प्रश्न 1. लेखक मनुष्य के किस क्रियाकलाप को उसकी भूल बताता है ?
उत्तरः मनुष्य प्रकृति और उसके अन्य अंगों यथा-पक्षियों को भी प्रकृति की नजर से नहीं देखते अपितु मनुष्य की नजर से देखते हैं। ऐसे में मनुष्य पक्षियों के मधुर संगीत का अनुभव नहीं कर पाता। यही उसकी भूल है।
प्रश्न 2. बर्ड वाचर से क्या अभिप्राय है ?
उत्तरः बर्ड वाचर शब्द से अभिप्राय है-पक्षी जगत का अध्ययन करने वाला व्यक्ति। सालिम अली भारत के बर्ड वाचर के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं।
प्रश्न 3. "साँवले सपनों की याद" शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी करते हुए सालिम अली के व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तरः डायरी शैली में लिखे इस संस्मरण में सालिम अली की मृत्यु से उत्पन्ना दुःख और अवसाद को लेखक ने "साँवले सपनों की याद" के रूप में व्यक्त किया है। उनकी दुखद स्मृति अब धुंधले सपने के समान है। सालिम अली प्रकृति तथा पक्षी-विज्ञानी थे। वे सरल हृदय एवं करुणा के पुजारी थे। उनके हृदय में पक्षियों के प्रति अथाह स्नेह था।
प्रश्न 4. ‘पंखों पर सवार साँवले सपनों का हुजूम’ किसे और क्यों कहा गया है?
उत्तरः ‘पंखों पर सवार साँवले सपनों का हुजूम’ पक्षी विज्ञानी सालिम अली के जनाजे को कहा गया है। उनका मृत शरीर मौत की खामोश वादी की ओर अग्रसर है। वे प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी थे और अब इस दुनिया से विदा ले रहे थे। अतः पक्षियों से सम्बन्धित सपने अब वे नहीं देख सकेंगे।
प्रश्न 5. प्रकृति व पक्षी प्रेमी, भ्रमणशील स्वभाव, पर्यावरण की सुरक्षा हेतु सदा सजग। किन्हीं दो का उल्लेख करते हुए सालिम अली की विशेषताएँ बताइए
उत्तरः सालिम अली प्रसिद्ध पक्षी विज्ञानी थे। वे भ्रमणशील स्वभाव के ‘बर्ड वाचर’ थे। वे सदा प्रकृति की हँसती-खेलती रहस्यमयी दुनिया के समान अपने आस-पास देखते थे। उन्होंने केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवा के झोंकों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री चैधरी चरण सिंह से अनुरोध किया था। पर्यावरण के सम्भावित खतरों का जो चित्र सालिम अली ने उनके सामने रखा उससे प्रधानमंत्री की आँखें नम हो गयीं।
जाबिर हुसैन
प्रश्न 6. जो लोग सालिम अली के भ्रमणशील स्वभाव से परिचित हैं वे उनकी मृत्यु के बाद उनके बारे में क्या विचार रखते हैं ? संक्षेप में उल्लेख कीजिए।
उत्तरः सालिम अली के भ्रमणशील स्वभाव से परिचित लोगों को सामान्यतः उनकी मौत का यकीन नहीं होता। उन्हें लगता है कि वे कभी भी गले में लम्बी दूरबीन लटकाए उनके सामने आ खड़े होंगे।
प्रश्न 7. लाॅरेंस कौन थे ? उनमें और सालिम अली में क्या समानता थी?
उत्तरः लॅारेंस 20वीं शती के प्रसिद्ध अंग्रेजी उपन्यासकार और प्रकृति प्रेमी थे। लाॅरेंस और सालिम अली दोनों ही पक्षी एवं प्रकृति प्रेमी और पक्षी विज्ञानी थे।
प्रश्न 8. लेखक ने ऐसा क्यों कहा है कि सालिम अली जैसा ‘बर्ड वाचर’ शायद ही कोई दूसरा हुआ हो?
