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Short Question Answers - हामिद खां | Short Questions with Solutions for Class 9 PDF Download

(प्रत्येक 2 अंक)

प्रश्न 1. लेखक का परिचय हामिद खाँ से किन परिस्थितियों में हुआ ?
उत्तरः लेखक एक बार तक्षशिला के पौराणिक खंडहर देखने गया था। वहाँ रेलवे स्टेशन पर उतरकर किसी होटल की तलाश में निकला। वह भूखा-प्यासा था। उसे उस गाँव में एक दुकान पर चपातियाँ सेंकता हुआ हामिद मिला। खाने के बारे में पूछताछ करने के कारण उसका हामिद खाँ से परिचय हुआ।

प्रश्न 2. हामिद खाँ लेखक के मुल्क जाकर अपनी आँखों से क्या देखना चाहता था ?
अथवा
‘काश मैं आपके मुल्क में आकर यह सब अपनी आँखों से देख सकता।’ हामिद ने ऐसा क्यों कहा ?
उत्तरः जब लेखक ने हामिद खाँ को यह बताया कि मालाबार (केरल) में हिन्दू-मुसलमान मिलकर रहते हैं, एक दूसरे के तीज त्योहार में शामिल होते हैं, उनमें दंगे न के बराबर होते हैं, भारत में मुसलमानों द्वारा पहली मस्जिद का निर्माण उसके राज्य में ही किया गया। हामिद खाँ को इन सब बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था। वह ऐसी अच्छी जगह को अपनी आँखों से देखना चाहता था।

प्रश्न 3. मालाबार में हिन्दू-मुसलमानों के पारस्परिक सम्बन्धों के बारे में ‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार पर लिखिए।
उत्तरः मालाबार में हिन्दू-मुसलमान प्रेम से रहते हैं। यदि किसी को बढ़िया चाय पीनी हो, या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बेखटके मुसलमानी होटल में जाया करते हैं। यहाँ सब मिल-जुलकर रहते हैं। मुसलमानों ने भारत में जिस पहली मस्जिद का निर्माण किया, वह मालाबार के कोडूंगल्लूर में है। यहाँ दंगे भी नहीं के बराबर होते हैं। यहाँ आपसी समझ व सद्भावना है।

प्रश्न 4. तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक के मन में कौन-सा विचार कौंधा ? इससे लेखक के स्वभाव की किस विशेषता का परिचय मिलता है ?
उत्तरः आगजनी की खबर पढ़कर हामिद की हिफ़ाजत की प्रार्थना हामिद का स्नेह, आदर सत्कार की स्मृति हिंदू-मुसलिम एकता का पक्षधर प्रेमपूर्वक भोजन करवाना भोजन के दिए गए पैसों का लौटाना
व्याख्यात्मक हल:
तक्षशिला में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक को हामिद खाँ की याद आ गई। उसके यहाँ उसने खाना खाया था। उसे हामिद खाँ की आवाज, उसके साथ बिताए क्षणों की यादें आज भी ताजा हैं। उसकी मुस्कान उसके दिल में बसी है। लेखक की यही कामना है कि तक्षशिला के साम्प्रदायिक दंगों की चिंगारियों की आग से हामिद और उसकी वह दुकान जिसने मुझ भूखे को दोपहर में छाया और खाना देकर मेरी क्षुधा को तृप्त किया था, बचे रहें। इनसे लेखक की पंथ निरपेक्ष मानवीय भावनाओं का पता चलता है।

प्रश्न 5. हामिद खाँ और लेखक के बीच कब और किस प्रकार का सम्बन्ध स्थापित हो गया था ?
उत्तरः हामिद खाँ और लेखक के बीच तब सम्बन्ध स्थापित हुआ जब लेखक तक्षशिला के खण्डहर में घूमते हुए भूख-प्यास से बेहाल हो हामिद खाँ की दुकान में भोजन करता है। हामिद खाँ उसे आत्मीय भाव से भोजन खिलाता है और अपना मेहमान बनाकर उससे पैसे तक नहीं लेता। दोनों में एक सौहार्दपूर्ण आत्मीय सम्बन्ध स्थापित हो जाता है।

