलने हेतु प्रयास कर सकते हैं।
(iv) दहेज एवं नारी-शोषण का विरोध कर उन्हें उचित गरिमा दिला सकते हैं।
(vi) नारी के प्रति हो रहे अत्याचार का मुखर विरोध कर संघर्ष मंे उनका साथ दे सकते हैं।
प्रश्न 7. ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का उद्देश्य अपने शब्दों में लिखिए।
[C.B.S.E. 2012 Term II, HA-1061]
उत्तर: ‘रीढ़ की हड्डी’ एकांकी का उद्देश्य है-
(i) स्त्रियों के प्रति व्याप्त रूढ़िवादी मानसिकता पर प्रहार करना। कन्या को हीन मानने की सामाजिक कुरीति को दूर करने का प्रयास करना।
(ii) लड़कियों के स्वतंत्र व्यक्तित्व की रक्षा करना।
(iii) दो मुँहे व्यक्तित्व वाले व्यक्तियों का पर्दाफाश करना।
(iv) स्त्रियों की शिक्षा और उससे उत्पन्न आत्मविश्वास और साहस को उभारना।
(v) नारी के प्रति होने वाले अत्याचारों से संघर्ष करना।
प्रश्न 8. रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद बात-बात पर ‘‘एक हमारा जमाना था.....’’ कहकर अपने समय की तुलना वर्तमान समय से करते हैं। इस प्रकार की तुलना करना कहाँ तक तर्कसंगत है?
उत्तर: ऐसा अक्सर देखा जाता है कि एक खास उम्र के लोग अपने जमाने की खूबियों को याद करते है और नये जमाने को कोसने लगते हैं। किसी भी दो जमाने की इस तरह तुलना करना किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। समय हमेशा परिवर्तनशील रहता है और समय के साथ-साथ वस्तु स्थितियाँ भी अवश्य बदलती हैं। हर जमाने के अपने मूल्य और अपनी प्रणाली होती है। अधिकतर मामलों में आधुनिक जमाना बीते हुए जमाने की तुलना में प्रगतिशील ही होता है।
प्रश्न 9. ‘‘.............आपके लाड़ले बेटे की रीढ़ की हड्डी भी है या नहीं............’’ उमा इस कथन के माध्यम से शंकर की किन कमियों की ओर संकेत करना चाहती है?
उत्तर: शंकर में स्वाभिमान की बहुत सख्त कमी थी। वह इस बात पर आश्वस्त नहीं था कि उसकी पढ़ाई, उसका कोर्स कब पूरा होगा। जब वह लड़की देखने गया, तब भी कमर झुकाकर बैठा हुआ था, देखकर लग रहा था कि आत्मविश्वास उसमें है ही नहीं। उसे अपनी भावी पत्नी के व्यक्तित्व के बारे में जानने में भी कोई रूचि नहीं थी।
प्रश्न 10. शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
उत्तर: शंकर जैसे लड़के समाज पर बोझ सिद्ध होते हैं। शंकर अपने पिता की कमाई पर ऐश करने वाला लड़का है। उसमें स्वाभिमान व आत्मसम्मान की भी कमी है। जबकि उमा में आत्म-सम्मान कूट-कूट कर भरा है। वह साहसी है। वह स्त्री चेतना व शिक्षा की पक्षधर है। उसके पिता द्वारा उसकी शिक्षा की बात छुपाने पर वह स्वयं दृढ़तापूर्वक अपनी शिक्षा के बारे में गोपाल प्रसाद को बता देती है। शंकर स्वयं तो उच्च शिक्षा ले रहा था लेकिन वह पढ़ी-लिखी पत्नी नहीं चाहता। उसका मजबूत चरित्र नहीं है।
प्रश्न 11. ‘रीढ़ की हड्डी’ शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: मानव के शरीर में रीढ़ एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग होता है। अगर रीढ़ की हड्डी कमज़ोर हो तो व्यक्ति सीधा खड़ा नहीं रह सकता। इसी प्रकार नारी का भी समाज में महत्वपूर्ण स्थान है। अगर नारी को समाज में उसका सही स्थान व आदर सम्मान नहीं मिलेगा तो समाज की रीढ़ की हड्डी कमजोर होगी और वह समाज उन्नति नहीं कर सकता। नारी की उन्नति तथा समाज में उसको उचित स्थान दिए बिना समाज मज़बूत नहीं हो सकता। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि ‘रीढ़ की हड्डी’ बिल्कुल सार्थक शीर्षक है।
प्रश्न 12. एकांकी के आधार पर रामस्वरूप की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद दोनों ही प्रस्तुत अध्याय के मुख्य पुरुष पात्र हैं। रामस्वरूप आधुनिक ख्याल के व उच्च शिक्षा के समर्थक हैं। उनके द्वारा उमा की पढ़ाई को प्रोत्साहन करना उनके आधुनिक विचारों को दर्शाता है। लेकिन उमा की शादी के लिए वह गोपाल प्रसाद की मनोवृत्ति को समझते हुए उमा की शिक्षा को छिपाते है और परिस्थितियों से समझौता करते हैं।
प्रश्न 13. एकांकी के आधार पर गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: गोपाल प्रसाद पेशे से वकील है और बहुत कठोर व्यक्ति हैं। वे शिक्षा के प्रति दोहरे मापदंड रखते हैं। वे शादी को भी बिजनेस मानते हैं। वे पुरुष प्रधान समाज के पक्षधर दिखाई देते हैं। वे लड़कों की उच्च शिक्षा के पक्षधर हैं पर लड़कियों की उच्च शिक्षा के नहीं। उनके लिए समाज में स्त्रियों के लिए कोई स्थान नहीं। वे अत्यंत लालची हैं और रूढ़िवादी विचारों के पक्षधर हैं।