उत्तरः सालिम अली पक्षी प्रेमी थे, बचपन में उनकी एअरगन से एक नीले कंठ वाली गौरेया घायल हो गई थी। इस घटना के बाद से ही वे पक्षियों की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए और उनकी रुचि पूरे पक्षी-संसार की ओर मुड़ गई। उनके पूर्ण समर्पण के कारण ही इस क्षेत्र में उनका कोई सानी नहीं था।
प्रश्न 9. ”साँवले सपनों की याद“ पाठ के नायक-सालिम अली प्रकृति की दुनिया में टापू बनने के बजाय अथाह सागर बनकर कैसे उभरे थे?
उत्तरः सालिम अली किसी विशेष सीमा में सीमित न रहकर पक्षियों की नित नई खोजों के द्वारा जानकारियाँ एकत्र करते रहे जो अथाह थीं। वे अद्भुत पक्षी-विज्ञानी थे। इस प्रकार वे टापू बनने की बजाय अथाह सागर बनकर उभरे।
सालिम अली प्रश्न 10. सालिम अली पक्षियों को मनुष्य के समरूप नहीं देखने की सलाह क्यों देते थे ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तरः सालिम अली पक्षी प्रेमी थे, पक्षियों से उनका भावनात्मक प्रेम था। पक्षियों में उनकी विशेष रूचि थी तथा उनके प्रति वे विशेष संवेदनशील थे। वाणी रहित पक्षियों को वे मनुष्य के समरूप नहीं देखने की सलाह देते थे क्योंकि पक्षियों को मनुष्य के समरूप देखने से, उनके प्रति करूणा और प्रेम जागृत नहीं हो पाएगा।
प्रश्न 11. "साँवले सपनों की याद" पाठ में सालिम अली प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंतित थे ? पर्यावरण को बचाने के लिए उनके द्वारा किए गए प्रयासों का उल्लेख कीजिए, साथ ही आप क्या कर सकते हैं, यह भी बताइए?
उत्तरः सालिम अली बड़े उदार, पक्षी-प्रेमी और प्रकृति-विज्ञानी थे। केरल की ‘साइलेंट वेली’ को बचाने हेतु तत्कालीन प्रधानमंत्री चै. चरणसिंह से बात की, लेइ-लद्दाख के पक्षियों के संरक्षण के लिये कार्य किये।
पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित योगदान दे सकते हैं:
प्रश्न 12. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री जी के सामने पर्यावरण से सम्बन्धित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थीं।
उत्तरः सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को बताया कि रेगिस्तानी गर्म हवाओं के झोंकों से ‘साइलेंट वेली’ के झुलसने का खतरा है। हरियाली समाप्त हो जाएगी। जीव-जन्तुओं के जीवन पर संकट आ जाएगा। यह जानकर चैधरी साहब द्रवित हो उठे थे।
प्रश्न 13. सालिम अली की विशेषताएँ बताकर उनके जीवन की उस घटना का उल्लेख कीजिए जिसने उन्हें पक्षी-प्रेमी बना दिया?
उत्तरः सालिम अली पक्षी-विज्ञानी, सहृदय नेक दिल तथा सच्चे इंसान थे। वे महान् कारुणिक बने, क्योंकि बचपन में उनकी एयरगन से एक गौरेया घायल होकर गिर पड़ी थी। इस घटना के बाद वे पक्षियों की देखभाल, सुरक्षा और खोजबीन में जुट गए और उनकी रुचि पूरे पक्षी-संसार की ओर मुड़ गई।
प्रश्न 14. लाॅरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि "मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लाॅरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?
उत्तरः लाॅरेंस प्रकृति-प्रेमी थे। उनका पूरा जीवन एक खुली किताब के समान था। उनके जीवन से सम्बन्धित कोई बात छिपी हुई नहीं है। छत पर बैठने वाली गौरेया के साथ भी वे काफी समय बिताते थे। गौरेया का व्यवहार भी मित्रवत् था। तभी उनकी पत्नी ने यह बात कही।
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1. इस कहानी में किस चीज़ की चर्चा की गई है? |
2. कहानी का मुख्य संदेश क्या है? |
3. कहानी में कौन-कौन से पात्र हैं? |
4. लड़के के सपने क्या थे? |
5. कहानी का नाम क्या है और इसका क्या महत्व है? |
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