प्रश्न 6. हामिद खाँ कौन था ? लेखक उसके लिए ईश्वर से प्रार्थना क्यों कर रहा था ?
उत्तरः हामिद खाँ एक मुसलमान पठान था। तक्षशिला में जहाँ हामिद रहता था, वहाँ आगजनी की घटना हुई थी। हामिद मानव प्रेम में आस्था रखने वाला व्यक्ति था। लेखक के साथ उसका भावनात्मक जुड़ाव भी था। इसलिए अखबार में आगजनी की खबर पढ़कर लेखक ने उसकी सलामती के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

प्रश्न 7. साम्प्रदायिक दंगों का प्रभाव समाज के किस वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित करता है ? यह भी स्पष्ट कीजिए कि इस प्रकार के दंगों को रोकने के लिए आप क्या उपाय करेंगे ? 
उत्तरः साम्प्रदायिक दंगों का प्रभाव समाज के निम्न वर्ग को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इस प्रकार के दंगों को रोकने के लिए अशिक्षित और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की शिक्षा पर बल दिया जाए। अशिक्षित लोगों को भी लघु और कुटीर उद्योग- धन्धों द्वारा रोजगार से जोड़ा जाए। अपने अधिकार और कर्तव्यों के प्रति जागरूक किया जाए।

प्रश्न 8. हामिद को लेखक की किस बात पर यकीन नहीं हो पा रहा था और क्यों ?
उत्तरः हामिद ने पूछा कि एक हिन्दू मुसलमानी होटल में क्या खाना खाएगा। इस पर लेखक ने कहा कि हमारे यहाँ अगर बढ़िया चाय पीनी हो या बढ़िया पुलाव खाना हो तो लोग बेखटके मुसलमानी होटल में जाया करते हैं। इस बात पर हामिद को यकीन नहीं हो पा रहा था।

प्रश्न 9. हामिद खाँ ने पैसा लेने से इंकार क्यों किया?
उत्तरः हामिद खाँ ने लेखक को मेहमान माना था। उसे गर्व था कि एक हिंदू ने उसके होटल में खाना खाया था और वह लेखक के शहर की हिन्दु-मुस्लिम एकता का भी कायल था। इसलिए उसने खाने का पैसा लेने से इंकार कर दिया।

(प्रत्येक 3 अंक)

प्रश्न 1. हामिद खाँ ने लेखक की किस बात का विश्वास नहीं किया और क्यों ? स्पष्ट कीजिए। लेखक के द्वारा दिए गए उत्तर से हमें क्या सीख मिलती है ? बताइए।
अथवा
हामिद को लेखक की किन बातों पर विश्वास नहीं हो रहा था? 
उत्तरः लेखक ने बताया कि हमारे यहाँ हिंदू-मुसलमान मिल-जुलकर रहते हैं और बढ़िया चाय या बढ़िया पुलाव के लिए मुसलमानी होटल में खाना खाते हैं। लेकिन लेखक की इस बात पर पठान हामिद खाँ को विश्वास न हुआ और बोला-काश मैं आपके मुल्क में आकर सब बातें अपनी आँखों से देख पाता। उसने लेखक को बड़े प्रेम से खाना खिलाया और जिद करने पर भी केवल एक रुपया ही लिया और वह भी यह कहते हुए वापस कर दिया कि इससे अपने मुल्क में जाकर किसी मुसलमानी होटल में पुलाव खा लेना। इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि हिंदू-मुसलमान सब एक हैं। हमें आपस में प्रेम और भाईचारे की भावना से एक साथ मिल-जुलकर रहना चाहिए।

प्रश्न 2. ‘हामिद खाँ’ कहानी में किस बात का मार्मिक वर्णन किया गया है ?
उत्तरः प्रस्तुत कहानी में लेखक ने बड़ी सहजता से हिंदू और मुसलमान दोनों के हृदय में धड़कती सहृदयता एवं एकता की भावना को अभिव्यक्त किया है। लेखक की पंथ निरपेक्ष मानवीय भावना तक्षशिला निवासी हामिद खाँ के हृदय को स्पर्श करती है और उन दोनों में परस्पर सौहार्दपूर्ण आत्मीय संबंध स्थापित हो जाता है- लेखक ने इसी बात का मार्मिक वर्णन ‘हामिद खाँ’ कहानी में किया हैं।

प्रश्न 3. हामिद की दुकान तक पहुँचने में लेखक को किन कठिनाईयों का सामना करना पड़ा ?
उत्तरः गर्मी के दिनों में लेखक तक्षशिला के प्राचीन खंडहर देखने गया था। कड़कड़ाती धूप में भूख और प्यास के कारण लेखक बेहाल हो रहा था। रेलवे स्टेशन से करीब पौन मील की दूरी पर बसे एक गाँव की ओर वह निकल पड़ा था। गाँव पहुँचकर चारों तरफ चक्कर लगाने के बाद भी लेखक को कोई होटल नजर नहीं आया। फिर भी कुछ दूर जाने पर एक दुकान में से उन्हें चपातियों की सोंधी महक आई। लेखक के पैर अपने आप उस दुकान की ओर मुड़ गए। वहाँ जाकर उन्हें हामिद खाँ चपातियाँ सेंकता हुआ दिखाई दिया।

प्रश्न 4. तक्षशिला यात्रा के दौरान लेखक ने कैसा गाँव देखा?
उत्तरः तक्षशिला यात्रा के दौरान लेखक भूखा-प्यासा भटक रहा था। इतने में वह एक गाँव पहुँचा। उस गाँव की गलियाँ और बाजार हस्त-रेखाओं जैसे तंग थे। वहाँ की गलियाँ गंदी और दुर्गंधयुक्त थीं। जहाँ कहीं भी लेखक की नजर पड़ती, वहीं धुआँ, मच्छर, गंदगी से भरी हुई जगहें ही दिखतीं। कहीं-कहीं तो चमड़े की बदबू ने लेखक का स्वागत किया।

प्रश्न 5. लेखक की किस भावना से हामिद खाँ प्रभावित हुआ? वह भावना राष्ट्र के विकास में किस प्रकार सहायक है?
उत्तरः लेखक की हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की और एकता की भावना से हामिद खाँ प्रभावित हुआ। एकता का अर्थ होता है राष्ट्र के सब घटकों में भिन्न-भिन्न विचारों और विभिन्न आस्थाओं के होते हुए भी आपसी प्रेम, एकता और भाईचारे का बना रहना। एकता से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। इसके बिना राष्ट्र उन्नति नहीं कर सकता। इस महान शक्ति से ही हम शत्रुओं को भी पराजित कर सकते हैं। इस प्रकार भाईचारे व एकता की भावना से ही हम राष्ट्र की एकता व अखंडता को अक्षुण्ण रखते हुए, राष्ट्र का विकास कर सकते हैं।

प्रश्न 6. ‘हामिद खाँ’ पाठ के आधार बताइए कि हम समाज में हिंदू-मुस्लिम सौहार्द को कैसे बढ़ा सकते हैं?
उत्तरः ‘हामिद खाँ’ पाठ में लेखक ने हिंदू-मुसलमान को मिल-जुल कर रहने की भावना को अभिव्यक्ति दी है। हिंदू-मुसलमान के मिल-जुल के रहने के साथ ही इनकी संस्कृतियों का साझा होना भी आवश्यक है। इन दोनों की संस्कृतियों के घुल-मिल जाने से और इसी आत्मसातीकरण से भारतीयसंस्कृति ज्ञान-विज्ञान, रहन-सहन, खान-पान, ललित कलाएँ आदि सभी में ‘साझा संस्कृति’ की परंपरा घुली-मिली हैं। अतः सामाजिक सौहार्द को बढ़ाने के लिए साझा संस्कृति व उसको मजबूत करने के लिए हर मनुष्य को धर्म, जाति, ऊंच-नीच आदि की भावना से स्वयं को मुक्त करके, अपनी बुद्धि का सही उपयोग कर सदव्यवहार व अच्छा आचरण करना चाहिए। इससे आत्मीय संबंध भी बढ़ेंगे।

प्रश्न 7. लेखक और हामिद खाँ में मानवीय भावना के आधार पर एक मित्रता का संबंध स्थापित हो गया था। इसी तरह आप भी बताइए कि प्रेम व सच्ची मित्रता पाने के लिए आप किस तरह से प्रयास करेंगे
उत्तरः लेखक जब तक्षशिला (पाकिस्तान) गया, वहाँ उसने हामिद खां के मुसलमानी होटल में खाना खाया, वहाँ उन दोनों में प्रेम व सौहार्द के कारण मैत्री संबंध स्थापित हो गए। इसलिए हम कह सकते हैं कि मैत्री या मित्रता प्रेम का सबसे पवित्र रूप है। सच्ची मित्रता पाने के लिए हम मित्र बनाने से पहले उसके आचरण और प्रड्डति पर अनुसंधान करेंगे। केवल हंसमुख चेहरा, बातचीत का ढंग, थोड़ी चतुराई या साहस जैसी दो चार बातें देखकर ही मित्र बनाना नितांत असंगत होगा। क्योंकि सच्चा मित्र हमें उत्तम संकल्पों में दृढ़ करेगा, दोष व त्रुटियों से हमें बचाएगा, हमारी पवित्रता व मर्यादा के प्रेम को पुष्ट करेगा, कुमार्ग पर पैर नहीं रखने देगा, हमें हमेशा प्रोत्साहित करेगा। हम ऐसे ही मित्र को पाने का प्रयास करेंगे तभी हमें सच्ची मित्रता भी मिल पाएगी।

प्रश्न 8. लेखक की बातें सुनकर हामिद किन भारतीय मूल्यों से प्रेरित हो गया था?
उत्तरः लेखक ने जब हामिद को बताया कि भारत में हिंदू मुसलमान मिलजुल कर रहते है व उनमें कोई फर्क नहीं हैं और वहाँ दंगे न के बराबर हैं तो वह उसकी बातों से बहुत प्रभावित हुआ। वह भारत में हिंदू मुसलमानों के दिलों में धड़कती सहृदयता व एकता व सौहार्द की भावना से परिचित हो गया था। लेखक की पंथ निरपेक्ष मानवीय भावना ने तक्षशिला निवासी हामिद पर अमित छाप छोड़ी। वह समझ गया था कि भारत में लोग जाति, धर्म एवं संप्रदाय से परे होकर मानवीय मूल्यों के आधार पर जीते हैं। विश्व-बंधुत्व और सद्भाव उनमें कूट-कूटकर भरा है। इन्हीं सब भारतीय मूल्यों से वह बहुत प्रेरित हुआ।

प्रश्न 9. हिंदू व मुसलमानों के परस्पर मधुर संबंध आज के समय की एक अटूट आवश्यकता है। पाठ का संदर्भ लेते हुए इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तरः ‘हामिद खाँ’ कहानी में लेखक ने मालाबार के अनुभव के आधार बड़ी सहजता के साथ हिंदू मुस्लिम के परस्पर मधुर संबंधों व एकता की भावना को उकेरा है। लेखक श्री पोटोकर की पंथ निरपेक्ष की भावना जैसे तक्षशिला निवासी हामिद खाँ के हृदय को स्पर्श कर जाती है, हामिद खाँ और लेखक के बीच आत्मीय संबंध बन जाते हैं, उसी तरह भारत के हिंदू-मुसलमानों के बीच ऐसी ही भावना पनप जाए तो उनके बीच बढ़ती खाई को खत्म किया जा सकता है। इससे हम समाज का व अपने देश का उत्थान कर सकते हैं। हम सद्व्यवहार व अच्छे आचरण द्वारा हिन्दू-मुस्लिम एकता स्थापित कर सकते हैं। भारत व उसके पड़ोसी देशों के बीच भी अगर ऐसे आत्मीय संबंध बन जाएँ तो सभी देशों की उन्नति भी होगी और हथियारों की होड़ भी कम होगी। देश की अर्थव्यवस्था भी सुधर जाएगी। अतः यह तथ्य दोनों वर्गों को स्वीकार करना होगा कि हिंदू व मुसलमानों के परस्पर मधुर संबंध आज के समय की एक अटूट आवश्यकता है।

प्रश्न 10. हामिद का चरित्र-चित्रण कीजिए।
उत्तरः हामिद खाँ एक अधेड़ उम्र का पठान था जो अपनी एक छोटी सी दुकान चलाता था। उसकी दुकान में खाने के लिए चपाती और सालन आदि मिलते थे। लेखक द्वारा मुसलमानी होटल में खाना खाने के कारण व उसकी बातों से प्रभावित होकर वह उसे अपना मेहमान मानता है। यहाँ तक कि वह उससे खाने के पैसे भी नहीं लेता। हिंदू मुस्लिम एकता व उनके आपसी भाईचारे को देखने के लिए वह भारत आना चाहता है। वह ईमान से हिंदू और मुसलमान के बीच मुहब्बत चाहता है। उसके लेखक के साथ भी सौहार्दपूर्ण आत्मीय संबंध स्थापित हो गए थे।

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FAQs on Short Question Answers - हामिद खां - Short Questions with Solutions for Class 9

1. What is the Hamid Khan Class 9 exam?
Ans. Hamid Khan Class 9 exam is a highly competitive and comprehensive examination that tests the knowledge and understanding of students in various subjects such as mathematics, science, social studies, and language arts. It is conducted by educational institutions to assess the academic performance of students and to help them improve their skills and abilities.
2. What are the benefits of taking the Hamid Khan Class 9 exam?
Ans. Taking the Hamid Khan Class 9 exam has several benefits, including improving your academic performance, building your confidence and self-esteem, enhancing your critical thinking and problem-solving skills, and preparing you for higher education and career opportunities. It also helps you identify your strengths and weaknesses, and provides you with valuable feedback to help you improve your academic performance.
3. How can I prepare for the Hamid Khan Class 9 exam?
Ans. To prepare for the Hamid Khan Class 9 exam, you should first review the syllabus and exam format to understand what topics and skills will be covered. Then, create a study plan that includes regular practice and review of the material, using textbooks, study guides, and online resources. You should also take practice exams and quizzes to test your knowledge and identify areas that need improvement. Finally, stay focused and motivated, and seek help from teachers, tutors, or classmates if needed.
4. What is the format of the Hamid Khan Class 9 exam?
Ans. The format of the Hamid Khan Class 9 exam may vary depending on the educational institution, but typically involves multiple-choice questions, short answer questions, and essay questions. The exam may also include practical or hands-on components, such as lab experiments or group projects, to assess your application of knowledge and skills.
5. How can I perform well in the Hamid Khan Class 9 exam?
Ans. To perform well in the Hamid Khan Class 9 exam, you should start by managing your time effectively during the exam and reading the instructions carefully. Then, answer the questions you know well first, and leave more difficult questions for later. Make sure to show your work and explain your reasoning when solving problems. Finally, stay calm and focused, and don't let anxiety or stress affect your performance.
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